ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे कनाडा की कंपनी के हवाले | उत्तर प्रदेश | 25 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
24 जून, 2022 को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर कनाडा की कंपनी को 20 साल तक टोल वसूलने व मरम्मत करने की ज़िम्मेदारी सौंपी गई है।
प्रमुख बिंदु
- एनएचएआई ने 20 साल के लिये कनाडा की इंडियन हाईवे मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड को एक्सप्रेस-वे का ठेका दिया है। यह कंपनी 6267 करोड़ रुपए जमा कराएगी और 20 साल तक टोल वसूलने के साथ ही इसकी मरम्मत भी कराएगी। एक्सप्रेस-वे को जल्द ही कंपनी को हस्तांतरित किया जाएगा।
- गौरतलब है कि एक्सप्रेस-वे पर हर साल टोल वसूली के लिये कंपनी का ठेका बदल दिया जाता है और वह कंपनी केवल टोल वसूली तक ही सीमित रहती है। इसकी मरम्मत की ज़िम्मेदारी एनएचएआई की होती है।
- एनएचएआई ने हरियाणा के कुंडली से गाजियाबाद होते हुए पलवल तक एक्सप्रेस-वे का निर्माण कराया था। इसका उद्घाटन वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। इसमें ज़मीन अधिग्रहण से लेकर निर्माण तक में 10 हज़ार 800 करोड़ रुपए का खर्च आया था।
लखनऊ में खुला उत्तर प्रदेश का पहला ट्रांसजेंडर सेल | उत्तर प्रदेश | 25 Jun 2022
चर्चा में क्यों?
23 जून, 2022 को पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोमेन वर्मा ने लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट के कैसरबाग कोतवाली में प्रदेश के पहले ट्रांसजेंडर सेल (पुलिस सहायता केंद्र) का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) सोमेन वर्मा ने बताया कि समाज कल्याण विभाग द्वारा उत्तर प्रदेश के सभी थानों में ऐसे हेल्प डेस्क स्थापित करने के निर्देश दिये गए हैं। इसी कड़ी में लखनऊ कमिश्नरेट में पहला ट्रांसजेंडर डेस्क बनाया गया है।
- इस सेल का मकसद ट्रांसजेंडरों की शिकायतों की सुनवाई करने के साथ ही शिकायतों का 24 घंटे के अंदर निस्तारण करना भी है।
- इस सेल के शुरू होने से अब ट्रांसजेंडर और महिलाओं को पुलिस के पास जाने पर संकोच नहीं करना पड़ेगा, क्योंकि इस सेल में सिर्फ महिला पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।
- इनकी सुरक्षा के लिये हर थाने में एक सुरक्षा सेल भी बनाया जाएगा। जहाँ पर ट्रांसजेंडरों की शिकायतों का जल्द-से-जल्द निस्तारण किया जाएगा।
- अपर पुलिस उपायुक्त (पश्चिमी) चिरंजीव नाथ सिन्हा ने बताया कि यह एक डेडीकेटेड कक्ष है, जहाँ पर ट्रांसजेंडर और महिलाओं की समस्याओं को गरिमापूर्वक उनके सम्मान के साथ सुना जाएगा। इसके साथ ही शिकायतकर्त्ता की समस्या का निस्तारण होने के बाद उससे इसका फीडबैक भी लिया जाएगा, जिससे इस सेल के कार्यों में सुधार किया जा सकेगा।