सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाएँ पुरस्कृत | छत्तीसगढ़ | 26 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन और राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सहकारी संस्थाओं को पुरस्कृत किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने स्टेट कोऑपरेटिव बैंक केटेगरी में ओवरऑल परफॉर्मेंस के लिये तमिलनाडु स्टेट अपेक्स कोऑपरेटिव बैंक चेन्नई को प्रथम, आंध्र प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक विजयवाड़ा को द्वितीय और तेलंगाना स्टेट अपेक्स कोऑपरेटिव बैंक हैदराबाद को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया।
- इस अवसर पर उन्होंने आंध्र प्रदेश की अध्यक्ष एम. झांसीरानी और एमडी अपेक्स बैंक आंध्र प्रदेश डॉ. रेड्डी को विशेष पुरस्कार प्रदान किया। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर को सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया।
- इसके अलावा स्टेट कोऑपरेटिव बैंक ओवर ऑल परफॉर्मेंस अवार्ड का प्रथम पुरस्कार केरल स्टेट कोऑपरेटिव बैंक तिरुवनंतपुरम, द्वितीय पुरस्कार असम कोऑपरेटिव अपेक्स बैंक गुवाहाटी और तृतीय पुरस्कार सिक्किम स्टेट कोऑपरेटिव बैंक गंगटोक को दिया गया।
- डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक की केटेगरी में बेस्ट परफॉर्मेंस का प्रथम पुरस्कार संयुक्त रूप से करीम नगर डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक तेलंगाना और कर्नाटका सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक धारवाड़, द्वितीय पुरस्कार संयुक्त रूप से अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक गुजरात और राजकोट डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक गुजरात तथा तृतीय पुरस्कार सालेम डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक तमिलनाडु को प्रदान किया गया।
- प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव सोसायटी क्षेत्र में सुभाष यादव अवार्ड का प्रथम पुरस्कार एम.एम. 137 अलावायल प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी पुडुकोट्टी तमिलनाडु को प्रदान किया गया।
- नेफस्कॉब अवार्ड प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये द्वितीय पुरस्कार संयुक्त रूप से संधोल एग्री सर्विस कोऑपरेटिव सोसाइटी हिमाचल प्रदेश और तिमिरी सर्विस कोऑपरेटिव बैंक केरल तथा तृतीय पुरस्कार चोप्पाडांडी करीम नगर तेलंगाना को प्रदान किया गया।
- एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रथम पुरस्कार हिमाचल प्रदेश, द्वितीय पुरस्कार पंजाब और तृतीय पुरस्कार तेलंगाना को प्रदान किया गया।
छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में कमी के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सम्मानित | छत्तीसगढ़ | 26 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को विश्व मलेरिया दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में गिरावट के लिये सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने नई दिल्ली में राज्य शासन की तरफ से यह सम्मान ग्रहण किया।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से एपीआई दर (Annual Parasite Incidence, यानी प्रति एक हज़ार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीज़ों की संख्या) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2018 में जहाँ प्रदेश की एपीआई, 2.63 थी, वहीं 2021 में घटकर 0.92 पर पहुँच गई है।
- गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा जनवरी-फरवरी 2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी ज़िलों में ‘मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान’ का पहला चरण संचालित किया गया था।
- घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हज़ार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हज़ार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हज़ार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हज़ार एवं पाँचवे चरण में 14 लाख 36 हज़ार लोगों की मलेरिया जाँच की गई। वर्ष 2016 में 26.78 एपीआई वाले बस्तर संभाग की एपीआई 2021 में घटकर 7.07 पर पहुँच गई है।
- बस्तर संभाग में अभियान के अच्छे असर को देखते हुए ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ के तहत इसे प्रदेश के कुल 21 ज़िलों में विस्तारित किया गया है। अभियान के पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे एवं पाँचवे चरण में मलेरिया पॉजिटिविटी दर क्रमश: 4.6 प्रतिशत, 1.27 प्रतिशत, 1.03 प्रतिशत, 0.56 और 0.79 प्रतिशत दर्ज की गई है। अभियान के प्रभाव से मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आ रही है।
स्वदेश दर्शन योजना: ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट पहला फेज पूर्ण | छत्तीसगढ़ | 26 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत राज्य के वनांचल क्षेत्र में ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’ बनाने के प्रथम फेज का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसकी लागत 94 करोड़ 23 लाख रुपए है।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत जशपुर-कुनकुरी-कमलेश्वरपुर-मैनपाट-महेशपुर-कुरदर-सरोधा दादर-गंगरेल-नथियानवागाँव-कोण्डागाँव- जगदलपुर-चित्रकोट-तीरथगढ़ को ‘ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट’ बनाने के प्रथम फेस का कार्य पूर्ण हो चुका है।
- ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट के लिये चिह्नांकित जशपुर को एथनिक पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया गया है। वहीं कुनकुरी में मार्ग सुविधा केंद्र, कमलेश्वपुर में इको एथनिक डेस्टीनेशन, मैनपाट में इको एथनिक डेस्टीनेशन-पर्यटन सुविधाएँ, महेशपुर में मार्ग सुविधा केंद्र तथा कुरदर में इको टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया गया है।
- इसी प्रकार सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन, नथियानवागाँव में मार्ग सुविधा केंद्र, कोंडागाँव में एथनिक पर्यटक ग्राम, जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (लामनी पार्क-कैफैटेरिया पार्किंग), चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन और तीरथगढ़ में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (नेचर ट्रेल, सीढ़ियाँ रेलिंग) के रूप में विकसित किया गया है।
- स्वदेश दर्शन योजना फेस-2 के अंतर्गत इको टूरिज़्म सर्किट की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस सर्किट में चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एवं हसदेव बांगों डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल किया गया है। प्रस्तावित योजना की लागत 81 करोड़ 26 लाख रुपए है।