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ग्लोबल पीटर ड्रकर चैलेंज
चर्चा में क्यों
हाल ही में बिजनेस स्कूल ‘‘एक्सएलआरआई’’ जमशेदपुर के छात्रों ने ‘ग्लोबल पीटर ड्रकर चैलेंज’’ अवार्ड जीता है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि वियना में ड्रकर फोरम ने दुनिया भर के छात्रों, प्रबंधकों और उद्यमियों को अंतर्दृष्टि साझा करने के लिये आमंत्रित किया था, जो वैश्विक कार्यबल को आज की वीयूसीए दुनिया की गतिशील चुनौतियों से निपटने में सक्षम बनाएगा।
- इस प्रतियोगिता में कुल 49 देशों के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। छात्र वर्ग के कुल तीन विजेताओं में एक्सएलआरआई के दो छात्र डॉ. नदीम अहमद और प्रभात कुझिककट शामिल थे। डॉ. नदीम और प्रभात क्रमश: बीएम और एचआरएम बैच 2021-23 के हैं।
- प्रभात ने कहा, ‘एक्सएलआरआई सस्टेनेबिलिटी, एथिक्स और मानवीय सहानुभूति’ पर ज़ोर देता है, जिससे उसे ड्रकर फोरम में भाग लेने वाले प्लेनरीज के साथ जुड़ने में मदद मिली।
- वहीं हेल्थकेयर टेक्नोलॉजी कंसल्टेंट डॉ. नदीम अहमद ने स्वास्थ्य संबंधी बाधाओं को दूर करने का प्रयास कर रहे स्टार्टअप्स को सशक्त बनाने के उद्देश्य से ‘कोरोना कंसल्ट’ नामक एक क्रॉस-फंक्शनल प्रो-बोनो इनिशिएटिव की स्थापना की है?
- विदित हो कि XLRI जेविअर स्कूल ऑफ मैनजमेंट, जमशेदपुर, भारत का सबसे पुराना बी-स्कूल है, जिसकी स्थापना 1949 में कुछ दूरदर्शी जेसुइट फादर्स द्वारा अर्थव्यवस्था और समाज में बड़े पैमाने पर बदलाव लाने के लिये की गई थी।
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गरिमा परियोजना अंतर्गत डायन कुप्रथा मुक्त झारखंड के लिये कार्यशाला आयोजित
चर्चा में क्यों?
हाल ही में झारखंड स्टेट लाईवलीहुड प्रमोशन सोसाइटी द्वारा डायन कुप्रथा मुक्त झारखंड के निर्माण के लिये आयोजित कार्यशाला में झारखंड के ग्रामीण विकास सचिव, डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि गरिमा परियोजना के माध्यम से झारखंड को डायन कुप्रथा मुक्त बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- डॉ. मनीष रंजन ने कहा कि गरिमा परियोजना के तहत वल्नरेबिलिटी मैंपिंग एवं ग्राम संगठन के प्रशिक्षण के जरिये डायन कुप्रथा उन्मूलन को गति प्रदान किया जाएगा। जल्द ही जेंडर मंच बनाया जाएगा, जिससे डायन कुप्रथा जैसे अंधविश्वास एवं भेदभाव को दूर कर लोगों को जागरुक करने का काम किया जाएगा।
- उन्होंने कहा कि गरिमा परियोजना के जरिये सखी मंडल की बहनों द्वारा नुक्कड़ नाटक के जरिये भी प्रभावित गाँवों में जागरुकता अभियान चलाया जाएगा एवं डायन कुप्रथा पीड़ितों की सुरक्षा व काउंसिलिंग की व्यवस्था की जाएगी। साथ ही डायन कुप्रथा की पीड़ित महिलाओं के पुनर्वास पर भी काम किया जाएगा और उन्हें सशक्त आजीविका से जोड़ा जाएगा।
- शिक्षाविद् व यूजीसी वूमेंस सेंटर की प्रमुख डॉ. सुनीता रॉय ने कहा कि समाज को शिक्षित करने से ही डायन कुप्रथा का उन्मूलन संभव है। उन्होंने अपील की कि डायन प्रथा की पीड़ित महिलाओं को प्रशिक्षित करके ही सशक्त आजीविका से जोड़ा जा सकता है। ग्रामीण इलाके से ओझा गुणी प्रथा को खत्म करने के लिये शिक्षा के अलख जगाने की ज़रुरत है।
- उन्होंने समाज में लैंगिंक समानता एवं महिला सशक्तीकरण के लिये कार्य करने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि किन्नरों को भी विभिन्न जागरुकता अभियान में जोड़ने की ज़रुरत है ताकि उनके आजीविका की भी व्यवस्था हो।
- झालसा के संतोष कुमार ने बताया कि झालसा, राज्य में डायन कुप्रथा पीड़ितों को कानूनी मदद करने के लिये लगातार प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि हमें वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा देने की ज़रुरत है, जल्द ही झालसा के द्वारा स्कूलों में लीगल साक्षरता क्लब का गठन किया जा रहा है, जो डायन कुप्रथा उन्मूलन में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
- नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च इन लॉ के वाइस चांसलर डॉ. केशव राव ने बच्चों को डायन कुप्रथा के बारे में जागरुक करने की ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सेंटर फॉर लीगल एंड प्रोग्राम के तहत डायन कुप्रथा के पीड़ितों को लगातार मदद उपलब्ध कराई जा रही है।
- सीआईपी के निदेशक डॉ. बासुदेब प्रसाद ने कहा कि गरिमा परियोजना के अंतर्गत सीआईपी मानसिक स्वास्थ्य एवं मनोचिकित्सीय सहयोग के लिये कार्य करेगा। उन्होंने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य काउंसिलिंग के लिये सीआईपी के 15 हेल्पलाइन नंबर दिन-रात कार्य कर रहे हैं।
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