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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Oct 2022
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मुख्यमंत्री ने राजस्थान में विभिन्न बोर्ड के गठन को मंज़ूरी दी

चर्चा में क्यों?

23 अक्तूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश के प्रत्येक वर्ग के समग्र विकास एवं आर्थिक उत्थान के लिये राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड, राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड तथा राजस्थान राज्य रजक कल्याण बोर्ड के गठन के प्रस्ताव को मंज़ूरी दी।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड की स्वीकृति से चर्म व्यवसाय से संबंधित व्यक्तियों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी एवं उनका आर्थिक विकास सुनिश्चित हो सकेगा।
  • इस बोर्ड के गठन से राज्य के औद्योगिक विकास में इस व्यवसाय से जुड़े लोगों की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित होगी। साथ ही, उनके कार्यस्थल एवं विकास स्थल पर समस्त आधारभूत सुविधाओं यथा सड़क, पानी, बिजली, चिकित्सा, शिक्षा, उत्पादों के विपणन हेतु मार्केटिंग सेंटर विकसित हो सकेंगे।
  • इस व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों को आधुनिक तकनीक आधारित चर्म रंगाई एवं अन्य उत्पादों हेतु देश में प्रतिष्ठित संस्थाओं के माध्यम से कौशल प्रशिक्षण दिलाने की व्यवस्था भी की जा सकेगी। बोर्ड के माध्यम से इस व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों की सामाजिक सुरक्षा हेतु योजनाएँ बनेंगी एवं उनका समयबद्ध क्रियान्वयन होगा।
  • इस व्यवसाय से जुड़े व्यक्तियों के विकास हेतु समुचित वित्तीय सहयोग एवं बैंकों से वित्त का प्रबंध भी हो सकेगा। चर्म उत्पादों की सरकारी खरीद में निविदा प्रक्रिया से मुक्त रखने का कार्य भी बोर्ड द्वारा किया जा सकेगा। चर्म उत्पादों की खरीद व तकनीकी प्रोद्योगिकी में सहयोग के अलावा फुटवियर निर्माण एवं चर्म उत्पादों को प्रोत्साहन मिलेगा।
  • ज़िला/राज्य स्तर पर सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन एवं उनके वित्तीय प्रबंधन से संबंधित कार्य किये जाएंगे। राजस्थान में पंजीकृत चर्म दस्तकार, बोर्ड में पंजीयन करवाकर योजनाओं का लाभ ले सकेंगे।
  • राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड के गठन से काछी, कुशवाह, माली, सैनी इत्यादि बागवान समाज के विभिन्न वर्गों के सामाजिक व शैक्षणिक स्तर में वृद्धि होगी। बोर्ड द्वारा इनकी आर्थिक अभिवृद्धि के लिये विभिन्न योजनाएँ प्रस्तावित की जाएंगी तथा आवश्यक मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध करवाई जाएंगी।
  • इस बोर्ड के गठन से बागवान समाज के लिये विभिन्न विकास एवं कल्याण से संबंधित योजनाओं का प्रारूप तैयार हो सकेगा तथा इन वर्गों की कला एवं संस्कृति को बढ़ावा देने के साथ ही उनके परंपरागत व्यवसाय को भी अधिक लाभदायक स्थिति में लाया जा सकेगा।
  • रजक समाज के विभिन्न वर्गों की स्थिति का जायजा लेने के बाद प्रामाणिक सर्वे रिपोर्ट के आधार पर इन वर्गों को मूलभूत सुविधाएँ उपलब्ध कराने तथा इनकी समस्याओं की पहचान कर उन्हें दूर करने के लिये सुझाव देने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य रजक कल्याण बोर्ड का गठन किया गया है।
  • राजस्थान चर्म शिल्प कला विकास बोर्ड का प्रशासनिक विभाग उद्योग एवं वाणिज्य विभाग होगा तथा राजस्थान राज्य रजक कल्याण बोर्ड व राजस्थान राज्य महात्मा ज्योतिबा फुले बोर्ड का गठन सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अंतर्गत होगा।
  • इन बोर्ड के गठन से प्रदेश के विभिन्न वर्गों के उत्थान के लिये नवीन योजनाएँ बनाई जा सकेंगी तथा उनके उत्थान के लिये आवश्यक कदम उठाए जा सकेंगे। इससे हर वर्ग का पिछड़ापन समाप्त हो सकेगा तथा हर वर्ग सर उठाकर जीवनयापन कर सकेगा।

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राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 लागू

चर्चा में क्यों?

22 अक्तूबर, 2022 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में ‘राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022’ लागू करने के प्रस्ताव को मंज़ूरी दे दी। ये नियम राज्य के विभिन्न विभागों में कार्यरत संविदाकर्मियों पर लागू होंगे।

प्रमुख बिंदु

  • प्रदेश के 1 लाख 10 हज़ार से भी अधिक संविदाकर्मियों को इन नियमों के दायरे में लाकर लाभान्वित किया जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि केंद्रीय प्रवर्तित एवं राज्य सरकारों की विभिन्न जनकल्याणकारी और सामाजिक सुरक्षा से जुड़ी योजनाओं की क्रियान्विति में ये संविदाकर्मी महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते रहे, लेकिन इनकी सामाजिक सुरक्षा का ध्यान नहीं रखा गया। यहाँ तक कि कई राज्यों में तो इनका मानदेय तक नहीं बढ़ाया गया।
  • इस निर्णय से शिक्षा विभाग के शिक्षा कर्मी, पैरा टीचर्स, ग्राम पंचायत सहायक, अंग्रेजी माध्यम अध्यापक सहित कुल 41423 संविदाकर्मी, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के राजीविका व मनरेगा के कुल 18326, अल्प संख्यक विभाग के 5697 मदरसा पैरा टीचर्स, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग व चिकित्सा शिक्षा विभाग के 44833 संविदाकर्मियों सहित कुल 1 लाख 10 हज़ार 279 संविदाकर्मी इन नियमों से लाभान्वित होंगे।
  • राजस्थान कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग टू सिविल पोस्ट रूल्स, 2022 के लागू होने से संविदाकर्मियों की भर्ती पारदर्शी तरीके से हो सकेगी तथा इसमें आरक्षण का भी पूरा ध्यान रखा जाएगा। साथ ही जो संविदाकर्मी 5 साल तक काम कर लेंगे, भविष्य में उन पदों के नियमित होने पर उन्हीं संविदाकर्मियों में से स्क्रीनिंग कर उन्हें स्थायी किया जा सकेगा।
  • नियमों में यह भी ध्यान रखा गया है कि किस पद को किस स्थायी पद के समकक्ष माना जाए, इसी आधार पर इन संविदाकर्मियों के लिये मानदेय का निर्धारण किया गया है और स्पेशल पे प्रोटेक्शन का प्रावधान भी रखा गया है। नियमित होने पर इन कर्मियों को ओ.पी.एस. का लाभ भी दिया जाएगा।
  • संविदाकर्मियों को नियमित करने को लेकर समय-समय पर कई कमेटियाँ बनीं, लेकिन इनकी समस्याओं का स्थायी समाधान नहीं हो सका।
  • विदित है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2021-22 के बजट में संविदाकर्मियों का विभागवार कैडर बनाने और वर्ष 2022-23 के बजट में इनके मानदेय में 20 प्रतिशत वृद्धि किये जाने की घोषणा की थी।

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राजीव गांधी किसान बीज उपहार योजना रबी 2022-23

चर्चा में क्यों?

22 अक्तूबर, 2022 को राजस्थान राज्य बीज निगम द्वारा ‘राजीव गांधी किसान बीज उपहार योजना रबी 2022-23’ लागू की गई है।

प्रमुख बिंदु

  • राजस्थान राज्य बीज निगम के अध्यक्ष धीरज गुर्जर ने बताया कि किसानों को वैज्ञानिकों द्वारा नव विकसित उन्नत किस्मों का उच्च गुणवत्तायुक्त बीज उचित दर पर अधिक से अधिक मात्रा में उपलब्ध कराने एवं प्रमाणित बीजों के उपयोग मे बढ़ोतरी करने के उद्देश्य से राजस्थान राज्य बीज निगम द्वारा राजीव गांधी किसान बीज उपहार योजना रबी 2022-23 लागू की जा रही है।
  • निगम किसानों के लिये उच्च गुणवत्ता के प्रमाणित बीज उत्पादन कर उचित मूल्य पर ग्राम स्तर तक उपलब्ध करा रहा है। निगम द्वारा मुख्यत: खरीफ में मूंग, उड़द, ग्वार, सोयाबीन, मूंगफली, ज्वार, बाजरा एवं रबी में गेहूँ, चना, सरसों एवं जौ के फसलों का बीज उत्पादन किया जा रहा है।
  • यह योजना राज्य के सभी ज़िलों में क्रियान्वित की जाएगी तथा इस योजना पर कुल राशि रुपए 4.00 करोड़ व्यय किया जाएगा।
  • इस योजना अंतर्गत प्रत्येक ज़िले में 51 उपहार किसानों को लॉटरी के माध्यम से प्रदान किये जाएंगे।
  • प्रत्येक ज़िले में प्रथम उपहार स्वरूप ट्रैक्टर-1, द्वितीय उपहार बैट्री ऑपरेटेड नेपसेक स्प्रेयर मशीन 20 एवं तृतीय उपहार किसान टॉर्च 30 का लॉटरी से चयन कर उपहार किसानों को वितरित किये जाएंगे।
  • उल्लेखनीय है कि राजस्थान राज्य बीज निगम के द्वारा किसानों के लिये बीज क्रय पर उपहार जैसी महत्त्वपूर्ण योजना लागू किये जाने से किसानों में प्रमाणित बीजों के उपयोग के प्रति रुचि बढेगी और किसान प्रमाणित बीजों का अधिकाधिक उपयोग कर अधिक उत्पादन एवं अधिक आय अर्जित कर सकेंगे।

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