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उत्तर प्रदेश स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Nov 2021
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राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 में उत्तर प्रदेश की बड़ी उपलब्धि

चर्चा में क्यों? 

24 नवंबर, 2021 को जारी राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 की रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में लिंगानुपात में उल्लेखनीय सुधार हुआ है। वहीं प्रजनन दर गिरकर 2.7 के मुकाबले 2.4 पर आ गई है। 

प्रमुख बिंदु 

  • राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि विगत साढ़े चार वर्ष से अधिक की अवधि में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान व स्वावलंबन तथा कन्या भ्रूणहत्या रोकने के प्रयास सफल हुए हैं। 2015-16 में लिंगानुपात (प्रति 1000 पुरुषों पर महिलाओं की संख्या) 995 से बढ़कर 2020-21 में 1017 हो गई है।
  • इसी प्रकार प्रदेश में खाना पकाने के लिये स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने वाले परिवारों तथा बेहतर स्वच्छता सुविधाओं का उपयोग करने वाले परिवारों में भी बढ़ोतरी हुई है।
  • प्रदेश में 2015-16 में स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करने वाले परिवार का प्रतिशत 32.7 था, जो वर्तमान में  49.5 हो गया है। इसी तरह स्वच्छता सुविधाओं में यह प्रतिशत 36.4 से बढ़कर 68.8 हो गया है। यह उज्ज्वला योजना व स्वच्छ भारत मिशन पर प्रभावी तरीके से अमल करने के कारण संभव हो सका है।
  • प्रदेश में एनीमिया प्रभावित गर्भवती महिलाओं (15-49 वर्ष) की संख्या में 5.1 प्रतिशत की कमी आई है, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह कमी 1.8 प्रतिशत है। 
  • प्रदेश में बच्चों के वृद्धि अवरोध के मामलों में 6.6 प्रतिशत की कमी हुई है, जो राष्ट्रीय स्तर पर 2.9 प्रतिशत है। वही प्रदेश में सामान्य से कम वज़न के बच्चों के मामलों में 7.4 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई, जबकि राष्ट्रीय स्तर पर यह 3.7 प्रतिशत है।
  • इसी प्रकार प्रदेश में संस्थागत प्रसव 67.8 प्रतिशत से बढ़कर 83.4 प्रतिशत, परिवार नियोजन के उपाय 45.5 प्रतिशत से बढ़कर 62.4 प्रतिशत, प्रसवपूर्व जाँच 26.4 प्रतिशत से बढ़कर 42.4 प्रतिशत तथा बच्चों में अतिसार की संक्रमण दर 15 प्रतिशत से घटकर 5.6 प्रतिशत हो गई है।

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