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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Sep 2023
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प्रदेश में संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में हुई वृद्धि

चर्चा में क्यों?

  • 23 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने प्रदेश में खेल विभाग में कार्यरत संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में 78 से लेकर 140 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।

प्रमुख बिंदु

  • इस आदेश के अनुसार मानदेय की संशोधित दरें 01 अक्तूबर, 2023 से लागू होंगी।
  • विदित है कि खेल विभाग में संविदा पर कार्यरत खेल प्रशिक्षक वर्ष 2014 से मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे थे।
  • 15 जून, 2023 को खेल मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में निदेशालय में हुई विभाग की समीक्षा बैठक में मामला सामने आने के बाद मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे।
  • शासनादेश के मुताबिक, अर्जुन, द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले, ओलंपिक, विश्व कप प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ी, सैफ खेलों में पदक विजेता एवं एनआईएस से नियमित कोर्स का प्रशिक्षण डिप्लोमाधारी का मानदेय 20 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 45 हज़ार रुपए किया गया है।
  • एशियाई, कॉमन वेल्थ एफ्रो एशियन, सैफ गेम्स पदक विजेता आदि का मानदेय 17 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 35 हज़ार रुपए, एशियाई कॉमन वेल्थ में एफ्रो एशियन, सैफ गेम्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी रहे प्रशिक्षकों का मानदेय 14 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए, सीनियर नेशनल में पदक विजेता रहे खिलाड़ी प्रशिक्षकों का मानदेय 10 से बढ़ाकर 20 हज़ार रुपए किया गया है।
  • सीनियर वर्ग में नेशनल में प्रतिभाग और अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयी प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी प्रशिक्षकों का मानदेय 7 से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए किया गया है, जबकि अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभाग, सीनियर नॉर्थ ज़ोन में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी रहे कोच का मानदेय 5 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 12 हज़ार रुपए किया गया है।
  • इस आदेश से 210 संविदा खेल प्रशिक्षक लाभान्वित होंगे।


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उत्तराखंड में चार नए सैनिक स्कूल और पाँच केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे

चर्चा में क्यों?

  • 23 सितंबर, 2023 को राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में चार नए सैनिक स्कूल और पाँच केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद शासन ने केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा है।

प्रमुख बिंदु

  • ये सैनिक स्कूल प्रसिद्ध पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जन्म स्थान पीठसैंण पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और चंपावत में खुलेंगे। नए स्कूल, सैनिक स्कूल सोसायटी के तहत साझेदारी मोड में चलेंगे।
  • विदित है कि प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल है, जिसका संचालन रक्षा मंत्रालय करता है।
  • गौरतलब है कि शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक केंद्र सरकार ने देशभर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत केंद्र सरकार ने पहले चरण में देश में 23 नए सैनिक स्कूल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद दूसरे चरण में सैनिक स्कूल को मंजूरी दी जानी है।
  • उत्तराखंड की ओर से दूसरे चरण के लिये चार नए सैनिक स्कूल का प्रस्ताव भेजा गया है। सभी मानकों को पूरा करने एवं मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद इसका प्रस्ताव भेजा गया है।
  • सैनिक स्कूल के लिये ग्राम डुंगरासेठी तहसील चंपावत में 10 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जबकि ए.एन झा इंटर कॉलेज रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर में 250 एकड़ एवं राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा देहरादून में 9.5 एकड़ भूमि उपलब्ध है।
  • इनके अलावा प्रदेश में पाँच नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। शिक्षा विभाग ने पांडुवाखाल तहसील चौखुटिया ज़िला अल्मोड़ा, द्वाराहाट ज़िला अल्मोड़ा, कोटद्वारा ज़िला पौड़ी गढ़वाल, नरेंद्रनगर ज़िला टिहरी गढ़वाल एवं विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर के मदननेगी ज़िला टिहरी गढ़वाल में केंद्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।


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अटल रहेंगे प्रदेश के 189 अटल उत्कृष्ट स्कूल, सिर्फ बदलेगा बोर्ड

चर्चा में क्यों?

  • 24 सितंबर, 2023 को प्रदेश के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध अंग्रेजी माध्यम से चल रहे राज्य के 189 अटल उत्कृष्ट स्कूल पहले की तरह इसी माध्यम से चलते रहेंगे, लेकिन स्कूल का बोर्ड, उत्तराखंड बोर्ड कर दिया जाएगा।

प्रमुख बिंदु

  • राजकीय शिक्षक संघ की इन स्कूलों को दोबारा उत्तराखंड बोर्ड में लाने की मांग के बाद विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इन स्कूल को लेकर अलग-अलग तीन प्रस्ताव हैं।
  • पहले प्रस्ताव के अंतर्गत इन स्कूलों के बोर्ड को उत्तराखंड बोर्ड कर दिया जाएगा।
  • दूसरे प्रस्ताव के अंतर्गत सीबीएसई पैटर्न को 10वीं और 12वीं के बजाय अब छठवीं कक्षा से लागू किया जाएगा तथा तीसरा, इन स्कूल में शिक्षकों की तैनाती निजी सेक्टर या अन्य से अच्छे वेतन पर की जाएगी।
  • राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है, जिसे कैबिनेट में लाया जाएगा।


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