राज्य के 100 एपीएचसी बनेंगे मॉडल अस्पताल | बिहार | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बेहतर बनाने की दिशा में पहल करते हुए 100 अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों (एपीएचसी) को मॉडल अस्पताल बनाने का निर्णय लिया है।
प्रमुख बिंदु
- वित्तीय वर्ष 2022-23 में 100 एपीएचसी को मॉडल अस्पताल बनाए जाने से वहाँ गंभीर बीमारियों की जाँच व सभी बीमारियों के प्रारंभिक इलाज की सुविधा लोगों को प्राप्त होगी।
- इन 100 एपीएचसी में आधारभूत संरचना को मज़बूत करने, आवश्यकतानुसार कमरों के निर्माण, जाँच उपकरण इत्यादि के इंतजाम राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत किये जाएंगे।
- राज्य स्वास्थ्य समिति ने केंद्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण मंत्रालय, भारत सरकार के समक्ष वर्ष 2022-23 के लिये प्रस्तावित योजना बजट प्रस्ताव के तहत एपीएचसी को मॉडल अस्पताल के रूप में विकसित करने की आवश्यकता जताई है। केंद्र सरकार द्वारा इस प्रस्ताव को मंज़ूरी दिये जाने व राशि आवंटित किये जाने के बाद क्रियान्वयन शुरू होगा।
- स्वास्थ्य उपकेंद्रों व एपीएचसी को उत्क्रमित कर हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के रूप में परिवर्तित किया जा रहा है। वहीं, मॉडल एपीएचसी में आधारभूत संरचना को मज़बूत कर वहाँ मरीज़ों को प्रारंभिक इलाज की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
- एपीएचसी में एक चिकित्सक, दो एएनएम की तैनाती की जाएगी। इसके साथ ही गैर-संचारी रोगों, मधुमेह, रक्तचाप व अन्य बीमारियों की जाँच से जुड़ी सभी सुविधाएँ, टीकाकरण की सुविधा सहित टेलिमेडिसिन की सुविधाएँ भी इन अस्पतालों में उपलब्ध कराई जाएंगी।
- इसके अलावा गर्भावस्था एवं शिशु जन्म देखभाल, नवजात एवं शिशु स्वास्थ्य देखभाल, बाल एवं किशोरावस्था स्वास्थ्य देखभाल, परिवार नियोजन, गर्भनिरोधक सेवाएँ, संचारी रोग प्रबंधन, गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग एवं रेफरल व फॉलोअप की व्यवस्था के साथ अन्य सुविधाएँ भी मिलेंगी।
बिहार आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 | बिहार | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
25 फरवरी, 2022 को बिहार के उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद ने बिहार विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन सदन के पटल पर राज्य का 16वाँ आर्थिक सर्वेक्षण 2021-22 पेश किया।
प्रमुख बिंदु
- आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार बिहार के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में 2020-21 में 2.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई और कोविड-19 महामारी की रोकथाम के लिये लगाए गए ‘लॉकडाउन’के प्रभाव के बावजूद वृद्धि दर राष्ट्रीय औसत से बेहतर है।
- सर्वेक्षण के अनुसार मौजूदा बाज़ार मूल्य पर 2020-21 के दौरान भारत के 86,659 रुपए प्रति व्यक्ति आय की तुलना में बिहार में प्रति व्यक्ति आय 50,555 रुपए रही।
- पिछले पाँच वर्षों 2016-17 से 2020-21 के दौरान बिहार में प्राथमिक क्षेत्र में 2.3 प्रतिशत, द्वितीयक क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत और तृतीयक क्षेत्र में 8.5 प्रतिशत की उच्चतम दर से वृद्धि हुई।
- राज्य में पिछले पाँच वर्षों 2016-17 से 2020-21 के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 2.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है।
- 2020-21 में राज्य सरकार का कुल खर्च पिछले वर्ष की तुलना में 13.4 प्रतिशत बढ़कर 1,65,696 करोड़ रुपए पहुँच गया, जिसमें 26,203 करोड़ रुपए पूंजीगत व्यय और 1,39,493 करोड़ रुपए राजस्व व्यय शामिल है।
- पिछले पाँच वर्षों के दौरान कृषि और संबद्ध क्षेत्रों में 2.1 प्रतिशत की दर से वृद्धि हुई है। पशुधन और मत्स्य पालन की वृद्धि दर क्रमश: 10 प्रतिशत एवं 7 प्रतिशत रही।
- पिछले दस वर्ष में राज्य का शहरीकरण काफी तेज़ी से बढ़ा है। वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बिहार में शहरीकरण का स्तर महज़ 11.3 प्रतिशत था, जो वर्तमान में 15.3 प्रतिशत हो गया है।
- वर्ष 2011 में देश की कुल शहरी आबादी का सिर्फ 3.1 प्रतिशत हिस्सा बिहार में था। राज्य सरकार ने उम्मीद जताई है कि उच्च दर से बढ़ रही शहरी अर्थव्यवस्था को देखते हुए अगले दशक में बिहार में शहरीकरण का स्तर काफी ऊँचा होगा।
- सर्वेक्षण में बिहार के ज़िलों के बीच आर्थिक असमानता की तरह शहरीकरण में भी काफी असमानता बताई गई है। पटना ज़िले में शहरीकरण का स्तर सर्वाधिक (44.3 प्रतिशत) है, इसके अतिरिक्त सिर्फ दो ज़िलों- मुंगेर (28.3 प्रतिशत) और नालंदा (26.2 प्रतिशत) में ही शहरीकरण का प्रतिशत 25 से अधिक है।
- वर्ष 2019-20 के आँकड़ों के मुताबिक प्रति व्यक्ति आय के मामले में पटना ज़िला 131.1 हज़ार रुपए के साथ सबसे ऊपर है। वहीं दूसरे नंबर पर बेगूसराय ज़िला है, जिसकी प्रति व्यक्ति आय 51.4 हज़ार रुपए है। प्रति व्यक्ति आय के मामले में इनके बाद मुंगेर (44.3 हज़ार), भागलपुर (41.8 हज़ार), रोहतास (35.8 हज़ार), मुज़फ्फरपुर (34.8 हज़ार), औरंगाबाद (32 हज़ार), गया (31.9 हज़ार), भोजपुर (31.6 हज़ार) और वैशाली (30.9 हज़ार रुपए) हैं।
- कम प्रति व्यक्ति आय वाले ज़िलों में शिवहर (19.6 हज़ार रुपए), अररिया (20.6 हज़ार), सीतामढ़ी (22.1 हज़ार), पूर्वी चंपारण (22.3 हज़ार), मधुबनी (22.6 हज़ार), सुपौल (22.9 हज़ार), किशनगंज (23.2 हज़ार) व नवादा (23.4 हज़ार रुपए) शामिल हैं।
‘हमारे शिक्षक हमारे प्रेरणास्रोत’ पुस्तिका का लोकार्पण | मध्य प्रदेश | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
25 फरवरी, 2022 को मध्य प्रदेश के राज्य शिक्षा केंद्र के संचालक धनराजू एस ने संस्था ‘पीपल’के सहयोग से तैयार की गई पुस्तिका ‘हमारे शिक्षक हमारे प्रेरणास्रोत’के तीसरे और चौथे संस्करण का वर्चुअल लोकार्पण केंद्र के एडुसेट वीडियो कान्फ्रेंसिंग कक्ष से किया।
प्रमुख बिंदु
- दीक्षा पोर्टल पर उपलब्ध प्रशिक्षण कार्यक्रमों पर आधारित शिक्षकों को प्राप्त नवीन शैक्षिक जानकारियों, अकादमिक अनुभवों और विचारों को अन्य शिक्षकों से साझा करने एवं उनके प्रयासों को प्रेरित करने के लिये राज्य शिक्षा केंद्र के द्वारा सहयोगी संस्था ‘पीपल’के सहयोग से यह पुस्तिका तैयार की गई है।
- ‘हमारे शिक्षक हमारे प्रेरणास्रोत’बुकलेट के अंतर्गत वर्तमान में 4 संस्करण तैयार किये गए हैं, जिनमें प्रदेश के 235 शिक्षकों के विचारों, अकादमिक प्रयासों को संकलित किया गया है।
- स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा शिक्षकों के व्यावसायिक उन्नयन के दृष्टिगत सी. एम. राइज शिक्षक व्यावसायिक उन्नयन कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। कार्यक्रम के एक महत्त्वपूर्ण घटक में शिक्षकों के ज्ञान, कौशल एवं अभिवृत्तियों को सतत् रूप से सुदृढ़ बनाने के लिये भारत सरकार के दीक्षा पोर्टल पर कुल 49 गुणवत्तापूर्ण डिजिटल प्रशिक्षण संचालित किये गए हैं।
- यह शिक्षकों को डिजिटल माध्यमों से उनकी गति के अनुसार रोचक और आनंदमय तरीके से सीखने-सिखाने की विधियों तथा विषयवार कठिन अवधारणाओं पर प्रशिक्षण प्रदान करता है।
प्रदेश के 100 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले 31 नागरिक अस्पतालों में मुहैया होगी केटरिंग सेवा | हरियाणा | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
24 फरवरी, 2022 को हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को राज्य के 100 बिस्तर से अधिक क्षमता वाले 31 नागरिक अस्पतालों में केटरिंग की सेवा उपलब्ध कराने के निर्देश दिये, ताकि मरीज़ों को अस्पतालों में ही भोजन मुहैया हो सके।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में स्वास्थ्य मंत्री ने अधिकारियों को राज्य के नागरिक अस्पतालों में प्राईवेट कमरों की संख्या बढ़ाने और स्वास्थ्य विभाग के पैरामेडिकल स्टाफ व डॉक्टरों को विभिन्न प्रकार का प्रशिक्षण देने की व्यवस्था करने के भी निर्देश दिये।
- स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा के नागरिक अस्पतालों को एयरकंडीशन बनाने का प्रयास जारी है तथा अस्पतालों में ऑक्सीजनयुक्त बिस्तरों की संख्या को बढ़ाने के लिये अधिकारियों को निर्देश दिये गए हैं।
- गुरुग्राम, हिसार व करनाल में अत्याधुनिक तकनीक से लैस नागरिक अस्पतालों को तैयार किया जाएगा, जिस पर कार्यवाही जारी है।
- प्रदेश के किसी भी नागरिक को उपचार के लिये राज्य से बाहर न जाना पडे़, इसके लिये प्रदेश में उच्च गुणवत्तापरक स्वास्थ्य सुविधाएँ नागरिकों को उपलब्ध कराई जाएंगी।
मुख्यमंत्री ने हरियाणा संस्कृत अकादमी और पंजाबी साहित्य अकादमी की वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किये | हरियाणा | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
24 फरवरी, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने टैगोर थियेटर में हरियाणा साहित्य पर्व के अवसर पर हरियाणा संस्कृत अकादमी और पंजाबी साहित्य अकादमी की वेबसाइट व मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किये।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत, हिन्दी, पंजाबी व उर्दू भाषा के 138 साहित्यकारों को सम्मानित किया। ये सम्मान हरियाणा संस्कृत अकादमी, हरियाणा ग्रंथ अकादमी, हरियाणा पंजाबी साहित्य अकादमी, हरियाणा उर्दू अकादमी के अंतर्गत दिये गए। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री चारों अकादमियों के अध्यक्ष हैं।
- आजीवन साहित्य साधना सम्मान वर्ष 2017 के लिये डॉ. कमल किशोर गोयनका व वर्ष 2018 के लिये डॉ. सुरेश गौतम, 2019 के लिये माधव कौशिक और 2020 के लिये ज्ञानप्रकाश विवेक को 7-7 लाख रुपए की पुरस्कार राशि व प्रशस्ति-पत्र दिया गया।
- फख्रे हरियाणा सम्मान वर्ष 2019 के लिये डॉ. हिम्मत सिंह सिन्हा नाजिम, वर्ष 2020 के लिये डॉ. कुमार पानीपती को 5-5 लाख रुपए की राशि व प्रशस्ति-पत्र दिया गया।
- इसी प्रकार महाकवि सूरदास आजीवन साहित्य सम्मान वर्ष 2017 के लिये डॉ. पूर्णचंद शर्मा, 2018 के लिये मधुकांत, डॉ. संतराम देशवाल, वर्ष 2019 के लिये डॉ. सुदर्शन रत्नाकर व श्रीमती चंद्रकांता, वर्ष 2020 के लिये डॉ. सुभाष रस्तोगी को 5-5 लाख रुपए की राशि व प्रशस्ति-पत्र दिये गए।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी भाषाओं के साहित्यकार समान होते हैं, ऐसे में सरकार द्वारा दी जाने वाली पुरस्कार राशि भी समान होनी चाहिये।
- उन्होंने कहा कि हरियाणा की साहित्य अकादमियों की पुरस्कार राशि को लेकर एक समान फॉर्मूला बनाया जाए। अभी तक हरियाणा की चारों साहित्य अकादमियाँ साहित्य के क्षेत्र में अलग-अलग पुरस्कार राशि दे रही हैं।
प्रदेश के हर गाँव व शहर में लगाए जाएंगे ‘माइक्रो एटीएम’ | हरियाणा | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
24 फरवरी, 2022 को हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश के करीब 9,500 डिपो में ‘माइक्रो एटीएम’लगाएगी, ताकि गाँव के लोग भी आवश्यकता अनुसार अपने नज़दीक ही पैसे जमा कर सकें व निकाल सकें। यही नहीं वे बैंक में अपने बैलेंस को भी इसी ‘माइक्रो एटीएम’के माध्यम से चेक कर सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- दुष्यंत चौटाला ने यह जानकारी खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद दी।
- उपमुख्यमंत्री, जिनके पास खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोत्ता मामले विभाग का प्रभार भी है, ने बताया कि राज्य सरकार का प्रयास है कि प्रदेश में ऐसी व्यवस्था की जाए, जिससे राशन डिपो के माध्यम से राशन लेने वाले गरीब व्यक्ति ‘पीओएस’(पॉइंट ऑफ सेल) मशीन के माध्यम से ही अपने राशन की पेमेंट अदा करके एटीएम की तरह अतिरिक्त पैसे भी निकलवा सकें।
- उन्होंने बताया कि प्रथम चरण में गुरुग्राम, फरीदाबाद, हिसार, करनाल तथा पंचकूला में पायलट तौर पर डिपो पर ‘माइक्रो एटीएम’लगाई जाएंगी, जिससे राशन कार्ड होल्डरों के अलावा आस-पास के अन्य लोग पैसे निकलवा सकेंगे तथा जमा करवा सकेंगे।
- राज्य सरकार के इस कदम से जहाँ लोगों को सुविधा मिलेगी, वहीं डिपो-होल्डरों को भी बैंक की सहायता करने की एवज में कमीशन मिलेगा, जिससे उनकी आमदनी बढ़ेगी।
- दुष्यंत चौटाला ने कहा कि खाद्य नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के राज्य में करीब 9,500 डिपो हैं, जिनके माध्यम से बीपीएल परिवारों को सस्ती दरों पर राशन उपलब्ध करवाया जाता है।
- पारदर्शिता लाने के लिये गरीबों के हित में राज्य सरकार ने ‘पीओएस’मशीन के माध्यम से पहले राशन वितरण का कार्य शुरू किया था, अब इन्हीं डिपों के माध्यम से ‘माइक्रो एटीएम’ लगाकर लोगों को पैसे के लेन-देन की स्थानीय स्तर पर सुविधा दी जाएगी। डिपो-होल्डरों को पहले उक्त मशीनें चलाने का प्रशिक्षण दिया जाएगा।
राज्य में खुला पहला जैविक उत्पाद विपणन केंद्र | झारखंड | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
25 फरवरी, 2022 को झारखंड के कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख ने कृषि भवन में राज्य के पहले जैविक उत्पाद विपणन केंद्र का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मंत्री बादल पत्रलेख ने कहा कि राज्य में ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के लिये राज्य के सभी ज़िलों में अटेसटेशन सेंटर के साथ-साथ ऑर्गेनिक उत्पादों को सर्टिफिकेट देने के लिये एक लैब की भी स्थापना की जाएगी।
- राज्य के 58 लाख बिरसा किसानों को जैविक कृषि से जोड़ा जाएगा। जल्द ही इन किसानों को यूनिक कार्ड भी दिया जाएगा।
- मंत्री बादल ने कहा कि कई ऐसे जैविक उत्पाद हैं, जिन्हें अगर सर्टिफिकेट मिल जाए तो उन्हें बाज़ार में अच्छी कीमत मिलेगी और किसानों की आय में भी बढ़ोतरी होगी।
- राज्य में विषैले रसायन मुक्त विशुद्ध पद्धति से उगाए गए कृषि उत्पादों की बहुत मांग है। राज्य के जैविक उत्पादों को बढ़ावा देने के लिये जैविक उत्पाद विपणन केंद्र मील का पत्थर साबित होगा, जहाँ से जैविक विधि द्वारा उपजाई गई प्रमाणीकृत सब्जियाँ, दलहन, तिलहन और मसालों आदि का विक्रय किया जा सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि राज्य में परंपरागत कृषि विकास योजना के अंतर्गत अनगड़ा प्रखंड में ओफाज एवं भारत सरकार के एसएफएसी के सहयोग से जैविक एफपीओ नीम फूल फार्मर प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड का गठन किया गया है।
मुख्यमंत्री ने तिफरा फ्लाईओवर ब्रिज का किया लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
25 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य करमा की रंगारंग प्रस्तुति के बीच प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में 107 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित तिफरा फ्लाईओवर ब्रिज का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- बिलासपुर-रायपुर रोड स्थित तिफरा में नए फ्लाईओवर ब्रिज के बन जाने से महाराणा प्रताप चौक और तिफरा छोर में जाम से मुक्ति मिल जाएगी। रायपुर मार्ग को बिलासपुर शहर से जोड़ने वाले इस ब्रिज से शहरवासियों के साथ-साथ उन तमाम राहगीरों को भी राहत मिलेगी, जो एन.एच. 130 का उपयोग आवागमन के लिये करते हैं।
- तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक 1620 मीटर की लंबाई में तिफरा फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया गया है।
- इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बिलासपुर को व्यापार विहार स्मार्ट रोड और प्लेनेटोरियम की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के लालबहादुर शास्त्री मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर शहर और बिलासपुर ज़िले के लिये लगभग 353 करोड़ 56 लाख रुपए की लागत के 97 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया।
- बिलासपुर शहर में महाराणा प्रताप चौक से तारबाहर चौक तक बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 26 करोड़ 83 लाख रुपए की लागत से व्यवस्थित और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्मार्ट रोड का निर्माण किया गया है।
- संभाग के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र होने की वजह से इस मार्ग में भारी वाहनों का आवागमन हमेशा लगा रहता है, लेकिन पूर्व में इस मार्ग के अव्यवस्थित होने की वजह से हमेशा ट्रैफिक और जाम की समस्या बनी रहती थी। फोरलेन स्मार्ट रोड बन जाने से व्यापार विहार में व्यापारिक परिवहन सहज और सुगम होगा।
- बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा साढ़े तीन एकड़ में 6 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम का निर्माण किया गया है। इस प्लेनेटोरियम में शहरवासियों को दिन में ही आकाशीय नज़ारे के अवलोकन के साथ-साथ विज्ञान तथा खगोलशास्त्र के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलेगी।
- दो सौ लोगों की बैठक क्षमता वाले इस प्लेनेटोरियम में आगंतुकों के लिये फोर के सिंगल टेक्नोलॉजी का प्रोजेक्टर लगाया गया है, इसके अलावा प्लेनेटोरियम परिसर में ऑक्सीजोन का भी निर्माण किया गया है। प्लेनेटोरियम पहुँचने वाले आगंतु को की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पहुँच मार्ग का भी निर्माण किया गया है।
अब छत्तीसगढ़ में कृषि में गोमूत्र का होगा वैज्ञानिक उपयोग | छत्तीसगढ़ | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
25 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के मुख्य सचिव को ऑर्गेनिक एवं रिजेनरेटिव खेती की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा कर गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।
- राज्य में वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट का खेती में बड़े पैमाने पर उपयोग एवं इसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए गोमूत्र को रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिटेी की उर्वराशक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जन-सामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य के गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजेनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है।
- इसी तरह कृषि में ज़हरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में ‘गोमूत्र’के उपयोग की अपार संभावनाएँ हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद हैं।
- उन्होंने कहा कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिये।
छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग का आईसीसीआर के साथ एमओयू | छत्तीसगढ़ | 26 Feb 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के साथ एमओयू किया है। एमओयू के बाद अब देश और दुनिया में होने वाले कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ी कलाकारों को भी प्रस्तुति का मौका दिया जाएगा, जो देश और दुनिया के साथ राज्य का सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण होगा।
प्रमुख बिंदु
- इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस संस्था भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का उपक्रम है। ये संस्था विश्व स्तर पर भारत की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये काम करती है। इसके तहत विश्व के अन्य देशों में कला, संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम कराए जाते हैं।
- छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि विदेश से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिये कोई भी जानकारी अब राज्य को भी सूचित की जाएगी।
- संस्कृति विभाग द्वारा राज्य के कलाकारों को प्रस्तुति के लिये भेजा जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ के कलाकारों को विदेश में प्रस्तुति देने का महत्त्वपूर्ण मौका मिलेगा, साथ ही हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनिया देख सकेगी। इसके माध्यम से राज्य के कलाकारों को विदेशी कल्चर जानने का भी अवसर मिलेगा।
- उल्लेखनीय है कि संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में अब तक राज्य के 2 हज़ार 25 कलाकार और 443 कला दल रजिस्टर्ड हैं।