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उत्तराखंड कैबिनेट ने खेल नीति को दी मंज़ूरी
चर्चा में क्यों?
23 नवंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई खेल नीति 2021 के मसौदे को मंज़ूरी दी गई। नीति के रूप में, सरकार राज्य के विभिन्न हिस्सों में उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के लिये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी।
प्रमुख बिंदु
- खेल नीति लागू होने के साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर खुल जाएंगे।
- खेल नीति में एक ओर जहाँ हर साल प्रदेश भर के 2600 खिलाड़ियों को दो-दो हज़ार रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी, वहीं दूसरी ओर आठ साल की उम्र से ही खिलाड़ियों की पहचान के लिये फिजिकल एंड स्पोर्ट्स एप्टीट्यूड टेस्ट लागू किया जाएगा।
- खेल मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास और उन्नयन के लिये उत्कृष्ट एवं प्रभावी है। देश में आज जिस प्रकार खेलों में युवाओं की रुचि बढ़ी है तथा अनेक संभावनाओं ने आकार लिया है, इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में युवाओं के हित में उत्तराखंड खेल नीति-2021 का निर्माण किया गया।
- राज्य सरकार राज्य के प्रत्येक ज़िले में 8 से 14 वर्ष की आयु के 300 बच्चों (150 लड़के और 150 लड़कियों) का चयन करेगी और इन 3,900 बच्चों को 1,500 रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसी तरह 14 से 23 वर्ष के 200 बच्चों को हर ज़िले में चिह्नित कर उन्हें 2,000 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी।
- ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक कल्चर से प्रभावित बच्चों और युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित कर प्ले फील्ड कल्चर की ओर अग्रसर किया जाएगा।
- खेल नीति में खेल, खिलाड़ियों के उन्नयन, खेल प्रतिभाओं को तलाशने, निखारने व उभारने, खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने, खिलाड़ियों के नियोजन, सामान्य आहार के साथ-साथ एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स फूड डाइट की व्यवस्था, खिलाड़ियों के लिये रोज़गार के अवसर और पूर्ण सुविधाएँ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
- इस नीति के तहत राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल आयोजनों की सभी श्रेणियों में पदक विजेताओं के लिये सरकारी नौकरियों का प्रावधान किया है।
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