झारखंड Switch to English
चक्रवात दाना का झारखंड पर प्रभाव
चर्चा में क्यों?
हाल ही में चक्रवात दाना के कारण पूर्वी भारत, विशेषकर झारखंड में महत्त्वपूर्ण व्यवधान उत्पन्न होने की आशंका है, जिसके कारण कई आपातकालीन उपाय लागू किये जा रहे हैं।
मुख्य बिंदु
- भारी वर्षा और बाढ़ का खतरा: भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने झारखंड में 24 से 25 अक्तूबर, 2024 तक भारी वर्षा का अनुमान लगाया है, जिससे बाढ़ की आशंका बढ़ गई है, खासकर संवेदनशील निचले इलाकों में।
- परिवहन में व्यवधान: झारखंड सहित पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में रेल सेवाएँ बुरी तरह प्रभावित हुई हैं तथा प्रतिकूल मौसम की स्थिति के दौरान यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिये एहतियाती उपाय के रूप में 150 से अधिक रेलगाड़ियाँ रद्द कर दी गई हैं।
- NDRF और SDRF की तैयारी: राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें हाई अलर्ट पर हैं और आपात स्थिति में त्वरित तैनाती के लिये तैयार हैं।
- मछुआरों और तटीय गतिविधियों के लिये सलाह: IMD ने मछुआरों के लिये सख्त चेतावनी जारी की है और बंगाल की खाड़ी में न जाने की सलाह दी है। 100-110 किमी./घंटा तक पहुँचने वाली तेज़ हवा की गति तटीय और आस-पास के क्षेत्रों को प्रभावित कर सकती है, जिससे मछली पकड़ने और समुद्री गतिविधियों पर निर्भर स्थानीय अर्थव्यवस्थाएँ प्रभावित हो सकती हैं।
- निकासी और सार्वजनिक सुरक्षा चेतावनियाँ: अधिकारी संभावित निकासी के लिये तैयारी कर रहे हैं, खासकर उन क्षेत्रों में जहाँ चक्रवात का प्रभाव गंभीर हो सकता है। यह सुनिश्चित करने के लिये सार्वजनिक सलाह जारी की जाती है कि निवासियों को चक्रवात के गुज़रने के दौरान सुरक्षा प्रोटोकॉल के बारे में पता हो।
चक्रवात दाना
- उद्भव: यह उत्तरी हिंद महासागर क्षेत्र में बनने वाला तीसरा चक्रवात है और वर्ष 2024 में भारतीय तट पर चक्रवात रेमल के बाद आने वाला दूसरा चक्रवात है।
- यह मानसून बाद के चक्रवाती मौसम का पहला चक्रवात है ।
- दाना का नामकरण: विश्व मौसम विज्ञान संगठन (WMO) का कहना है कि चक्रवात दाना का नाम कतर ने रखा था। अरबी में, "दाना" का अर्थ है 'उदारता' और इसका अर्थ है 'सबसे सही आकार का, मूल्यवान और सुंदर मोती'।
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