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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Mar 2022
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शैक्षिक छात्रवृत्ति अभियान

चर्चा में क्यों?

25 मार्च, 2022 को छत्तीसगढ़ के नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री डॉ. शिव कुमार डहरिया ने छत्तीसगढ़ श्रम कल्याण बोर्ड की शैक्षिक छात्रवृत्ति योजना के तहत शैक्षिक छात्रवृत्ति अभियान का शुभारंभ किया। 

प्रमुख बिंदु 

  • मंत्री डहरिया ने वर्ष 2021-22 के लिये प्रदेश के विभिन्न ज़िलों के 1,682 मज़दूरों के बच्चों को 42,33,500 रुपए की छात्रवृत्ति चेक और आरटीजीएस के माध्यम से वितरित की।
  • मंत्री ने कहा कि शैक्षिक छात्रवृत्ति योजना के तहत श्रम 9 विभाग के अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि पंजीकृत श्रमिकों के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज जाने वाले बच्चे तक इसका लाभ पहुँचे।
  • श्रम कल्याण बोर्ड ने कहा कि कक्षा एक से आठ तक पढ़ने वाले मज़दूरों के बच्चों को सालाना 1,500 रुपए मिलेंगे, जबकि नौवीं से बारहवीं कक्षा के छात्रों को 3,000 रुपए प्रति वर्ष दिये जाएंगे।
  • स्नातक स्तर पर छात्रों को प्रतिवर्ष 5,000 रुपए और दिये जाएंगे, जबकि स्नातक स्तर पर इंजीनियरिंग, मेडिकल और अन्य छात्रों को प्रति वर्ष 8,000 रुपए और स्नातकोत्तर छात्रों को 10,000 रुपए दिये जाएंगे।

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आईसीएच वायरस

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ के बिलासपुर ज़िले के कानन पेंडारी जूलॉजिकल पार्क में तीन भालुओं की इनफेक्शियस कैनाइन हेपेटाइटिस (आईसीएच) वायरस से मौत हो गई, जिससे जू के 632 अन्य वन्य जीवों पर आईसीएच का खतरा मँडरा रहा है।

प्रमुख बिंदु 

  • जू प्रबंधन ने बताया कि आईसीएच संक्रमण के कारण बीते 26 दिनों में दो नर भालुओं तथा एक मादा भालू कविता की मौत हो गई है। कविता उन दो मृत भालुओं के संपर्क में थी, जिनकी पहले मौत हो चुकी थी। 
  • कानन पेंडारी के डीएफओ विष्णु नायर ने बताया कि भालुओं में आईसीएच का संक्रमण कहाँ से फैला, यह नहीं कहा जा सकता। ये केवल कैनाइन प्रजाति के जीवों में ही फैलता है। अन्य जीवों में वायरस का संक्रमण नहीं दिखा है। 
  • उत्तर प्रदेश के आगरा स्थित वन्य जीव विशेषज्ञ व भालू रेस्क्यू सेंटर के डॉ. ईलाईराजा ने बताया कि ये इनफेक्शियस कैनाइन हेपेटाइटिस के लक्षण हो सकते हैं। यह एक विषाणु जनित बीमारी है। एक बार यह संक्रमण होने पर उसका इलाज नहीं है। भालुओं को केवल कोरोना की तरह आइसोलेशन में रखकर ही बचाव कर सकते हैं।

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