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राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Aug 2022
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‘इन्वेस्टर्स मीट एंड एमओयू साइनिंग सेरेमनी’: राज्य सरकार और निवेशकों के बीच 69,789 करोड़ रूपए के एमओयू

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को ‘इन्वेस्ट राजस्थान 2022’ के तहत नई दिल्ली में आयोजित ‘इन्वेस्टर्स मीट एंड एमओयू साइनिंग सेरेमनी’में राजस्थान सरकार और निवेशकों के बीच 69,789.93 करोड़ रुपए के एमओयू हुए। इससे राज्य में कुल 11846 प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि जयपुर में आगामी 7 और 8 अक्तूबर को होने वाले ‘इन्वेस्ट राजस्थान 2022’ के तहत नई दिल्ली में ‘इन्वेस्टर्स मीट एंड एमओयू साइनिंग सेरेमनी’आयोजित की गई। इस एमओयू सहित अब तक लगभग 11 लाख करोड़ रुपए के एमओयू एवं एलओआई हो चुके हैं।
  • 69,789.93 करोड़ रुपए के एमओयू में अवड्डा पावर द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया प्रोजेक्ट पर लगभग 40,000 करोड़ रुपए, ओ2 पावर एसजी पीटीई द्वारा अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा सेक्टर में 25,000 करोड़ रुपए, असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड द्वारा 1400 करोड़ रुपए, सेंट गोबेन द्वारा 1000 करोड़ रुपए के निवेश से फ्लोट ग्लास मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के प्रस्ताव हैं।
  • इसके अलावा वरुण बेवरेजेज लिमिटेड द्वारा 636 करोड़ रुपए की कार्बोनेटेड सॉफ्ट-ड्रिंक्स, फ्रूट-जूस एवं पैकेजिंग प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। विप्रो जयपुर में हाइड्रोलिक सिलेंडर प्रोजेक्ट में 200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना को लेकर अपार संभावनाएँ हैं। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के लिये कई योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इससे निवेशकों को राज्य में निवेश करने में आसानी हुई है।
  • वर्तमान में रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स, सौर ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास आदि में भारी निवेश करने वाले राज्य के रूप में राजस्थान पूरे देश में अग्रणी राज्य बन गया है। राजस्थान निवेशकों के लिये उपलब्ध अनुकूल नीतिगत ढाँचे से पहली पसंद बना है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रीको द्वारा राजस्थान के प्रत्येक ब्लॉक में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जा रहे हैं। एनसीआर का 25 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में होने से देशभर से बेहतर कनेक्टिविटी है। राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर एवं दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का भी एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। इससे निवेशकों को बड़ा फायदा मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रिप्स के तहत निवेशकों को उनकी जरूरत के अनुसार पैकेज दिये जा रहे हैं। एमएसएमई-2019 के तहत नवीन उद्यम इकाइयों को 3 साल तक किसी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं होने के साथ वन स्टॉप शॉप प्रणाली से सभी सरकारी स्वीकृतियाँ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, एमएसएमई एवं रिप्स सहित प्रत्येक सेक्टर के लिये पॉलिसी बनाई गई है। जोधपुर ज़िले में 14 हज़ार एकड़ में फैला विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क है।
  • इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि डीएफसी कॉरिडोर एरिया का 40 प्रतिशत और डीएमआईसी का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा राज्य से गुजरता है। सबसे बड़े राज्य और स्ट्रेटेजिक स्थिति के चलते राजस्थान निवेश की विशाल संभावनाएँ प्रदान करता है। निवेश को बढ़ावा देने के लिये हाल ही में वन स्टॉप शॉप, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2019, फैसिलिटेशन ऑफ इस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन एक्ट जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं।
  • राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि निवेश के लिये राजस्थान सर्वश्रेष्ठ स्थान बन गया है। राजस्थान को अवसरों की भूमि कहा जाता है। राजस्थान में एक ही पोर्टल पर निवेशकों को विभिन्न अनुमोदन प्राप्त हो रहे हैं। राज्य सरकार जयपुर में नए कार्गो कॉम्प्लेक्स, एक्सपोर्ट क्लियरेंस के लिये नवीन फैसिलिटी और उदयपुर में नए कार्गो कॉम्प्लेक्स, बीकानेर में आईसीडी के साथ राजस्थान के विकास की दिशा में कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध है।

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ब्यावर सहित छ: ज़िला मुख्यालयों में विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर ब्यावर (अजमेर ज़िला) सहित छ: ज़िला मुख्यालयों पर स्थापित समस्त अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित किया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • विधि एवं विधिक कार्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रवीर भटनागर ने बताया कि प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिये अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित किया गया है।
  • इनमें ब्यावर (अजमेर ज़िला) अलवर, चित्तौड़गढ़, पाली, राजसमंद एवं सीकर मुख्यालयों पर स्थापित समस्त अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित किया गया है।
  • इन न्यायालयों का स्थानीय क्षेत्राधिकार दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित ज़िला एवं सेशन न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित किया जाएगा। 

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जोधपुर में गठित होगी राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की स्थाई पीठ

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की स्थाई पीठ स्थापित करने की मंज़ूरी दी। साथ ही जोधपुर में स्थाई पीठ का गठन होने तक जोधपुर चल पीठ की बैठक प्रत्येक माह के 8 प्रभावी दिवसों में आयोजित किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में न्यायाधीन डी.बी. सिविल रिट पीटिशन में माननीय न्यायालय के अंतरिम आदेश दिनांक 7.2022 की अनुपालना में यह निर्णय लिया गया है।
  • इससे राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण अधिनियम, 1976 तथा राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण नियम, 1976 में विहित प्रावधानों के क्रम में जोधपुर में अधिकरण की स्थायी पीठ की स्थापना के लिये प्रक्रिया शुरू होगी।
  • स्थाई पीठ का गठन होने तक जोधपुर में सर्किट बैंच की बैठक अवधि प्रत्येक माह में 8 प्रभावी दिवस होगी।

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