उत्तर प्रदेश Switch to English
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम को असंवैधानिक घोषित किया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड अधिनियम, 2004 "असंवैधानिक" है और धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांत का उल्लंघन करता है तथा राज्य सरकार को औपचारिक स्कूली शिक्षा प्रणाली में वर्तमान छात्रों को समायोजित करने का आदेश दिया।
मुख्य बिंदु:
- याचिकाकर्त्ता ने यूपी मदरसा बोर्ड की संवैधानिकता को चुनौती दी थी साथ ही मदरसों का प्रबंधन शिक्षा विभाग के बजाय अल्पसंख्यक कल्याण विभाग द्वारा किये जाने पर भी आपत्ति जताई थी।
- याचिकाकर्त्ता और उनके वकील ने प्रस्तुत किया कि मदरसा अधिनियम धर्मनिरपेक्षता के सिद्धांतों का उल्लंघन करता है, जो संविधान की मूल संरचना है, यह 14 वर्ष की आयु/कक्षा-आठवीं तक गुणवत्तापूर्ण अनिवार्य शिक्षा प्रदान करने में विफल है जैसा कि अनुच्छेद 21-A के तहत अनिवार्य है: और मदरसों में पढ़ने वाले सभी बच्चों को सार्वभौमिक तथा गुणवत्तापूर्ण स्कूली शिक्षा प्रदान करने में विफल है।
- यूपी में लगभग 25,000 मदरसे हैं जिनमें से 16,500 को यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड द्वारा मान्यता प्राप्त है। इनमें से 560 मदरसों को सरकार से अनुदान मिलता है। इसके अलावा राज्य में 8,500 गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं।
- वर्ष 2004 में सरकार द्वारा मदरसा शिक्षा अधिनियम बनाया गया था। इसी प्रकार प्रदेश में संस्कृत शिक्षा परिषद का भी गठन किया गया है।
- दोनों बोर्ड का उद्देश्य अरबी, फारसी और संस्कृत जैसी भाषाओं को बढ़ावा देना था।
- यूपी मदरसा शिक्षा बोर्ड के अध्यक्ष के मुताबिक बोर्ड फैसले का अध्ययन करेगा और आगे की कार्रवाई तय करेगा।
यूपी मदरसा शिक्षा अधिनियम, 2004
- मदरसा शिक्षा को सुव्यवस्थित करने के लिये वर्ष 2004 में कानून बनाया गया था, इसे अरबी, उर्दू, फारसी, इस्लामी अध्ययन, तिब्ब (पारंपरिक चिकित्सा), दर्शन और अन्य निर्दिष्ट शाखाओं में शिक्षा के रूप में परिभाषित किया गया था।
- इसके बाद बोर्ड का पुनर्गठन किया गया, जिसमें एक अध्यक्ष, निदेशक, रामपुर में सरकारी संचालित ओरिएंटल कॉलेज के प्रिंसिपल, सुन्नी और शिया संप्रदायों का प्रतिनिधित्व करने वाले एक विधायक, एक NCERT प्रतिनिधि, सुन्नी एवं शिया संस्थानों के प्रमुख, शिक्षक तथा एक विज्ञान या तिब्ब शिक्षक शामिल थे।
अनुच्छेद 21 (A)
- शिक्षा का अधिकार घोषित करता है कि राज्य छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा प्रदान करेगा।
- यह प्रावधान केवल प्रारंभिक शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाता है, न कि उच्च या व्यावसायिक शिक्षा को।
- यह प्रावधान वर्ष 2002 के 86वें संवैधानिक संशोधन अधिनियम द्वारा जोड़ा गया था।
- 86वें संशोधन से पहले, संविधान के भाग IV में अनुच्छेद 45 के तहत बच्चों के लिये मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान था
राजस्थान Switch to English
सिंगापुर के राष्ट्रपति जोधपुर पहुँचे
चर्चा में क्यों?
हाल ही में सिंगापुर के राष्ट्रपति थर्मन शनमुगरत्नम राजस्थान के जोधपुर में पहुँचे। उनकी भारत यात्रा ऐसे समय में हो रही है जब विदेश मंत्री एस. जयशंकर सिंगापुर के दौरे पर हैं।
- भारतीय मूल के अर्थशास्त्री, थर्मन शनमुगरत्नम ने सितंबर 2023 में सिंगापुर के 9वें राष्ट्रपति के रूप में शपथ ली थी।
मुख्य बिंदु:
- सूत्रों के मुताबिक विदेश मंत्री ने अपने सिंगापुर दौरे की शुरुआत सुभाष चंद्र बोस और भारतीय राष्ट्रीय सेना के वीर जवानों को श्रद्धांजलि देकर की।
- उन्होंने देश की प्रमुख कॉर्पोरेट हस्तियों के साथ भी चर्चा की, जिन्होंने अपने निवेश अनुभवों से प्राप्त भारत की विकास कहानी पर सकारात्मक प्रतिक्रिया दी।
- सिंगापुर में भारतीय उच्चायोग के अनुसार, भारत और सिंगापुर के बीच संबंधों का इतिहास मज़बूत वाणिज्यिक, सांस्कृतिक एवं लोगों से लोगों के बीच संबंधों पर आधारित है। भारत वर्ष 1965 में सिंगापुर को मान्यता देने वाले पहले देशों में से एक था।
- भारत और सिंगापुर के बीच संबंध साझा मूल्यों एवं दृष्टिकोण, आर्थिक अवसरों तथा प्रमुख मुद्दों पर हितों के अभिसरण पर आधारित हैं।
- 20 से अधिक नियमित द्विपक्षीय तंत्र, संवाद और अभ्यास हैं।
- दोनों देशों के बीच विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय मुद्दों पर व्यापक अभिसरण है और दोनों देशों के बीच कई मंचों के सदस्य हैं, जिनमें G20, राष्ट्रमंडल, इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) और हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS) शामिल हैं।
इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA)
- इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन (IORA) हिंद महासागर की सीमा से लगे देशों के बीच आर्थिक सहयोग एवं क्षेत्रीय एकीकरण को बढ़ावा देने हेतु स्थापित एक अंतर-सरकारी संगठन है।
- IORA के सदस्य देश हिंद महासागर क्षेत्र (IOR) में व्यापार, निवेश तथा सतत् विकास से संबंधित विभिन्न पहलों पर कार्य करते हैं।
हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (IONS)
- ‘हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी’ (IONS) एक स्वैच्छिक और समावेशी पहल है, जो समुद्री सहयोग बढ़ाने व क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिये हिंद महासागर क्षेत्र के तटीय राज्यों की नौसेनाओं को एक साथ लाती है।
- यह प्राकृतिक आपदाओं के विरुद्ध एक प्रभावी प्रतिक्रिया तंत्र और मानवीय सहायता एवं आपदा राहत (HADR) सुनिश्चित करने का भी कार्य करती है।
बिहार Switch to English
ONGC बिहार में कुआँ खोदेगी
चर्चा में क्यों?
तेल और प्राकृतिक गैस निगम (ONGC) ने तेल एवं गैस के लिये बिहार में एक कुआँ खोदने की योजना बनाई है।
- इस व्यावसायिक खोज के चलते बिहार राज्य भारत के तेल मानचित्र पर आ जाएगा और इससे बिहार से उत्तर प्रदेश तथा पंजाब तक फैले पूरे गंगा बेसिन में खोज का मार्ग प्रशस्त होगा।
मुख्य बिंदु:
- कंपनी ने समस्तीपुर में अपने ब्लॉक हेतु 300 वर्ग किमी. के लिये 3D भूकंपीय डेटा हासिल कर लिया है और दो खोजपूर्ण कुओं को ड्रिल करने के लिये तैयार है।
- पहली ड्रिलिंग वर्ष 2024 में की जाएगी।
- इसके अलावा, तेल और गैस उत्पादक ने उत्तर प्रदेश के बलिया में गंगा बेसिन के एक अन्य ब्लॉक में एक खोजपूर्ण कुआँ खोदने की भी योजना बनाई है।
- पहले कुएँ की ड्रिलिंग का डेटा दूसरे कुएँ की ड्रिलिंग सहित बाकी अन्वेषण ब्लॉक के लिये कंपनी की योजनाओं को निर्देशित करने में सहायता करेगा।
- समस्तीपुर और बलिया में दोनों ब्लॉक कुछ वर्ष पहले चौथे ओपन एकरेज लाइसेंसिंग पॉलिसी (OALP) दौर में प्राप्त किये गए थे।
तेल एवं प्राकृतिक गैस निगम(ONGC)
- यह भारत सरकार का एक महारत्न सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम (PSU) है।
- इसकी स्थापना वर्ष 1995 में की गई थी तथा यह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय के अधीन है।
- यह भारत की सबसे बड़ी कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस कंपनी है, जो भारतीय घरेलू उत्पादन में लगभग 70% योगदान देती है।
गंगा बेसिन
- गंगा की जलधारा जिसे 'भागीरथी' कहा जाता है, गंगोत्री ग्लेशियर से पोषित होती है और उत्तराखंड के देवप्रयाग में अलकनंदा से मिलती है।
- हरिद्वार में गंगा पहाड़ों से निकलकर मैदानी इलाकों की ओर आती है।
- गंगा में हिमालय से कई सहायक नदियाँ मिलती हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख नदियाँ हैं जैसे कि यमुना, घाघरा, गंडक और कोसी।
बिहार Switch to English
बिहार दिवस 2024
चर्चा में क्यों?
बिहार डे या बिहार दिवस प्रत्येक वर्ष 22 मार्च को मनाया जाता है। यह पूरे राज्य में सार्वजनिक अवकाश है क्योंकि केंद्र और राज्य सरकार के तहत कार्यालय, संगठन, बैंक तथा शैक्षणिक संस्थान बंद हैं।
मुख्य बिंदु:
- बिहार दिवस 2024, राज्य की स्थापना के 111 वर्ष पूरे होने का प्रतीक है, जिससे बिहार के लोगों के लिये अपने इतिहास पर विचार करना और अपनी पहचान का जश्न मनाना एक महत्त्वपूर्ण उपलब्धि बन गई है।
- बिहार सरकार ने पूरे दिन को मनाने के लिये बहुसांस्कृतिक कार्यक्रमों की एक शृंखला का समन्वय किया है।
- यह उत्सव बिहार राज्य में लोगों के गौरव को बहाल करने के इरादे से आयोजित किया गया था।
- बिहार दिवस बंगाल प्रेसीडेंसी से राज्य के विकास का प्रतीक है। इस राज्य का गठन 22 मार्च, 1912 को हुआ था, जब ब्रिटिश सरकार ने बंगाल प्रांत का विभाजन किया था।
- बिहार दिवस का जश्न उल्लास और उत्साह से मनाया जाता है। यह इस तथ्य के कारण है कि यह एक अद्वितीय सांस्कृतिक विरासत वाले एक विशेष राज्य के रूप में उनके जीवन के तरीके की नींव को दर्शाता है।
- यह दिन बिहार के लोगों को अपने इतिहास, संस्कृति, परंपराओं और विरासत को दिखाने का मौका भी देता है।
- भारत के अलावा, यह संयुक्त राज्य अमेरिका, कनाडा, बहरीन, कतर, संयुक्त अरब अमीरात, जर्मनी, ब्रिटेन (स्कॉटलैंड), ऑस्ट्रेलिया, त्रिनिदाद व टोबैगो और मॉरीशस सहित देशों में मनाया जाता है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड में ग्लोबल फेस्ट में 700 से अधिक योग विशेषज्ञों ने भाग लिया
चर्चा में क्यों?
हाल ही में देश-विदेश से 700 से अधिक योग विशेषज्ञों और अभ्यासकर्त्ताओं ने उत्तराखंड के ऋषिकेश में एक सप्ताह तक चलने वाले वार्षिक अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव में भाग लिया।
मुख्य बिंदु:
- उत्तराखंड पर्यटन विकास बोर्ड द्वारा आयोजित यह महोत्सव मुनि-की-रेती में योग भारत गंगा घाट पर आयोजित किया गया था।
- राज्य सरकार भारत और विदेशों में योग के प्रति उत्साही लोगों, प्रशिक्षकों, विशेषज्ञों तथा छात्रों के लिये एक साझा मंच प्रदान करने के इरादे से अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव को बढ़ावा दे रही है। ऋषिकेश वैश्विक योग राजधानी बन गया है और यह महोत्सव इसे आगे बढ़ाने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
- राममणि अयंगर मेमोरियल योग संस्थान, ईशा फाउंडेशन, शिवानंद आश्रम, मानव धर्म आश्रम और कृष्णमाचार्य योग मंदिरम जैसे योग एवं धार्मिक संस्थानों ने भी उत्सव में भाग लिया।
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (IDY)
- यह प्रत्येक वर्ष 21 जून को मनाया जाता है। IDY का विचार भारत द्वारा वर्ष 2014 में आयोजित संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 69वें सत्र के उद्घाटन के दौरान प्रस्तावित किया गया था।
- वर्ष 2015 में नई दिल्ली के राजपथ पर पहले योग दिवस समारोह ने दो गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाए।
छत्तीसगढ़ Switch to English
आर्थिक अपराध ब्यूरो की छूट के खिलाफ छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के नियम
चर्चा में क्यों?
हाल ही में एक महत्त्वपूर्ण निर्णय में छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय ने निर्णय दिया है कि छत्तीसगढ़ राज्य आर्थिक अपराध जाँच ब्यूरो को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005 के प्रावधानों से छूट देते हुए 7 नवंबर, 2006 की अधिसूचना कथित अधिनियम की धारा 24(4) के पहले प्रावधान का खण्डन करती है।
मुख्य बिंदु:
- निर्णय के अनुसार, छत्तीसगढ़ सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना सरकार को उक्त ब्यूरो द्वारा की गई संवेदनशील और गोपनीय गतिविधियों से संबंधित जानकारी को छोड़कर, ब्यूरो से जुड़े भ्रष्टाचार के आरोपों से संबंधित जानकारी को रोकने की अनुमति नहीं दे सकती है।
- इस फैसले के आलोक में न्यायालय ने राज्य सरकार को तीन सप्ताह के भीतर स्पष्टीकरण अधिसूचना जारी करने का निर्देश दिया।
- 15 नवंबर, 2016 को RTI कार्यकर्त्ता और याचिकाकर्त्ता ने एक आवेदन दायर कर आर्थिक अपराध जाँच ब्यूरो से जानकारी मांगी थी।
- जवाब में आर्थिक अपराध विभाग ने यह कहते हुए जानकारी देने से इनकार कर दिया कि राज्य सरकार ने 7 नवंबर, 2006 को जारी अधिसूचना के जरिये एजेंसी को सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत जानकारी देने से छूट दे दी है।
- इस अधिसूचना को चुनौती देते हुए, RTI कार्यकर्त्ता ने छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की खंडपीठ के समक्ष एक याचिका दायर की, जिसमें कहा गया कि सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 की धारा 24 (4) में उल्लेख है कि किसी भी संस्थान को भ्रष्टाचार और मानवाधिकारों के उल्लंघन से संबंधित जानकारी प्रदान करने से छूट नहीं दी जा सकती है।
सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम, 2005
- सूचना का अधिकार अधिनियम एक विधायी ढाँचा है जो भारतीय नागरिकों को सार्वजनिक अधिकारियों के पास उपलब्ध जानकारी को प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करता है। वर्ष 2005 में अधिनियमित इस अधिनियम का उद्देश्य सरकारी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, जवाबदेही और भागीदारी को बढ़ावा देना है।
- इसने सूचना की स्वतंत्रता अधिनियम 2002 को प्रतिस्थापित किया है।
- RTI अधिनियम की धारा 22 के अनुसार, इस अधिनियम के प्रावधान वर्ष 1923 के आधिकारिक गोपनीयता अधिनियम, मौजूदा कानूनों अथवा इस अधिनियम के अलावा अन्य कानूनों के माध्यम से स्थापित किसी भी समझौते के साथ किसी भी विरोधाभास के बावजूद प्रभावी होंगे।
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