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चिराग परियोजना
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर में कुम्हरावंड स्थित शहीद गुंडाधूर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कृषि मड़ई कार्यक्रम में विश्व बैंक की सहायता से संचालित होने वाली लगभग 1735 करोड़ रुपए लागत की ‘चिराग परियोजना’ का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर शासकीय महिला पॉलिटेक्निक धरमपुरा का नामकरण धरमू माहरा के नाम पर और बस्तर हाईस्कूल को जगतू माहरा के नाम पर करने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने जगतू माहरा के नाम पर भव्य सामुदायिक भवन बनाने की घोषणा की।
- उन्होंने कहा कि ‘चिराग परियोजना’ छत्तीसगढ़ के बस्तर और सरगुजा संभाग सहित 14 ज़िलों में लागू की जाएगी। इस परियोजना के माध्यम से कृषि क्षेत्र में विकास के नए और विकसित तौर-तरीकों को बढ़ावा दिया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि चिराग परियोजना का मुख्य उद्देश्य जलवायु परिवर्तन के अनुसार उन्नत कृषि उत्तम स्वास्थ्य के दृष्टिकोण से पोषण आहार में सुधार, कृषि और अन्य उत्पादों का मूल्य संवर्धन कर कृषकों को अधिक-से-अधिक लाभ दिलाना है।
- परियोजना के अंतर्गत लघुधान्य फसलें, समन्वित कृषि, जैविक खेती को प्रोत्साहन, भू-जल संवर्धन, उद्यानिकी फसलों, बाड़ी और उद्यान विकास, उन्नत मत्स्य और पशुपालन तथा दुग्ध उत्पादन के अतिरिक्त किसानों की उपज का मूल्य संवर्धन कर अधिक आय अर्जित करने के कार्य किये गए हैं। इसके अलावा विभिन्न कृषि उत्पादों के लिये बाज़ार उपलब्धता के भी प्रयास किये जाएंगे।
- परियोजना का क्रियान्वयन राज्य सरकार की सुराजी योजना के गोठानों को केंद्र में रखकर किया जाएगा।
- इस परियोजना के लिये विश्व बैंक और संयुक्त राष्ट्र संघ की कृषि विकास हेतु स्थापित संस्था आईएफएडी ने वित्तीय सहायता दी है। विश्व बैंक द्वारा 730 करोड़ रुपए, आईएफएडी द्वारा 486.69 करोड़ रुपए की सहायता इस परियोजना के लिये दी गई है। राज्य सरकार ने इस परियोजना की कुल राशि में 30 प्रतिशत राशि (518.68 करोड़ रुपए) अपने राजकीय कोष से उपलब्ध कराई है।
- चिराग परियोजना को बस्तर, बीजापुर, दंतेवाड़ा, कांकेर, कोंडागांव, नारायणपुर, सुकमा, मुंगेली, बलौदाबाज़ार, बलरामपुर, जशपुर, कोरिया, सूरजपुर और सरगुजा ज़िलों के आदिवासी विकासखंडों में लागू किया जाएगा।
- मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कृषि महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में कृषि एवं सहयोगी विभागों द्वारा लगाए गए स्टॉलों का (कृषि मेला) अवलोकन भी किया और यहाँ के प्रगतिशील किसानों से मुलाकात की।
- उन्होंने इस दौरान विभिन्न योजनाओं के तहत हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण भी किया।
- कृषि मेले में कृषि विज्ञान केंद्र-इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय द्वारा लाई फोड़ाई मशीन, लघु धान्य फसल बुआई यंत्र, हल, मेंड़ बनाने का यंत्र, कोदो वीडर, पैडी वीडर, साईकिल व्हील, बस्तर कृषि उत्पाद का प्रदर्शन, लघुधान्य फसलों की विभिन्न किस्में, काजू प्रसंस्करण केंद्र आदि का प्रर्दर्शन किया गया।
- कृषि मड़ई में मछली पालन विभाग, नारियल विकास बोर्ड, छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) में हरीहर बाज़ार, डैनेक्स, पशुधन विकास विभाग, उद्यान विभाग, कृषि विकास एवं कृषि कल्याण तथा जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा विभिन्न उत्पादों, कृषि यंत्रों का प्रदर्शन किया गया।
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मुख्यमंत्री ने किया थिंक बी के नए कार्यालय का शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने एकदिवसीय बस्तर प्रवास के दौरान नवाचार और उद्यमिता को प्रोत्साहन देने, उनके संवर्द्धन और संरक्षण के लिये स्थापित किये गए थिंक बी (टेक्नोलॉजी हब एंड इनोवेशन नेटवर्क फॉर नॉलेज बस्तर) के धरमपुरा स्थित शासकीय पॉलीटेक्निक कॉलेज परिसर में निर्मित नए कार्यालय का शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही पॉलीटेक्निक कॅालेज के विद्यार्थियों के लिये निर्मित स्मार्ट क्लास और स्मार्ट लैब का शुभारंभ भी किया।
- उल्लेखनीय है कि नवाचार, स्वरोज़गार और उद्यमिता के इच्छुक बस्तर के युवाओं को प्रोत्साहित करने के साथ ही उन्हें आर्थिक, तकनीकी, प्रबंधकीय, कानूनी सहित विभिन्न प्रकार की सहायता के लिये थिंक बी की स्थापना की गई है।
- ऐसे युवाओं के लिये प्रशासन की ओर से इनोवेशन कंपनियों की मदद से स्टार्टअप की बुनियादी सुविधाएँ, स्थानीय उद्यमिता को प्रोत्साहन, प्रौद्योगिकी आधारित व्यापार को स्थापित करने में सहायता के साथ-साथ ऑनलाइन-ऑफलाइन पेपर, किताबें, ऑडियो-वीडियो के माध्यम से प्रशिक्षण सहित केंद्रीकृत संगोष्ठी, सम्मेलन, कार्यशाला का आयोजन कर युवाओं को स्वरोज़गार के लिये प्रोत्साहित किया जाएगा।
- इसके साथ ही ज़िला प्रशासन ने आईआईएम रायपुर, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल र्साइंस, मुंबई, आईआईआईटी रायपुर और हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर के साथ एमओयू किया है।
- आईआईआईटी रायपुर द्वारा स्टार्टअप शुरू करने वाले बेरोज़गारों को टेक्निकल जानकारी तथा आईआईएम जैसे संस्थान स्टार्टअप शुरू करने वाले बेरोज़गारों को मैनेजमेंट सिखाएंगे तो वहीं टाटा कंपनी बिज़नेस की मार्केट वैल्यू, बिज़नेस चल पाएगा या नहीं जैसी जानकारी देगी।
- बिज़नेस शुरू करने के लिये कानूनी जानकारियाँ हिदायतुल्ला यूनिवर्सिटी के एक्सपर्ट देंगे। यहाँ स्टार्टअप शुरू करने वाले बेरोज़गारों को पूरी तरह से मुफ्त में मार्गदर्शन और सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएंगी।
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मुख्यमंत्री ने वेलनेस टूरिज्म की सुविधा का किया शुभारंभ
चर्चा में क्यों?
24 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जगदलपुर के थिंक बी स्टार्ट अप सेंटर शुभारंभ के अवसर पर वेलनेस टूरिज्म का भी औपचारिक शुभारंभ किया। वेलनेस टूरिज्म के तहत पर्यटकों को स्वस्थ जीवनशैली के लिये मार्गदर्शन एवं परामर्श भी दिया जाएगा। शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक स्वास्थ्य के गुर भी सिखाए जाएंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि वेलनेस टूरिज्म के ज़रिये देश-विदेश के पर्यटक बस्तर अंचल में आने के लिये आकर्षित होंगे। इससे अंचल में पर्यटन को बढ़ावा मिलने के साथ-साथ लोगों को आय का ज़रिया भी मिलेगा।
- उन्होंने इस अवसर पर पर्यटन समिति के सदस्यों को आरोग्यम योगा किट का वितरण किया। योगा किट में योगा मैट, एरोमेटिक ऑयल्स, अगरबत्ती, म्यूजिक सिस्टम, दरी, थर्मल स्कैनर, इंडक्शन कुकर, डिफ्यूजर, ग्लव्स आदि शामिल हैं।
- गौरतलब है कि पर्यटकों को आकर्षित करने एवं उन्हें हर संभव सुविधाएँ उपलब्ध करवाने हेतु ज़िला प्रशासन बस्तर द्वारा लगातार नित नए प्रयोग किये जा रहे हैं। इसी शृंखला के तहत बस्तर में पर्यटकों के लिये मुख्य पर्यटन स्थलों पर वेलनेस टूरिज्म की सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं।
- वेलनेस टूरिज्म का संचालन स्थानीय पर्यटन समितियों के द्वारा योग्य एवं प्रशिक्षित प्रशिक्षकों के सहयोग से किया जाएगा जिससे स्थानीय ग्रामवासियों को भी अच्छी-खासी आय प्राप्त होगी।
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