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64वीं राष्ट्रीय शूटिंग (रायफल) चैंपियनशिप-2021 का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
25 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्रीयशोधरा राजे सिंधिया और मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने 64वीं राष्ट्रीय शूटिंग (रायफल) चैंपियनशिप का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस प्रतियोगिता का आयोजन मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी, बिसनखेड़ी (गोरागांव), भोपाल में खेल और युवा कल्याण विभाग तथा भारतीय राष्ट्रीय रायफल एसोसिएशन के संयुक्त तत्वावधान में किया जा रहा है।
- चैंपियनशिप में 10 मीटर और 50 मीटर के मुकाबले खेले जाएंगे। प्रतियोगिता में रायफल के पुरुष खिलाड़ियों की संख्या 2202 तथा महिला खिलाड़ियों की संख्या 1301 है। चैंपियनशिप में 18 साल से कम पुरुष खिलाड़ियों की संख्या 706 तथा महिला खिलाड़ियों की संख्या 504 है।
- चैंपियनशिप में ओलंपिक और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी भागीदारी कर रहे हैं। इनमें 6 अर्जुन अवार्डी भी शामिल हैं। इसमें देश की कुल 41 यूनिट के खिलाड़ी शामिल हैं।
- इस चैंपियनशिप से शीर्ष 8 खिलाड़ियों को चुना जाएगा, जो राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
- प्रतियोगिता में मेज़बान मध्य प्रदेश का 256 सदस्यीय दल भागीदारी कर रहा है। सबसे बड़ा दल महाराष्ट्र का (518 सदस्य) है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश से 440, राजस्थान 368, हरियाणा 344 और पंजाब से 221 खिलाड़ी हिस्सेदारी कर रहे हैं। चैंपियनशिप में 70 स्वर्ण पदक दाँव पर होंगे।
- मध्य प्रदेश शूटिंग अकादमी पूर्णत: वातानुकूलित है तथा अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता को दृष्टिगत रखते हुए तैयार की गई है। इसमें 50 मीटर की 60 लेन, 10 मी. की 70 लेन और 25 मी. की 50 लेन हैं। वही ट्रैप शूटिंग की 3 लेन तैयार की गई हैं।
- मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी, भोपाल में 50 मीटर शूटिंग रेंज और ट्रैप एंड स्कीट की तीन रेंज निर्मित की गई हैं। 50 मीटर रेंज में 50 लेन बनाई गई हैं। यह विश्वस्तरीय शूटिंग रेंज है और इसे हाई परफार्मेंस सेंटर के रूप में विकसित किया गया है।
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संस्कृति विभाग के प्रतिष्ठित सम्मानों की घोषणा
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2021 को मध्य प्रदेश संस्कृति विभाग ने वर्ष 2019 और 2020 के लिये राष्ट्रीय कबीर सम्मान, कालिदास सम्मान, अशोक कुमार सम्मान, लता मंगेशकर सम्मान, मैथिलीशरण गुप्त सम्मान, इकबाल सम्मान, शरद जोशी सम्मान, नानाजी देशमुख सम्मान, कुमार गंधर्व सम्मान और अन्य शिखर सम्मानों की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश की पर्यटन, संस्कृति और अध्यात्म मंत्री ऊषा ठाकुर ने कहा कि मध्य प्रदेश शासन साहित्य, संस्कृति, सिनेमा, सामाजिक समरसता, सद्भाव आदि बहुआयामी क्षेत्रों में उत्कृष्टता, सृजनात्मकता और बहुउल्लेखीय योगदान को सम्मानित करने के लिये देश में प्रतिष्ठित है।
- वर्तमान में संस्कृति विभाग द्वारा बहुआयामी विधाओं के क्षेत्र में 23 राष्ट्रीय और 9 राज्य सम्मान प्रदान किये जाते हैं।
- वर्ष 2019 और 2020 के लिये घोषित सम्मान, सम्मान राशि और अनुशंसित संस्था/साहित्यकार/लेखक/कलाकार हैं-
- राष्ट्रीय कबीर सम्मान (3 लाख रुपए)- डॉ. बिनय राजाराम (भोपाल) और मनोज श्रीवास्तव (भोपाल)
- कालिदास सम्मान (शास्त्रीय संगीत) (2 लाख रुपए)- पं. अभय नारायण मलिक (नोएडा) और पं. भजन सोपोरी (दिल्ली)
- कालिदास सम्मान (शास्त्रीय नृत्य) (2 लाख रुपए)- सुनयना हज़ारीलाल (मुंबई) और शांता-वी.पी. धनंजयन (चेन्नई)
- कालिदास सम्मान (रूपंकर कलाएँ) (2 लाख रुपए)- परमजीत सिंह (दिल्ली) और ध्रुव मिस्त्री (बड़ौदा)
- कालिदास सम्मान (रंगकर्म) (2 लाख रुपए)- डॉ. अनिल रस्तोगी (लखनऊ) और वामन केंद्रे (मुंबई)
- मैथिलीशरण गुप्त सम्मान (2 लाख रुपए)- डॉ. शिवकुमार तिवारी (जबलपुर) और डॉ. सच्चिदानंद जोशी (नई दिल्ली)
- किशोर कुमार सम्मान (2 लाख रुपए)- अशोक मिश्रा (मुंबई) और अमिताभ भटेाचार्य (मुंबई)
- लता मंगेशकर सम्मान (2 लाख रुपए)- शैलेंद्र सिंह (मुंबई) और आनंद-मिलिंद (मुंबई)
- इकबाल सम्मान (2 लाख रुपए) - जकिया मसहदी (पटना) और प्रो. अली अहमद फातमी (प्रयागराज)
- शरद जोशी सम्मान (2 लाख रुपए) - कैलाश मण्डलेकर (हरदा) और विजय मनोहर तिवारी (भोपाल)
- नानाजी देशमुख सम्मान (2 लाख रुपए) - नर्मदा (खरगौन) और गौमुखी सेवा धाम (कोरबा)
- कुमार गंधर्व सम्मान (1.25 लाख रुपए) - मीता पंडित (दिल्ली) और सुचिस्मिता-देबोप्रिया (ठाणे, महाराष्ट्र)
- शिखर सम्मान (हिन्दी साहित्य) (1 लाख रुपए) - शैवाल सत्यार्थी (ग्वालियर) और हरी जोशी (भोपाल)
- शिखर सम्मान (उर्दू साहित्य) (1 लाख रुपए) - नईम कौसर (भोपाल) और देवी शरण (भोपाल)
- शिखर सम्मान (संस्कृत साहित्य) (1 लाख रुपए)- प्रो. रामेश्वर प्रसार गुप्त (दतिया) और प्रो. रासबिहारी द्विवेदी (जबलपुर)
- शिखर सम्मान (रूपंकर कलाएँ) (1 लाख रुपए) - देवीलाल पाटीदार(भोपाल) और मनीष पुष्कले (भोपाल/दिल्ली)
- शिखर सम्मान (नाटक) (1 लाख रुपए) - वैशाली गुप्ता (भोपाल) और के.जी. त्रिवेदी(भोपाल)
- शिखर सम्मान (नृत्य) (1 लाख रुपए) - चन्द्रमाधव बारीक (भोपाल) और अल्पना वाजपेयी (भोपाल)
- शिखर सम्मान (संगीत) (1 लाख रुपए) - पं. प्रभाकर लक्ष्मण गोहदकर (ग्वालियर) और पं. सज्जनलाल ब्रम्हभटे (भोपाल)
- शिखर सम्मान (जनजातीय एवं लोक कलाएँ) (1 लाख रुपए) - अग्नेश केरकेटेा (भोपाल) और पूर्णिमा चतुर्वेदी (भोपाल)
- शिखर सम्मान (दुर्लभ वाद्य वादन) (1 लाख रुपए) - बाबूलाल भोला (सागर) और डॉ. वर्षा अग्रवाल (इंदौर)
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