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‘मध्य प्रदेश रत्न अलंकरण समारोह’ में विभूतियों का सम्मान
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मध्य प्रदेश प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘मध्य प्रदेश रत्न अलंकरण समारोह’ में विभिन्न विभूतियों को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने इस अलंकरण समारोह में मध्य प्रदेश नवरत्न सम्मान से देश के प्रसिद्ध पत्रकार पद्मश्री आलोक मेहता, परम विशिष्ट सेवा मेडल (सेवानिवृत्त) एयर मार्शल प्रदीप पद्माकर बापट, पटकथा लेखक एवं फिल्म निर्माता रूमी जाफरी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के प्राध्यापक लोकेंद्र त्रिवेदी, भारत सरकार द्वारा औद्योगिक जगत् में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित संजीव सरन, लघु एवं वृत्त चित्र निर्माता-निर्देशक देवेंद्र खंडेलवाल, वरिष्ठ समाजसेवी निर्मल दास नारंग, नृत्यांगना (कोरियोग्राफर) डॉ. टीना देवले तांबे, कवि एवं संपादक डॉ. सुधीर सक्सेना को सम्मानित किया।
- राज्यपाल ने डॉ. लक्ष्मी शर्मा (साहित्य एवं कला), डॉ. ए.के. द्विवेदी (होम्योपैथी चिकित्सा), डॉ. वैभव चतुर्वेदी (मानसिक चिकित्सा), डॉ. ममता सिंह, सुरेश सिंह भदौरिया, डॉ. दीप्ति सिंह हाड़ा (चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा), डॉ. डेविश जैन (शिक्षा-उद्योग एवं कृषि), हरनीत कौर राना (शिक्षा), अवधेश दवे (उच्च शिक्षा), राजकुमार साबू (उद्योग एवं व्यापार), इंजीनियर अमित ओझा (गणित शिक्षा) एवं समाज सेवी मनोज नंदकिशोर पांचाल को प्रतिभा सम्मान से अलंकृत किया।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश प्रेस क्लब की स्थापना 18 अप्रैल, 1992 को हुई थी। इसके संस्थापक अध्यक्ष स्व. एल.एन. वर्मा थे। वर्तमान में इसके अध्यक्ष डॉ. नवीन आनंद जोशी हैं तथा महासचिव भाई नितिन वर्मा एवं उपाध्यक्ष महेंद्र शर्मा हैं।
- मध्य प्रदेश प्रेस क्लब संस्था सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन करती रहती है। यह आयोजन भी इसी श्रृंखला की एक कड़ी है।
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नीति आयोग की नवोन्वेषी कृषि पर राष्ट्रीय कार्यशाला में वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को आज़ादी के अमृत महोत्सव में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नीति आयोग द्वारा नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय से वर्चुअली शामिल हुए।
प्रमुख बिंदु
- प्रथम-सत्र नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. रवि कुमार की अध्यक्षता में हुआ। राज्यों में प्राकृतिक खेती पर हुए प्रथम तकनीकी-सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी वर्चुअली अपने विचार रखे।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिये प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है। प्राकृतिक खेती अपनाने के लिये ग्राम स्तर तक वातावरण बनाने और इसमें किसानों की सहायता करने के लिये राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।
- मध्य प्रदेश में 52 ज़िले हैं। प्रारंभिक रूप से प्रत्येक ज़िले के 100 गाँव में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी। वर्तमान खरीफ की फसल से प्रदेश के 5,200 गाँव में प्राकृतिक खेती की गतिविधियाँ आरंभ होंगी।
- वातावरण-निर्माण के लिये प्रदेश में मई माह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के मार्गदर्शन में कृषि से जुड़े विभागों के अधिकारियों के लिये राज्यस्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। अब तक प्रदेश के 1 लाख 65 हज़ार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार हरित क्रांति के लिये किसानों को रासायनिक खाद पर सब्सिडी और अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई, उसी प्रकार प्राकृतिक खेती अपनाने के लिये किसानों को प्रोत्साहन देना और सहयोग करना आवश्यक है।
- प्राकृतिक खेती के लिये देसी गाय आवश्यक है। देसी गाय से ही प्राकृतिक खेती के लिये आवश्यक जीवामृत तथा धनजीवामृत बनाए जा सकते हैं। प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को देसी गाय रखने के लिये 900 रुपए प्रति माह अर्थात् 10 हज़ार 800 रुपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएँगे। साथ ही, प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिये किसानों को 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्राकृतिक खेती के मार्गदर्शन के लिये प्रत्येक विकासखंड में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्त्ताओं की सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रत्येक गाँव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी, जो प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। कार्यकर्त्ताओं और मास्टर ट्रेनर को मानदेय भी दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश प्राकृतिक खेती की दृष्टि से उपयुक्त है, यहाँ जनजातीय बहुल 17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में परंपरागत रूप से रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता है।
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मध्य प्रदेश ‘आयुष्मान भारत’ में शिकायतों के निवारण में देश में प्रथम
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के 2021-22 के प्रतिवेदन में मध्य प्रदेश ने शिकायत निवारण में 86 अंक स्कोर प्राप्त कर ‘आयुष्मान भारत’ योजना में शिकायतों के निवारण को लेकर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने वर्ष 2021-22 के प्रगति प्रतिवेदन में शिकायत निवारण प्रणाली के तहत प्रदेश में 67 चिकित्सालयों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों में अर्थ-दंड अधिरोपित कर एक करोड़ 57 लाख रुपए की वसूली की गई।
- इस योजना में 140 हितग्राहियों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर 59 लाख 2 हज़ार रुपए बैंक खातों के माध्यम से वापस करा कर नि:शुल्क उपचार के उद्देश्य को पूर्ण किया गया।
- आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश के पात्र हितग्राहियों को पिछले 3 वर्ष से अधिक समय से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो रही हैं। योजना में पात्र हितग्राहियों को एक हज़ार शासकीय और निजी चिकित्सालयों से 5 लाख रुपए तक का उपचार प्रति परिवार प्रतिवर्ष उपलब्ध करवाया जा रहा है।
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मलेरिया नियंत्रण में मध्य प्रदेश को मिला सम्मान
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मलेरिया दिवस पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश को मलेरिया नियंत्रण में उल्लखेनीय कार्य के लिए ‘सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन’ से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015 की स्थिति में 25 ज़िलों में प्रति हज़ार आबादी पर एक-से-अधिक मलेरिया के प्रकरण पाए जाते थे, जो वर्ष 2021 में घटकर .03 प्रति हज़ार हो गए हैं।
- मध्य प्रदेश में अब एक भी ऐसा ज़िला नहीं है, जिसमें प्रति हज़ार आबादी पर एक-से-अधिक मलेरिया का प्रकरण हो।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए कार्य से प्रदेश को वर्ष 2015 में केटेगरी-3 के राज्यों से निकलकर केटेगरी-1 के राज्यों में स्थान मिला है।
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