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स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Jul 2022
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राजस्थान Switch to English

राज्य में प्रथम महिला निधि वित्तीय संस्थान के लिये एमओयू

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को राजस्थान में प्रदेश का पहला और देश का तीसरा ‘महिला वित्तीय संस्थान’स्थापित करने के लिये ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री रमेश चंद मीणा की उपस्थिति में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद एवं स्त्रीनिधि तेलंगाना के मध्य एक एमओयू पर हस्ताक्षर किये गए।

प्रमुख बिंदु 

  • इंदिरा गांधी पंचायती राज संस्थान में हुए इस एमओयू पर राजीविका की ओर से राज्य मिशन निदेशक मंजू राजपाल एवं तेलंगाना की ओर से स्त्रीनिधि के एमडी जी. विद्यासागर रेड्डी ने हस्ताक्षर किये।
  • राज्य में ‘राजस्थान महिला निधि’की स्थापना तेलंगाना राज्य में सफलतापूर्वक संचालित स्त्री निधि मॉडल की तर्ज पर राज्य स्तरीय सहकारी वित्तीय संस्था के रूप में राजीविका के माध्यम से की जा रही है। राजीविका के क्लस्टर लेवल फेडरेशन इसके सदस्य होंगे।
  • राजस्थान महिला निधि की स्थापना के लिये राज्य सरकार द्वारा दो वर्षों में कुल 50 करोड़ रुपए (प्रथम वर्ष में 25 करोड़ रुपए) का अनुदान दिया जाएगा एवं भारत सरकार से 110 करोड़ रुपए के अनुदान हेतु प्रस्ताव केंद्र सरकार को प्रेषित किये गए हैं।
  • इस निधि के संचालन के लिये चरणबद्ध तरीके से राजीविका द्वारा 561 प्रोन्नत संकुल स्तरीय संघ (क्लस्टर लेवल फेडरेशन) से 10 लाख रुपए प्रति संकुल स्तरीय संघ शेयर कैपिटल के रूप में योगदान दिया जा रहा है।
  • महिला निधि के माध्यम से 40,000 रुपए तक के ऋण 48 घंटे में एवं इससे अधिक राशि के ऋण 15 दिवस की समय सीमा में वितरित हो सकेंगे।
  • इस अवसर पर ग्रामीण विकास मंत्री रमेश चंद मीना ने कहा कि महिला निधि की स्थापना के बाद राजीविका के स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं के आर्थिक सशत्तीकरण को बल मिलेगा और उन्हें अपने उद्यम के लिये ऋण प्राप्त करने में सहूलियत होगी। बैंकों में लंबित ऋण आवेदनों की संख्या में भी कमी आएगी।
  • राजस्थान महिला निधि औपचारिक बैंकों के साथ एक पूरक वित्तीय संस्थान के रूप में कार्य करेगा। इस निधि का संचालन एसएचजी की महिलाओं के द्वारा एसएचजी की महिलाओं के लिये ही किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा वर्ष 2022-23 के बजट में महिलाओं द्वारा संचालित बैंक स्थापित किये जाने के संबंध में घोषणा की गई थी।

राजस्थान Switch to English

‘घर-घर औषधि योजना’का होगा विस्तार

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘घर-घर औषधि योजना’ का विस्तार कर नए रूप में लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी है। इससे ‘हरित राजस्थान-स्वस्थ राजस्थान’की संकल्पना के तहत प्रदेशभर में सघन वृक्षारोपण अभियान चलाए जाएंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • वृक्षारोपण कार्यक्रम में वर्ष 2022-23 के लिये 42 करोड़ रुपए की लागत से 5 करोड़ पौधे तैयार किये जाएंगे। इनमें से 3 करोड़ पौधे आमजन को मांग अनुसार उपलब्ध कराने का प्रावधान किया गया है।
  • प्रदेशवासियों को जनाधार कार्ड के आधार पर सरकार द्वारा निर्धारित दर पर पौधे वितरित किये जाएंगे। आमजन को पौधे सरकारी नर्सरियों से मिलेंगे तथा दूरी की समस्या होने पर अन्य स्थानों से भी वितरण किया जा सकेगा।
  • सामुदायिक स्तर पर वृक्षारोपण के लिये राज्य की 10 हज़ार ग्राम पंचायतों को गोचर/ओरण/चारागाह हेतु तैयार किये गए एक करोड़ पौधे उपलब्ध कराए जाएंगे।
  • प्रत्येक ग्राम पंचायत क्षेत्र में प्रतिवर्ष एक हज़ार पौधे उपलब्ध कराएगी। इसी प्रकार 200 बड़े नगरीय क्षेत्रों में लगभग एक करोड़ पौधे प्रतिवर्ष लगाए जाएंगे।
  • नवीन योजना के अंतर्गत वर्ष 2023-24 के लिये भी 42 करोड़ रुपए की लागत से 5 करोड़ पौधे तैयार किये जाएंगे तथा वर्ष 2022-23 में लगाए गए पौधों के लिये 21 करोड़ रुपए का अतिरिक्त बजट उपलब्ध कराया जाएगा। इस प्रकार इस योजना में कुल 105 करोड़ रुपए खर्च होंगे।

राजस्थान Switch to English

‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर्स रूल्स, 2017’ में संशोधन को मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर्स रूल्स, 2017’ में संशोधन को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु 

  • इस संशोधन के बाद केंद्र सरकार या किसी अन्य राज्य में नियुक्त अधिकारी-कर्मचारी, जो राजस्थान के मूल निवासी हों, को पदक जीतने पर पे प्रोटेक्ट करते हुए समान वेतन पर राज्य में नियुक्ति दी जा सकेगी।
  • राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में खेल एवं खिलाड़ियों के उन्नयन की दिशा में किये गए इस निर्णय से पदक विजेता खिलाड़ी समान वेतन पर अपने गृह राज्य में नौकरी करते हुए बेहतर रूप से अभ्यास कर सकेंगे तथा अपनी खेल प्रतिभा को और निखार सकेंगे।
  • गौरतलब है कि मई 2022 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के राष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 65 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी थी। इन पदक विजेताओं को ‘राजस्थान आउट ऑफ टर्न अपॉइंटमेंट टू स्पोर्ट्स मैडल विनर्स रूल्स, 2017’ के तहत उनकी प्रथम वरीयता अनुसार आनुपातिक रूप से विभागों का आवंटन किया गया था।

राजस्थान Switch to English

राज्य में एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स का किया जाएगा गठन

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को राजस्थान की मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि प्रदेश में नशे पर नियंत्रण के लिये शीघ्र ही एंटी नारकोटिक्स टास्क फोर्स (एएनटीएफ) का गठन किया जाएगा। यह टास्क फोर्स विशेष रूप से नशे के कारोबार पर नियंत्रण करने का कार्य करेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्य सचिव ने शासन सचिवालय में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो, गृह मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा आयोजित चौथी राज्यस्तरीय एनकोर्ड (नारको कोऑर्डिनेशन) बैठक की अध्यक्षता करते हुए यह बात कही।
  • बैठक में मुख्य सचिव उषा शर्मा ने गृह विभाग को नशे के प्रति जागरूकता लाने के लिये शीघ्र ही राज्य स्तरीय जागरूकता रणनीति तैयार करने तथा युवाओं में बढ़ते मेडिसिनल नशे पर नियंत्रण के लिये प्रभावी कदम उठाने के निर्देश दिये।
  • उन्होंने कहा कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत प्रदेश में 12 से 15 अगस्त तक स्कूली बच्चों के लिये आयोजित कार्यक्रमों में नशा नहीं करने की शपथ दिलवाई जाए और इस शपथ को प्रदेश में अगस्त माह के अंत में प्रस्तावित ग्रामीण ओलंपिक्स का हिस्सा बनाया जाए, जिसमें बड़ी संख्या में युवा भाग लेंगे। 

मध्य प्रदेश Switch to English

प्रदेश का पहला 200 MVA ट्रांसफार्मर दमोह में ऊर्जीकृत

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को मध्य प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कंपनी ने 220 KV सब स्टेशन दमोह में 160 MVA क्षमता के स्थान पर विशेष डिजाइन से तैयार किया गया प्रदेश का पहला 200 MVA क्षमता का पावर ट्रांसफार्मर उर्जीकृत किया।

प्रमुख बिंदु 

  • ट्रांसमिशन कंपनी के मुख्य अभियंता प्रोक्योरमेंट जबलपुर इंजीनियर अजय श्रीवास्तव ने बताया कि मध्य प्रदेश में परंपरागत 120 MVA या 160 MVA के पावर ट्रांसफार्मर लगाए जाते थे। इनके स्थान पर 200 MVA क्षमता का यह पहला पावर ट्रांसफार्मर है।
  • दमोह में इस ट्रांसफार्मर के स्थापित होने से ज़िले के हट्टा, तेजगढ़, बटियागढ़ तथा पटेरा के 132 KV सब-स्टेशनों से जुड़े विद्युत उपभोक्ताओं के अलावा सागर, छतरपुर, टीकमगढ़ ज़िले के सब-स्टेशनों को भी फायदा होगा। यहाँ किसी इमरजेंसी में 220 KV सब-स्टेशन दमोह से सप्लाई की जा सकेगी।
  • गौरतलब है कि दमोह पूर्व में मध्य प्रदेश विद्युत मंडल का प्रमुख लोड सेंटर हुआ करता था। दमोह से सागर, टीकमगढ़, छतरपुर, बिजावर, बीना आदि क्षेत्रों सहित अनेक सीमेंट फैक्ट्रियों तथा रेलवे को विद्युत आपूर्ति की जाती थी।
  • दमोह ज़िले में 16 जून, 1967 को पहला अति उच्च दाब सब-स्टेशन5 MVA क्षमता के साथ प्रारंभ हुआ था। वर्तमान में दमोह ज़िले में 220 KV एक तथा 132 KV के पाँच सब-स्टेशनों के साथ विद्युत आपूर्ति की जाती है।
  • दमोह में 220 KV साइड की 360 MVA तथा 132 KV साइड की 530 MVA की मज़बूत ट्रांसफॉरमेशन क्षमता है, जो ज़िले के उपभोक्ताओं को उचित गुणवत्ता की निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने में सक्षम है।

मध्य प्रदेश Switch to English

राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड को ‘बेस्ट एंप्लायर ब्रांड अवार्ड’

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड, भोपाल को ‘बेस्ट एंप्लायर ब्रांड अवार्ड 2022’ से पुरस्कृत किया गया है।

प्रमुख बिंदु 

  • स्कूल शिक्षा (स्वतंत्र प्रभार) और सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री एवं अध्यक्ष, मध्य प्रदेश राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड इंदर सिंह परमार को राज्य मुक्त शिक्षा बोर्ड के निदेशक प्रभातराज तिवारी ने सर्टिफिकेट प्रस्तुत कर इस उपलब्धि से अवगत कराया।
  • निदेशक प्रभातराज तिवारी ने बताया कि वर्ल्ड एच.आर.डी कॉन्ग्रेस के डायरेक्टर डॉ. आर.एल भाटिया द्वारा यह अवार्ड इंदौर के मेरियट होटल में दिया गया है।
  • राज्य मुक्त स्कूल शिक्षा बोर्ड को ज्यूरी द्वारा चुना गया है। बोर्ड ने पिछले वर्षों में नई योजना के उत्कृष्ट क्रियान्वयन, पारदर्शी प्रशासन एवं हितग्राही सेवाओं में सबसे उच्च स्थान बनाया है।
  • उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश राज्य मुत्त स्कूल शिक्षा बोर्ड ने विगत समय में किये गए नवाचारों से काफी प्रसिद्धि पाई है। शिक्षा बोर्ड को वर्ष 2018 में निगम, मंडलों की श्रेणी में सर्वश्रेष्ठ कार्यालय का अवार्ड अटल बिहारी वाजपेयी सुशासन संस्थान द्वारा दिया गया था। शिक्षा बोर्ड को वर्ष 2022 में ISO प्रमाण पत्र भी प्राप्त हो चुका है। 

हरियाणा Switch to English

प्रदेश भर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिये खोली जाएंगी 1200 लाइब्रेरी

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को हरियाणा के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि प्रदेश भर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले युवाओं के लिये आधुनिक सुविधाओं से लैस 1200 लाइब्रेरी खोली जाएंगी।

प्रमुख बिंदु 

  • कैबिनेट मंत्री देवेंद्र सिंह बबली ने कहा कि ग्रामीण युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने की सुविधा दिलाने के उद्देश्य से ये आधुनिक लाइब्रेरी खोली जा रही हैं।
  • उन्होंने टोहाना विधानसभा क्षेत्र के गाँव पिरथला, फतेहपुरी, रसूलपुर, चांदपुरा, ललुवाल व हिंदवाला में ई-लाइब्रेरी एवं आधुनिक जिम का उद्घाटन करते हुए यह बात कही।
  • ये वातानुकूलित ई-लाइब्रेरी पानी, नवीनतम कंप्यूटर, स्मार्ट बोर्ड सहित सभी सुविधाओं से लैस हैं। इसी तरह आधुनिक जिम में भी अच्छी तकनीक की मशीनें उपलब्ध करवाई गई हैं।

हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री ने गुरुग्राम में किया पुलिस के ‘स्मार्ट ई-बीट सिस्टम’का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ई-पहल की दिशा में कदम बढ़ाते हुए गुरुग्राम के पुलिस आयुक्त कार्यालय में ‘स्मार्ट ई-बीट सिस्टम’ का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु 

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने स्मार्ट ई-बीट सिस्टम की विवरिणका भी जारी की और इस सिस्टम से जुड़े पुलिस के 119 मोटरसाइकिल राइडर्स को हरी झंडी दिखाकर रवाना भी किया।

  • मीडिया से बात करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि गुरुग्राम में स्मार्ट पुलिसिंग के प्रयास के तहत ई-बीट सिस्टम की शुरुआत की गई है, जिससे बीट सिस्टम भी डिजिटलाइज्ड हो गया है।
  • यह एक ऐप आधारित सिस्टम है। बीट पर तैनात मोटरसाइकिल राइडर पुलिसकर्मी की हाजिरी भी इस ऐप पर लगेगी और उनकी मॉनीटरिंग भी आसानी से की जा सकेगी।
  • यह एक जीआईएस आधारित सिस्टम है, जिसके शुरू होने से इनकी मॉनीटरिंग ज़्यादा प्रभावी तरीके से हो पाएगी। उसके बाद उनकी लोकेशन की मॉनीटरिंग आसानी से की जा सकेगी।
  • यह नई प्रणाली गुरुग्राम के शहरी क्षेत्र में स्थित सभी 33 पुलिस थाना क्षेत्रों को कवर करेगी। इनमें 119 मोटरसाइकिल राइडर तैनात होंगे और प्रत्येक मोटरसाइकिल राइडर पर दो पुलिसकर्मी होंगे।
  • मुख्यमंत्री ने बताया कि गुरुग्राम पुलिस ने शहर में 2056 संवेदनशील लोकेशन अथवा बिंदुओं की पहचान की है, जिनमें मुख्य रूप से एटीएम, पेट्रोल पंप, वरिष्ठ नागरिक के निवास स्थान, स्कूल, कॉलेज, धार्मिक स्थल, अपराध प्रभावित क्षेत्र आदि शामिल हैं।
  • इस सिस्टम को भविष्य में इमरजेंसी रिस्पॉन्स सपोर्ट सिस्टम से जोड़ा जाएगा, ताकि फोन नंबर 112 पर मिलने वाली कॉल पर ईआरवी के अलावा ये राइडर भी मदद के लिये पहुँच सके।
  • ई-बीट सिस्टम पर प्रेजेंटेशन देते हुए गुरुग्राम की पुलिस आयुक्त कला रामचंद्रन ने बताया कि पहले इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ईस्ट गुरुग्राम तथा मानेसर क्षेत्र में लागू किया गया था। उसमें सामने आई कमियों को दूर करते हुए इसी महीने इस ई-बीट सिस्टम का विस्तार कर इसे साउथ गुरुग्राम तथा वेस्ट गुरुग्राम में भी लागू किया गया है।

झारखंड Switch to English

‘पोस्टकार्ड फ्रॉम झारखंड’

चर्चा में क्यों?

23 जुलाई, 2022 को झारखंड पर्यटन नीति, 2021 के शुभारंभ के साथ ‘पोस्टकार्ड ऑफ झारखंड’वृत्तचित्र श्रृंखला का प्रीमियर नेशनल ज्योग्राफिक चैनल इंडिया पर किया गया।

प्रमुख बिंदु 

  • झारखंड पर्यटन नीति, 2021 के लॉन्च इवेंट में आधिकारिक तौर पर कुछ माह पूर्व राज्य सरकार और नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया के बीच संपन्न एमओयू (MoU) के तहत इसे जारी किया गया।
  • झारखंड की समृद्ध विरासत को पर्यटन के क्षेत्र में विश्वपटल पर लाने और राज्य की प्राकृतिक संपदा, परंपरा और संस्कृति की अविस्मरणीय झाँकी को प्रस्तुत करने के लिये यह महत्त्वपूर्ण पहल की गई है।
  • इस श्रृंखला के माध्यम से नेशनल ज्योग्राफिक इंडिया मैकलुस्कीगंज, नकटा पहाड़, नेतरहाट, दलमा पहाड़ियों की आकर्षक श्रृंखला, लोध फॉल, हुंडरू फॉल, बेतला नेशनल पार्क से लेकर देवरी मंदिर, सूर्य मंदिर और बैद्यनाथ धाम जैसे मंदिरों की अद्भुत झाँकी दिखाएगा।
  • लुभावनी सिनेमैटोग्राफी में मनोरम, हरे-भरे जंगल, शानदार वन्य जीवन, हिल स्टेशन और दिल को छू लेने वाले रोमांच के साथ राज्य भर में मौजूद विभिन्न स्थलों की खोज करते हुए अपनी आध्यात्मिक और मनमोहक यात्रा साझा की जाएगी।
  • प्रागैतिहासिक पाषाण कला से लेकर शानदार मंदिरों और प्राचीन स्मारकों पर फिल्म के ज़रिये प्रकाश डाला जाएगा।
  • इस वृत्तचित्र श्रृंखला की सूत्रधार जमशेदपुर में जन्मी फिल्म अभिनेत्री रसिका दुग्गल है। वे दर्शकों को झारखंड के आदिवासी नृत्य, सोहराई पेंटिंग, स्थानीय व्यंजनों और राज्य के स्थापत्य कला के साथ समृद्ध आदिवासी परंपराओं से परिचित कराएंगी। 

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में होगा नेवले की प्रजाति ‘माउंटेन वीजल’का संरक्षण

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को मुख्य वन संरक्षक अनुसंधान वृत्त संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि वन विभाग की अनुसंधान सलाहकार समिति (आरएसी) ने उच्च हिमालयी क्षेत्र में पारिस्थितकीय संतुलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले नेवले की प्रजाति ‘माउंटेन वीजल’का राज्य में संरक्षण के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी है।

प्रमुख बिंदु 

  • संजीव चतुर्वेदी ने बताया कि विभाग की अनुसंधान शाखा ने इसके लिये पाँचवर्षीय कार्ययोजना तैयार की है। जल्द ही बदरीनाथ, हरकी दून, हर्षिल समेत अन्य स्थानों पर माउंटेन वीजल (Mountain Weasel) का अध्ययन शुरू किया जाएगा।
  • उच्च हिमालयी क्षेत्र में तीन हज़ार मीटर से अधिक ऊँचाई पर पाई जाने वाली नेवले की यह प्रजाति भारत में लद्दाख में पाई जाती है। लद्दाख के बाद अब उत्तराखंड में भी इसका संरक्षण होगा।
  • सामान्य तौर पर दिखने वाले नेवलों से कुछ अलग माउंटेन वीजल पतला शरीर और गर्दन, छोटे पैर और छोटे सिर वाला एकांतप्रिय स्तनधारी प्राणी है। मस्टेलिडे परिवार (family Mustelidae) का यह जीव दिखने में खूबसूरत भी है।
  • उत्तराखंड में माउंटेन वीजल की चार प्रजातियाँ पाई जाती हैं। यह उच्च हिमालयी क्षेत्र में चूहे, पीका जैसी प्रजातियों का शिकार कर इनकी संख्या को विनियमित करने में प्राकृतिक रूप से मददगार भी है।
  • गौरतलब है कि माउंटेन वीजल (मुस्टेला अल्ताइका), जिसे पेल वीजल, अल्ताई वीजल या सोलोंगोई के नाम से भी जाना जाता है, मुख्यरूप से उच्च ऊँचाई वाले वातावरण, साथ ही चट्टानी टुंड्रा और घास वाले वुडलैंड्स में रहता है।
  • इस प्रजाति का भौगोलिक वितरण कज़ाखस्तान, तिब्बत और हिमालय से लेकर मंगोलिया, उत्तर-पूर्वी चीन और दक्षिणी साइबेरिया तक एशिया के कुछ हिस्सों में है। हालाँकि, इस प्रजाति के लिये सबसे अहम क्षेत्र लद्दाख, भारत है।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड में बनेगा सख्त नकलरोधी कानून

चर्चा में क्यों?

25 जुलाई, 2022 को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव संतोष बडोनी ने बताया कि आयोग ने नए नकलरोधी कानून का प्रस्ताव पास कर दिया है। राजस्थान और एसएससी के नकलरोधी कानून का अध्ययन करने के बाद आयोग इसका ड्राफ्ट शासन को भेजेगा।

प्रमुख बिंदु 

  • स्नातकस्तरीय परीक्षा में पेपर लीक प्रकरण के बीच उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा सख्त नकलरोधी कानून बनाया जा रहा है। यह कानून इसी साल फरवरी में आए राजस्थान के नकलरोधी कानून की तर्ज़ पर सख्त होगा।
  • अभी तक पेपर लीक का कोई भी मामला प्रकाश में आने के बाद उत्तराखंड के नकलरोधी कानून के तहत आरोपियों पर आईपीसी की धारा 420, 120 बी या हाईटेक नकल होने पर आईटी एक्ट में ही मुकदमे दर्ज़ होते हैं।
  • राजस्थान के नकलरोधी कानून की तर्ज़ पर नकल गिरोह के सदस्यों पर दस लाख से दस करोड़ रुपए तक जुर्माना हो सकेगा। इसके अलावा उनकी संपत्ति भी कुर्क की जा सकेगी। साथ ही, नकल का अपराध साबित होने पर पांच से दस साल की सज़ा का भी प्रावधान किया जाएगा।
  • अगर कोई छात्र/उम्मीदवार किसी नकल गिरोह से पेपर खरीदने का दोषी पाया जाता है तो उस पर एक लाख रुपए जुर्माने के साथ ही तीन साल तक की सज़ा भी हो सकेगी। अगर छात्र/उम्मीदवार उस नकल गिरोह का सदस्य पाया गया तो गिरोह के हिसाब से ही उस पर कार्रवाई की जाएगी।
  • आयोग की ओर से नकल रोकने के लिये यह भी नया प्रावधान किया जा रहा है कि यदि कोई छात्र/उम्मीदवार नकल करते पकड़ा जाता है तो वह दो साल तक किसी भी तरह की परीक्षाओं में शामिल नहीं हो सकेगा।
  • राजस्थान की तर्ज़ पर उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की परीक्षाओं में पेपर लीक या नकल को संज्ञेय और गैर- जमानती अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। नकल और पेपर लीक की जाँच एडिशनल एसपी स्तर का अफसर ही कर सकेगा। नकल रोकने के लिये जाँच एजेंसी में एंटी चीटिंग सेल भी बनाई जा सकती है।

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