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मध्य प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Jan 2022
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बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा

चर्चा में क्यों?

24 जनवरी, 2022 को संस्कृति विभाग की संस्कृति परिषद के अंतर्गत साहित्य अकादमी द्वारा प्रदेश की 6 बोलियों के कैलेंडर वर्ष 2018 एवं 2019 के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा की गई।

प्रमुख बिंदु

  • साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने बताया कि यह पुरस्कार मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी बोली में रचित रचनाओं के लिये दिये जाते हैं। 
  • भीली और गोंडी बोली के पुरस्कार के लिये कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं होने से शेष बची 4 बोलियों में यह पुरस्कार प्रदान किये गए हैं। साहित्यिक कृति पुरस्कार में सम्मानस्वरूप 51 हजार रुपए की राशि दी जाती है।
  • साहित्यिक कृति पुरस्कारों में वर्ष 2018 के लिये मालवी में ‘संत पीपा’ स्मृति पुरस्कार इंदौर की हेमलता शर्मा को कृति ‘मालवी डबल्यो’ के लिये, निमाड़ी में ‘संत सिंगाजी’ स्मृति पुरस्कार बड़वानी के प्रमोद त्रिवेदी ‘पुष्प’ को ‘तमक कइ करनुज’ के लिये, बघेली में ‘विश्वनाथ सिंह जूदेव’ स्मृति पुरस्कार सतना के अनूप अशेष को ‘बानी आदिम’ के लिये, बुंदेली में ‘छत्रसाल’ स्मृति पुरस्कार टीकमगढ़ के दीन दयाल तिवारी को उनकी कृति ‘बेताल की चौकड़िया’ के लिये दिया गया है।
  • इसी तरह वर्ष 2019 के लिये मालवी में ‘संत पीपा’ स्मृति पुरस्कार उज्जैन के सतीश दवे को उनकी कृति ‘बात को बतंगड़’ के लिये, निमाड़ी में ‘संत सिंगाजी’ स्मृति पुरस्कार खरगौन के जगदीश जोशीला को ‘निमाड़ी धंधोरया’ के लिये, बघेली में ‘विश्वनाथ सिंह जूदेव’ स्मृति पुरस्कार सीधी की डॉ. अंजनी सिंह सौरभ को कृति ‘ठठरा माँ साँसि’ के लिये और बुंदेली में ‘छत्रसाल’ स्मृति पुरस्कार दतिया के डॉ. राज गोस्वामी को उनकी रचना ‘मौं ढाँकें करिया में’ के लिये दिया गया है।

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सुकन्या समृद्धि योजना में 23 लाख खाते खोल मध्य प्रदेश बना नंबर वन

चर्चा में क्यों? 

24 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ में मध्य प्रदेश पूरे देश में प्रथम है। प्रदेश ने इस योजना में अब तक करीब 23 लाख खाते खुलवाने की उपलब्धि अर्जित की है, जिसमें कुल 4238 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का संग्रहण हुआ है।

प्रमुख बिंदु

  • मध्य प्रदेश में डाक विभाग के सहयोग से वर्तमान वित्त वर्ष में 5 लाख 68 हजार से ज्यादा सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। योजना ने प्रदेश की बेटियों के सशक्तीकरण को नई दिशा दी है। अभिभावकों और बेटियों ने इस योजना को भरपूर समर्थन दिया है। बैंकों का भी सराहनीय सहयोग रहा है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के सफलतम 7 वर्ष भी पूर्ण हो गए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को अन्य पात्र बालिकाओं को इस योजना से जोड़ने का निर्देश दिया। 
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में गाँव के आखिरी व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं और उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध स्वावलंबी बनाने के लिये डाक विभाग ‘बचत खाता खुशहाली का’ अभियान प्रारंभ कर रहा है। यह एक अच्छी पहल है, जिसमें सभी जिले वित्तीय समावेशन को नई दिशा दे सकते हैं।
  • बालिकाओं के सुकन्या खातों के साथ बालकों के लिये पीपीएफ खाता भी खोलने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं स्वावलंबी बनाने में मदद मिलेगी।

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मध्य प्रदेश के 3 बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित

चर्चा में क्यों?

24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें मध्य प्रदेश के 3 बच्चे शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु

  • इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियां हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
  • इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
  • पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
  • मध्य प्रदेश के अवि शर्मा को शैक्षिक श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से सम्मानित किया गया है। वहीं वर्ष 2021 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से पलक शर्मा (खेल) एवं अनुज जैन (शैक्षिक) को सम्मानित किया गया।
  • पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
  • प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।

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