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मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने नवनिर्मित अत्याधुनिक सेंट्रल लाईब्रेरी (ग्रंथालय) का किया लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कोंडागाँव प्रवास के दौरान शासकीय गुंडाधुर महाविद्यालय परिसर में 6 करोड़ रुपए की लागत से नवनिर्मित सर्वसुविधायुक्त अत्याधुनिक सेंट्रल लाईब्रेरी का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- यह लाइब्रेरी ज़िले के युवाओं के ज्ञान को बढ़ाने और कौशल विकास में सहायक साबित होगी, जिससे युवा अपने भविष्य को संवार सकेंगे।
- विदित है कि कोंडागाँव ज़िले को एक एजुकेशन हब बनाने के लिये इस केंद्रीय ग्रंथालय का शुभारंभ किया गया है। यह ग्रंथालय सभी आयु वर्ग के बच्चों, युवाओं व वरिष्ठ-जनों के लिये समर्पित होगी।
- इस ग्रंथालय को सुविधा की दृष्टि से न्यूज़ पेपर, मैगजीन जोन, किड्स जोन, डिस्कशन जोन, रीडिंग जोन में बांटा गया है ताकि पढ़ने-समझने के सभी पहलुओं को कवर कर सकें।
- इस लाइब्रेरी के साथ-साथ ई-ज्ञान पोर्टल का भी लोकार्पण किया गया। इस पोर्टल के माध्यम से 128 सरकारी माध्यमिक विद्यालय और उच्च विद्यालय के पुस्तकालयों में उपलब्ध सभी पुस्तकों का एक डेटाबेस बनाया गया है, और उसे ऑनलाइन उपलब्ध कराया जा रहा है।
- इस पोर्टल के माध्यम से ज़िले का कोई भी विद्यार्थी या आम नागरिक, जिन्हें किसी भी किताब की जरूरत है, वह घर बैठे-बैठे ज़िले की 128 लाइब्रेरी में उपलब्ध किसी भी किताब को आवंटित करवा सकता है और उसे वह किताब खंड स्त्रोत समन्वयक के माध्यम से 7 दिन के भीतर उपलब्ध करा दिया जाएगा।
- इसके साथ ही ज़िले में स्वरोजगार को बढ़ावा देने हेतु इंक्यूबेशन एवं इनोवेशन हब कोंडागाँव का उद्घाटन किया गया। बेरोजगारी भत्ता प्राप्त करने वाले युवाओं और स्टार्टअप्स की इच्छा रखने वाले लोगों को मार्गदर्शन दिया जा रहा है।
- इस हेतु आज राज्य के प्रमुख संस्थानों जैसे आईआईटी भिलाई, ट्रिपल आईटी, नया रायपुर और हेडस्टार्ट के साथ एमओयू में हस्ताक्षर किये गए। ये संस्थान इनक्यूबेटर में दाखिल फाउंडर्स को व्यापार संचालन में आने वाले विभिन्न आवश्यक बिंदुओं पर मार्गदर्शन प्रदान करेंगे।
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मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का मुख्यमंत्री ने किया शुभांरभ
चर्चा में क्यों?
- 24 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सुकमा ज़िले के छिंदगढ़ में सुकमा ज़िले के 681 प्राथमिक शालाओं में मुख्यमंत्री स्वल्पाहार योजना का प्रारंभ किया।
प्रमुख बिंदु
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्कूली बच्चों को टिफिन का वितरण किया।
- इस योजना के तहत कक्षा पहली से पाँचवी तक के बच्चों को सप्ताह के पाँच दिन अलग-अलग मैन्यू के तहत स्वल्पाहार दिया जाएगा। जैसे सोमवार को पोहा, मंगलवार को दलिया, बुधवार को चना फ्राई, गुरुवार को मूंगदाल और शुक्रवार को वेज पुलाव दिया जाएगा।
- इससे सुकमा ज़िले के लगभग 17 हज़ार बच्चे लाभान्वित होंगे। इस योजना के तहत स्कूल के रसोइयों को 800 रुपए अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि प्रदाय की जाएगी।
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छत्तीसगढ़ की चॉक परियोजना को विश्व बैंक एवं भारत सरकार से मंज़ूरी मिली
चर्चा में क्यों?
- 22 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य में स्कूली शिक्षा के बदलते परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए तेजी से बदलाव लाने की दृष्टि से स्कूली शिक्षा में सुधार हेतु चॉक (CHALK) परियोजना की विश्व बैंक एवं भारत सरकार से स्वीकृति प्राप्त हो गई है, आज इस परियोजना के दस्तावेज़ों पर विश्व बैंक, भारत सरकार एवं छत्तीसगढ़ शासन द्वारा अधिकृत रूप से हस्ताक्षर किये गए।
प्रमुख बिंदु
- विश्व बैंक की मदद से शिक्षा गुणवत्ता सुधार के साथ स्कूलों का कायाकल्प किये जाने का निर्णय लिया गया है, इसके अंतर्गत छत्तीसगढ़ शासन द्वारा पहले चरण में 400 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- इस परियोजना के माध्यम से अगले 5 वर्षों में (जुलाई, 2023 से सितंबर, 2028) विश्व बैंक द्वारा कुल 300 मिलियन डॉलर (लगभग 2500 करोड़ रुपए) की सहायता प्राप्त होगी।
- इस परियोजना के माध्यम से प्रमुख रूप से बच्चों की उपलब्धि में सुधार की दिशा में विभिन्न कार्य पालकों की मांग के आधार पर स्वामी आत्मानंद की तर्ज पर उत्कृष्ट परिणाम देने वाले नए स्कूलों का प्रारंभ, राज्य में सुदूर अंचलों में संचालित स्कूलों की अधोसंरचना में सुधार हेतु आवश्यक समर्थन आदि कार्य किये जा सकेंगे।
- इस परियोजना के आने से छत्तीसगढ़ राज्य में विगत चार वर्षों में शुरू किये गए विभिन्न सुधार कार्यों को गति एवं विस्तार देने में आसानी हो सकेगी एवं स्कूली शिक्षा की गुणवता में व्यापक सुधार हो सकेगा।
- इस परियोजना के अंतर्गत कक्षा के स्तर अनुरूप सीखने-सिखाने से संबंधित प्रशिक्षण, शिक्षकों को अपने लिये उपयुक्त प्रशिक्षण के चयन का अवसर (ऑन डिमॉड ट्रेनिंग), उच्च प्राथमिक से लेकर हायर सेकंडरी स्तर की कक्षाओं के लिये प्रत्येक विषय एवं अवधारणा के लिये उपचारात्मक शिक्षण, स्कूलों में प्रभावी आकलन हेतु डिजिटल टेक्नोलॉजी का उपयोग कर बच्चों के परिणामों के विश्लेषण की व्यवस्था, उच्च क्वालिटी के टेस्ट आइटम आईसीटी एवं विज्ञान प्रयोगशाला, स्मार्ट क्लासरूम की उपलब्धता, चयनित स्कूलों को अधोसंरचना विकास का लाभ, अधिक संख्या में अनुसूचित जाति एवं जनजाति बसाहट वाले विकासखंडों में स्कूल खोले जाने का प्रस्ताव जैसे कार्यों पर फोकस किया जाएगा।
- साथ ही स्कूल शिक्षा में बदलाव लाए जाने हेतु राज्य में कार्यरत स्कूल प्राचार्यों को अकादमिक एवं प्रशासनिक लीडरशिप के अलावा अन्य उपयोगी मुद्दों पर उन्हें प्रशिक्षित कर व्यवहार परिवर्तन हेतु सीमेट के माध्यम से विभिन्न क्षमता विकास कार्यक्रम का आयोजन भी किया जाएगा।
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छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) लगातार तीसरी बार पुरस्कृत
चर्चा में क्यों?
- 21 सितंबर, 2023 को छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) को नई दिल्ली में आयोजित समारोह में ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में राष्ट्रीय स्तर पर सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन के लिये स्टार परफॉर्मेंस अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया।
प्रमुख बिंदु
- सोसाइटी ऑफ एनर्जी इंजीनियर्स एंड मैनेजर्स (सीम) द्वारा 8वें नेशनल एनर्जी मैनेजमेंट अवॉर्ड समारोह में यह सम्मान दिया गया।
- आलोक कटियार, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा) द्वारा उक्त पुरस्कार को डॉ. अशोक कुमार, उप महानिदेशक, ऊर्जा दक्षता ब्यूरो, (बी.ई.ई.) भारत सरकार की उपस्थिति में प्राप्त किया गया।
- उल्लेखनीय है कि लगातार 03 वर्षों (वर्ष 2020, 2021 एवं 2022) से क्रेडा को सीम द्वारा ऊर्जा संरक्षण के क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले राज्य नामित एजेंसी के रूप में राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया गया है।
- ‘छत्तीसगढ़ राज्य अक्षय ऊर्जा विकास अभिकरण (क्रेडा)’ द्वारा विगत 11 वर्षों में प्रदेश में ऊर्जा संरक्षण एवं ऊर्जा दक्षता के क्षेत्र में महत्त्वपूर्ण उपलब्धियाँ हासिल की गई हैं।
- ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के अंतर्गत प्रथम एवं द्वितीय चरण में कुल 44 औद्योगिक संस्थानों द्वारा प्रदेश में लगभग 2.198 मिलियन टन ऑफ ऑयल इक्वीवेलेंट (MTO) ऊर्जा की बचत कर लगभग 6.67 मिलियन टन का कार्बन उत्सर्जन कम किया गया है।
- इस परियोजना के तहत प्रदेश के उद्योगों को कुल दस लाख से भी अधिक एनर्जी सेविंग सर्टिफिकेट ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी के माध्यम से प्राप्त हुए हैं। व्यावसायिक भवन क्षेत्र में ऊर्जा संरक्षण को बढ़ावा दिये जाने हेतु राज्य शासन द्वारा छत्तीसगढ़ ऊर्जा संरक्षण भवन संहिता अधिसूचित किया गया है तथा राज्य में कुल 15 भवनों को ग्रीन भवन के रूप में प्रमाणित किया गया है तथा 8 शासकीय भवनों को स्टार रेटिंग नामित करने हेतु प्रस्ताव केंद्र शासन को अग्रेषित किया गया है।
- आवासीय भवनों में ईको निवास संहिता (ECO NIWAS Samhita) के अंतर्गत ऊर्जा दक्ष भवन निर्माण तकनीक अपनाने हेतु प्रदेश के आवासीय परियोजनाओं के ऊर्जा दक्ष बनाने हेतु सतत् कार्य किया जा रहा है। इसी क्रम में क्रेडा द्वारा 150 से ज्यादा जागरूकता कार्यक्रम इंजीनियर्स एवं आर्किटेक्ट हेतु आयोजित किये गए हैं।
- ग्रामीण क्षेत्र में ऊर्जा दक्ष उपकरणों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कुल 77 ग्रामों को मॉडल ऊर्जा दक्ष ग्रामों में विकसित किया गया है। इसी तरह 56 स्वास्थ्य केंद्रों को मॉडल ऊर्जा दक्ष स्वास्थ्य केंद्र एवं 376 शासकीय स्कूलों को मॉडल ऊर्जा दक्ष शासकीय स्कूलों के रूप में विकसित किया गया है।
- स्कूली छात्र छात्राओं को ऊर्जा संरक्षण के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से क्रेडा द्वारा कुल 603 स्कूलों में ऊर्जा क्लब का गठन किया गया है तथा आगामी वर्ष में 1 हज़ार से भी अधिक शैक्षणिक संस्थानों में ऊर्जा क्लब गठन किये जाने का लक्ष्य है।
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