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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 26 Feb 2022
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मुख्यमंत्री ने तिफरा फ्लाईओवर ब्रिज का किया लोकार्पण

 चर्चा में क्यों?

25 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छत्तीसगढ़ी लोक नृत्य करमा की रंगारंग प्रस्तुति के बीच प्रदेश की न्यायधानी बिलासपुर में 107 करोड़ रुपए से अधिक की लागत से निर्मित तिफरा फ्लाईओवर ब्रिज का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • बिलासपुर-रायपुर रोड स्थित तिफरा में नए फ्लाईओवर ब्रिज के बन जाने से महाराणा प्रताप चौक और तिफरा छोर में जाम से मुक्ति मिल जाएगी। रायपुर मार्ग को बिलासपुर शहर से जोड़ने वाले इस ब्रिज से शहरवासियों के साथ-साथ उन तमाम राहगीरों को भी राहत मिलेगी, जो एन.एच. 130 का उपयोग आवागमन के लिये करते हैं। 
  • तिफरा छोर से स्वर्गीय जमुना प्रसाद वर्मा कॉलेज तक 1620 मीटर की लंबाई में तिफरा फ्लाईओवर ब्रिज का निर्माण नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग द्वारा किया गया है।
  • इसके अलावा मुख्यमंत्री ने बिलासपुर को व्यापार विहार स्मार्ट रोड और प्लेनेटोरियम की सौगात दी। मुख्यमंत्री ने बिलासपुर के लालबहादुर शास्त्री मैदान में आयोजित कार्यक्रम में बिलासपुर शहर और बिलासपुर ज़िले के लिये लगभग 353 करोड़ 56 लाख रुपए की लागत के 97 विकास कार्यों का भूमिपूजन और लोकार्पण किया। 
  • बिलासपुर शहर में महाराणा प्रताप चौक से तारबाहर चौक तक बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा लगभग 26 करोड़ 83 लाख रुपए की लागत से व्यवस्थित और आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित स्मार्ट रोड का निर्माण किया गया है। 
  • संभाग के सबसे बड़े व्यापारिक केंद्र होने की वजह से इस मार्ग में भारी वाहनों का आवागमन हमेशा लगा रहता है, लेकिन पूर्व में इस मार्ग के अव्यवस्थित होने की वजह से हमेशा ट्रैफिक और जाम की समस्या बनी रहती थी। फोरलेन स्मार्ट रोड बन जाने से व्यापार विहार में व्यापारिक परिवहन सहज और सुगम होगा।  
  • बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा साढ़े तीन एकड़ में 6 करोड़ 77 लाख रुपए की लागत से डॉ.एपीजे अब्दुल कलाम प्लेनेटोरियम का निर्माण किया गया है। इस प्लेनेटोरियम में शहरवासियों को दिन में ही आकाशीय नज़ारे के अवलोकन के साथ-साथ विज्ञान तथा खगोलशास्त्र के बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी मिलेगी। 
  • दो सौ लोगों की बैठक क्षमता वाले इस प्लेनेटोरियम में आगंतुकों के लिये फोर के सिंगल टेक्नोलॉजी का प्रोजेक्टर लगाया गया है, इसके अलावा प्लेनेटोरियम परिसर में ऑक्सीजोन का भी निर्माण किया गया है। प्लेनेटोरियम पहुँचने वाले आगंतु को की सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए बिलासपुर स्मार्ट सिटी लिमिटेड द्वारा पहुँच मार्ग का भी निर्माण किया गया है। 

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अब छत्तीसगढ़ में कृषि में गोमूत्र का होगा वैज्ञानिक उपयोग

 चर्चा में क्यों

25 फरवरी, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के मुख्य सचिव को ऑर्गेनिक एवं रिजेनरेटिव खेती की ओर तेज़ी से आगे बढ़ रहे छत्तीसगढ़ में कृषि के क्षेत्र में गोमूत्र के वैज्ञानिक एवं व्यवस्थित उपयोग की कार्ययोजना तैयार करने के निर्देश दिये।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने मुख्य सचिव को कृषि वैज्ञानिकों, गोमूत्र का रासायनिक खादों एवं कीटनाशकों के बदले उपयोग करने वाले कृषकों तथा कामधेनु विश्वविद्यालय के विशेषज्ञों से चर्चा कर गोमूत्र के वैज्ञानिक उपयोग की संभावनाओं के संबंध में कार्ययोजना तैयार कर दो सप्ताह में प्रस्तुत करने को कहा है।
  • राज्य में वर्मी कंपोस्ट और सुपर कंपोस्ट का खेती में बड़े पैमाने पर उपयोग एवं इसके सकारात्मक परिणामों को देखते हुए गोमूत्र को रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रासायनिक खादों एवं विषैले कीटनाशकों के निरंतर प्रयोग से मिटेी की उर्वराशक्ति निरंतर कम होती जा रही है। खेती में रसायनों के अत्यधिक उपयोग से जन-सामान्य के स्वास्थ्य पर भी विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। राज्य के गोठानों में निर्मित वर्मी कम्पोस्ट एवं सुपर कम्पोस्ट का उपयोग आरंभ करने के सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं और छत्तीसगढ़ ऑर्गेनिक एवं रिजेनरेटिव खेती की ओर आगे बढ़ रहा है। 
  • इसी तरह कृषि में ज़हरीले रसायनों के उपयोग के विकल्प के रूप में ‘गोमूत्र’के उपयोग की अपार संभावनाएँ हैं। राज्य के ही कुछ स्थानों में गोमूत्र के सफलतापूर्वक उपयोग के उदाहरण मौजूद हैं। 
  • उन्होंने कहा कि गोमूत्र के उपयोग को बड़े पैमाने पर बढ़ावा देने के पूर्व इस दिशा में अब तक देश में हुए शोध का संकलन भी किया जाना चाहिये।

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छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग का आईसीसीआर के साथ एमओयू

चर्चा में क्यों?

हाल ही में छत्तीसगढ़ के संस्कृति विभाग ने भारतीय सांस्कृतिक संबंध परिषद (आईसीसीआर) के साथ एमओयू किया है। एमओयू के बाद अब देश और दुनिया में होने वाले कार्यक्रमों में छत्तीसगढ़ी कलाकारों को भी प्रस्तुति का मौका दिया जाएगा, जो देश और दुनिया के साथ राज्य का सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने में महत्त्वपूर्ण होगा।

प्रमुख बिंदु 

  • इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस संस्था भारत सरकार के विदेश मंत्रालय का उपक्रम है। ये संस्था विश्व स्तर पर भारत की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये काम करती है। इसके तहत विश्व के अन्य देशों में कला, संस्कृति से जुड़े कार्यक्रम कराए जाते हैं। 
  • छत्तीसगढ़ संस्कृति विभाग के संचालक विवेक आचार्य ने बताया कि विदेश से सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति के लिये कोई भी जानकारी अब राज्य को भी सूचित की जाएगी। 
  • संस्कृति विभाग द्वारा राज्य के कलाकारों को प्रस्तुति के लिये भेजा जाएगा। इससे छत्तीसगढ़ के कलाकारों को विदेश में प्रस्तुति देने का महत्त्वपूर्ण मौका मिलेगा, साथ ही हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दुनिया देख सकेगी। इसके माध्यम से राज्य के कलाकारों को विदेशी कल्चर जानने का भी अवसर मिलेगा।
  • उल्लेखनीय है कि संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में अब तक राज्य के 2 हज़ार 25 कलाकार और 443 कला दल रजिस्टर्ड हैं।

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