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उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल संस्थानों में खुलेंगे इमरजेंसी मेडिसिन विभाग
चर्चा में क्यों?
24 मई, 2023 को उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बताया कि राष्ट्रीय आयुर्विज्ञान आयोग (एनएमसी) ने राज्य के सभी मेडिकल विश्वविद्यालय, कॉलेज और शैक्षिक संस्थानों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग को अनिवार्य कर दिया है। इस संबंध में उन्होंने विभाग की स्थापना को मंजूरी प्रदान कर दी है।
प्रमुख बिंदु
- उत्तर प्रदेश के सभी ज़िलों में मेडिकल कॉलेज खोले जा रहे हैं। मेडिकल विश्वविद्यालय और संस्थानों में इमरजेंसी सेवाएँ चल रही हैं। मरीजों को और बेहतर इलाज उपलब्ध कराने के लिये ही एनएमसी ने इमरजेंसी मेडिसिन विभाग की स्थापना के निर्देश दिये।
- इमरजेंसी सेवाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। केजीएमयू, लोहिया संस्थान समेत अन्य शैक्षिक संस्थानों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग संचालित हैं। इमरजेंसी की दशा में सबसे पहले मरीज इसी विभाग में आएंगे। यहाँ विशेषज्ञ डॉक्टर रोगियों के लक्षणों के आधार पर मर्ज की पहचान करेंगे, तत्पश्चात् इलाज की दिशा तय करेंगे।
- डिप्टी सीएम ने कहा कि सभी मेडिकल संस्थानों में इमरजेंसी मेडिसिन विभाग बनने से गंभीर रोगियों को बड़े अस्पतालों तक दौड़ नहीं लगानी पड़ेगी। इससे बड़े अस्पतालों में मरीजों का दबाव कम होगा। गंभीर मरीजों को आसानी से इलाज मिल सकेगा तथा मेडिकल छात्र क्लीनिकल ज्ञान भी हासिल कर सकेंगे।
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