लखनऊ का एबीसी केंद्र बनेगा देश के लिये मॉडल | उत्तर प्रदेश | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 22 सितंबर, 2023 को उत्तर प्रदेश के लखनऊ नगर विकास विभाग ने भारत सरकार की संस्था एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया (एडब्ल्यूबीआई) के साथ पशु जन्म नियंत्रण (एबीसी) केंद्र चलाने के लिये अनुबंध किया।
प्रमुख बिंदु
- विदित है कि उत्तर प्रदेश देश के उन चुनिंदा राज्यों में है, जहाँ के 17 नगर निगमों में एबीसी केंद्र के निर्माण की कार्ययोजना चल रही है।
- इसके माध्यम से राजधानी में बने एबीसी केंद्र को नवीनतम तकनीक से पूर्ण कर पूरे भारत के लिये मॉडल बनाया जाएगा।
- देश में उत्तर प्रदेश पहला प्रदेश है, जहाँ की प्रदेश सरकार द्वारा भारत सरकार के सहयोग से ऐसे उच्च स्तरीय प्रशिक्षण केंद्र की स्थापना की जा रही है।
- बापू भवन सचिवालय स्थित नगर विकास विभाग के विशेष सचिव के कार्यालय में यह अनुबंध हुआ।
पटना के आनंदपुर बिहटा में बनेगी बिहार अग्नि प्रशिक्षण अकादमी (बिहार फायर ट्रेनिंग एकेडमी) | बिहार | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार गृह विभाग ने राजधानी पटना के आनंदपुर बिहटा स्थित बिहार अग्नि प्रशिक्षण अकादमी (बिहार फायर ट्रेनिंग एकेडमी) के सृजन को मंजूरी दे दी है।
प्रमुख बिंदु
- यहाँ बिहार अग्निशमन सेवा के अंतर्गत अग्निशमन सेवा के तमाम पदाधिकारियों एवं कर्मियों को प्रशिक्षित किया जाएगा। राज्य के अग्निशमन कर्मी आग बुझाने की आधुनिक तकनीकों से लैस होंगे।
- अकादमी भवन के निर्माण एवं प्रशिक्षण इत्यादि को लेकर तैयारी शुरू कर दी गई है।
- बिहार अग्निशमन सेवा नियमावली, 2021 के तहत बिहार अग्नि प्रशिक्षण अकादमी में उप निदेशक स्तर के प्राचार्य का प्रावधान किया गया है।
- बिहार अग्नि प्रशिक्षण अकादमी भवन की डिज़ाइन के लिये दूसरे राज्यों में संबंधित अधिकारियों को भेजकर अध्ययन कराया गया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विभिन्न शहरों में विकास कार्यों के लिये 55 योजनाओं का किया शिलान्यास | बिहार | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 23 सितंबर, 2023 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में स्मार्ट सिटी बिल्डिंग के इंटीग्रेटेड कमांड एंड कंट्रोल सेंटर से रिमोट के माध्यम से राज्य के विभिन्न शहरों में 55 योजनाओं का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके तहत विभिन्न ज़िलों में बारिश के पानी की निकासी के लिये स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज योजनाओं, शवदाह गृह सह मोक्षधाम व पेयजल आपूर्ति से जुड़ी 55 योजनाएँ हैं। इन योजनाओं पर 2355.96 करोड़ रुपए खर्च होंगे।
- मुख्यमंत्री द्वारा पटना में शुरू की गई इन योजनाओं में 586.44 करोड़ की लागत से दरभंगा, आरा, मधेपुरा, समस्तीपुर, दानापुर की स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज व पेयजल की 6 योजनाएँ भी शामिल हैं।
- इसके अलावा 1283 करोड़ की लागत से पटना शहर में स्टॉर्म वाटर ड्रेनेज की 10 योजनाओं पर भी काम प्रारंभ किया गया।
- मुख्यमंत्री ने सात निश्चय-2 के तहत 36 ज़िलों के 38 नगर निकायों में शवदाह गृह सह मोक्षधाम की 38 योजनाओं का भी शिलान्यास किया।
- इन 38 नगर निकायों में सीतामढ़ी, पूर्णिया, किशनगंज, मनिहारी, बांका खगड़िया, मधेपुरा अररिया, सुपौल, दरभंगा, भभुआ, अरवल, रिविलगंज जहानाबाद, कटिहार, सासाराम सहरसा, सीवान, शेखपुरा, बक्सर, लखीसराय, मुजफ्फरपुर, बीहट, बिहार शरीफ, भागलपुर, मोतिहारी सुल्तानगंज, गोपालगंज, गया, मुंगेर शिवहरआरा, औरंगाबाद, बेतिया, हाजीपुर, जमुई, समस्तीपुर और नवादा शामिल है।
जलदाय मंत्री ने किया 130 करोड़ रुपए की जल प्रदाय योजनाओं का शिलान्यास | राजस्थान | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को राजस्थान के जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ. महेश जोशी ने मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2023-24 में शामिल जयपुर की करीब 130 करोड़ रुपए की तीन पुनर्गठित शहरी जल प्रदाय योजनाओं का शिलान्यास किया।
प्रमुख बिंदु
- इन योजनाओं में 46 करोड़ 37 लाख रुपए की पुनर्गठित जल प्रदाय योजना बाईजी की कोठी, मॉडल टाउन एवं आसपास के क्षेत्र में सुचारू पेयजल आपूर्ति के लिये पंप हाउस का जीर्णोद्धार, नए उच्च जलाशय का निर्माण, बाईजी की कोठी एवं मॉडल टाउन क्षेत्र में नई पाइप लाइन जोड़ने एवं बिछाने का कार्य होगा। इस क्षेत्र की 50 हज़ार की आबादी को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- 44 करोड़ 30 लाख रुपए की पुनर्गठित शहरी जल प्रदाय योजना जगतपुरा (जयपुर) के तहत नए उच्च जलाशय, स्वच्छ जलाशय एवं पंप हाउस निर्माण तथा जगतपुरा क्षेत्र में नई पाइप लाइन जोड़ने एवं बिछाने का कार्य होगा।
- योजना में मनोहरपुरा कच्ची बस्ती में जेडीए द्वारा आवंटित भूमि पर 18 लाख लीटर क्षमता का उच्च जलाशय, 18 लाख लीटर का भूतल जलाशय, करीब 80 किलोमीटर क्षेत्र में पाइप लाइन बिछाने के साथ ही 5 हज़ार जल कनेक्शन पुन: जोड़ने के कार्य होंगे। इस क्षेत्र की 32 हज़ार आबादी को इस योजना का लाभ मिलेगा।
- 37 करोड़ 16 लाख रुपए की पुनर्गठित शहरी जल प्रदाय योजना गैटोर के तहत वर्तमान में स्थापित पंप हाउस का जीर्णोद्धार, नए उच्च जलाशय का निर्माण एवं संपूर्ण गैटोर क्षेत्र में नई पाइप लाइन जोड़ने एवं बिछाने के कार्य होंगे।
- इसमें उत्तर पश्चिम रेलवे मुख्यालय के पीछे सिद्धार्थ नगर में 15 लाख लीटर क्षमता का उच्च जलाशय, करीब 62 किलोमीटर में पाइप लाइन जोड़ने एवं बिछाने तथा 5500 जल संबंधों को बदलने के कार्य होंगे। करीब 30 हज़ार की आबादी को समुचित दबाव से शुद्ध पेयजल उपलब्ध करवाया जा सकेगा।
‘गांधी वाटिका’ का लोकार्पण | राजस्थान | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 23 सितंबर, 2023 को राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, लोकसभा सांसद राहुल गांधी एवं राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर के सेंट्रल पार्क में बनी ‘गांधी वाटिका’ का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- राज्य सरकार ने महात्मा गांधी के विचारों व मूल्यों से नई पीढ़ी को रूबरू करवाने के लिये यह अभिनव पहल की है।
- सेंट्रल पार्क में 85 करोड़ रुपए की लागत से बनी गांधी वाटिका की विषय वस्तु गांधीवादी विचारकों की समिति के मार्गदर्शन में तैयार की गई है। वाटिका के भूतल पर अंग्रेजों के भारत आगमन से लेकर गांधीजी के दक्षिण अफ्रीका प्रवास तक के कालखंड को 5 हिस्सों में अंकित किया गया है।
- वहीं प्रथम तल पर गांधीजी के भारत में अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलनों एवं उनके दर्शन को प्रदर्शित किया गया है। द्वितीय तल पर विशेष पुस्तकालय, सेमिनार हॉल एवं कॉन्फ्रेंस कक्ष निर्मित किये गए हैं।
- कॉन्फ्रेंस कक्ष को क्रमश: ‘राजस्थान ने पकड़ी गांधी की राह’, ‘गांधी: अपने आइने में मैं एवं ‘गांधीजी के सपनों का संसार’तीन खंडों में बांटा गया है।
- भवन निर्माण में सादगी एवं पर्यावरण संरक्षण हेतु विशेष रूप से मिट्टी की दीवारें तैयार की गई हैं।
- साथ ही वाटिका में 14 हज़ार पेड़-पौधे लगाए गए हैं। वाटिका में कैफेटेरिया, खुला नाट्य मंच, विमर्श कक्ष जैसी सुविधाएँ भी उपलब्ध होंगी।
कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का लोकार्पण | राजस्थान | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 22 सितंबर, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने दिल्ली के कॉन्स्टीट्यूशन क्लब की तर्ज पर जयपुर में विधानसभा के पास स्थित विधायक नगर (पूर्व) की भूमि पर निर्मित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने एचसीएम रीपा में बनने वाले ऑफिसर्स इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया।
- विदित है कि राजस्थान में एक के बाद एक कई महत्त्वपूर्ण संस्थान स्थापित हो रहे हैं, जिनमें कॉन्स्टीट्यूशन क्लब, राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर, महात्मा गांधी इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, गांधी म्यूज़ियम, फिनटेक यूनिवर्सिटी आदि शामिल हैं।
- कॉन्स्टीट्यूशन क्लब का निर्माण आवासन मंडल की एक अनूठी योजना है।
- आधुनिकतम सुविधाओं से युक्त यह देश का सबसे भव्य और सर्वश्रेष्ठ कॉन्स्टीट्यूशन क्लब है, जहाँ पर विधानसभा में चुनकर आने वाले नए सदस्यों को पूर्व सदस्यों के अनुभव का लाभ मिल सकेगा।
- कॉन्स्टीट्यूशन क्लब लोकतंत्र को मज़बूत करने में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाएगा तथा विधानसभा सदस्यों के विचारों के आदान-प्रदान का मंच बनेगा।
- यह क्लब 4 हज़ार 950 वर्ग मीटर भूमि पर बनाया गया है। 1 लाख 84 हज़ार 480 वर्गफीट क्षेत्रफल में निर्मित इस क्लब के निर्माण पर 90 करोड़ रुपए की राशि व्यय होगी।
- क्लब में रेस्टोरेंट, कॉफी हाउस, स्विमिंग पूल, ऑडिटोरियम, मीटिंग हॉल, कॉन्फ्रेन्स हॉल, लाईब्रेरी, जिम, सैलून, बैडमिंटन एवं टेनिस कोर्ट, बिलियर्डस् व टेबल टेनिस, इंडोर गेम्स सहित अतिथियों के ठहरने के लिये गेस्ट रूम्स का भी प्रावधान किया जा रहा है।
रीवा में ईको-पार्क का हुआ लोकार्पण | मध्य प्रदेश | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को मध्य प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गौतम ने रीवा में ईको-पार्क का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश ईको-पर्यटन विकास बोर्ड एवं रीवा लीजर प्राइवेट लिमिटेड के मध्य रीवा शहर में बीहर ईको-पर्यटन एवं एडवेंचर पार्क का निर्माण डीबीएफओटी मॉडल पर जन-भागीदारी से किया गया है।
- रीवा शहर से निकलने वाली बीहर नदी के टापू पर 5.20 हेक्टेयर भूमि पर यह ईको-पार्क विकसित किया गया है।
- इस ईको पार्क से पर्यटन की गतिविधियों को नई गति मिलेगी। यहाँ रोज़गार के अवसरों का भी सृजन होगा।
- उल्लेखनीय है कि महानगर की तर्ज पर रीवा में निजी पूंजी निवेश से बना ईको-पार्क प्रदेश का पहला ईको-पार्क है।
- 5.20 हेक्टेयर क्षेत्र में निर्मित विश्व स्तरीय ईको-पार्क के निर्माण में ईको टूरिज़्म बोर्ड व वन विभाग का सहयोग है, जिसमें देश के साथ-साथ अंतर्राष्ट्रीय पर्यटक को ध्यान में रखकर सुविधाएँ विकसित की गई हैं।
- ईको-पार्क में जिप लाइन, स्काई साइकिलिंग, रॉक क्लाइंबिंग, कमांडो क्रॉसिंग, बर्मा ब्रिज, रोप कोर्स, छोटे बच्चों के लिये अत्याधुनिक झूले के साथ कई मनोरंजक सुविधाएँ हैं। पर्यटकों के लिये शानदार विश्व-स्तरीय कैफे, मल्टी क्यूजिन रेस्टोरेंट हैं। जिसमें विंध्य के व्यंजनों के अलावा प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के प्रसिद्ध स्थानीय व्यंजनों का लुत्फ भी पर्यटक उठा सकेंगे।
वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में विभिन्न क्षेत्र अधिसूचित | मध्य प्रदेश | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 22 सितंबर, 2023 को भारत सरकार पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा वन्य-प्राणियों के संरक्षण एवं संवर्द्धन की दृष्टि से मध्य प्रदेश के वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व में विभिन्न क्षेत्रों को अधिसूचित किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्र सरकार द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना की प्रदाय की गई स्वीकृति में अधिरोपित की गई शर्त के पालन में ज़िला सागर, दमोह एवं नरसिंहपुर में पूर्व से अधिसूचित नौरादेही अभयारण्य को वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य के क्षेत्र को सम्मिलित किया है।
- वीरांगना दुर्गावती अभयारण्य मध्य प्रदेश का सातवाँ टाइगर रिजर्व है। टाइगर रिजर्व का 1414.00 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र को कोर क्षेत्र तथा 925.120 वर्ग कि.मी. क्षेत्र को बफर क्षेत्र के रूप में अधिसूचित किया गया है।
- अधिसूचित बफर क्षेत्र में नौरादेही एवं वीरांगना दुर्गावती अभयारण्यों का पूर्व से अधिसूचित ईको सेंसेटिव जोन एवं आस-पास के वनक्षेत्र को शामिल किया गया है।
- इस टाइगर रिजर्व में अन्य कोई नया राजस्व क्षेत्र शामिल नहीं किये जाने के कारण टाइगर रिजर्व के आस-पास के स्थानीय लोगों पर कोई अतिरिक्त प्रतिबंध नहीं लागू किये जाएंगे। टाइगर रिजर्व में पूर्व से ही अधिसूचित अभयारण्य क्षेत्र अथवा ईको सेंसेटिव क्षेत्र को शामिल किया गया है।
- इस टाइगर रिजर्व की स्थापना से इन वनों से प्राप्त होने वाली पारिस्थितिकीय सेवाओं
- (Eco-system Services) की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित होगी, जो वर्तमान
- भावी पीढ़ियों के लिये पारिस्थितिकीय सुरक्षा प्रदान करेगी।
उत्कृष्ट कार्य के लिये 28 अधिकारी व स्वयंसेवकों को किया सम्मानित | हरियाणा | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को हरियाणा के हिसार स्थित चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के इंदिरा गांधी सभागार में उच्चतर शिक्षा विभाग ने राज्य स्तरीय राष्ट्रीय सेवा योजना (एनएसएस) पुरस्कार वितरण समारोह किया। इसमें प्रदेशभर से 28 एनएसएस कोऑर्डिनेटर, कार्यक्रम अधिकारियों और स्वयंसेवकों को स्टेट एनएसएस अवॉर्ड देकर सम्मानित किया।
प्रमुख बिंदु
- इसके साथ ही 50 एनएसएस कार्यक्रम अधिकारियों, प्राचार्यों को एनएसएस गतिविधियों में विशेष योगदान के लिये प्रशस्ति पत्र दिया।
- एनईईटी सर्वे के लिये 10 मास्टर ट्रेनर को प्रशस्ति पत्र, क्रीड़ा और सोशियो इको सर्वे के लिये 12 ज़िला उच्चतर शिक्षा अधिकारी, प्राचार्य प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
- 12 स्वयंसेवकों को स्टेट लेवल पोस्टर मेकिंग कॉम्पटीशन के लिये सम्मानित किया।
- इस दौरान एनएसएस के ज़िला समन्वयक विजय शर्मा को राज्य स्तरीय राष्ट्रीय सेवा योजना पुरस्कार से नवाज़ा गया।
हरियाणा के मुख्यमंत्री ने मानेसर में फ्लिपकार्ट के आपूर्ति केंद्र की आधारशिला रखी | हरियाणा | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 22 सितंबर, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने गुरुग्राम के मानेसर में फ्लिपकार्ट के क्षेत्रीय वितरण केंद्र की आधारशिला रखी और सोनीपत में किराना आपूर्ति केंद्र का वर्चुअल माध्यम से शुभारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- फ्लिपकार्ट द्वारा 285 एकड़ जमीन पर वेयरहाउसिंग और ट्रांसपोर्ट हब स्थापित किया जा रहा है। इसमें से 140 एकड़ ज़मीन पर 1389 करोड़ रुपए के निवेश से बनाया जाने वाला यह क्षेत्रीय वितरण केंद्र एशिया का सबसे बड़ा वितरण केंद्र होगा।
- इससे 10 हज़ार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से रोज़गार मिलेगा, जबकि सोनीपत में किराना आपूर्ति केंद्र लगभग 2,000 प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर पैदा करेगा।
- उल्लेखनीय है कि गुरुग्राम ज़िले में विकसित की जा रही ग्लोबल सिटी क्षेत्र के विकास में यह एक नया अध्याय है। ग्लोबल सिटी का कार्य एनपीआर (नॉर्दर्न पेरिफेरल रोड) और सीपीआर (सेंट्रल पेरिफेरल रोड) के बीच लगभग 1,000 एकड़ भूमि पर विकसित किया जाना है।
झारखंड में पेसा कानून को दिया गया अंतिम रूप | झारखंड | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को झारखंड सरकार ने सभी आपत्तियों व सुझावों पर तर्कसंगत फैसला करते हुए पेसा रूल-2022 को अंतिम रूप दे दिया है।
प्रमुख बिंदु
- पेसा रूल में ग्रामसभाओं को ‘शक्तिशाली’और ‘अधिकार संपन्न’बनाने का प्रावधान किया गया है। इसके तहत ग्रामसभा की बैठकों की अध्यक्षता मानकी, मुंडा आदि पारंपरिक प्रधान ही करेंगे।
- पंचायत सचिव ‘ग्रामसभा सचिव’के रूप में काम करेंगे। बैठकों में कोरम पूरा करने के लिये 1/3 सदस्यों की मौजूदगी जरूरी है। कोरम पूरा करने के लिये निर्धारित इस संख्या में 1/3 महिलाओं की उपस्थिति भी जरूरी है। ग्रामसभा की बैठक में अभद्र व्यवहार करने, अनुशासन तोड़नेवाले सदस्य को बैठक से निष्कासित करने का अधिकार सभा के अध्यक्ष को दिया गया है।
- ग्रामसभा की सहमति के बिना जमीन का अधिग्रहण नहीं किया जा सकेगा। ग्रामसभा का फैसला ही अंतिम होगा। आदिवासियों की ज़मीन खरीद-बिक्री मामले में भी ग्रामसभा की सहमति की बाध्यता होगी।
- ग्रामसभा गाँव में विधि-व्यवस्था बहाल करने के उद्देश्य से आईपीसी की कुल-36 धाराओं के तहत अपराध करने वालों पर न्यूनतम 10 रुपए से अधिकतम 1000 रुपए तक का दंड लगा सकेंगी।
- दंड की अपील पारंपरिक उच्च स्तर के बाद सीधे हाइकोर्ट में की जाएगी। पेसा रूल में पुलिस की भूमिका निर्धारित करते हुए किसी की गिरफ्तारी के 48 घंटे के अंदर गिरफ्तारी के कारणों की जानकारी ग्रामसभा को देने की बाध्यता तय की गई है।
- उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार द्वारा जारी पेसा रूल के प्रारूप पर 31 अगस्त तक आपत्तियाँ और सुझाव मांगे गए थे। इसके आलोक में कई संगठनों ने रूल के प्रारूप पर आपत्तियाँ दर्ज कराई थीं। साथ ही कई सुझाव भी दिये थे।
- सरकार ने उन आपत्तियों और सुझावों को अस्वीकार कर दिया है, जो हाइकोर्ट, सुप्रीम कोर्ट और पेसा अधिनियम, झारखंड पंचायत राज अधिनियम-2001 के प्रावधानों के विपरीत थे। साथ ही नियम संगत सुझावों को स्वीकार करते हुए पेसा रूल-2022 को अंतिम रूप दिया है। इसमें कुल 17 अध्याय और 36 धाराएँ हैं।
- पेसा रूल में ग्रामसभा में कोष स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इसे अन्न कोष, श्रम कोष, वस्तु कोष, नकद कोष के नाम से जाना जाएगा। नकद कोष में दान, प्रोत्साहन राशि, दंड, शुल्क, वन उपज से मिलने वाले रॉयल्टी, तालाब, बाजार आदि के लीज से मिलने वाली राशि रखी जाएगी। ग्रामसभा में बक्से में बंद कर अधिकतम 10 हज़ार रुपए ही रखे जाएंगे। इससे अधिक जमा हुई राशि को बैंक खाते में रखा जाएगा।
- पैसा रुल के अनुसार ग्रामसभाएँ ही संविधान के अनुच्छेद-275(1) के तहत मिलनेवाले अनुदान और ज़िला खनिज विकास निधि (डीएमएफटी) से की जाने वाली योजनाओं का फैसला करेंगी। योजना के लाभुकों का चयन ग्रामसभा के माध्यम से किया जाएगा। विभाग द्वारा चलाई जाने वाली योजनाओं के लिये ग्राम सभा के द्वारा विचार-विमर्श करना होगा।
- पेसा रूल के प्रावधानों के सामाजिक, धार्मिक और प्रथा के प्रतिकूल होने की स्थिति में ग्रामसभा को इस पर आपत्ति दर्ज करने का अधिकार होगा। इस तरह के मामलों में ग्रामसभा प्रस्ताव पारित कर उपायुक्त के माध्यम से राज्य सरकार को भेजेगी।
- सरकार 30 दिनों के अंदर एक उच्चस्तरीय समिति बनाएगी। यह समिति 90 दिनों के अंदर सरकार को अपनी रिपोर्ट देगी। रिपोर्ट के आधार पर सरकार फैसला करेगी और ग्रामसभा को सूचित करेगी।
- ग्रामसभा अपनी पारंपरिक सीमा के अंदर प्राकृतिक स्रोतों का प्रबंधन करेगी। ग्रामसभा को वन उपज पर अधिकार दिया गया है। साथ ही वन उपज की सूची में पादक मूल के सभी गैर-इमारती वनोत्पाद को शामिल किया गया है।
- वन उपज की सूची में बांस, झाड़-झंखाड़, ठूंठ, बेंत, तुसार, कोया, शहद, मोम, लाह, चार, महुआ, हर्रा, बहेरा, करंज, सरई, आंवला, रुगड़ा, तेंदू, केंदू पत्ता के अलावा औषधीय पौधों और जड़ी-बूटी को शामिल किया गया है।
- ग्रामसभा को लघु खनिजों का अधिकार दिया गया है। ग्रामसभाएँ सामुदायिक संसाधनों का नियंत्रण समुदाय के पारंपरिक पद्धति और प्रथाओं से करेंगी। हालाँकि, इस दौरान विल्किसन रूल्स, छोटानागपुर काश्तकारी अधिनियम, संताल परगना काश्तकारी अधिनियम सहित अन्य कानूनों का ध्यान रखा जाएगा।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवनिर्मित अत्याधुनिक सेंट्रल लाईब्रेरी (ग्रंथालय) का किया लोकार्पण | छत्तीसगढ़ | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोंडागाँव प्रवास के दौरान शासकीय गुंडाधुर महाविद्यालय परिसर में 6 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित सर्वसुविधायुक्त अत्याधुनिक सेंट्रल लाईब्रेरी का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- यह लाइब्रेरी ज़िले के युवाओं के ज्ञान को बढ़ाने और कौशल विकास में सहायक साबित होगी, जिससे युवा अपने भविष्य को संवार सकेंगे।
- विदित है कि कोंडागाँव ज़िले को एक एजुकेशन हब बनाने के लिये इस केंद्रीय ग्रंथालय का शुभारंभ किया गया है। यह ग्रंथालय सभी आयु वर्ग के बच्चों, युवाओं व वरिष्ठ-जनों के लिये समर्पित होगी।
- इस ग्रंथालय को सुविधा की दृष्टि से न्यूज़ पेपर, मैगजीन जोन, किड्स जोन, डिस्कशन जोन, रीडिंग जोन में बांटा गया है ताकि पढ़ने-समझने के सभी पहलुओं को कवर कर सकें।
- इस लाइब्रेरी के साथ-साथ ई-ज्ञान पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया। इस पोर्टल के माध्यम से 128 सरकारी माध्यमिक विद्यालय और उच्च विद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध सभी पुस्तकों का एक डेटाबेस बनाया गया है, और उसे ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।
- इस पोर्टल के माध्यम से ज़िले का कोई भी विद्यार्थी या आम नागरिक, जिन्हें किसी भी किताब की जरूरत है, वह घर बैठे-बैठे ज़िले की 128 लाइब्रेरी में उपलब्ध किसी भी किताब को आवंटित करवा सकता है और उसे वह किताब खंड स्त्रोत समन्वयक के माध्यम से 7 दिन के भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- इसके साथ ही ज़िले में स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु इंक्यूबेशन एवं इनोवेशन हब कोंडागाँव का उद्घाटन किया गया। बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले युवाओं और स्टार्टअप्स की इच्छा रखने वाले लोगों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
- इस हेतु आज राज्य के प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईटी भिलाई, ट्रिपल आईटी, नया रायपुर और हेडस्टार्ट के साथ एमओयू में हस्ताक्षर किये गए। ये संस्थान इनक्यूबेटर में दाखिल फाउंडर्स को व्यापार संचालन में आने वाले विभिन्न आवश्यक बिंदुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का मुख्यमंत्री ने किया शुभांरभ | छत्तीसगढ़ | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा ज़िले के छिंदगढ़ में सुकमा ज़िले के 681 प्राथमिक शालाओं में मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का प्रारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को टिफिन का वितरण किया।
- इस योजना के तहत कक्षा पहली से पाँचवी तक के बच्चों को सप्ताह के पाँच दिन अलग-अलग मैन्यू के तहत स्वल्पाहार दिया जाएगा। जैसे सोमवार को पोहा, मंगलवार को दलिया, बुधवार को चना फ्राई, गुरुवार को मूंगदाल और शुक्रवार को वेज पुलाव दिया जाएगा।
- इससे सुकमा ज़िले के लगभग 17 हज़ार बच्चे लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत स्कूल के रसोइयों को 800 रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाएगी।
छत्तीसगढ़ की चॉक परियोजना को विश्व बैंक एवं भारत सरकार से मंज़ूरी मिली | छत्तीसगढ़ | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 22 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में स्कूली शिक्षा के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तेजी से बदलाव लाने की दृष्टि से स्कूली शिक्षा में सुधार हेतु चॉक (CHALK) परियोजना की विश्व बैंक एवं भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है, आज इस परियोजना के दस्तावेज़ों पर विश्व बैंक, भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत रूप से हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- विश्व बैंक की मदद से शिक्षा गुणवत्ता सुधार के साथ स्कूलों का कायाकल्प किये जाने का निर्णय लिया गया है, इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले चरण में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- इस परियोजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में (जुलाई, 2023 से सितंबर, 2028) विश्व बैंक द्वारा कुल 300 मिलियन डॉलर (लगभग 2500 करोड़ रुपए) की सहायता प्राप्त होगी।
- इस परियोजना के माध्यम से प्रमुख रूप से बच्चों की उपलब्धि में सुधार की दिशा में विभिन्न कार्य पालकों की मांग के आधार पर स्वामी आत्मानंद की तर्ज पर उत्कृष्ट परिणाम देने वाले नए स्कूलों का प्रारंभ, राज्य में सुदूर अंचलों में संचालित स्कूलों की अधोसंरचना में सुधार हेतु आवश्यक समर्थन आदि कार्य किये जा सकेंगे।
- इस परियोजना के आने से छत्तीसगढ़ राज्य में विगत चार वर्षों में शुरू किये गए विभिन्न सुधार कार्यों को गति एवं विस्तार देने में आसानी हो सकेगी एवं स्कूली शिक्षा की गुणवता में व्यापक सुधार हो सकेगा।
- इस परियोजना के अंतर्गत कक्षा के स्तर अनुरूप सीखने-सिखाने से संबंधित प्रशिक्षण, शिक्षकों को अपने लिये उपयुक्त प्रशिक्षण के चयन का अवसर (ऑन डिमॉड ट्रेनिंग), उच्च प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्तर की कक्षाओं के लिये प्रत्येक विषय एवं अवधारणा के लिये उपचारात्मक शिक्षण, स्कूलों में प्रभावी आकलन हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बच्चों के परिणामों के विश्लेषण की व्यवस्था, उच्च क्वालिटी के टेस्ट आइटम आईसीटी एवं विज्ञान प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लासरूम की उपलब्धता, चयनित स्कूलों को अधोसंरचना विकास का लाभ, अधिक संख्या में अनुसूचित जाति एवं जनजाति बसाहट वाले विकासखंडों में स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव जैसे कार्यों पर फोकस किया जाएगा।
- साथ ही स्कूल शिक्षा में बदलाव लाए जाने हेतु राज्य में कार्यरत स्कूल प्राचार्यों को अकादमिक एवं प्रशासनिक लीडरशिप के अलावा अन्य उपयोगी मुद्दों पर उन्हें प्रशिक्षित कर व्यवहार परिवर्तन हेतु सीमेट के माध्यम से विभिन्न क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) लगातार तीसरी बार पुरस्कृत | छत्तीसगढ़ | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 21 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये स्टार परफॉर्मेंस अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया।
प्रमुख बिंदु
- सोसाइटी ऑफ एनर्जी इंजीनियर्स एंड मैनेजर्स (सीम) द्वारा 8वें नेशनल एनर्जी मैनेजमेंट अवॉर्ड समारोह में यह सम्मान दिया गया।
- आलोक कटियार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा उक्त पुरस्कार को डॉ. अशोक कुमार, उप महानिदेशक, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, (बी.ई.ई.) भारत सरकार की उपस्थिति में प्राप्त किया गया।
- उल्लेखनीय है कि लगातार 03 वर्षों (वर्ष 2020, 2021 एवं 2022) से क्रेडा को सीम द्वारा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य नामित एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- ‘छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा)’ द्वारा विगत 11 वर्षों में प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं।
- ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के अंतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल 44 औद्योगिक संस्थानों द्वारा प्रदेश में लगभग 2.198 मिलियन टन ऑफ ऑयल इक्वीवेलेंट (MTO) ऊर्जा की बचत कर लगभग 6.67 मिलियन टन का कार्बन उत्सर्जन कम किया गया है।
- इस परियोजना के तहत प्रदेश के उद्योगों को कुल दस लाख से भी अधिक एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। व्यावसायिक भवन क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता अधिसूचित किया गया है तथा राज्य में कुल 15 भवनों को ग्रीन भवन के रूप में प्रमाणित किया गया है तथा 8 शासकीय भवनों को स्टार रेटिंग नामित करने हेतु प्रस्ताव केंद्र शासन को अग्रेषित किया गया है।
- आवासीय भवनों में ईको निवास संहिता (ECO NIWAS Samhita) के अंतर्गत ऊर्जा दक्ष भवन निर्माण तकनीक अपनाने हेतु प्रदेश के आवासीय परियोजनाओं के ऊर्जा दक्ष बनाने हेतु सतत् कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में क्रेडा द्वारा 150 से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम इंजीनियर्स एवं आर्किटेक्ट हेतु आयोजित किये गए हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा दक्ष उपकरणों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुल 77 ग्रामों को मॉडल ऊर्जा दक्ष ग्रामों में विकसित किया गया है। इसी तरह 56 स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल ऊर्जा दक्ष स्वास्थ्य केंद्र एवं 376 शासकीय स्कूलों को मॉडल ऊर्जा दक्ष शासकीय स्कूलों के रूप में विकसित किया गया है।
- स्कूली छात्र छात्राओं को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से क्रेडा द्वारा कुल 603 स्कूलों में ऊर्जा क्लब का गठन किया गया है तथा आगामी वर्ष में 1 हज़ार से भी अधिक शैक्षणिक संस्थानों में ऊर्जा क्लब गठन किये जाने का लक्ष्य है।
प्रदेश में संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में हुई वृद्धि | उत्तराखंड | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 23 सितंबर, 2023 को उत्तराखंड की खेल मंत्री रेखा आर्य ने प्रदेश में खेल विभाग में कार्यरत संविदा खेल प्रशिक्षकों के मानदेय में 78 से लेकर 140 प्रतिशत तक की वृद्धि की गई है। विशेष प्रमुख सचिव अभिनव कुमार ने इस संबंध में आदेश जारी किया है।
प्रमुख बिंदु
- इस आदेश के अनुसार मानदेय की संशोधित दरें 01 अक्तूबर, 2023 से लागू होंगी।
- विदित है कि खेल विभाग में संविदा पर कार्यरत खेल प्रशिक्षक वर्ष 2014 से मानदेय में वृद्धि की मांग कर रहे थे।
- 15 जून, 2023 को खेल मंत्री रेखा आर्य की अध्यक्षता में निदेशालय में हुई विभाग की समीक्षा बैठक में मामला सामने आने के बाद मंत्री ने विभागीय अधिकारियों को मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिए थे।
- शासनादेश के मुताबिक, अर्जुन, द्रोणाचार्य पुरस्कार प्राप्त करने वाले, ओलंपिक, विश्व कप प्रतियोगिता में प्रतिभाग कर चुके खिलाड़ी, सैफ खेलों में पदक विजेता एवं एनआईएस से नियमित कोर्स का प्रशिक्षण डिप्लोमाधारी का मानदेय 20 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 45 हज़ार रुपए किया गया है।
- एशियाई, कॉमन वेल्थ एफ्रो एशियन, सैफ गेम्स पदक विजेता आदि का मानदेय 17 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 35 हज़ार रुपए, एशियाई कॉमन वेल्थ में एफ्रो एशियन, सैफ गेम्स प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी रहे प्रशिक्षकों का मानदेय 14 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 25 हज़ार रुपए, सीनियर नेशनल में पदक विजेता रहे खिलाड़ी प्रशिक्षकों का मानदेय 10 से बढ़ाकर 20 हज़ार रुपए किया गया है।
- सीनियर वर्ग में नेशनल में प्रतिभाग और अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालयी प्रतियोगिता में पदक प्राप्त करने वाले खिलाड़ी प्रशिक्षकों का मानदेय 7 से बढ़ाकर 15 हज़ार रुपए किया गया है, जबकि अखिल भारतीय अंतर विश्वविद्यालय प्रतियोगिता में प्रतिभाग, सीनियर नॉर्थ ज़ोन में प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ी रहे कोच का मानदेय 5 हज़ार रुपए से बढ़ाकर 12 हज़ार रुपए किया गया है।
- इस आदेश से 210 संविदा खेल प्रशिक्षक लाभान्वित होंगे।
उत्तराखंड में चार नए सैनिक स्कूल और पाँच केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे | उत्तराखंड | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 23 सितंबर, 2023 को राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्रदेश में चार नए सैनिक स्कूल और पाँच केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अनुमोदन के बाद शासन ने केंद्र सरकार को इसका प्रस्ताव भेजा है।
प्रमुख बिंदु
- ये सैनिक स्कूल प्रसिद्ध पेशावर कांड के नायक वीर चंद्र सिंह गढ़वाली के जन्म स्थान पीठसैंण पौड़ी गढ़वाल, ऊधमसिंह नगर, देहरादून और चंपावत में खुलेंगे। नए स्कूल, सैनिक स्कूल सोसायटी के तहत साझेदारी मोड में चलेंगे।
- विदित है कि प्रदेश में अभी मात्र एक सैनिक स्कूल घोड़ाखाल है, जिसका संचालन रक्षा मंत्रालय करता है।
- गौरतलब है कि शिक्षा सचिव रविनाथ रमन के मुताबिक केंद्र सरकार ने देशभर में 100 सैनिक स्कूल खोले जाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत केंद्र सरकार ने पहले चरण में देश में 23 नए सैनिक स्कूल को मंजूरी दे दी है। इसके बाद दूसरे चरण में सैनिक स्कूल को मंजूरी दी जानी है।
- उत्तराखंड की ओर से दूसरे चरण के लिये चार नए सैनिक स्कूल का प्रस्ताव भेजा गया है। सभी मानकों को पूरा करने एवं मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के अनुमोदन के बाद इसका प्रस्ताव भेजा गया है।
- सैनिक स्कूल के लिये ग्राम डुंगरासेठी तहसील चंपावत में 10 एकड़ भूमि उपलब्ध है, जबकि ए.एन झा इंटर कॉलेज रुद्रपुर ऊधमसिंह नगर में 250 एकड़ एवं राजीव गांधी नवोदय विद्यालय ननूरखेड़ा देहरादून में 9.5 एकड़ भूमि उपलब्ध है।
- इनके अलावा प्रदेश में पाँच नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे। शिक्षा विभाग ने पांडुवाखाल तहसील चौखुटिया ज़िला अल्मोड़ा, द्वाराहाट ज़िला अल्मोड़ा, कोटद्वारा ज़िला पौड़ी गढ़वाल, नरेंद्रनगर ज़िला टिहरी गढ़वाल एवं विधानसभा क्षेत्र प्रतापनगर के मदननेगी ज़िला टिहरी गढ़वाल में केंद्रीय विद्यालय खोलने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है।
अटल रहेंगे प्रदेश के 189 अटल उत्कृष्ट स्कूल, सिर्फ बदलेगा बोर्ड | उत्तराखंड | 25 Sep 2023
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को प्रदेश के शिक्षा सचिव रविनाथ रमन ने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से संबद्ध अंग्रेजी माध्यम से चल रहे राज्य के 189 अटल उत्कृष्ट स्कूल पहले की तरह इसी माध्यम से चलते रहेंगे, लेकिन स्कूल का बोर्ड, उत्तराखंड बोर्ड कर दिया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राजकीय शिक्षक संघ की इन स्कूलों को दोबारा उत्तराखंड बोर्ड में लाने की मांग के बाद विभाग की ओर से इसका प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। इन स्कूल को लेकर अलग-अलग तीन प्रस्ताव हैं।
- पहले प्रस्ताव के अंतर्गत इन स्कूलों के बोर्ड को उत्तराखंड बोर्ड कर दिया जाएगा।
- दूसरे प्रस्ताव के अंतर्गत सीबीएसई पैटर्न को 10वीं और 12वीं के बजाय अब छठवीं कक्षा से लागू किया जाएगा तथा तीसरा, इन स्कूल में शिक्षकों की तैनाती निजी सेक्टर या अन्य से अच्छे वेतन पर की जाएगी।
- राज्य शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद को इसका प्रस्ताव तैयार करने को कहा गया है, जिसे कैबिनेट में लाया जाएगा।