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9वीं राज्यस्तरीय ड्रेगन बोट रेस
चर्चा में क्यों?
हाल ही में भोपाल के छोटे तालाब पर आयोजित 9वीं राज्यस्तरीय ड्रेगन बोट रेस जूनियर बालक/बालिकाओं एवं सीनियर महिला/पुरुष चैंपियनशिप में भोपाल क्लब चैंपियन बना है।
प्रमुख बिंदु
- इस रेस चैंपियनशिप को मध्य प्रदेश कायाकिंग एवं केनोइंग संघ द्वारा आयोजित किया गया था।
- इस रेस में 500 मीटर 10+2 मिक्स इवेंट में भोपाल क्लब प्रथम, मध्य प्रदेश अकादमी द्वितीय और एडवेंचर क्लब ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- 500 मीटर 10+2 पुरुष इवेंट में भोपाल क्लब ने प्रथम स्थान, मध्य प्रदेश अकादमी ने द्वितीय एवं भिंड ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
- 200 मीटर 10+2 पुरुष इवेंट में भोपाल क्लब पहले स्थान पर, भिंड दूसरे स्थान पर तथा एडवेंचर क्लब तीसरे स्थान पर रहा।
- 200 मीटर 10+2 मिक्स इवेंट में मध्य प्रदेश अकादमी प्रथम स्थान पर, भोपाल क्लब द्वितीय स्थान पर तथा एडवेंचर क्लब तृतीय स्थान पर रहा।
- उपर्युक्त प्रतियोगिता के विजेता खिलाड़ियों का चयन 9वीं राष्ट्रीय ड्रेगन वोट रेस सीनियर महिला/पुरुष तथा जूनियर बालक/बालिक प्रतियोगिता 2020-21 के लिये किया जाएगा, जो कि 9 से 12 अक्टूबर, 2021 तक चामरा लेक (हिमाचल प्रदेश) में आयोजित की जाएगी।
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‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0-आत्मनिर्भर लाडली’
चर्चा में क्यों?
24 सितंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा बेटियों को आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से स्वावलंबी बनाने के लिये लाडली लक्ष्मी योजना को नए स्वरूप ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0-आत्मनिर्भर लाडली’ के रूप में लागू करने का निर्णय लिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि बेटियों के प्रति समाज की मानसिकता में बदलाव लाने के लिये वर्ष 2007 में लागू की गई लाडली लक्ष्मी योजना में वर्तमान में 39.81 लाख से अधिक बेटियाँ जुड़ी हुई हैं।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘लाडली लक्ष्मी योजना 2.0-आत्मनिर्भर लाडली’ में बालिकाओं के कौशल प्रशिक्षण एवं विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों में रोज़गार की उपलब्धता, उच्च शिक्षा तथा जीवन के अन्य क्षेत्रों में उनकी प्रतिभा को प्रोत्साहित करने पर ज़ोर दिया गया है। इससे वे अपने पैरों पर खड़ी हो सकेंगी तथा सामाजिक और आर्थिक रूप से अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज करा सकेंगी।
- मुख्यमंत्री ने प्रदेश की बेटियों से आग्रह किया है कि वे शाला में प्रवेश से लेकर निरंतर आगे की कक्षाओं में अग्रसर होते हुए लगन, उत्साह और परिश्रम से 12वीं कक्षा तथा उसके बाद भी अपनी रुचि अनुसार लक्ष्य निर्धारित करते हुए उच्च शिक्षा एवं व्यावसायिक प्रशिक्षण प्राप्त करें। इससे अन्य बालिकाओं को भी प्रेरणा मिल सकेगी।
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