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राज्य बजट 2022-23 में पर्यटन को मिला उद्योग का दर्जा
चर्चा में क्यों?
23 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पेश किये गए राज्य बजट 2022-23 में पर्यटन क्षेत्र को बढ़ावा और संबल प्रदान करने के लिये पर्यटन को उद्योग का दर्जा देने की घोषणा की गई है।
प्रमुख बिंदु
- राज्य बजट 2022-23 में प्रदेश वासियों की जरूरतों को पूरा करने और प्रत्येक वर्ग के कल्याण के लिये कई घोषणाएँ की गई हैं। सभी घोषणाओं को क्रियान्वित करने के लिये आवश्यक प्रावधान भी किये गए हैं।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा देश और प्रदेश के इतिहास में पहली बार कृषि बजट पेश किया गया है।
- राज्य के पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों के हित में बड़ा फैसला करते हुए 1 जनवरी, 2004 एवं इसके पश्चात् नियुक्त कार्मिकों के लिये पहले की तरह पुरानी पेंशन की घोषणा की गई है।
- पर्यटन संबधी कार्यों को गति देने के लिये पर्यटन विकास कोष की राशि को 500 करोड़ रुपए से 1000 करोड़ रुपए किया गया है। इससे पर्यटन को प्रोत्साहन मिलेगा।
- बजट में साहसिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ‘साहसिक पर्यटन प्रोत्साहन योजना’, पर्यटकों को सुविधा उपलब्ध कराने के लिये 10 करोड़ रुपए की लागत से एकीकृत आनलाइन बुकिंग पोर्टल और मोबाइल एप सहित पर्यटकों की सहायता व सुरक्षा के लिये 500 पर्यटक मित्रों की भर्ती करने का प्रावधान किया गया है।
- पर्यटन मंत्री ने कहा कि डूँगरपुर व बाँसवाड़ा क्षेत्र और वहाँ के आस-पास के धार्मिक स्थलों में पर्यटन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ‘वागड़ टूरिस्ट सर्किट’को विकसित किया जाएगा, साथ ही गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बाँसवाड़ा में 10 करोड़ रुपए की लागत से वैदिक गुरुकुल बनाया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि लोक कलाकारों को दिये जाने वाले मानदेय व अन्य भत्तों में 25 प्रतिशत तक की वृद्धि की जाएगी। इससे कलाकारों की आर्थिक स्थिति में सुधार के साथ ही उन्हें आर्थिक संबल भी मिलेगा।
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