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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Apr 2023
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आयुष्मान कार्ड पर अब सेना व पैरामिलिट्री अस्पतालों में मिलेगा मुफ्त इलाज

चर्चा में क्यों?

  • 25 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड स्वास्थ्य प्राधिकरण के अध्यक्ष डी.के कोटिया ने बताया कि केंद्र सरकार ने प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में संचालित 21 सैनिक और अर्धसैनिक अस्पतालों को आयुष्मान योजना में सूचीबद्ध कर दिया है, जिसके तहत आयुष्मान कार्डधारकों को अब सेना और पैरामिलिट्री फोर्स के अस्पतालों में मुफ्त इलाज की सुविधा मिलेगी।

प्रमुख बिंदु 

  • विदित है कि अभी तक इन अस्पतालों में कार्यरत सैनिकों, उनके आश्रितों और पूर्व सैनिकों को इलाज की सुविधा मिलती है।
  • केंद्र सरकार ने इन अस्पतालों को आम लोगों को भी आयुष्मान कार्ड पर मुफ्त इलाज की सुविधा देने के लिये योजना में शामिल किया है।
  • पिथौरागढ़ में 7वीं वाहिनी आईटीबीपी मैरथी, यूनिट अस्पताल 14वीं बटालियन आईटीबीपी, चमोली में यूनिट अस्पताल प्रथम बटालियन आईटीबीपी, यूनिट अस्पताल सीटीसी एसएसबी सापरी, एमआईसी औली, एसएसबी अस्पताल ग्वालदाम, 8वीं बटालियन आईटीबीपी अस्पताल गौचर, नैनीताल में 34वीं बटालियन आईटीबीपी हल्दूचौड़, ग्रुप सेंटर सीआरपीएफ काठगोदाम, 34वीं बटालियन आईटीबीपी यूनिट अस्पताल, ऊधमसिंहनगर ज़िले में ईएसआईसी अस्पताल रुद्रपुर, पौड़ी में यूनिट अस्पताल एसएसबी श्रीनगर, देहरादून में आईटीबीपी अस्पताल को सूचीबद्ध किया गया है।
  • इनके अलावा चंपावत में 5वीं बटालियन एसएसबी, 36वीं बटालियन आईटीबीपी चंपावत, उत्तरकाशी में आईटीबीपी अस्पताल 35 वाहिनी, 12वीं बटालियन आईटीबीपी यूनिट अस्पताल, हरिद्वार में बीएचईएल अस्पताल, ऊधमसिंह नगर में 57वीं बटालियन एसएसबी सितारगंज, देहरादून में आईटीबीपी अकादमिक अस्पताल मसूरी, पिथौरागढ़ में यूनिट अस्पताल को सूचीबद्ध किया गया है।
  • उल्लेखनीय है कि प्रदेश में आयुष्मान योजना के तहत 50.40 लाख कार्ड बन चुके हैं। आयुष्मान कार्ड पर 5 लाख रुपए तक मुक्त इलाज की सुविधा है। अब तक 7.36 लाख मरीजों को इलाज की सुविधा मिली है। इसमें 1352 करोड़ की राशि सरकार ने खर्च की है।

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जौलीग्रांट में एसडीआरएफ के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

  • 24 अप्रैल, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून के जौलीग्रांट में एसडीआरएफ के मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर का लोकार्पण किया तथा इस दौरान कई अन्य महत्त्वपूर्ण घोषणाएँ भी कीं।

प्रमुख बिंदु

  • एसडीआरएफ का मुख्यालय बनने से प्रदेश में प्राकृतिक आपदा और विभिन्न दुर्घटनाओं के दौरान राहत एवं बचाव कार्यों में तेजी आएगी। यहाँ अन्य राज्यों की एसडीआरएफ को भी ट्रेनिंग दी जाएगी।
  • एसडीआरएफ के गठन से चारधाम यात्रा और पर्यटन गतिविधियाँ सुरक्षित हुई हैं। एसडीआरएफ अब तक तीन हज़ार से अधिक रेस्क्यू कर 12 हज़ार घायलों और दो हज़ार शवों को निकाल चुकी है। विभिन्न संस्थाओं के 35 हज़ार प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण देकर ढाई लाख लोगों को आपदा राहत कार्यों के लिये जागरूक किया है।
  • राज्य के डीजीपी अशोक कुमार ने कहा कि तीन चरणों में बन रहे एसडीआरएफ मुख्यालय का प्रथम चरण पूरा हो गया है। दूसरे चरण में 36 करोड़ की लागत से ट्रेनिंग सेंटर निर्माणाधीन है।
  • विश्व बैंक पोषित परियोजना के तहत जौलीग्रांट में एयरपोर्ट के पास 144 करोड़ रुपए की लागत से एसडीआरएफ का मुख्यालय और ट्रेनिंग सेंटर बनाया गया है।
  • प्रथम चरण में तीन मंज़िला एडमिन ब्लॉक में रिसेप्शन, कार्यालय, प्रशिक्षण ब्लॉक और पुस्तकालय, तीन मंज़िला ट्रेनिंग ब्लॉक, डेमो रूम, कोर्स कॉडिनेटर, कंप्यूटर लैब, लेक्चर रूम, लाइब्रेरी की सुविधा है।
  • इलेक्ट्रॉनिक चार्जिंग स्टेशन, गैराज और एक दर्जन से अधिक गाड़ियों के पार्किंग की व्यवस्था है। पुलिस और उनके परिजनों के लिये कैंटीन की सुविधा, फायर फाइटिंग सिस्टम, सोलर सिस्टम, फेंसिंग, वॉच टॉवर और आवासीय कॉलोनी है। पेट्रोल पंप भी है जो आम लोगों के लिये भी उपयोगी होगा।
  • मुख्यमंत्री ने कीं ये घोषणाएँ-
    • जोखिम भत्ता : 11 हज़ार फीट या इससे अधिक की ऊँचाई पर रेस्क्यू अभियान चलाने वाले एसडीआरएफ के राजपत्रित अधिकारियों को 1500 रुपए और अराजपत्रित अधिकारियों व जवानों को एक हज़ार रुपए जोखिम भत्ता मिलेगा। यह अर्धसैनिक बलों की तर्ज पर देय होगा। वर्तमान में केदारनाथ धाम में एसडीआरएफ के 12 अधिकारियों और जवानों की तैनाती है। इसके अलावा समय-समय पर उच्च हिमालयी क्षेत्रों में रेस्क्यू ऑपरेशन के लिये जाना पड़ता है।
    • छठी कंपनी : अब एसडीआरएफ में छह कंपनियाँ हो जाएंगी। नई कंपनी का गठन जल्द किया जाएगा। इसमें एक तिहाई महिला कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी।
    • प्रतिनियुक्ति अवधि : एसडीआरएफ में प्रतिनियुक्ति की समयावधि सात साल से बढ़ाकर 10 साल कर दी जाएगी।


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