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स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 Aug 2022
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बिहार Switch to English

देवेश चंद्र ठाकुर बने बिहार विधान परिषद के सभापति

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को जदयू नेता देवेश चंद्र ठाकुर बिहार विधान परिषद के सभापति चुने गए हैं। महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर सभापति पद के लिये निर्विरोध निर्वाचित हुए।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि विधान परिषद में कार्यकारी सभापति अवधेश नारायण सिंह की जगह देवेश चंद्र ठाकुर सभापति निर्वाचित हुए हैं।
  • बिहार विधान परिषद सभापति के पद के लिये महागठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर देवेश चंद्र ठाकुर ने 24 अगस्त को अपना नामांकन दाखिल किया था।
  • विधानपरिषद के सभापति के चुनाव को लेकर 25 अगस्त को विशेष बैठक आयोजित होनी थी, लेकिन विपक्ष की तरफ से किसी उम्मीदवार के नामांकन दाखिल नहीं करने के कारण महागठबंधन के उम्मीदवार देवेश चंद्र ठाकुर को निर्विरोध निर्वाचित कर दिया गया।
  • देवेश चंद्र ठाकुर नीतीश कुमार की सरकार में आपदा प्रबंधन मंत्री रहे हैं, साल 2002 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव जीते थे। इसके बाद वह 2004 में जदयू में शामिल हो गए थे। 2008 में तिरहुत स्नातक निर्वाचन क्षेत्र से जदयू ने उन्हें उम्मीदवार बनाया और वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे और नीतीश सरकार में मंत्री बने।

बिहार Switch to English

बिहार के दो साहित्यकारों को साहित्य अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2022 देने की घोषणा

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को साहित्य अकादमी ने 22 भाषाओं के लेखकों-लेखिकाओं को अकादमी का बाल साहित्य पुरस्कार 2022 दिये जाने की घोषणा की। इसमें बिहार के दो साहित्यकार जफर कमाली और डॉ. वीरेंद्र झा भी शामिल हैं।

प्रमुख बिंदु 

  • अकादमी के सचिव के. श्रीनिवास राव ने एक विज्ञप्ति में बताया कि साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में अकादमी के कार्यकारी मंडल की हुई बैठक में लेखक-लेखिकाओं का साहित्य अकादमी बाल साहित्य पुरस्कार 2022 व साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार के लिये अनुमोदन किया गया।
  • अकादमी ने कुल 22 भाषाओं के लेखकाओं-लेखिकाओं को बाल साहित्य पुरस्कार 2022 दिये जाने की घोषणा की है, जबकि 23 भाषाओं के लेखक-लेखिकाओं को युवा साहित्य पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे।
  • बिहार के सीवान ज़िले के जफर कमाली को 2020 में प्रकाशित बाल कविता का संग्रह ‘हौसलों की उड़ान’के लिये उर्दू भाषा में पुरस्कार के लिये चुना गया है।
  • वहीं मधुबनी के डॉ. वीरेंद्र झा को उनके मैथिली बालकथा-संग्रह ‘उड़न-छू’के लिये पुरस्कार दिये जाने की घोषणा की गई है।
  • अकादमी के सचिव ने बताया कि बाल साहित्य पुरस्कार की श्रेणी में पंजाबी भाषा में इस वर्ष पुरस्कार नहीं दिया जा रहा है, जबकि संथाली भाषा में पुरस्कार की घोषणा बाद में की जाएगी। वहीं युवा पुरस्कार की श्रेणी में मराठी में बाद में विजेता का ऐलान किया जाएगा।
  • पुरस्कार के लिये चयनित लेखकों को पुरस्कार स्वरूप एक उत्कीर्ण ताम्रफलक तथा 50,000 रुपए की राशि प्रदान की जाएगी। 

राजस्थान Switch to English

‘इन्वेस्टर्स मीट एंड एमओयू साइनिंग सेरेमनी’: राज्य सरकार और निवेशकों के बीच 69,789 करोड़ रूपए के एमओयू

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को ‘इन्वेस्ट राजस्थान 2022’ के तहत नई दिल्ली में आयोजित ‘इन्वेस्टर्स मीट एंड एमओयू साइनिंग सेरेमनी’में राजस्थान सरकार और निवेशकों के बीच 69,789.93 करोड़ रुपए के एमओयू हुए। इससे राज्य में कुल 11846 प्रत्यक्ष रोज़गार के अवसर उत्पन्न होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • गौरतलब है कि जयपुर में आगामी 7 और 8 अक्तूबर को होने वाले ‘इन्वेस्ट राजस्थान 2022’ के तहत नई दिल्ली में ‘इन्वेस्टर्स मीट एंड एमओयू साइनिंग सेरेमनी’आयोजित की गई। इस एमओयू सहित अब तक लगभग 11 लाख करोड़ रुपए के एमओयू एवं एलओआई हो चुके हैं।
  • 69,789.93 करोड़ रुपए के एमओयू में अवड्डा पावर द्वारा ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया प्रोजेक्ट पर लगभग 40,000 करोड़ रुपए, ओ2 पावर एसजी पीटीई द्वारा अक्षय ऊर्जा एवं सौर ऊर्जा सेक्टर में 25,000 करोड़ रुपए, असाही इंडिया ग्लास लिमिटेड द्वारा 1400 करोड़ रुपए, सेंट गोबेन द्वारा 1000 करोड़ रुपए के निवेश से फ्लोट ग्लास मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट की स्थापना के प्रस्ताव हैं।
  • इसके अलावा वरुण बेवरेजेज लिमिटेड द्वारा 636 करोड़ रुपए की कार्बोनेटेड सॉफ्ट-ड्रिंक्स, फ्रूट-जूस एवं पैकेजिंग प्रोडक्ट्स की मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट स्थापित की जाएगी। विप्रो जयपुर में हाइड्रोलिक सिलेंडर प्रोजेक्ट में 200 करोड़ रुपए का निवेश करेगी।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राजस्थान में औद्योगिक क्षेत्र स्थापना को लेकर अपार संभावनाएँ हैं। राज्य सरकार द्वारा औद्योगिक विकास के लिये कई योजनाएँ संचालित की जा रही हैं। इससे निवेशकों को राज्य में निवेश करने में आसानी हुई है।
  • वर्तमान में रिफाइनरी, पेट्रोकेमिकल्स, सौर ऊर्जा, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचा विकास आदि में भारी निवेश करने वाले राज्य के रूप में राजस्थान पूरे देश में अग्रणी राज्य बन गया है। राजस्थान निवेशकों के लिये उपलब्ध अनुकूल नीतिगत ढाँचे से पहली पसंद बना है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रीको द्वारा राजस्थान के प्रत्येक ब्लॉक में औद्योगिक क्षेत्र स्थापित किये जा रहे हैं। एनसीआर का 25 प्रतिशत हिस्सा राजस्थान में होने से देशभर से बेहतर कनेक्टिविटी है। राजस्थान सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में प्रथम स्थान पर है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर एवं दिल्ली मुंबई इंडस्ट्रियल कॉरिडोर का भी एक बड़ा हिस्सा राजस्थान से गुजरता है। इससे निवेशकों को बड़ा फायदा मिलेगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि रिप्स के तहत निवेशकों को उनकी जरूरत के अनुसार पैकेज दिये जा रहे हैं। एमएसएमई-2019 के तहत नवीन उद्यम इकाइयों को 3 साल तक किसी सरकारी अनुमति की आवश्यकता नहीं होने के साथ वन स्टॉप शॉप प्रणाली से सभी सरकारी स्वीकृतियाँ एक ही स्थान पर उपलब्ध कराई जा रही हैं।
  • राज्य सरकार द्वारा सौर ऊर्जा, पवन ऊर्जा, एमएसएमई एवं रिप्स सहित प्रत्येक सेक्टर के लिये पॉलिसी बनाई गई है। जोधपुर ज़िले में 14 हज़ार एकड़ में फैला विश्व का सबसे बड़ा सोलर पार्क है।
  • इस अवसर पर उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि डीएफसी कॉरिडोर एरिया का 40 प्रतिशत और डीएमआईसी का लगभग 60 प्रतिशत हिस्सा राज्य से गुजरता है। सबसे बड़े राज्य और स्ट्रेटेजिक स्थिति के चलते राजस्थान निवेश की विशाल संभावनाएँ प्रदान करता है। निवेश को बढ़ावा देने के लिये हाल ही में वन स्टॉप शॉप, राजस्थान इन्वेस्टमेंट प्रमोशन स्कीम 2019, फैसिलिटेशन ऑफ इस्टेब्लिशमेंट एंड ऑपरेशन एक्ट जैसे अनेक कदम उठाए गए हैं।
  • राजस्थान लघु उद्योग निगम लिमिटेड के अध्यक्ष राजीव अरोड़ा ने कहा कि निवेश के लिये राजस्थान सर्वश्रेष्ठ स्थान बन गया है। राजस्थान को अवसरों की भूमि कहा जाता है। राजस्थान में एक ही पोर्टल पर निवेशकों को विभिन्न अनुमोदन प्राप्त हो रहे हैं। राज्य सरकार जयपुर में नए कार्गो कॉम्प्लेक्स, एक्सपोर्ट क्लियरेंस के लिये नवीन फैसिलिटी और उदयपुर में नए कार्गो कॉम्प्लेक्स, बीकानेर में आईसीडी के साथ राजस्थान के विकास की दिशा में कार्य करने के लिये प्रतिबद्ध है।

राजस्थान Switch to English

ब्यावर सहित छ: ज़िला मुख्यालयों में विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को राज्य सरकार द्वारा अधिसूचना जारी कर ब्यावर (अजमेर ज़िला) सहित छ: ज़िला मुख्यालयों पर स्थापित समस्त अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित किया गया है। 

प्रमुख बिंदु 

  • विधि एवं विधिक कार्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव प्रवीर भटनागर ने बताया कि प्रकरणों के शीघ्र निस्तारण के लिये अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित किया गया है।
  • इनमें ब्यावर (अजमेर ज़िला) अलवर, चित्तौड़गढ़, पाली, राजसमंद एवं सीकर मुख्यालयों पर स्थापित समस्त अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालयों को विशिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट न्यायालय घोषित किया गया है।
  • इन न्यायालयों का स्थानीय क्षेत्राधिकार दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 के प्रावधानों के अंतर्गत संबंधित ज़िला एवं सेशन न्यायाधीश एवं मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट द्वारा निर्धारित किया जाएगा। 

राजस्थान Switch to English

जोधपुर में गठित होगी राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की स्थाई पीठ

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जोधपुर में राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण की स्थाई पीठ स्थापित करने की मंज़ूरी दी। साथ ही जोधपुर में स्थाई पीठ का गठन होने तक जोधपुर चल पीठ की बैठक प्रत्येक माह के 8 प्रभावी दिवसों में आयोजित किये जाने के प्रस्ताव का अनुमोदन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • उल्लेखनीय है कि माननीय राजस्थान उच्च न्यायालय, जोधपुर में न्यायाधीन डी.बी. सिविल रिट पीटिशन में माननीय न्यायालय के अंतरिम आदेश दिनांक 7.2022 की अनुपालना में यह निर्णय लिया गया है।
  • इससे राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण अधिनियम, 1976 तथा राजस्थान सिविल सेवा अपील अधिकरण नियम, 1976 में विहित प्रावधानों के क्रम में जोधपुर में अधिकरण की स्थायी पीठ की स्थापना के लिये प्रक्रिया शुरू होगी।
  • स्थाई पीठ का गठन होने तक जोधपुर में सर्किट बैंच की बैठक अवधि प्रत्येक माह में 8 प्रभावी दिवस होगी।

मध्य प्रदेश Switch to English

गांधी मेडिकल कॉलेज में शुरू होगी हिन्दी माध्यम से एमबीबीएस की पढ़ाई

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि गांधी मेडिकल कॉलेज, भोपाल में 2022-23 के सत्र से एमबीबीएस प्रथम वर्ष की पढ़ाई हिन्दी माध्यम से आरंभ की जा रही है।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक समाचार-पत्र समूह द्वारा नई दिल्ली में आयोजित एजुकेशन समिट-2022 में निवास कार्यालय से वर्चुअली सम्मिलित होकर यह जानकारी दी।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि जुलाई 2022 से प्रदेश के 6 इंजीनियरिंग कॉलेजों में बी.टेक पाठ्यक्रमों तथा 6 पॉलिटेक्निक कॉलेजों के डिप्लोमा पाठ्यक्रमों में मातृभाषा हिन्दी में पढ़ाई की व्यवस्था की गई है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेहतर शिक्षण के लिये 5-सी (क्रिटिकल थिंकिंग, क्रिएटिविटी, कोलेबरेशन, क्यूरोसिटी और कम्युनिकेशन) को महत्त्वपूर्ण बताया है। प्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में इन सभी पर काम हो रहा है।
  • राष्ट्रीय शिक्षा नीति में मातृभाषा में अध्ययन और अध्यापन पर विशेष ज़ोर दिया गया है। नई शिक्षा नीति सच्चे अर्थों में ज्ञान, कौशल और संस्कार का त्रिवेणी संगम है। नई शिक्षा नीति में ज्ञान के महत्त्व को 5 रूपों में समाहित किया गया है।
  • इसमें भारतीय ज्ञान और दर्शन परंपरा को पढ़ाई के माध्यम से नई पीढ़ियों को सौंपना, कॉन्सेप्ट की समझ आधारित शिक्षा व्यवस्था और शिक्षा को नंबर गेम एवं गला काट प्रतियोगिता से मुक्त कर ग्रेडिंग तथा स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में परिवर्तित करना शामिल है। साथ ही शोध और अनुसंधान को बढ़ावा तथा शिक्षा को बहुआयामी बनाना भी नई शिक्षा नीति का महत्त्वपूर्ण हिस्सा है।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा को कौशल विकास और रोज़गार से जोड़ने के लिये प्रभावी कार्य जारी है। भोपाल में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के कौशल शिक्षण के लिये ग्लोबल स्किल पार्क बनाया जा रहा है। प्रदेश में 10 संभागीय आई.टी.आई. को आदर्श आई.टी.आई. के रूप में विकसित किया जा रहा है। प्रदेश में नई स्टार्टअप नीति लागू कर दी गई है।
  • स्कूल और कॉलेजों के पाठ्यक्रम में महापुरुषों की जीवनी, अमर शहीदों की गाथाएँ और नैतिक शिक्षा का समावेश किया गया है। हमारा प्रयास है कि प्रदेश में कुल अध्ययनरत विद्यार्थियों का तीन प्रतिशत नेशनल कैडेट कोर में भाग लें।
  • मुख्यमंत्री ने ‘मुख्यमंत्री मेधावी विद्यार्थी प्रोत्साहन’योजना और ‘मुख्यमंत्री छात्रगृह’ योजना की जानकारी देते हुए कहा कि प्रदेश में शुरू हुए सीएम राइज स्कूल शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति का सूत्रपात करेंगे।

मध्य प्रदेश Switch to English

एशिया का पहला कागज़ कारखाना फिर से शुरू

चर्चा में क्यों?

23 अगस्त, 2022 को केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री महेंद्रनाथ पांडे ने बुरहानपुर स्थित एशिया की पहली कागज़ मिल नेपा लिमिटेड का लोकार्पण किया। इसे सात साल बाद पुन: शुरू किया गया है।

प्रमुख बिंदु

  • गौरतलब है कि 2015 में रिनोवेशन के लिये इसे पूरी तरह से बंद कर दिया गया था। केंद्र सरकार से मिले करीब 469 करोड़ रुपए के रिवाइवल पैकेज से मिल का नवीनीकरण किया गया है।
  • पहले मिल की उत्पादन क्षमता 88 हज़ार मीट्रिक टन प्रतिवर्ष थी, जिसे अब बढ़ाकर 1 लाख मीट्रिक टन प्रति वर्ष से अधिक कर दिया गया है। यहाँ आधुनिक मशीनें लगाई गई हैं।
  • यहाँ दो प्रकार का कागज़ तैयार होगा। पहला न्यूज़ प्रिंट, जो 44-45 जीएसएम का होगा। यह वेस्टेज कागज से लुगदी बनाकर तैयार किया जाएगा तो वहीं दूसरा राइटिंग प्रिंटिंग पेपर होगा।
  • उल्लेखनीय है कि नेपा लिमिटेड की शुरुआत 26 जनवरी, 1947 को नायर प्रेस सिंडिकेट लिमिटेड ने एक निजी उद्यम के रूप में की थी। न्यूज़ प्रिंट उत्पादन के लिये ‘द नेशनल न्यूज़ प्रिंट एंड पेपर मिल्स लिमिटेड’के नाम गठित यह कंपनी, 1981 तक भारत में एकमात्र न्यूज़ प्रिंट मैन्यूफैक्चरिंग यूनिट थी।
  • अक्तूबर 1949 में कंपनी के प्रबंधन को मध्य प्रांत और बरार (वर्तमान में मध्य प्रदेश) की तत्कालीन राज्य सरकार द्वारा अधिग्रहीत कर लिया गया। मिल में कमर्शियल उत्पादन शुरू होने के साथ ही, देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने 26 अप्रैल, 1959 को इसे देश को समर्पित किया। 21 फरवरी, 1989 को कंपनी का नाम बदल कर नेपा लिमिटेड कर दिया गया। 

हरियाणा Switch to English

फरीदाबाद में देश के सबसे बड़े अस्पताल ‘अमृता अस्पताल’ का उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फरीदाबाद में देश के सबसे बड़े अस्पताल ‘अमृता अस्पताल’का उद्घाटन कर जनता को समर्पित किया।

प्रमुख बिंदु 

  • प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अमृता अस्पताल के शुरू होने से न केवल फरीदाबाद और हरियाणा राज्य के लोगों को सुविधा मिलेगी बल्कि दिल्ली एनसीआर की पूरी आबादी को भी यहाँ उपचार की सुविधा मिलेगी।
  • इस अवसर पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से हरियाणा आगे बढ़ रहा है। 2014 में प्रदेश में 7 मेडिकल कालेज थे, जो अब 13 हो गए हैं। आने वाले समय में इस कॉलेज समेत 9 मेडिकल कॉलेज और खोले जाएंगे। प्रदेश में हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज होगा। वहीं प्रदेश में आयुष्मान भारत योजना का लाभ 21 लाख से अधिक लोगों तक पहुँच जाएगा।
  • उल्लेखनीय है कि माँ अमृता आनंदमयी ‘अम्मा’द्वारा निर्मित यह अस्पताल अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है। अस्पताल में 534 आईसीयू बेड सहित 2600 बेड होंगे और इसे 81 विशेष विभागों से लैस किया जाना है, जो कि भारत में सर्वाधिक है।
  • अस्पताल में 64 अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर होंगे। इसके अलावा यहाँ 150 सीटों वाला पूरी तरह से आवासीय एमबीबीएस कार्यक्रम संचालित किया जाएगा। एक नर्सिंग कॉलेज और संबद्ध स्वास्थ्य विज्ञान के लिये एक कॉलेज भी होगा। यहाँ रक्त और अन्य महत्त्वपूर्ण नमूनों के प्रसंस्करण के लिये देश में सबसे बड़ी, पूरी तरह से स्वचालित स्मार्ट लैब होगी।   

झारखंड Switch to English

तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान हेतु ‘क्रियान्वयन निर्देशिका’ का विमोचन

चर्चा में क्यों?

24 अगस्त, 2022 को एमडीआई भवन सभागार, धुर्वा में झारखंड के शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो एवं स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने संयुक्त रूप से तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान हेतु ‘क्रियान्वयन निर्देशिका’का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • यह ‘क्रियान्वयन निर्देशिका’स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग, झारखंड सरकार एवं सोशियो इकोनॉमिक एंड एजुकेशनल डेवलपमेंट सोसायटी (सीडस) के द्वारा तंबाकू मुक्त शिक्षण संस्थान (टीओएफईआई) की गतिविधियों का अनुपालन सुनिश्चित कराने हेतु बनाई गई है।
  • स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता ने कहा कि तंबाकू के सेवन से झारखंड के लोगों को बचाना राज्य सरकार की प्राथमिकता है। इसी कारण सरकार ने राजस्व के नुकसान की परवाह किये बगैर लोगों के स्वास्थ्य को सर्वोपरि रखा है और तंबाकू को राज्य में प्रतिबंधित किया है।
  • फूड सेफ्टी एक्ट के तहत सरकार ने 11 नामजद तंबाकू पदार्थों को राज्य में प्रतिबंधित किया है। तंबाकू उन्मूलन अभियान को सख्ती के साथ लागू किया है। डब्लूएचओ ने भी झारखंड में तंबाकू उन्मूलन अभियान के कार्य को प्रोत्साहित, सम्मानित और पुरस्कृत भी किया है।
  • स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्कूली बच्चों को तंबाकू सेवन से मुक्ति हेतु कई प्रयास किये जा रहे हैं, जिसमें स्कूल परिसर के 100 गज के दायरे में किसी तरह के तंबाकू की ख़रीद-बिक्री पर पूरी तरह रोक है। कोटपा कानून लागू है, जिसमें सजा के प्रावधान हैं। तंबाकू उन्मूलन अभियान से पहले झारखंड में 50 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते थे, परंतु अब यह घट कर 9 प्रतिशत पर आ गया है।
  • दीपक मिश्रा एक्जीक्यूटिव डायरेक्टर सीड्स, नई दिल्ली ने तंबाकू के दुष्परिणामों, कानून में तंबाकू की ख़रीद-बिक्री के बारे में इसके सजा के प्रावधान से संबंधित जानकारी प्रेजेंटेशन के माध्यम से दी।
  • उनहोंने बताया कि भारत में तंबाकू सेवन से होने वाली बीमारियों से प्रतिवर्ष लगभग 13 लाख लोगों की मौत होती है। झारखंड में 38.9 प्रतिशत लोग तंबाकू का सेवन करते हैं, जिसमें से 34.5 प्रतिशत लोग चबाने वाले तंबाकू का सेवन करते हैं। ग्लोबल यूथ टोबैको सर्वे-19 के अनुसार झारखंड में 13.15 वर्ष के 5.1 प्रतिशत बच्चे/अवयस्क किसी न किसी रूप में तंबाकू का सेवन करते हैं।

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