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बिहार स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Aug 2022
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देवेश चंद्र ठाकुर बने बिहार विधान परिषद के सभापति

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर बिहार विधान परिषद के सभापति चुने गए हैं। महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर सभापति पद के लिये निर्विरोध निर्वाचित हुए।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि विधान परिषद में कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की जगह देवेश चंद्र ठाकुर सभापति निर्वाचित हुए हैं।
  • बिहार विधान परिषद सभापति के पद के लिये महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर देवेश चंद्र ठाकुर ने 24 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल किया था।
  • विधानपरिषद के सभापति के चुनाव को लेकर 25 अगस्त को विशेष बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन विपक्ष की तरफ से किसी उम्मीदवार के नामांकन दाखिल नहीं करने के कारण महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया।
  • देवेश चंद्र ठाकुर नीतीश कुमार की सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री रहे हैं, साल 2002 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते थे। इसके बाद वह 2004 में जदयू में शामिल हो गए थे। 2008 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे और नीतीश सरकार में मंत्री बने।

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बिहार के दो साहित्यकारों को साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2022 देने की घोषणा

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को साहित्य अकादमी ने 22 भाषाओं के लेखकों-लेखिकाओं को अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2022 दिये जाने की घोषणा की। इसमें बिहार के दो साहित्यकार जफर कमाली और डॉ. वीरेंद्र झा भी शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने एक विज्ञप्ति में बताया कि साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की हुई बैठक में लेखक-लेखिकाओं का साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2022 व साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिये अनुमोदन किया गया।
  • अकादमी ने कुल 22 भाषाओं के लेखकाओं-लेखिकाओं को बाल साहित्य पुरस्कार 2022 दिये जाने की घोषणा की है, जबकि 23 भाषाओं के लेखक-लेखिकाओं को युवा साहित्य पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
  • बिहार के सीवान ज़िले के जफर कमाली को 2020 में प्रकाशित बाल कविता का संग्रह ‘हौसलों की उड़ान’के लिये उर्दू भाषा में पुरस्कार के लिये चुना गया है।
  • वहीं मधुबनी के डॉ. वीरेंद्र झा को उनके मैथिली बालकथा-संग्रह ‘उड़न-छू’के लिये पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई है।
  • अकादमी के सचिव ने बताया कि बाल साहित्य पुरस्कार की श्रेणी में पंजाबी भाषा में इस वर्ष पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है, जबकि संथाली भाषा में पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी। वहीं युवा पुरस्कार की श्रेणी में मराठी में बाद में विजेता का ऐलान किया जाएगा।
  • पुरस्कार के लिये चयनित लेखकों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। 

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