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‘नेशनल वाटर अवार्ड 2022’ में तीसरे स्थान पर रहा बिहार
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2023 को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा नेशनल वाटर अवार्ड्स 2022 में सर्वोत्तम राज्य की श्रेणी में बिहार को देश में तीसरे स्थान पर रखा गया है।
प्रमुख बिंदु
- बिहार सरकार द्वारा जल संरक्षण एवं जल संसाधनों के प्रबंधन के क्षेत्र में किये गए उत्तम कार्यों एवं प्रयासों को इस पुरस्कार के जरिये राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।
- जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि जल और हरियाली का संरक्षण एवं संवर्धन के लिये ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ शुरू किया गया है। इस अभियान को संयुक्त राष्ट्र में भी सराहा गया है।
- सात निश्चय दो में घोषित अतिमहत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम को धरातल पर उतारने के लिये तत्परता से कार्य किये जा रहे हैं।
- सात निश्चय दो में घोषित अतिमहत्त्वाकांक्षी कार्यक्रमों के अंतर्गत होने वाले कार्य:
- गरौल वीयर सिंचाई योजना, दरभंगा- यह पुरानी कमला नदी पर वीयर सिंचाई योजना है, जिसमें हेड रेगुलेटर के माध्यम से सिंचाई सुविधा मिली है।
- जैतपुरा पंप नहर योजना, भभुआ- इसके माध्यम से कर्मनाशा नदी के जलस्राव को विभिन्न प्रखंडों में सिंचाई सुविधा के लिये उपलब्ध कराई जाएगी।
- गया ज़िले के बोधगया प्रखंड में मोहाने नदी पर बतसपुर वीयर का निर्माण एवं मोराटाल पईन से निस्सृत वितरण प्रणालियों का आधुनिकीकरण कार्य।
- उदेरास्थान बराज योजना, बिहारशरीफ- यह एक वृहद सिंचाई योजना है, जिससे जहानाबाद एवं गया ज़िले के कई प्रखंडों में सिंचाई क्षमता विकसित हुई है।
- बिहुल वीयर सिंचाई योजना, मधुबनी- लक्ष्मीपुर ग्राम के निकट बिहुल नदी पर गेटेड वीयर, उसके अपस्ट्रीम में दाईं एवं बायीं तरफ एफलक्स बांध तथा डाउनस्ट्रीम में दोनों तरफ गाइड बांध का निर्माण एवं सुरक्षात्मक कार्य होने हैं। इसमें दाएँ मुख्य नहर से निस्सृत नहर प्रणाली की कुल लंबाई 3.35 किमी. है तथा बाएँ मुख्य नहर से निस्सृत नहर प्रणाली की लंबाई 6.33 किमी. है।
- मलई बराज योजना के अंतर्गत रोहतास ज़िले के दावथ प्रखंड में कोंद नदी पर बराज का निर्माण कर लिंक नहर के माध्यम से बक्सर ज़िले में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
- बलवाघाट बराज-सह-सिंचाई योजना, मधुबनी- बलवा ग्राम के पास धौंस नदी पर आधारित इस सिंचाई योजना में दो हेड रेगुलेटर (दायाँ एवं बायाँ) के अलावा जर्जर पड़ी उपवितरणी का जीर्णोद्धार कार्य (9.27 किमी.) और दाईं तरफ मौजूद पईन के रूपांकित जलस्राव के अनुरूप पुनर्स्थापन कार्य (13.36 किमी.) किया गया है।
- विदित है कि पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।
- राष्ट्रीय जल पुरस्कारों ने जल संसाधन को लेकर स्टार्ट-अप के साथ-साथ अग्रणी संगठनों को नीति-निर्माताओं के साथ जुड़ने और विचार-विमर्श करने का बेहतर अवसर प्रदान किया है कि कैसे बेहतरीन तरीके से जल संसाधन प्रबंधन के नए और सही तरीकों को अपनाया जाए।
- इस बार मध्य प्रदेश ने सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद ओडिशा ने दूसरा स्थान जबकि आंध्र प्रदेश और बिहार को तीसरे स्थान के लिये संयुक्त विजेता घोषित किया गया है।
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