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हरियाणा सरकार ने बच्चों को शिक्षा एवं रोज़गार देने के लिये एक नया मैकेनिज्म तैयार किया
चर्चा में क्यों?
23 अक्तूबर, 2022 को हरियाणा सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि राज्य सरकार ने बच्चों को शिक्षा देने से लेकर उन्हें रोज़गार के अवसर उपलब्ध करवाने के लिये एक नया मैकेनिज्म तैयार किया है।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत परिवार पहचान पत्र में एकत्रित नागरिकों के डाटा को आयु वर्ग के अनुसार 6 वर्गों में विभाजित किया गया है।
- प्रत्येक वर्ग का जिम्मा एक विभाग को सौंपा गया है। प्रत्येक विभाग आयु वर्ग के अनुसार उसकी शिक्षा, स्वास्थ्य और रोज़गार इत्यादि सभी योजनाओं और सेवाओं का लाभ पहुँचाने के साथ-साथ इनका संपूर्ण रिकॉर्ड भी रखेगा।
- राज्य सरकार ने शिक्षा, स्वास्थ्य, सुरक्षा, स्वाभिमान और स्वावलंबन पर ज़ोर देते हुए प्रत्येक नागरिक का सर्वांगीण विकास व कल्याण सुनिश्चित करने हेतु यह मैकेनिज्म तैयार किया है।
- कार्य योजना के अनुसार 6 साल तक की आयु के बच्चों का जिम्मा महिला एवं बाल विकास विभाग को सौंपा गया है। विभाग इन बच्चों की प्रारंभिक शिक्षा और पोषण पर विशेष ध्यान रखेगा।
- साथ ही, विभाग हर बच्चे की ट्रैकिंग भी रखेगा कि वह बच्चा 6 साल तक की आयु तक घर पर, आंगनवाड़ी में या स्कूल में जा रहा है और उसे जरूरी पोषक आहार उपलब्ध हो रहा है या नहीं।
- इसके अलावा राज्य सरकार बच्चों की डे-केयर के लिये क्रैच स्थापित करने पर भी लगातार ज़ोर दे रही है।
- बच्चों को यदि शुरुआत में ही अच्छा पोषण और शिक्षा मिलेगी तो उसकी बुनियाद मज़बूत बनेगी और वे जीवन में सकारात्मक दिशा में आगे बढ़ेंगे।
- प्रारंभिक शिक्षा जितनी महत्त्वपूर्ण है, उससे भी कहीं अधिक स्कूली शिक्षा का महत्त्व है। इसलिये कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे, इस विजन के साथ अब स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा 6 साल से 18 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों की देखभाल की जाएगी।
- मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशानुसार स्कूल शिक्षा विभाग ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिये ड्रॉपआउट नीति तैयार कर रहा है, जिसके तहत विभाग हर बच्चे को शिक्षा प्रदान करने के साथ-साथ स्कूल छोड़ने वाले बच्चों की विशेष ट्रैकिंग रखेगा, ताकि ड्रॉप आउट दर को कम किया जा सके।
- विभाग के पास प्रत्येक बच्चे का डाटा रहेगा कि वह स्कूल या आईटीआई या अन्य किसी संस्थान में शिक्षा ग्रहण कर रहा है या नहीं।
- इस रणनीति से राज्य सरकार को प्रत्येक बच्चे के बारे में संपूर्ण जानकारी होगी और यदि किसी कारणवश कोई बच्चा शिक्षण संस्थान से ड्रॉपआउट होता है तो सरकार उस बच्चे को वापस शिक्षण संस्थान में लाने का प्रयास करेगी।
- वहीं शिक्षा ग्रहण करने के बाद युवाओं के सामने रोज़गार की एक बड़ी समस्या होती है। इस दिशा में युवाओं की मदद के लिये राज्य सरकार ने अब विभागों को जिम्मेवारी सौंपी है।
- 18 साल से 24 साल आयु वर्ग तक के बच्चों का जिम्मा उच्चतर शिक्षा विभाग और 25 साल से अधिक आयु वर्ग का जिम्मा रोज़गार विभाग को सौंपा गया है। ये विभाग युवाओं के रोज़गार के साथ-साथ उनके कौशल विकास पर भी ज़ोर देंगे।
- शिक्षा के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण प्रदान करके विभाग युवाओं को रोज़गारपरक तो बनाएंगे ही, वहीं औद्योगिक इकाइयों के साथ संपर्क स्थापित कर युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार उपलब्ध करवाने में भी समन्वयक बनेंगे।
- इन सभी गतिविधियों के लिये परिवार पहचान-पत्र अथॉरिटी द्वारा इन विभागों को हर माह डाटा प्रेषित किया जाएगा।
- उल्लेखनीय है परिवार पहचान-पत्र पोर्टल पर राज्य के 70 लाख परिवारों और 2.80 करोड़ सदस्यों का डाटा अपडेट हो चुका है। अधिकतम परिवारों का जाति, जन्म तिथि, आय का सत्यापन पूरा किया जा चुका है।
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कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल एप
चर्चा में क्यों?
23 अक्तूबर, 2022 को हरियाणा सरकार के एक प्रवक्ता ने जानकारी दी कि आगामी सूर्य ग्रहण मेला-2022 के तमाम अहम पहलू कुरुक्षेत्र प्रशासन की कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल एप पर देखें जा सकेंगे।
प्रमुख बिंदु
- इस मोबाइल एप पर सूर्यग्रहण मेले से संबंधित तमाम अहम जानकारियाँ अपलोड कर दी गई है। इस एप पर कुरुक्षेत्र कैसे पहुँचें, कुरुक्षेत्र का इतिहास, पर्यटन स्थल और 48 कोस के तीर्थों का पूरा इतिहास देखा जा सकेगा।
- उल्लेखनीय है कि सूर्य ग्रहण मेला-2022 में देश-प्रदेश के लाखों लोग कुरुक्षेत्र में ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर के साथ-साथ आसपास के सरोवरों में स्नान करने के लिये पहुँचे हैं।
- इस सूर्य ग्रहण के महत्त्व और लोगों की श्रद्धा तथा दूर-दराज से आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिये प्रशासन द्वारा कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल एप तैयार की गई है।
- इस मोबाइल एप को कुरुक्षेत्र एनआईसी इन से भी लिंक कर दिया गया है। इस साइट पर जाने के बाद कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल एप को देखा जा सकेगा। यह एप एक एंड्रॉइड एप है।
- कुरुक्षेत्र दर्शन मोबाइल एप पर कुरुक्षेत्र के सभी पर्यटन स्थलों की पूरी डिटेल को पढ़ा और देखा जा सकता है। इस एप पर कुरुक्षेत्र आने के तमाम मार्गों और संसाधनों का ब्यौरा भी अंकित किया गया है। इसके अलावा करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, जींद और पानीपत ज़िले में स्थित 48 कोस के तीर्थों का भी ब्यौरा एप पर मिलेगा।
- इस एप पर सूचना केंद्र, महिला हेल्पलाइन नंबर, कंट्रोल रुम, स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ तमाम अहम दूरभाष नंबर भी अंकित किये गए हैं। इसके साथ-साथ सूर्य ग्रहण मेला के दौरान ब्रह्मसरोवर पर स्थित सभी घाटों की जानकारी भी नक्शे सहित अपलोड की गई है। इस मोबाइल एप पर अंतर्राष्ट्रीय गीता महोत्सव-2022 का शेड्यूल और अन्य जानकारियाँ भी डाली गई हैं।
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नेचुरल गैस का उपयोग करने वाली हरियाणा की औद्योगिक इकाईयों को वैट में 50 प्रतिशत मिलेगी छूट
चर्चा में क्यों?
22 अक्तूबर, 2022 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में स्टैंडिंग फाइनेंस कमेटी की बैठक हुई जिसमें निर्णय लिया गया है कि प्रदेश में उन औद्योगिक इकाईयों को मूल्य संवर्धन कर (वैट) में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी, जो अपनी ऊर्जा की आवश्यकता डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट की बजाय नेचुरल गैस से पूरा करेंगी।
चर्चा में क्यों?
- यह योजना एमएसएमई सहित पूरे उद्योगों पर लागू होगी तथा इसकी अधिसूचना तिथि से 2 वर्ष तक प्रभावी रहेगी।
- उल्लेखनीय है राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में डीजल से चलने वाले जनरेटर सेट के उपयोग को प्रतिबंधित है। अब जो उद्योग अपनी ऊर्जा की आवश्यकता सीएनजी, पीएनजी से पूरा करेंगे उनको वैट में 50 प्रतिशत छूट मिलेगी।
- इसी प्रकार, हरियाणा इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) नीति 2022 के तहत इलेक्ट्रिक वाहन विनिर्माता कंपनियों को प्रति वर्ष विभिन्न मदों में 164.66 करोड़ रुपए की सब्सिडी देने को भी कमेटी ने स्वीकृति प्रदान की।
- इस बैठक में बताया गया कि ईवी नीति का उद्देश्य पर्यावरण को संरक्षित करना, कार्बन फुटप्रिंट को कम करना, हरियाणा को ईवी मैन्युफैक्चरिंग हब बनाना, ईवी क्षेत्र में कौशल विकास सुनिश्चित करना, ईवी वाहनों को आगे बढ़ाने के लिये प्रोत्साहित करना, ईवी चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर प्रदान करना और ईवी तकनीक में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करना है।
- यह नीति ईवी प्रौद्योगिकी में नए विनिर्माण को प्रोत्साहित करती है और मौजूदा ऑटोमोबाइल निर्माताओं को ईवी विनिर्माण क्षेत्र में विविधता लाने के लिये प्रोत्साहित भी करती है।
- इस नीति में ईवी निर्माताओं को फिक्स्ड पूंजी निवेश (एफसीआई), कुल एसजीएसटी, स्टाम्प शुल्क पर प्रोत्साहन देकर विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करना, रोज़गार सृजन इत्यादि शामिल हैं।
- यह नीति शैक्षिक या अनुसंधान संस्थानों में अनुसंधान एवं विकास को प्रोत्साहित करती है। वर्ष 2030 तक हरियाणा राज्य परिवहन उपक्रमों के स्वामित्व वाले बस बेड़े को शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक बसों या ईंधन सैल वाहनों या अन्य गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित प्रौद्योगिकियों में बदलने का प्रयास किया जाएगा।
- इसके अलावा, सरकार ने गुरुग्राम और फरीदाबाद शहरों को मॉडल इलेक्ट्रिक मोबिलिटी (ईएम) शहरों में शत-प्रतिशत इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी), ई-मोबिलिटी हासिल करने के लिये चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर को अपनाने के लिये चरणबद्ध लक्ष्य निर्धारित किये हैं।
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