गोरखपुर विश्वविद्यालय में स्थापित होगा इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर | उत्तर प्रदेश | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में उत्तर प्रदेश के गोरखपुर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राजेश सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि गोरखपुर के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में कंसोरिटियम ऑफ इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर (जीसीआईएआर) स्थापित होगा।
प्रमुख बिंदु
- गोरखपुर के कृषि एवं प्राकृतिक विज्ञान संस्थान में कंसोरिटियम ऑफ इंटरनेशनल एग्रीकल्चर रिसर्च सेंटर (जीसीआईएआर) स्थापित होने से पूर्वांचल में गेहूँ, मक्का एवं धान की उन्नत किस्म के बीजों का विकास होगा और साथ ही विद्यार्थियों को शोध क्षेत्र में व्यापक अनुभव होगा।
- कुलपति प्रो. राजेश सिंह ने बताया कि रिसर्च सेंटर में गेहूँ, मक्का एवं धान की प्रगतिशील किस्मों के विकास से किसानों की आय को दोगुना करने में सहयोग मिलेगा।
बिहार के 1890 सरकारी स्कूलों को मिली सोलर पावर | बिहार | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में हुई बैठक में बताया गया कि ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ के तहत बिहार के 1890 सरकारी स्कूलों में रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं।
प्रमुख बिंदु
- राज्य के इन सरकारी स्कूलों की छत पर जो रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए गए हैं, वे प्लांट ग्रिड कनेक्टेड हैं।
- दीपक कुमार सिंह ने बताया कि इन स्कूलों में 1230 विद्यालय ऐसे हैं, जिनका स्वीकृत विद्युत भार दो किलोवाट पीक है।
- उन्होंने बताया कि जिन ज़िलों में शिक्षा भवन का निर्माण किया जा चुका है, वहाँ बुनियादी विद्यालय एवं कस्तूरबा गांधी बालिका आवासीय विद्यालयों की छत पर रूफ टॉप सोलर पावर प्लांट लगाए जाएंगे।
- बिहार अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (ब्रेडा) के निदेशक ने बताया कि पाँच किलोवाट पीक से ऊपर स्वीकृत विद्युत भार का कनेक्शन जिन भवनों में हैं, वहाँ थ्री फेज कनेक्शन लेना अनिवार्य है तथा यह कनेक्शन ब्रेडा लगाएगा।
- बैठक में निर्णय लिया गया कि डिस्ट्रिक्ट इंस्टीट्यूट ऑफ एजुकेशन एंड ट्रेनिंग (डाइट) के प्रशासनिक भवनों में 15 किलोवाट पीक का हाइब्रीड सोलर पावर प्लांट लगाया जाएगा। इसके अलावा अन्य भवनों पर ग्रिड कनेक्टेड रूफ टॉप पावर प्लांट भी लगाए जाएंगे।
- बैठक में ब्रेडा निदेशक ने शिक्षा विभाग के अफसरों से अनुरोध किया कि जिन विद्यालयों में दो किलोवाट पीक से कम विद्युत भार का कनेक्शन है, वहाँ उपभोक्ता संख्या बताई जाए, ताकि ज़िले की एजेंसी को बताया जा सके।
- बैठक में बताया गया कि शिक्षा विभाग के सभी स्कूलों एवं अन्य भवनों में सोलर पॉवर प्लांट लगाए जाएंगे। इसके अलावा आईआईटी पटना बिहार के 50 मॉडल उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अत्याधुनिक विज्ञान लैब स्थापित करेगा।
- मॉडल विज्ञान लैब की स्थापना दो चरणों में की जानी है। प्रथम चरण में पटना ज़िले के सात उच्च माध्यमिक विद्यालयों में एक करोड़ पाँच लाख रुपए की लागत से विज्ञान लैब स्थापित की जाएगी तथा दूसरे चरण में शेष 43 लैब स्थापित की जाएगी। प्रत्येक ज़िले में कम से कम एक मॉडल लैब जरूर स्थापित की जानी है।
राजस्थान मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गए कई अहम निर्णय | राजस्थान | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में राज्य कार्मिकों को पदोन्नति के अधिक अवसर देने, राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देने, राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम में संशोधन, राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति के प्रस्ताव पर अनुमोदन सहित कई अहम निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- इस बैठक में मंत्रिमंडल ने राजस्थान ग्रामीण पर्यटन योजना-2022 का अनुमोदन किया है। बजट घोषणा वर्ष 2022-23 की पालना में तैयार इस योजना से ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्थापित की जाने वाली पर्यटन इकाइयों यथा ग्रामीण गेस्ट हाउस, कृषि पर्यटन इकाई, कैंपिंग साइट, कैरावेन पार्क की स्थापना से गांवों में रोज़गार सृजित होंगे और ग्रामीण हस्तशिल्प को संरक्षण मिलेगा। वहीं देशी-विदेशी पर्यटक राजस्थान की ग्रामीण संस्कृति से रूबरू हो सकेंगे।
- योजना के अंतर्गत ग्रामीण पर्यटन इकाइयों की स्थापना एवं संचालन के प्रावधानों में इकाईयाँ 15 फीट चौड़ी सड़क पर न्यूनतम 1000 वर्गमीटर एवं अधिकतम 2 हेक्टेयर कृषि भूमि पर अनुमत होंगी। इन इकाइयों को भू-संपरिवर्तन एवं बिल्डिंग प्लान अनुमोदन की आवश्यकता नहीं होगी। इनमें स्टांप ड्यूटी में 100 प्रतिशत की छूट सहित कई प्रावधान किये गए हैं।
- मंत्रिमंडल की बैठक में ‘राजस्थान बेघर उत्थान एवं पुनर्वास नीति-2022’ का अनुमोदन किया गया। इस नीति के अंतर्गत 50 वर्ग फीट प्रति व्यक्ति की न्यूनतम जगह के साथ छत उपलब्ध कराने, महिलाओं, मानसिक रूप से विक्षिप्तों एवं बीमारों जैसे विशेष श्रेणी के लोगों को समुचित निजता एवं सुरक्षा उपलब्ध करवाए जाने संबंधी प्रावधान किये गए हैं। इसके अलावा नीति में पेयजल, चिकित्सा सुविधा, पर्याप्त अग्नि सुरक्षा उपाय जैसी मूलभूत आवश्यकताएँ भी उपलब्ध करवाए जाने एवं बेघर व्यक्तियों के लिये शेल्टर्स गृह का संचालन करने सहित विभिन्न प्रावधान हैं। इस निर्णय से बेघरों को शिक्षा, कौशल एवं रोज़गार उपलब्ध करवाया जाकर सशक्त बनाया जाएगा।
- बैठक में मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (भूतपूर्व सैनिकों का आमेलन) नियम, 1988 में संशोधन का भी बड़ा फैसला लिया है। इससे राज्य की भर्तियों में भूतपूर्व सैनिकों को क्षैतिज (हॉरिजॉन्टल) श्रेणीवार आरक्षण प्राप्त होगा। इस संशोधन से अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों को भी समग्र रूप से सीधी भर्तियों में आनुपातिक प्रतिनिधित्व मिलेगा। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के लिये आरक्षित पदों में से पिछड़ा वर्ग के सामान्य अभ्यर्थियों (भूतपूर्व सैनिकों के अलावा) का भी सम्यक प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि भूतपूर्व सैनिकों की वर्तमान भर्ती नियमों में भर्ती उपरांत, उनका समायोजन उनसे संबंधित श्रेणी में किया जाता है। इस व्यवस्था से भूतपूर्व सैनिकों के अपनी श्रेणी में समायोजित होने के कारण अनुसूचित जाति/जनजाति के भूतपूर्व सैनिकों का चयन कम हो पा रहा है। साथ ही भूतपूर्व सैनिकों के लिये निर्धारित आरक्षण उपरांत चयनित अभ्यर्थियों के अपने वर्ग में समायोजित हो जाने के कारण कुछ भर्तियों में पिछड़ा वर्ग के ऐसे अभ्यर्थी, जो भूतपूर्व सैनिक नहीं हैं, का भी समुचित प्रतिनिधित्व नहीं हो रहा है।
- मंत्रिमंडलीय बैठक में राजस्थान कंप्यूटर राज्य एवं अधीनस्थ सेवा नियम, 1992 की अनुसूची-1 में संशोधन किया गया। इसके अनुसार, प्रोग्रामर के पद पर नियुक्ति हेतु 50 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 50 प्रतिशत पदोन्नति के वर्तमान प्रावधान को संशोधित कर 40 प्रतिशत सीधी भर्ती तथा 60 प्रतिशत पदोन्नति से किया जा सकेगा। इससे सेवारत कार्मिकों को पदोन्नति के अधिक अवसर मिलेंगे।
- मंत्रिमंडल में राजस्थान वाणिज्यिक कर अधीनस्थ सेवा (सामान्य शाखा) नियम, 1975 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इसके अंतर्गत कर सहायक से कनिष्ठ वाणिज्यिक कर अधिकारी के पद पर पदोन्नति का कोटा 5 प्रतिशत से बढ़ाकर 87.5 प्रतिशत किया गया है। इस निर्णय से कर सहायक के पद पर कार्यरत कार्मिकों को पदोन्नति का लाभ प्राप्त हो सकेगा।
- मंत्रिमंडल ने राजस्थान सिविल सेवा (पुनरीक्षित वेतन) नियम, 2017 में संशोधन के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। इस संशोधन के अंतर्गत राजस्थान अभियोजन सेवा में संयुक्त निदेशक के नवीन पद का सृजन, राजस्थान अभियोजन सेवा में अतिरिक्त निदेशक पद का पे-लेवल एल-20 से एल-21 तथा राजस्थान मोटर गैराज सेवा में मुख्य अधीक्षक के नवीन पद (पे-लेवल एल-17) का सृजन किया जाएगा। इससे राजस्थान अभियोजन सेवा तथा राजस्थान मोटर गैराज सेवा के अधिकारियों को अतिरिक्त पदोन्नति का अवसर मिल सकेगा।
श्री माता मनसा देवी मंदिर के क्षेत्र को ‘होली कॉम्पलेक्स’ बनाया जाएगा | हरियाणा | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में हरियाणा सचिवालय में हुई श्री माता मनसा देवी श्राइन बोर्ड की बैठक में बताया कि राज्य के पंचकुला स्थित माता मनसा देवी मंदिर के क्षेत्र को ‘होली कॉम्पलेक्स ’बनाया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने बताया कि मनसा देवी मंदिर के निर्धारित क्षेत्र में शराब की दुकानों को बंद किया जाएगा। मंदिर क्षेत्र से करीब 5 किलोमीटर के क्षेत्र में शराब बिक्री पर पूरी तरह से प्रतिबंध होगा। इसके साथ-साथ मौजूदा समय में जो ठेके वहाँ पर हैं, उन्हें भी कहीं ओर आवंटित किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि श्री माता मनसा देवी परिसर में बन रहे संस्कृत कॉलेज को श्राइन बोर्ड ही चलाएगा। इस कॉलेज में स्टाफ की नियुक्ति, उनका वेतन व विद्यार्थियों से ली जाने वाली फीस श्राइन बोर्ड द्वारा ही तय की जाएगी। संस्कृत को बढ़ावा देने के लिये यह एक अनूठी पहल है।
- गौरतलब है कि इस कॉलेज की आधारशिला रखी जा चुकी है। श्राइन बोर्ड ने इसके लिये ज़मीन मुहैया करवा दी है। जल्द ही निर्माण कार्य शुरू होगा।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि श्री माता मनसा देवी मंदिर परिसर में बन रहे वृद्धाश्रम की इमारत लगभग तैयार हो गई है। इसके संचालन के लिये बोर्ड को जल्द से जल्द कोई प्लान तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं, ताकि इसे प्रभावी तरीके से संचालित किया जा सके।
- उन्होंने श्री माता मनसा देवी मंदिर में बनने वाले राष्ट्रीय आयुर्वेद, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा संस्थान व संस्कृत गुरुकुल के काम को जल्द से जल्द पूरा करने के भी निर्देश दिये।
राँची में एक्सपो उत्सव 2022 का आयोजन | झारखंड | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2022 को झारखंड के राज्यपाल रमेश बैस ने राँची के मोरहाबादी मैदान में एक्सपो उत्सव 2022 का उद्घाटन किया। यह उत्सव 28 नवंबर तक चलेगा। इस एक्सपो उत्सव में देश-दुनिया के कई बड़े ब्रांड शामिल हो रहे हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस एक्सपो उत्सव का आयोजन राँची जूनियर चैंबर की ओर से किया गया है। एक्सपो उत्सव का यह सिल्वर जुबिली वर्ष है। इस साल एक्सपो में 325 स्टॉल लगेंगे।
- एक्सपो उत्सव में खाने के नए-नए आइटम होंगे। इस वर्ष ‘अपना घर’के नाम से रियल एस्टेट के लिये अलग हैंगर होगा। स्टार्टअप ज़ोन के जरिये नये आंत्रप्रेन्योर को बढ़ावा देने की कोशिश की जा रही है। इसके अलावा महिलाओं को प्रोत्साहन देने के लिये पिंक हैंगर बनाया गया है, जिसमें लेडीज आंत्रप्रेन्योर होंगी।
- गौरतलब है कि इस साल एक्सपो उत्सव में बच्चों के लिये कई चीजों को लाया गया है। बच्चों के लिये एम्यूजमेंट पार्क बनाया गया है, जिसमें 15 से अधिक प्रकार के झूले लगाए गए हैं। एक्सपो में आने वाले लोगों के लिये एक क्यूआर कोड तैयार किया गया है, ताकि लोग इसे स्कैन करते ही सभी स्टॉल के बारे में जानकारी हासिल कर सकें।
छत्तीसगढ़ की नवीन मछली पालन नीति कैबिनेट में मंज़ूर | छत्तीसगढ़ | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2022 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य की नवीन मछली पालन नीति में मछुआरा के हितों को ध्यान में रखते हुए संशोधन को मंज़ूरी दी गई।
प्रमुख बिंदु
- मछुआ समुदाय के लोगों की मांग और उनके हितों को संरक्षित करने के उद्देश्य से नवीन मछली पालन नीति में तालाब और जलाशयों को मछली पालन के लिये नीलामी करने के बजाय लीज पर देने के साथ ही वंशानुगत-परंपरागत मछुआ समुदाय के लोगों को प्राथमिकता देने का निर्णय लिया गया है।
- तालाबों एवं सिंचाई जलाशयों के जलक्षेत्र आवंटन सीमा में 50 फीसद की कमी कर ज़्यादा से ज़्यादा मछुआरों को रोजी-रोज़गार से जोड़ने का प्रावधान किया गया है।
- प्रति सदस्य के मान से आवंटित जलक्षेत्र सीमा शर्त घटाने से लाभान्वित मत्स्य पालकों की संख्या दोगुनी हो जाएगी।
- संशोधित नवीन मछली पालन नीति के अनुसार मछली पालन के लिये तालाबों एवं सिंचाई जलाशयों की अब नीलामी नहीं की जाएगी, बल्कि 10 साल के पट्टे पर दिये जाएंगे।
- तालाब और जलाशय के आबंटन में सामान्य क्षेत्र में ढीमर, निषाद, केंवट, कहार, कहरा, मल्लाह के मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति को तथा अनुसूचित जनजाति अधिसूचित क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति वर्ग के मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति को प्राथमिकता दी जाएगी।
- मछुआ से तात्पर्य उस व्यत्ति से है, जो अपनी आजीविका का अर्जन मछली पालन, मछली पकड़ने या मछली बीज उत्पादन का कार्य करता हो, के तहत वंशानुगत-परंपरागत धीवर (ढीमर), निषाद (केंवट), कहार, कहरा, मल्लाह को प्राथमिकता दिया जाना प्रस्तावित है।
- इसी तरह मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति अथवा मछुआ व्यत्ति को ग्रामीण तालाब के मामले में अधिकतम एक हेक्टेयर के स्थान पर आधा हेक्टेयर जलक्षेत्र तथा सिंचाई जलाशय के मामले में चार हेक्टेयर के स्थान पर दो हेक्टेयर जलक्षेत्र प्रति सदस्य/प्रति व्यक्ति के मान से आवंटित किया जाएगा।
- मछली पालन के लिये गठित समितियों का ऑडिट अभी तक सिर्फ सहकारिता विभाग द्वारा किया जाता था। अब संशोधित नवीन मछली पालन नीति में सहकारिता एवं मछली पालन विभाग की संयुत्त टीम ऑडिट की ज़िम्मेदारी दी गई है।
- त्रि-स्तरीय पंचायत व्यवस्था के अंतर्गत शून्य से 10 हेक्टेयर औसत जलक्षेत्र के तालाब एवं सिंचाई जलाशय को 10 वर्ष के लिये पट्टे पर आवंटित करने का अधिकार ग्राम पंचायत का होगा।
- जनपद पंचायत 10 हेक्टेयर से अधिक एवं 100 हेक्टेयर तक, ज़िला पंचायत 100 हेक्टेयर से अधिक एवं 200 हेक्टेयर औसत जलक्षेत्र तक, मछली पालन विभाग द्वारा 200 हेक्टेयर से अधिक एवं 1000 हेक्टेयर औसत जलक्षेत्र के जलाशय, बैराज को मछुआ समूह एवं मत्स्य सहकारी समिति को पट्टे पर देगा।
- नगरीय निकाय के अंतर्गत आने वाले समस्त जलक्षेत्र नगरीय निकाय के अधीन होंगे, जिसे शासन की नीति के अनुसार 10 वर्ष के लिये लीज पर आवंटित किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ मंत्रिपरिषद की बैठक में लिये गये महत्त्वपूर्ण निर्णय | छत्तीसगढ़ | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की अध्यक्षता में आयोजित मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ ज़िला खनिज संस्थान नियम 2015 में संशोधन किये जाने के निर्णय सहित कई अन्य महत्त्वपूर्ण निर्णय लिये गए।
प्रमुख बिंदु
- ज़िला खनिज संस्थान न्यास से संपादित अधोसंरचना के कार्य पर व्यय हेतु न्यास निधि में प्राप्त राशि से निश्चित प्रतिशत राशि के बंधन से मुत्त किये जाने के संबंध में छत्तीसगढ़ जिला खनिज संस्थान नियम 2015 में संशोधन किये जाने का निर्णय लिया गया है। इसके तहत डीएमएफ के अन्य प्राथमिकता मद में उपलब्ध राशि का 20 प्रतिशत सामान्य क्षेत्र में तथा 40 प्रतिशत अधिसूचित क्षेत्र में व्यय किये जाने के प्रावधान को समाप्त कर दिया गया है, इससे अधोसंरचना के कार्य को गति मिलेगी, जिससे प्रदेश में सामाजिक एवं आर्थिक विकास तेज़ी से होगा।
- राज्य शासन छत्तीसगढ़ राज्य वनोपज संघ एवं निजी निवेशकों के मध्य संपादित त्रिपक्षीय एमओयू के आधार पर स्थापित वनोपज आधारित उद्योगों द्वारा जो उत्पाद निर्माण किये जाएंगे। छत्तीसगढ़ हर्बल ब्रांड के अंतर्गत 40 प्रतिशत की छूट के साथ क्रय करते हुए संजीवनी एवं अन्य माध्यमों से विक्रय हेतु शासन द्वारा निर्णय लिया गया है।
- इस निर्णय के फलस्वरूप उन उद्योगों को जो वनोपज आधारित उत्पादों का निर्माण करना चाहते हैं, उनको बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ हर्बल के अंतर्गत अच्छी क्वालिटी के उत्पादों का विक्रय हो सकेगा।
- छत्तीसगढ़ लोक सेवा, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ा वर्गों के लिये आरक्षण संशोधन विधेयक 2022 के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- छत्तीसगढ़ शैक्षणिक संस्था में प्रवेश में आरक्षण संशोधन विधेयक के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- द्वितीय अनुपूरक अनुमान वर्ष 2022-23 का विधानसभा में उपस्थापन के लिये छत्तीसगढ़ विनियोग विधेयक 2022 का अनुमोदन किया गया।
- प्रदेश के विभिन्न न्यायालयों में विचाराधीन साधारण प्रकृति के प्रकरणों को जनहित में वापस लिये जाने हेतु निर्धारित अवधि 31 दिसंबर, 2017 को बढ़ाकर 31 दिसंबर, 2018 करने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- मुख्यमंत्री जी के स्वेच्छानुदान राशि 70 करोड़ से बढ़ाकर 110 करोड़ किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
- भारत सरकार के संशोधन के अनुसार राजस्व पुस्तक परिपत्र खंड 6 क्रमांक 4 में राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग द्वारा प्रस्तुत संशोधन प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।
सहस्त्रधारा में बनेगा अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट की तर्ज पर हेलीड्रोम | उत्तराखंड | 25 Nov 2022
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2022 को उत्तराखंड नागरिक उडन्न्यन सचिव दिलीप जावलकर ने बताया कि देहरादून सहस्त्रधारा में अगले यात्रा सीजन तक आधुनिक सुविधाओं से हेलीड्रोम का निर्माण किया किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- उल्लेखनीय है कि केदारनाथ धाम के लिये सिरसी, गुप्तकाशी, फाटा से संचालित होने वाली हेली सेवा में यात्रियों की भीड़ बढ़ रही है। इसे देखते हुए अगले साल से सहस्त्रधारा से केदारनाथ, बदरीनाथ के लिये हेली सेवा संचालित करने का प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।
- उत्तराखंड नागरिक उडन्न्यन विकास प्राधिकरण (यूकाडा) के माध्यम से प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। हेली सेवा संचालन के लिये यूकाडा की ओर से एविएशन कंपनी को ऑफर दिया जाएगा तथा डीजीसीए की अनुमति मिलने के बाद देहरादून से भी यात्रियों को सीधे हेली सेवा का लाभ मिलेगा।
- यहाँ पर यात्रियों को अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट की तर्ज पर सुविधाएँ मिलेंगी। इस हेलीड्रोम की क्षमता 500 यात्रियों की होगी। इससे हेलिकॉप्टर की पार्किंग के अलावा यात्रियों को एयरपोर्ट पर कई तरह की सुविधाएँ मिलेंगी।
- यूकाडा की ओर से सहस्त्रधारा हेलीपैड विस्तार के लिये नगर निगम की भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा। इसके लिये नगर निगम को भूमि के बदले 13 करोड़ रुपए भुगतान किया जाएगा।