गांधी मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी हिन्दी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई | मध्य प्रदेश | 25 Aug 2022
चर्चा में क्यों?
24 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में 2022-23 के सत्र से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से आरंभ की जा रही है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक समाचार-पत्र समूह द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एजुकेशन समिट-2022 में निवास कार्यालय से वर्चुअली सम्मिलित होकर यह जानकारी दी।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई 2022 से प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बी.टेक पाठ्यक्रमों तथा 6 पॉलिटेक्निक कॉलेजों के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में मातृभाषा हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था की गई है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतर शिक्षण के लिये 5-सी (क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन) को महत्त्वपूर्ण बताया है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में इन सभी पर काम हो रहा है।
- राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर विशेष ज़ोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति सच्चे अर्थों में ज्ञान, कौशल और संस्कार का त्रिवेणी संगम है। नई शिक्षा नीति में ज्ञान के महत्त्व को 5 रूपों में समाहित किया गया है।
- इसमें भारतीय ज्ञान और दर्शन परंपरा को पढ़ाई के माध्यम से नई पीढ़ियों को सौंपना, कॉन्सेप्ट की समझ आधारित शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा को नंबर गेम एवं गला काट प्रतियोगिता से मुक्त कर ग्रेडिंग तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में परिवर्तित करना शामिल है। साथ ही शोध और अनुसंधान को बढ़ावा तथा शिक्षा को बहुआयामी बनाना भी नई शिक्षा नीति का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा को कौशल विकास और रोज़गार से जोड़ने के लिये प्रभावी कार्य जारी है। भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कौशल शिक्षण के लिये ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। प्रदेश में 10 संभागीय आई.टी.आई. को आदर्श आई.टी.आई. के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में नई स्टार्टअप नीति लागू कर दी गई है।
- स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में महापुरुषों की जीवनी, अमर शहीदों की गाथाएँ और नैतिक शिक्षा का समावेश किया गया है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में कुल अध्ययनरत विद्यार्थियों का तीन प्रतिशत नेशनल कैडेट कोर में भाग लें।
- मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन’योजना और ‘मुख्यमंत्री छात्रगृह’ योजना की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में शुरू हुए सीएम राइज स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात करेंगे।
एशिया का पहला कागज़ कारखाना फिर से शुरू | मध्य प्रदेश | 25 Aug 2022
चर्चा में क्यों?
23 अगस्त, 2022 को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडे ने बुरहानपुर स्थित एशिया की पहली कागज़ मिल नेपा लिमिटेड का लोकार्पण किया। इसे सात साल बाद पुन: शुरू किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- गौरतलब है कि 2015 में रिनोवेशन के लिये इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। केंद्र सरकार से मिले करीब 469 करोड़ रुपए के रिवाइवल पैकेज से मिल का नवीनीकरण किया गया है।
- पहले मिल की उत्पादन क्षमता 88 हज़ार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक कर दिया गया है। यहाँ आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं।
- यहाँ दो प्रकार का कागज़ तैयार होगा। पहला न्यूज़ प्रिंट, जो 44-45 जीएसएम का होगा। यह वेस्टेज कागज से लुगदी बनाकर तैयार किया जाएगा तो वहीं दूसरा राइटिंग प्रिंटिंग पेपर होगा।
- उल्लेखनीय है कि नेपा लिमिटेड की शुरुआत 26 जनवरी, 1947 को नायर प्रेस सिंडिकेट लिमिटेड ने एक निजी उद्यम के रूप में की थी। न्यूज़ प्रिंट उत्पादन के लिये ‘द नेशनल न्यूज़ प्रिंट एंड पेपर मिल्स लिमिटेड’के नाम गठित यह कंपनी, 1981 तक भारत में एकमात्र न्यूज़ प्रिंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट थी।
- अक्तूबर 1949 में कंपनी के प्रबंधन को मध्य प्रांत और बरार (वर्तमान में मध्य प्रदेश) की तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया। मिल में कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के साथ ही, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 26 अप्रैल, 1959 को इसे देश को समर्पित किया। 21 फरवरी, 1989 को कंपनी का नाम बदल कर नेपा लिमिटेड कर दिया गया।