उत्तर प्रदेश Switch to English
नीति आयोग की नवोन्वेषी कृषि पर राष्ट्रीय कार्यशाला
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को आज़ादी के अमृत महोत्सव में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नीति आयोग द्वारा नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ वर्चुअली शामिल हुए।
प्रमुख बिंदु
- प्रथम-सत्र नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. रवि कुमार की अध्यक्षता में हुआ। राज्यों में प्राकृतिक खेती पर हुए प्रथम तकनीकी-सत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी वर्चुअली अपने विचार रखे।
- प्राकृतिक खेती और नवोन्मेषी कृषि को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के लिये मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित भारतीय प्राकृतिक कृषि पद्धति योजना के तहत उत्तर प्रदेश के 35 ज़िलों के लिये भारत सरकार द्वारा 82.83 करोड़ रुपए स्वीकृत किये गए हैं।
- मुख्यमंत्री ने ‘गाय आधारित प्राकृतिक खेती और नवीन कृषि’ पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में कहा कि यह योजना लगभग 38,670 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करेगी। यह योजना इस साल खरीफ सीजन से शुरू होकर तीन साल के लिये लागू की जाएगी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि बुंदेलखंड क्षेत्र पारंपरिक रूप से विभिन्न रूपों में प्राकृतिक खेती का अभ्यास कर रहा है। इसे और बढ़ावा देने के लिये, राज्य सरकार ने क्षेत्र के सभी सात ज़िलों के सभी 47 विकास खंडों में 500-1,000 हेक्टेयर के क्लस्टर स्थापित करने का प्रस्ताव रखा है। अगले पाँच वर्षों में 175.46 करोड़ रुपए की परियोजना लागत पर लगभग 47,000 हेक्टेयर क्षेत्र का लक्ष्य रखा जाएगा, जिससे 1.17 लाख किसान लाभान्वित होंगे।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2020-21 में उत्तर प्रदेश 619.47 लाख मीट्रिक टन का रिकॉर्ड उत्पादन हासिल कर देश का सबसे बड़ा खाद्यान्न उत्पादक राज्य बन गया है।
- प्राकृतिक खेती के महत्त्व पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्पादन बढ़ाने के साथ-साथ प्राकृतिक संसाधनों और पर्यावरण के संरक्षण एवं मानव स्वास्थ्य के पोषण के लिये उचित पोषण प्रदान करने के साथ-साथ किसानों की आय बढ़ाने के उद्देश्य को पूरा करना होगा। इन सभी विविध लक्ष्यों को प्राप्त करने का एक तरीका गाय आधारित प्राकृतिक खेती है।
- गाय आधारित प्राकृतिक खेती का अर्थ है- कम लागत और विषमुक्त खेती। ग्रामीण अर्थव्यवस्था की ‘गो वंश’ पर प्रमुख निर्भरता है, जबकि कृषि का मशीनीकरण किया जा रहा है, कृषि अर्थव्यवस्था में बैलों की उपयोगिता भी महसूस की गई है।
- पिछले दो वर्षों में राज्य सरकार द्वारा प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिये गंगा नदी के 10 किमी. के दायरे में प्राकृतिक खेती को अपनाने हेतु अभियान शुरू किया गया है और नमामि गंगे के तहत चयनित ज़िलों में गंगा नदी के 10 किमी. के दायरे में बागवानी और कृषि वानिकी को भी प्राकृतिक खेती में शामिल किया गया है। इस कार्यक्रम से दो लाख से अधिक किसानों को लाभ होगा।
- नमामि गंगे और परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत पिछले तीन वर्षों के दौरान राज्य में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा था, जिसमें 4,784 क्लस्टर के गठन के साथ 75,680 हेक्टेयर क्षेत्र को कवर किया गया था, जिससे 1.75 लाख किसान लाभान्वित हुए।
- परंपरागत कृषि विकास योजना (पीकेवीवाई) के तहत जैविक खेती के लिये 50,000 रुपए प्रति हेक्टेयर तीन साल की अवधि हेतु प्रदान किये गए, जिसमें 31,000 प्रति हेक्टेयर किसान प्रोत्साहन राशि भी शामिल है।
राजस्थान Switch to English
राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2022 के लोगो का विमोचन
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को राजस्थान की प्रमुख शासन सचिव, सहकारिता श्रेया गुहा ने सहकार भवन में राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2022 के लोगो का विमोचन किया।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि जवाहर कला केंद्र में 30 अप्रैल से 9 मई, 2022 तक राष्ट्रीय सहकार मसाला मेला-2022 का आयोजन किया जाएगा।
- इस अवसर पर सचिव श्रेया गुहा ने कहा कि योजनाबद्ध ढंग से कार्य करते हुए जैविक उत्पादों को कॉनफैड बड़े स्तर पर लोगों को उपलब्ध कराए तथा गुणवत्ता को बरकरार रखे।
- उन्होंने कहा कि दो वर्षों में 4171 ग्राम सेवा सहकारी समितियों का गठन किया जाना है। इसके लिये समयबद्ध रूप से लक्ष्य आवंटन के अनुरूप कार्य किया जाए, ताकि प्रत्येक ग्राम पंचायत पर ग्राम सेवा सहकारी समिति का गठन सुनिश्चित किया जा सके।
मध्य प्रदेश Switch to English
‘मध्य प्रदेश रत्न अलंकरण समारोह’ में विभूतियों का सम्मान
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कुशाभाऊ ठाकरे इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर में मध्य प्रदेश प्रेस क्लब द्वारा आयोजित ‘मध्य प्रदेश रत्न अलंकरण समारोह’ में विभिन्न विभूतियों को सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्यपाल ने इस अलंकरण समारोह में मध्य प्रदेश नवरत्न सम्मान से देश के प्रसिद्ध पत्रकार पद्मश्री आलोक मेहता, परम विशिष्ट सेवा मेडल (सेवानिवृत्त) एयर मार्शल प्रदीप पद्माकर बापट, पटकथा लेखक एवं फिल्म निर्माता रूमी जाफरी, नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा के प्राध्यापक लोकेंद्र त्रिवेदी, भारत सरकार द्वारा औद्योगिक जगत् में लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित संजीव सरन, लघु एवं वृत्त चित्र निर्माता-निर्देशक देवेंद्र खंडेलवाल, वरिष्ठ समाजसेवी निर्मल दास नारंग, नृत्यांगना (कोरियोग्राफर) डॉ. टीना देवले तांबे, कवि एवं संपादक डॉ. सुधीर सक्सेना को सम्मानित किया।
- राज्यपाल ने डॉ. लक्ष्मी शर्मा (साहित्य एवं कला), डॉ. ए.के. द्विवेदी (होम्योपैथी चिकित्सा), डॉ. वैभव चतुर्वेदी (मानसिक चिकित्सा), डॉ. ममता सिंह, सुरेश सिंह भदौरिया, डॉ. दीप्ति सिंह हाड़ा (चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा), डॉ. डेविश जैन (शिक्षा-उद्योग एवं कृषि), हरनीत कौर राना (शिक्षा), अवधेश दवे (उच्च शिक्षा), राजकुमार साबू (उद्योग एवं व्यापार), इंजीनियर अमित ओझा (गणित शिक्षा) एवं समाज सेवी मनोज नंदकिशोर पांचाल को प्रतिभा सम्मान से अलंकृत किया।
- गौरतलब है कि मध्य प्रदेश प्रेस क्लब की स्थापना 18 अप्रैल, 1992 को हुई थी। इसके संस्थापक अध्यक्ष स्व. एल.एन. वर्मा थे। वर्तमान में इसके अध्यक्ष डॉ. नवीन आनंद जोशी हैं तथा महासचिव भाई नितिन वर्मा एवं उपाध्यक्ष महेंद्र शर्मा हैं।
- मध्य प्रदेश प्रेस क्लब संस्था सामाजिक सरोकारों से जुड़े कार्यक्रमों के अलावा विभिन्न वर्कशॉप और सेमिनार का आयोजन करती रहती है। यह आयोजन भी इसी श्रृंखला की एक कड़ी है।
मध्य प्रदेश Switch to English
नीति आयोग की नवोन्वेषी कृषि पर राष्ट्रीय कार्यशाला में वर्चुअली शामिल हुए मुख्यमंत्री
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को आज़ादी के अमृत महोत्सव में नई दिल्ली के विज्ञान भवन में नीति आयोग द्वारा नवोन्वेषी कृषि पर आयोजित राष्ट्रीय कार्यशाला में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान मंत्रालय से वर्चुअली शामिल हुए।
प्रमुख बिंदु
- प्रथम-सत्र नीति आयोग के उपाध्यक्ष डॉ. रवि कुमार की अध्यक्षता में हुआ। राज्यों में प्राकृतिक खेती पर हुए प्रथम तकनीकी-सत्र में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के साथ उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाई.एस. जगन मोहन रेड्डी ने भी वर्चुअली अपने विचार रखे।
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रदेश में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहन देने के लिये प्राकृतिक कृषि विकास बोर्ड का गठन किया गया है। प्राकृतिक खेती अपनाने के लिये ग्राम स्तर तक वातावरण बनाने और इसमें किसानों की सहायता करने के लिये राज्य सरकार कई कदम उठा रही है।
- मध्य प्रदेश में 52 ज़िले हैं। प्रारंभिक रूप से प्रत्येक ज़िले के 100 गाँव में प्राकृतिक खेती को प्रोत्साहित करने के लिये विशेष गतिविधियाँ संचालित की जाएँगी। वर्तमान खरीफ की फसल से प्रदेश के 5,200 गाँव में प्राकृतिक खेती की गतिविधियाँ आरंभ होंगी।
- वातावरण-निर्माण के लिये प्रदेश में मई माह में गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत के मार्गदर्शन में कृषि से जुड़े विभागों के अधिकारियों के लिये राज्यस्तरीय कार्यशालाओं का आयोजन किया जाएगा। अब तक प्रदेश के 1 लाख 65 हज़ार किसानों ने प्राकृतिक खेती में रुचि दिखाई है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस प्रकार हरित क्रांति के लिये किसानों को रासायनिक खाद पर सब्सिडी और अन्य सहायता उपलब्ध कराई गई, उसी प्रकार प्राकृतिक खेती अपनाने के लिये किसानों को प्रोत्साहन देना और सहयोग करना आवश्यक है।
- प्राकृतिक खेती के लिये देसी गाय आवश्यक है। देसी गाय से ही प्राकृतिक खेती के लिये आवश्यक जीवामृत तथा धनजीवामृत बनाए जा सकते हैं। प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को देसी गाय रखने के लिये 900 रुपए प्रति माह अर्थात् 10 हज़ार 800 रुपए प्रतिवर्ष उपलब्ध कराए जाएँगे। साथ ही, प्राकृतिक कृषि किट लेने के लिये किसानों को 75 प्रतिशत राशि सरकार की ओर से उपलब्ध कराई जाएगी।
- प्राकृतिक खेती के मार्गदर्शन के लिये प्रत्येक विकासखंड में 5 पूर्णकालिक कार्यकर्त्ताओं की सेवाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी। प्रत्येक गाँव में किसान मित्र और किसान दीदी की व्यवस्था भी होगी, जो प्राकृतिक खेती के मास्टर ट्रेनर के रूप में कार्य करेंगे। कार्यकर्त्ताओं और मास्टर ट्रेनर को मानदेय भी दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश प्राकृतिक खेती की दृष्टि से उपयुक्त है, यहाँ जनजातीय बहुल 17 लाख हेक्टेयर क्षेत्र में परंपरागत रूप से रासायनिक खाद का उपयोग नहीं होता है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश ‘आयुष्मान भारत’ में शिकायतों के निवारण में देश में प्रथम
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने बताया कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के 2021-22 के प्रतिवेदन में मध्य प्रदेश ने शिकायत निवारण में 86 अंक स्कोर प्राप्त कर ‘आयुष्मान भारत’ योजना में शिकायतों के निवारण को लेकर देश में प्रथम स्थान प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण ने वर्ष 2021-22 के प्रगति प्रतिवेदन में शिकायत निवारण प्रणाली के तहत प्रदेश में 67 चिकित्सालयों के विरुद्ध प्राप्त शिकायतों में अर्थ-दंड अधिरोपित कर एक करोड़ 57 लाख रुपए की वसूली की गई।
- इस योजना में 140 हितग्राहियों से प्राप्त शिकायतों के आधार पर 59 लाख 2 हज़ार रुपए बैंक खातों के माध्यम से वापस करा कर नि:शुल्क उपचार के उद्देश्य को पूर्ण किया गया।
- आयुष्मान भारत योजना में प्रदेश के पात्र हितग्राहियों को पिछले 3 वर्ष से अधिक समय से गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हो रही हैं। योजना में पात्र हितग्राहियों को एक हज़ार शासकीय और निजी चिकित्सालयों से 5 लाख रुपए तक का उपचार प्रति परिवार प्रतिवर्ष उपलब्ध करवाया जा रहा है।
मध्य प्रदेश Switch to English
मलेरिया नियंत्रण में मध्य प्रदेश को मिला सम्मान
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया ने मलेरिया दिवस पर दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में मध्य प्रदेश को मलेरिया नियंत्रण में उल्लखेनीय कार्य के लिए ‘सर्टिफिकेट ऑफ एप्रीसिएशन’ से सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2015 की स्थिति में 25 ज़िलों में प्रति हज़ार आबादी पर एक-से-अधिक मलेरिया के प्रकरण पाए जाते थे, जो वर्ष 2021 में घटकर .03 प्रति हज़ार हो गए हैं।
- मध्य प्रदेश में अब एक भी ऐसा ज़िला नहीं है, जिसमें प्रति हज़ार आबादी पर एक-से-अधिक मलेरिया का प्रकरण हो।
- स्वास्थ्य विभाग द्वारा किये गए कार्य से प्रदेश को वर्ष 2015 में केटेगरी-3 के राज्यों से निकलकर केटेगरी-1 के राज्यों में स्थान मिला है।
हरियाणा Switch to English
वर्ष 2022-23 के लिये हरियाणा विधानसभा की 13 कमेटियों का गठन
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता ने वर्ष 2022-23 के लिये विधानसभा की 13 विभिन्न कमेटियों के गठन की अधिसूचना जारी की गई।
प्रमुख बिंदु
- अधिसूचना के अनुसार विधानसभा की नियम समिति में विधानसभा अध्यक्ष ज्ञानचंद गुप्ता पदेन अध्यक्ष होंगे, जबकि विधायक भूपेंद्र सिंह हुड्डा, किरण चौधरी, घनश्याम दास अरोड़ा, डॉ. अभय सिंह यादव, भारत भूषण बतरा, नैना सिंह चौटाला और सुधीर कुमार सिंगला इस कमेटी के सदस्य होंगे।
- इसी प्रकार, विधानसभा के उपाध्यक्ष रणबीर सिंह गंगवा को वर्ष 2022-23 के लिये आवास समिति का पदेन अध्यक्ष बनाया गया है, जबकि विधायक मोहम्मद इलियास, राम कुमार गौतम, दीपक मंगला और रणधीर सिंह गोलन को इस कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है।
- विधायक दीपक मंगला को जन स्वास्थ्य, सिंचाई, बिजली तथा लोक निर्माण (भवन एवं सड़कें) की कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है, जबकि विधायक विनोद भ्याना, लीला राम, आफताब अहमद धर्म सिंह छोक्कर, डॉ. कृष्ण लाल मिड्ढ़ा, प्रवीण डागर, मामन खान व शमशेर सिंह गोगी इस कमेटी के सदस्य होंगे।
- इसी प्रकार, स्थानीय निकाय एवं पंचायती राज संस्थान की कमेटी के लिये नरेंद्र गुप्ता को अध्यक्ष बनाया गया है। इसके सदस्यों में विधायक डॉ. रघुवीर सिंह कादयान, घनश्याम सर्राफ, बिशन लाल सैनी, सीमा त्रिखा, बिशम्बर सिंह, नीरज शर्मा, सुरेंद्र पंवार तथा राकेश दौलताबाद शामिल हैं।
- विधायक ईश्वर सिंह को अनुसूचित जातियाँ, अनुसूचित जन जातियाँ तथा पिछड़ा वर्ग कल्याण कमेटी का अध्यक्ष बनाया गया है तथा विधायक लक्ष्मण नापा, राजेश नागर, सत्य प्रकाश, रेणु बाला, शीश पाल सिंह, चिरंजीव राव, राम करण व धर्म पाल गोंदर को इस कमेटी के सदस्य के रूप में मनोनीत किया गया है।
- लोक लेखा समिति के लिये वरुण चौधरी को अध्यक्ष तथा विधायक डॉ. अभय सिंह यादव, सुभाष सुधा, नरेंद्र गुप्ता, निर्मल रानी, अमित सिहाग, शैली, जोगी राम सिहाग व रणधीर सिंह गोलन को सदस्य बनाया गया है।
- हरविंद्र कल्याण को अनुमान कमेटी का अध्यक्ष और विधायक राव दान सिंह, जयवीर सिंह, गोपाल कांडा, लक्ष्मण नापा, प्रमोद कुमार विज, राजेश नागर, मेवा सिंह तथा बलराज कुंडू को सदस्य मनोनीत किया गया है।
- याचिका कमेटी के लिये विधायक घनश्याम दास अरोड़ा को अध्यक्ष और विधायक जगबीर सिंह मलिक, गीता भुक्कल, शकुंतला खटक, लीला राम, लक्ष्मण सिंह यादव, संजय सिंह, राम निवास तथा सोमबीर सांगवान को सदस्य मनोनीत किया गया है।
- विधायक सीमा त्रिखा को शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, चिकित्सा शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है। विधायक जगदीश नैयर, नैना सिंह चौटाला, निर्मल रानी, शमशेर सिंह गोगी, शैली, शीशपाल सिंह, नयनपाल रावत तथा इंदु राज को इस कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है।
- विधायक भारत भूषण बतरा को वर्ष 2022-23 के लिये हरियाणा विधानसभा की सरकारी आश्वासन कमेटी का अध्यक्ष तथा विधायक अभय सिंह चौटाला, राजेंद्र सिंह जून, दूड़ा राम, महिपाल ढांडा, आफताब अहमद, सीता राम यादव, सुभाष गांगोली तथा अमरजीत ढांडा को इस कमेटी का सदस्य मनोनीत किया गया है।
- इसी प्रकार, विधायक असीम गोयल को वर्ष 2022-23 के लिये सार्वजनिक उपक्रम कमेटी का अध्यक्ष मनोनीत किया गया है, जबकि विधायक रघुवीर सिंह कादयान, दूड़ा राम, प्रदीप चौधरी, कृष्ण लाल मिड्ढ़ा, मोहन लाल बड़ोली, सीता राम यादव, चिरंजीव राव और कुलदीप वत्स इस कमेटी के सदस्य होंगे।
- राम निवास को हरियाणा विधानसभा की अधीनस्थ विधायी कमेटी का अध्यक्ष, जबकि विधायक जगबीर सिंह मलिक, जयवीर सिंह, बिशंबर सिंह, संजय सिंह, राम कुमार कश्यप, अमित सिहाग, बलबीर सिंह और महाधिवक्ता, हरियाणा को इस कमेटी का सदस्य मनोनीत किया है।
- इसके अलावा, हरियाणा विशेषाधिकार समिति के लिये विधायक सुधीर सिंगला को अध्यक्ष मनोनीत किया गया है तथा विधायक किरण चौधरी, हरविंद्र कल्याण, असीम गोयल, मोहन लाल बडोली, सत्य प्रकाश, वरुण चौधरी तथा अमरजीत ढांडा इस कमेटी के सदस्य होंगे।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा के 18 वर्ष से 59 वर्ष के आयु वर्ग के वयस्क नागरिकों को मुफ्त लगेगी बूस्टर डोज
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कोविड रोधी टीकाकरण अभियान को आगे बढ़ाते हुए 18 वर्ष से 59 वर्ष के आयु वर्ग के वयस्क नागरिकों के लिये मुफ्त बूस्टर खुराक की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- पात्र लाभार्थी हरियाणा के किसी भी सरकारी अस्पताल या डिस्पेंसरी से 250 रुपए की बूस्टर खुराक मुफ्त प्राप्त कर सकते हैं।
- हरियाणा राज्य में उक्त आयु वर्ग के लगभग 1.2 करोड़ लाभार्थी हैं। इस पर लगभग 300 करोड़ रुपए का खर्चा आएगा, जिसे राज्य द्वारा कोविड राहत कोष से वहन किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि प्रदेश में अब तक कुल 2 करोड़ 33 लाख से अधिक लोगों को कोविड रोधी वैक्सीन की पहली खुराक और करीब 1 करोड़ 88 लाख को कोविड वैक्सीन की दोनों डोज दी जा चुकी हैं। साथ ही, राज्य में अब तक करीब 3,71,700 बूस्टर डोज दी जा चुकी हैं।
झारखंड Switch to English
प्रदेश में बनेंगे सौ स्मार्ट विलेज
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को झारखंड के कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने प्रेसवार्ता में बताया कि प्रदेश में सौ स्मार्ट विलेज बनाए जाएंगे, जिसकी अनुशंसा विधायक और सांसद के द्वारा की जाएगी।
प्रमुख बिंदु
- ये सभी स्मार्ट विलेज वन अंब्रेला नीति के तहत विकसित किये जाएंगे, जहाँ कृषि से संबंधित सभी योजनाओं को लागू किया जाएगा, साथ ही विभिन्न स्तर पर सहकारी समिति का गठन कर विकास की रूपरेखा तैयार की जाएगी।
- कृषि मंत्री ने कहा कि स्मार्ट विलेज की रूपरेखा तैयार की जा रही है। जल्द ही कृषि विभाग सभी विधायक और सांसदों को ग्राम चयन के लिये पत्र लिखेगा।
- उन्होंने बताया कि दुग्ध के लिये सहकारिता समिति का गठन किया जाएगा तथा कोऑपरेटिव को कुल लागत में से 50 फीसदी अनुदान के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। पलामू, साहिबगंज और देवघर के सारठ में लगभग तैयार हो चुके डेयरी प्लांट को जल्द चालू किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ Switch to English
सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली संस्थाएँ पुरस्कृत
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राष्ट्रीय सहकारी सम्मेलन और राष्ट्रीय पुरस्कार वितरण समारोह में सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाली सहकारी संस्थाओं को पुरस्कृत किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने स्टेट कोऑपरेटिव बैंक केटेगरी में ओवरऑल परफॉर्मेंस के लिये तमिलनाडु स्टेट अपेक्स कोऑपरेटिव बैंक चेन्नई को प्रथम, आंध्र प्रदेश स्टेट कोऑपरेटिव बैंक विजयवाड़ा को द्वितीय और तेलंगाना स्टेट अपेक्स कोऑपरेटिव बैंक हैदराबाद को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया।
- इस अवसर पर उन्होंने आंध्र प्रदेश की अध्यक्ष एम. झांसीरानी और एमडी अपेक्स बैंक आंध्र प्रदेश डॉ. रेड्डी को विशेष पुरस्कार प्रदान किया। साथ ही छत्तीसगढ़ राज्य सहकारी बैंक के अध्यक्ष बैजनाथ चंद्राकर को सहकारिता के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान के लिये विशेष पुरस्कार से सम्मानित किया।
- इसके अलावा स्टेट कोऑपरेटिव बैंक ओवर ऑल परफॉर्मेंस अवार्ड का प्रथम पुरस्कार केरल स्टेट कोऑपरेटिव बैंक तिरुवनंतपुरम, द्वितीय पुरस्कार असम कोऑपरेटिव अपेक्स बैंक गुवाहाटी और तृतीय पुरस्कार सिक्किम स्टेट कोऑपरेटिव बैंक गंगटोक को दिया गया।
- डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक की केटेगरी में बेस्ट परफॉर्मेंस का प्रथम पुरस्कार संयुक्त रूप से करीम नगर डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव सेंट्रल बैंक तेलंगाना और कर्नाटका सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक धारवाड़, द्वितीय पुरस्कार संयुक्त रूप से अहमदाबाद डिस्ट्रिक्ट कोऑपरेटिव बैंक गुजरात और राजकोट डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक गुजरात तथा तृतीय पुरस्कार सालेम डिस्ट्रिक्ट सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक तमिलनाडु को प्रदान किया गया।
- प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव सोसायटी क्षेत्र में सुभाष यादव अवार्ड का प्रथम पुरस्कार एम.एम. 137 अलावायल प्राइमरी एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी पुडुकोट्टी तमिलनाडु को प्रदान किया गया।
- नेफस्कॉब अवार्ड प्राइमरी एग्रीकल्चर क्रेडिट सोसाइटी के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने के लिये द्वितीय पुरस्कार संयुक्त रूप से संधोल एग्री सर्विस कोऑपरेटिव सोसाइटी हिमाचल प्रदेश और तिमिरी सर्विस कोऑपरेटिव बैंक केरल तथा तृतीय पुरस्कार चोप्पाडांडी करीम नगर तेलंगाना को प्रदान किया गया।
- एग्रीकल्चर कोऑपरेटिव ट्रेनिंग सेंटर क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये प्रथम पुरस्कार हिमाचल प्रदेश, द्वितीय पुरस्कार पंजाब और तृतीय पुरस्कार तेलंगाना को प्रदान किया गया।
छत्तीसगढ़ Switch to English
छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में कमी के लिये केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने किया सम्मानित
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को विश्व मलेरिया दिवस पर केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ को मलेरिया के मामलों में गिरावट के लिये सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन तथा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला और संचालक, महामारी नियंत्रण डॉ. सुभाष मिश्रा ने नई दिल्ली में राज्य शासन की तरफ से यह सम्मान ग्रहण किया।
- मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान और मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान के असर से एपीआई दर (Annual Parasite Incidence, यानी प्रति एक हज़ार की आबादी में सालाना मिलने वाले मलेरिया के मरीज़ों की संख्या) में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वर्ष 2018 में जहाँ प्रदेश की एपीआई, 2.63 थी, वहीं 2021 में घटकर 0.92 पर पहुँच गई है।
- गौरतलब है कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग तथा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, छत्तीसगढ़ द्वारा जनवरी-फरवरी 2020 में बस्तर संभाग के सातों आकांक्षी ज़िलों में ‘मलेरिया मुक्त बस्तर अभियान’ का पहला चरण संचालित किया गया था।
- घर-घर जाकर पहले चरण में 14 लाख छह हज़ार, दूसरे चरण में 23 लाख 75 हज़ार, तीसरे चरण में 15 लाख 70 हज़ार, चौथे चरण में 19 लाख 98 हज़ार एवं पाँचवे चरण में 14 लाख 36 हज़ार लोगों की मलेरिया जाँच की गई। वर्ष 2016 में 26.78 एपीआई वाले बस्तर संभाग की एपीआई 2021 में घटकर 7.07 पर पहुँच गई है।
- बस्तर संभाग में अभियान के अच्छे असर को देखते हुए ‘मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान’ के तहत इसे प्रदेश के कुल 21 ज़िलों में विस्तारित किया गया है। अभियान के पहले, दूसरे, तीसरे, चौथे एवं पाँचवे चरण में मलेरिया पॉजिटिविटी दर क्रमश: 4.6 प्रतिशत, 1.27 प्रतिशत, 1.03 प्रतिशत, 0.56 और 0.79 प्रतिशत दर्ज की गई है। अभियान के प्रभाव से मलेरिया के मामलों में लगातार कमी आ रही है।
छत्तीसगढ़ Switch to English
स्वदेश दर्शन योजना: ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट पहला फेज पूर्ण
चर्चा में क्यों?
25 अप्रैल, 2022 को पर्यटन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत राज्य के वनांचल क्षेत्र में ‘ट्राइबल टूरिज्म सर्किट’ बनाने के प्रथम फेज का कार्य पूर्ण कर लिया गया है। इसकी लागत 94 करोड़ 23 लाख रुपए है।
प्रमुख बिंदु
- योजना के तहत जशपुर-कुनकुरी-कमलेश्वरपुर-मैनपाट-महेशपुर-कुरदर-सरोधा दादर-गंगरेल-नथियानवागाँव-कोण्डागाँव- जगदलपुर-चित्रकोट-तीरथगढ़ को ‘ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट’ बनाने के प्रथम फेस का कार्य पूर्ण हो चुका है।
- ‘स्वदेश दर्शन योजना’ के तहत ट्राइबल टूरिज़्म सर्किट के लिये चिह्नांकित जशपुर को एथनिक पर्यटन ग्राम के रूप में विकसित किया गया है। वहीं कुनकुरी में मार्ग सुविधा केंद्र, कमलेश्वपुर में इको एथनिक डेस्टीनेशन, मैनपाट में इको एथनिक डेस्टीनेशन-पर्यटन सुविधाएँ, महेशपुर में मार्ग सुविधा केंद्र तथा कुरदर में इको टूरिस्ट डेस्टीनेशन के रूप में विकसित किया गया है।
- इसी प्रकार सरोधा दादर में एथनिक पर्यटन ग्राम, गंगरेल में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन, नथियानवागाँव में मार्ग सुविधा केंद्र, कोंडागाँव में एथनिक पर्यटक ग्राम, जगदलपुर में एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (लामनी पार्क-कैफैटेरिया पार्किंग), चित्रकोट में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन और तीरथगढ़ में ईको एथनिक टूरिस्ट डेस्टीनेशन (नेचर ट्रेल, सीढ़ियाँ रेलिंग) के रूप में विकसित किया गया है।
- स्वदेश दर्शन योजना फेस-2 के अंतर्गत इको टूरिज़्म सर्किट की कार्ययोजना तैयार कर ली गई है। इस सर्किट में चिल्फी घाटी, अचानकमार-अमरकंटक घाटी एवं हसदेव बांगों डैम के सीमावर्ती क्षेत्र को शामिल किया गया है। प्रस्तावित योजना की लागत 81 करोड़ 26 लाख रुपए है।
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