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सुरभि वाटिका (एरोमेटिक गार्डन)
चर्चा में क्यों?
24 अक्तूबर, 2021 को उत्तराखंड के हल्द्वानी में लालकुआँ के वन अनुसंधान केंद्र में महाराष्ट्र की वन टच एग्रीकान संस्था की संचालिका बीणा राव और प्रदेश के मुख्य वन संरक्षक संजीव चतुर्वेदी ने संयुक्त रूप से देश की पहली सुरभि वाटिका (एरोमेटिक गार्डन) का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्य वन संरक्षक संजीव ने बताया कि तीन एकड़ क्षेत्रफल में इस वाटिका को तीन साल में तैयार किया गया है। इसमें देश के विभिन्न राज्यों से 140 सगंध प्रजाति के पौधों लगाया गया है, जिसके चलते यह देश का पहला एरोमेटिक गार्डन बन गया है।
- इसके बनने से प्रजातियों के संरक्षण, शोध, जागरूकता बढ़ाने में मदद मिलेगी। इसके अलावा आजीविका से जुड़े कार्यों में यह मददगार साबित हो सकेगी। वाटिका को नौ हिस्सों में तैयार किया गया है।
- यहाँ कई पौधे पर्यावरण प्रदूषण को कम करने, वायुमंडल में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ाने और आसपास के वातावरण को सुगंधमय बनाने के उद्देश्य से लगाए जा रहे हैं। भविष्य में सगंध प्रजातियों के पौधों को लालकुआँ और आसपास के क्षेत्र के लोगों को बाँटा जाएगा।
- अनुसंधान केंद्र स्थित फाइकस गॉर्डन से भी क्षेत्र को अत्यधिक लाभ होने वाला है, क्योंकि देश के दूसरे नंबर के इस फाइकस गार्डन में 121 फाइकस प्रजाति के पौधे लगाए गए हैं।
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