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स्टेट पी.सी.एस.

  • 25 May 2023
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उत्तर प्रदेश Switch to English

श्रीरामचरितमानस अब विश्व का सबसे लंबा गीत : बनारस के जगदीश के नाम हुआ गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार श्रीरामचरितमानस अब विश्व का सबसे लंबा गीत बन चुका है। उत्तर प्रदेश के बनारस के डॉ. जगदीश पिल्लई ने 138 घंटे 41 मिनट और 20 सेकेंड के श्रीरामचरितमानस गीत को अपनी आवाज़ दी है। 

प्रमुख बिंदु  

  • विदित है कि इसके पहले यह रिकॉर्ड अमेरिका और यूनाइटेड किंगडम के नाम था। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज होने के साथ ही अमेरिका के नाम दर्ज ये रिकॉर्ड अब भारत के नाम हो चुका है।  
  • डॉ. जगदीश पिल्लई उत्तर प्रदेश के सबसे ज्यादा यानी पाँच बार गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्डधारी बन गए हैं। 
  • राज्य के आयुष मंत्री डॉ. दयाशंकर मिश्र दयालु ने डॉ. जगदीश पिल्लई को उनके घर जाकर गिनीज प्रमाणपत्र प्रदान किया। 
  • गौरतलब है कि डॉ. जगदीश पिल्लई ने हिन्दी भाषी न होने के बावजूद अवधी में इतने सुंदर एवं भावनात्मक तरीके से भजन व कीर्तन के साथ इतने लंबे गीत को खुद धुन देकर गाया और इसे गिनीज बुक में दर्ज कराया। उन्हें इस काम को पूरा करने में चार साल का समय लग गया।  
  • श्रीरामचरितमानस गीत दुनिया भर के 100 से अधिक ऑडियो चैनल पर प्रसारित हो चुका है। इसलिये गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड ने श्रीरामचरितमानस को लांगेस्ट ऑफिशियली रिलीज्ड सॉंग यानि आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त दुनिया के सबसे लंबे गाने के रूप में दर्ज किया है। 
  • ज्ञातव्य है कि अब तक का सबसे लंबा गीत 115 घंटे 45 मिनट का था जो एक दिसंबर 2021 को सेंट एल्बंस हर्टफोर्डशायर (यूके) में रहने वाले मार्क क्रिस्टोफर ली और द पॉकेट गॉड्स ने गाया था। उन्होंने एक ही तरह के वाद्य संगीत बजाकर इस रिकॉर्ड को हासिल किया था। 
  • डॉ. जगदीश पिल्लई ने बताया कि 2016 से ही दुनिया के सबसे लंबे गाने के रिकॉर्ड को तोड़ने की इच्छा थी। उनका कहना है कि जब भारत में रामायण, महाभारत जैसे ग्रंथ हैं तो यह रिकॉर्ड भी भारत के ही नाम होना चाहिये। अवधी भाषा में होने के कारण पहले बोलचाल और उच्चारण को समझने के लिये मित्र प्रदीप मिश्रा की मदद ली।  
  • इसके बाद रिकॉर्डिंग के लिये मित्र दीपक जायसवाल से संपर्क किया। दीपक जायसवाल को भी गिनीज पार्टिसिपेशन सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया। 
  • उल्लेखनीय है कि डॉ. जगदीश पिल्लई ने बनारस का नाम पहली बार गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में 2012 में दर्ज कराया था। उन्होंने सबसे कम समय में एनीमेशन मूवी बनाकर 2012 में एक कैनेडियन का रिकॉर्ड तोड़ा था। कैनेडियन ने जो काम छह घंटे में किया था, डॉ. पिल्लई ने उसे साढ़े तीन घंटे में पूरा किया। 
  • दूसरा रिकॉर्ड 16,300 पोस्टकार्ड से लांगेस्ट लाइन ऑफ पोस्टकार्ड बनाया। तीसरी बार लार्जेस्ट पोस्टर अवेयरनेस कैंपेन और चौथी बार योगा जनजागरूकता अभियान के तहत सबसे लंबा लिफाफा बनाकर अपना नाम गिनीज रिकॉर्ड में दर्ज कराया था।  
  • वैदिक विज्ञान में पीएचडी करने वाले डॉ. पिल्लई पाँच सौ से ज्यादा पुस्तकों के लेखक हैं।


उत्तर प्रदेश Switch to English

कोयले को मीथेन में बदलने पर काम करेगा बीएचयू

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार कोयला मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश के बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के वैज्ञानिकों को ग्रीन एनर्जी पर अपनी तरह का देश का पहला महत्त्वाकांक्षी प्रोजेक्ट दिया है, जिसके अंतर्गत वैज्ञानिक कोयले को ज़मीन के अंदर इसकी मूल स्थिति में ही मीथेन में बदलने पर काम करेंगे।  

प्रमुख बिंदु  

  • ऊर्जा संकट के मद्देनज़र ही मंत्रालय ने कोयले के बायोमिथेनाइजेशन पर यह महत्त्वपूर्ण परियोजना दी है। इसके अंतर्गत अध्ययन में देखा जाएगा कि कोयले को इन-सीटू (वह प्राकृतिक व मूल स्थिति, जिसमें ज़मीन के भीतर कोयला रहता है) स्थिति में ‘मीथेन’में बदलने में जैविक विधि कितनी कारगर होती है। 
  • यह अध्ययन बीएचयू के भूविज्ञान विभाग के प्रो. प्रकाश कुमार सिंह और वनस्पति विज्ञान की प्रो. आशालता सिंह करेंगी।
  • प्रो. प्रकाश सिंह तथा प्रो. आशालता सिंह की टीम डीएसटी के एक अन्य प्रोजेक्ट में यह अध्ययन कर रही है कि भारत के पूर्वोत्तर और कुछ अन्य स्थानों में पाए जाने वाले सल्फर-युक्त कोयले से बायो केमिकल तकनीक द्वारा कैसे सल्फर कम किया जा सके। इससे सल्फर से होने वाली पर्यावरणीय क्षति से बचा जा सकता है।  
  • इस अध्ययन से दो परिणाम निकलेंगे। पहला यह कि कोयले को जमीन में ही मीथेन में बदलकर ग्रीन एनर्जी प्राप्त की जा सकेगी। दूसरा, कोयला खनन रोकने से पर्यावरण को होने वाले दुष्परिणाम से भी बचाया जा सकेगा।  
  • हाल ही में कोल इंडिया के सीएमपीडीआई के वरिष्ठ अधिकारियों ने बीएचयू का दौरा किया और परियोजना की बारीकियों को जाना। 

बिहार Switch to English

‘नेशनल वाटर अवार्ड 2022’ में तीसरे स्थान पर रहा बिहार

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय द्वारा नेशनल वाटर अवार्ड्स 2022 में सर्वोत्तम राज्य की श्रेणी में बिहार को देश में तीसरे स्थान पर रखा गया है।  

प्रमुख बिंदु  

  • बिहार सरकार द्वारा जल संरक्षण एवं जल संसाधनों के प्रबंधन के क्षेत्र में किये गए उत्तम कार्यों एवं प्रयासों को इस पुरस्कार के जरिये राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया है।  
  • जल संसाधन तथा सूचना एवं जनसंपर्क मंत्री संजय कुमार झा ने कहा कि जल और हरियाली का संरक्षण एवं संवर्धन के लिये ‘जल-जीवन-हरियाली अभियान’ शुरू किया गया है। इस अभियान को संयुक्त राष्ट्र में भी सराहा गया है।  
  • सात निश्चय दो में घोषित अतिमहत्त्वाकांक्षी कार्यक्रम को धरातल पर उतारने के लिये तत्परता से कार्य किये जा रहे हैं। 
  • सात निश्चय दो में घोषित अतिमहत्त्वाकांक्षी कार्यक्रमों के अंतर्गत होने वाले कार्य: 
    • गरौल वीयर सिंचाई योजना, दरभंगा- यह पुरानी कमला नदी पर वीयर सिंचाई योजना है, जिसमें हेड रेगुलेटर के माध्यम से सिंचाई सुविधा मिली है। 
    • जैतपुरा पंप नहर योजना, भभुआ- इसके माध्यम से कर्मनाशा नदी के जलस्राव को विभिन्न प्रखंडों में सिंचाई सुविधा के लिये उपलब्ध कराई जाएगी। 
    • गया ज़िले के बोधगया प्रखंड में मोहाने नदी पर बतसपुर वीयर का निर्माण एवं मोराटाल पईन से निस्सृत वितरण प्रणालियों का आधुनिकीकरण कार्य। 
    • उदेरास्थान बराज योजना, बिहारशरीफ- यह एक वृहद सिंचाई योजना है, जिससे जहानाबाद एवं गया ज़िले के कई प्रखंडों में सिंचाई क्षमता विकसित हुई है। 
    • बिहुल वीयर सिंचाई योजना, मधुबनी- लक्ष्मीपुर ग्राम के निकट बिहुल नदी पर गेटेड वीयर, उसके अपस्ट्रीम में दाईं एवं बायीं तरफ एफलक्स बांध तथा डाउनस्ट्रीम में दोनों तरफ गाइड बांध का निर्माण एवं सुरक्षात्मक कार्य होने हैं। इसमें दाएँ मुख्य नहर से निस्सृत नहर प्रणाली की कुल लंबाई 3.35 किमी. है तथा बाएँ मुख्य नहर से निस्सृत नहर प्रणाली की लंबाई 6.33 किमी. है। 
    • मलई बराज योजना के अंतर्गत रोहतास ज़िले के दावथ प्रखंड में कोंद नदी पर बराज का निर्माण कर लिंक नहर के माध्यम से बक्सर ज़िले में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। 
    • बलवाघाट बराज-सह-सिंचाई योजना, मधुबनी- बलवा ग्राम के पास धौंस नदी पर आधारित इस सिंचाई योजना में दो हेड रेगुलेटर (दायाँ एवं बायाँ) के अलावा जर्जर पड़ी उपवितरणी का जीर्णोद्धार कार्य (9.27 किमी.) और दाईं तरफ मौजूद पईन के रूपांकित जलस्राव के अनुरूप पुनर्स्थापन कार्य (13.36 किमी.) किया गया है। 
  • विदित है कि पहला राष्ट्रीय जल पुरस्कार 2018 में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा शुरू किया गया था।  
  • राष्ट्रीय जल पुरस्कारों ने जल संसाधन को लेकर स्टार्ट-अप के साथ-साथ अग्रणी संगठनों को नीति-निर्माताओं के साथ जुड़ने और विचार-विमर्श करने का बेहतर अवसर प्रदान किया है कि कैसे बेहतरीन तरीके से जल संसाधन प्रबंधन के नए और सही तरीकों को अपनाया जाए। 
  • इस बार मध्य प्रदेश ने सर्वश्रेष्ठ राज्य श्रेणी में शीर्ष स्थान हासिल किया है। इसके बाद ओडिशा ने दूसरा स्थान जबकि आंध्र प्रदेश और बिहार को तीसरे स्थान के लिये संयुक्त विजेता घोषित किया गया है।


राजस्थान Switch to English

विदेशी धरा पर राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को दो श्रेणियों में मिले ‘द गोल्डन ग्लोब टाइगर अवाडर्स’

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को राजस्थान हाउसिंग बोर्ड आयुक्त पवन अरोड़ा को मलेशिया से 2 अंतर्राष्ट्रीय पुरस्कार ‘द गोल्डन ग्लोब टाइगर अवाडर्स’प्राप्त कर आए अधिकारियों ने ट्रॉफी और प्रशस्ति पत्र भेंट किये। 

प्रमुख बिंदु  

  • उल्लेखनीय है कि 16 मई को मलेशिया में राजस्थान हाउसिंग बोर्ड को वर्ल्ड एचआरडी काउंसिल के निर्णायक मंडल ने ‘बेस्ट एनवायरनमेंट फ्रेंडली प्रोजेक्ट्स’और ‘बेस्ट इनोवेटिव प्रोजक्ट ऑफ द ईयर’के लिये ‘द गोल्डन ग्लोब अवाडर्स फॉर एक्सीलेंस एंड लीडरशिप’ से सम्मानित किया था।  
  • प्रशासनिक व्यस्तता के चलते आवासन आयुक्त ने स्वयं नहीं जाकर पुरस्कार ग्रहण करने के लिये इंजीनियर्स को मलेशिया भेजा था। 
  • गौरतलब है कि आवासन आयुक्त पवन अरोड़ा की अगुवाई में पिछले चार वर्षों में मंडल को कुल 17 अवार्ड मिल चुके हैं। इनमें मकान विक्रय में वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस, स्कॉच अवार्ड-2021, अवार्ड ऑफ एक्सीलेंसी, नेशनल रियल एस्टेट डेवलपमेंट काउंसिल द्वारा सम्मान, नेशनल हाउसिंग अवार्ड, आई.बी.सी और ‘स्टार ऑफ गवर्नेंस-गोल्ड अवार्ड’और नरेडको द्वारा दिये रियल एस्टेट कॉनक्लेव जैसे प्रतिष्ठित अवार्ड शामिल हैं।


मध्य प्रदेश Switch to English

थाईलैंड में खरगौन की बेटियों ने एशियन कैनो स्लैलम में जीते चार पदक

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार थाईलैंड के पटाया में संपन्न हुई एशियन कैनो स्लैलम प्रतियोगिता में खरगौन ज़िले की महेश्वर की बेटियों ने सफलता का परचम लहराते हुए चार पदक जीते हैं।  

प्रमुख बिंदु  

  • खेल अधिकारी पवि दुबे ने बताया कि युवा कल्याण वाटर स्पोर्ट्स कैनो स्लैलम प्रतियोगिता में 11 खिलाड़ियों ने देश का प्रतिनिधित्व किया। इसमें मध्य प्रदेश के खरगौन ज़िले से शिखा चौहान दो कांस्य, भूमि बघेल एक कांस्य और अहाना यादव एक कांस्य पदक विजेता रहीं।   
  • कैनो स्लैलम काफी तेज बहाव वाले पानी में संतुलन बनाने का खेल है। कैनो स्लैलम में प्रतियोगी, 300 मीटर तक की दूरी वाले व्हाइट वाटर कोर्स पर प्रतिस्पर्धा करते हैं, जहाँ उन्हें अधिकतम 25 अपस्ट्रीम (पानी की धारा के विपरीत) और डाउनस्ट्रीम (पानी की धारा की दिशा में) गेट से जल्दी-से-जल्दी पार होना होता है। 
  • इस खेल में दो प्रकार की नाव इस्तेमाल की जाती है: पहला कैनो होता है, जिसे हिन्दी में डोंगी भी कहा जाता है। कैनो एक खास प्रकार की नाव होती है जो लंबी, सँकरी और काफी हल्की होती है। कैनो के साथ एथलीट को नीलिंग (घुटनों के बल) पोजीशन में बाँधा जाता है और वे एक चप्पू (सिंगल-ब्लेड पैडल) के प्रयोग से नाव को आगे बढ़ाते हैं। 
  • वहीं दूसरे प्रकार की नाव को ‘कायक’कहते हैं, जिसमें डबल ब्लेडेड पैडल (चप्पू) होते हैं। इसमें एथलीट बैठकर दो चप्पूओं का इस्तेमाल करते हुए रेस में हिस्सा लेते हैं। 
  • विदित है कि 1930 के दशक की शुरुआत में स्विट्ज़रलैंड में कैनो स्लैलम की शुरुआत शीतकालीन खेलों में शामिल स्लैलम स्कीइंग के ग्रीष्मकालीन खेलों के विकल्प के रूप में की गई थी। हालाँकि शुरुआती दौर में रेस व्हाइटवाटर कोर्स की बजाय फ्लैटवाटर पर होती थी।


हरियाणा Switch to English

मुख्यमंत्री ने की प्रशासनिक सचिवों के साथ उच्च स्तरीय बैठक

चर्चा में क्यों?

23 मई, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में चंडीगढ़ में प्रशासनिक सचिवों के साथ हुई उच्च स्तरीय बैठक में 11 प्रमुख विभागों की 100 करोड़ रुपए से अधिक की 45 महत्त्वपूर्ण परियोजनाओं की समीक्षा की गई। 

प्रमुख बिंदु  

  • मुख्यमंत्री ने सभी अधिकारियों को परियोजनाओं का समयबद्ध निष्पादन सुनिश्चित करने के निर्देश दिये, ताकि आमजन इन जनकल्याणकारी परियोजनाओं से लाभान्वित हो सकें।  
  • राज्य सरकार द्वारा फिरोजपुर झिरका उपमंडल के 80 गाँवों को पेयजल आपूर्ति प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्त्वाकांक्षी रैनीवेल परियोजना पूर्ण हो चुकी है। मुख्यमंत्री द्वारा जल्द ही इसका उद्घाटन किया जाएगा। इस परियोजना पर लगभग 210 करोड़ रुपए की लागत आई है। 
  • बैठक में बताया गया कि ज़िला महेंद्रगढ़ के बालखी में 114 करोड़ रुपए की लागत से पानी आपूर्ति प्रणाली में सुधार का कार्य भी जुलाई माह तक पूरा कर लिया जाएगा। 
  • इसके अलावा, बाढ़डा विधानसभा क्षेत्र में 35 गाँवों को नहरी आधारित पेयजल आपूर्ति योजना तथा नूहं में नगीना व पिंगवान ब्लॉक के 52 गाँवों व 5 ढाणियों को जलापूर्ति प्रणाली में सुधार का कार्य भी तेज गति से चल रहा है, जिसे इस वर्ष के अंत तक पूरा घ्कर लिया जाएगा। 
  • मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिये कि फरीदाबाद से होडल तक जहाँ-जहाँ रैनीवेल आधारित परियोजनाएँ बनाई गई हैं, उस क्षेत्र का वैज्ञानिक अध्ययन करवाया जाए।  
  • इसके अलावा यह भी सुनिश्चित किया जाए कि पेयजल का उपयोग सिंचाई के लिये नहीं किया जाए और पेयजल आपूर्ति प्रणालियों के अवैध दोहन पर भी नज़र रखी जाए। 
  • पुलिस अधिकारियों को भी निर्देश दिये गए हैं कि पानी की चोरी न हो इसके लिये सख्त निगरानी रखी जाए। साथ ही पानी के उचित प्रबंधन हेतू रेगुलेटरी सिस्टम तैयार किया जाए। 
  • बैठक में बताया गया कि 139 करोड़ रुपए की लागत से पिंजौर में बन रही सेब, फल व सब्जी मंडी का कार्य अंतिम चरण में है। 52 दुकानों में से 39 का आवंटन किया जा चुका है, शेष दुकानों की आवंटन प्रकिया चल रही है। जल्द ही इस मंडी में व्यापार होना शुरू हो जाएगा।  
  • इसके अलावा, गन्नौर में बनाई जाने वाली अंतर्राष्ट्रीय मंडी का जून माह में मुख्यमंत्री द्वारा शिलान्यास किया जाएगा। 
  • बैठक में चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग के अधिकारियों ने बताया कि भिवानी में लगभग 536 करोड़ रुपए की लागत से बन रहे पंडित नेकी राम शर्मा मेडिकल कॉलेज का सिविल कार्य पूरा हो चुका है। शैक्षणिक सत्र 2024-25 में इस कॉलेज में दाखिले किये जा सकेंगे। 
  • इसके अलावा, करनाल के कुटेल में बन रहे पंडित दीन दयाल उपाध्याय यूनिवर्सिटी ऑफ हेल्थ साइंसेस का काम प्रक्रियाधीन है। इसमें 730 बेड की सुविधा होगी। इस साल के अंत तक यहाँ ओपीडी सेवाओं की शुरुआत करने के लिये विभाग तैयार है।  
  • साथ ही, प्रदेशभर में बनाए जा रहे 6 नर्सिंग कॉलेज और करनाल में कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज-चरण-2 का कार्य भी तय समयावधि में पूरा हो जाएगा। 
  • बैठक से पूर्व मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर में विभिन्न विभागों द्वारा क्रियान्वित की जा रही 100 करोड़ रुपए की लागत से अधिक की परियोजनाओं की मॉनिटरिंग हेतु हरियाणा प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग सिस्टम पोर्टल लॉन्च किया। अब विभागों द्वारा डीपीआर बनाने से लेकर अंतिम मंजूरी मिलने तक की सारी प्रक्रिया इस पोर्टल के माध्यम से होगी। 
  • बैठक में बताया गया कि फरीदाबाद में 325 करोड़ रुपए की लागत से सड़क तंत्र सहित विभिन्न बुनियादी ढाँचा परियोजनाओं का कार्य पूरा किया जा चुका है, जिससे जनता को बहुत लाभ मिल रहा है।  
  • बैठक में मुख्य सचिव संजीव कौशल ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रदेशभर में लंबित चल रही बड़ी परियोजनाओं के तीव्र क्रियान्वयन हेतु उनकी अध्यक्षता में गठित कमेटी 100 करोड़ रुपए से अधिक की परियोजनाओं की लगातार समीक्षा कर रही है। अब तक 6 समीक्षा बैठकें हो चुकी हैं और इसके परिणामस्वरूप अब तक 1900 करोड़ रुपए की 12 बड़ी परियोजनाएँ पूरी हुई हैं। वर्तमान में 14 विभागों की 90 से अधिक परियोजनाओं पर काम चल रहा है।


झारखंड Switch to English

राष्ट्रपति मुर्मू ने झारखंड हाईकोर्ट के नए भवन का किया उद्घाटन

चर्चा में क्यों?

24 मई, 2023 को भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राँची के धुरवा में करीब 550 करोड़ रुपए की लागत से निर्मित झारखंड उच्च न्यायालय के नए भवन का उद्घाटन किया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस अवसर पर भारत के मुख्य न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़, झारखंड के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन, केंद्रीय कानून और न्याय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, झारखंड उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा तथा झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन उपस्थित थे।  
  • 165 एकड़ में फैला इसका परिसर क्षेत्रफल की दृष्टि से देश के सभी हाईकोर्ट के परिसरों से बड़ा है। इसका परिसर सुप्रीम कोर्ट के परिसर (22 एकड़) से भी कई गुना बड़ा है।  
  • नए उच्च न्यायालय भवन में 25 वातानुकूलित अदालत कक्ष और 1,200 लोगों के बैठने की क्षमता वाले दो हॉल तथा 540 कक्ष हैं। नए परिसर में 30 हज़ार वर्गफीट में लाइब्रेरी बनाई गई है, जिसमें करीब पाँच लाख से अधिक कानूनी पुस्तकें रखी जा सकती हैं।


छत्तीसगढ़ Switch to English

6वीं राष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में बस्तर की बेटियों ने रचा इतिहास

चर्चा में क्यों?

24 मई, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार लखनऊ (उत्तर प्रदेश) में 17 से 21 मई तक आयोजित 6वीं राष्ट्रीय मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में बस्तर ज़िला और बस्तर मार्शल आर्ट्स अकादमी की खिलाड़ियों ने 5 स्वर्ण और एक काँस्य पदक प्राप्त कर इतिहास रच दिया।  

प्रमुख बिंदु  

  • इस प्रतियोगिता में बस्तर ज़िले की अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी पलक नाग ने फिर से सीनियर वेल्टर वेट में स्वर्ण पदक प्राप्त किया।  
  • माही डोंगरे ने यूथ सी 57 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक, येजीन श्रेया सुना ने यूथ सी 44 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक, तनुप्रिया दत्ता ने यूथ बी 44 कि.ग्रा. वर्ग में स्वर्ण पदक, सेमीकॉन्टेक्ट में श्रिया शर्मा ने बॉटम वेट में स्वर्ण पदक और माही मेश्राम ने यूथ ए 52 कि.ग्रा. वर्ग में काँस्य पदक प्राप्त किया।  
  • गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के बस्तर ज़िले की जगदलपुर शहर की रहने वाली पलक नाग ने 2022 में आबूधाबी में हुए मिक्स मार्शल आर्ट अंतर्राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भारत के लिये सिल्वर मेडल जीता था।  
  • पदक प्राप्त करने वाले सभी खिलाड़ी बस्तर मार्शल आर्ट अकादमी में प्रैक्टिस करते है। जिन खिलाड़ियों ने स्वर्ण पदक प्राप्त किये हैं, वे आगामी अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिता में देश का प्रतिनिधित्व करेंगे।  
  • विदित है कि यह दूसरा साल है जिसमें मिक्स मार्शल आर्ट प्रतियोगिता में बस्तर की बेटियों ने अपना जौहर दिखाया है।


उत्तराखंड Switch to English

दून जू में शुरू होगी टाइगर सफारी

चर्चा मे क्यों?

23 मई, 2023 को उत्तराखंड के देहरादून चिड़ियाघर के वन क्षेत्राधिकारी मोहन सिंह रावत ने बताया कि राज्य के विश्व प्रसिद्ध जिम कार्बेट और राजाजी टाइगर रिजर्व की तर्ज पर शीघ्र ही देहरादून जू में भी टाइगर सफारी शुरू हो जाएगी।  

प्रमुख बिंदु  

  • यहाँ टाइगर सफारी के लिये ट्रैक तैयार हो चुका है, जबकि 11 बाड़ों (इनक्लोजर) बनाने का काम अंतिम चरण में है। बाड़ों का काम पूरा होते ही नैनीताल जू से बाघों के एक जोड़े को यहाँ शिफ्ट कर दिया जाएगा। इसके बाद सैलानी जू क्षेत्र के कुल 25 हेक्टेयर हिस्से का दीदार कर सकेंगे। 
  • विदित है कि अभी तक जू की गतिविधियाँ मात्र पाँच हेक्टेयर क्षेत्रफल में संचालित की जा रही हैं। 
  • देहरादून चिड़ियाघर में टाइगर सफारी शुरू करने के लिये सेंट्रल जू अर्थारिटी (सीजेडए) की टीम भी दौरा कर चुकी है। बाड़ों का काम पूरा होते ही एक बार फिर सीजेडए की टीम मौका मुआयना करने के बाद अनुमति प्रदान करेगी।  
  • टाइगर सफारी के लिये तैयार इस ट्रैक में जिप्सी के बजाए इलेक्ट्रिक वाहनों से सैलानियों को घुमाया जाएगा, ताकि वाहनों के शोर और प्रदूषण से बचा जा सके। 
  • ज्ञातव्य है कि इस चिड़ियाघर की शुरूआत वर्ष 1976 में वन चेतना केंद्र के रूप में की गई थी। मालसी गाँव में होने और हिरन की संख्या अधिक होने के कारण बाद में इसका नाम मालसी डियर पार्क पड़ गया। मार्च 2012 में इसे मिनी जू में तब्दील कर दिया गया। अब यहाँ टाइगर सफारी शुरू होने के बाद जू को नई पहचान मिलने जा रही है। 
  • दून चिड़ियाघर में एक माह में गुलदार के दो शावकों को चिड़ियापुर रेस्क्यू सेंटर से यहाँ लाया जाएगा। इसके अलावा दो भालू (स्लोथ और ब्लैक बीयर प्रजाति), दो लोमड़ी, दो हाइना (लकड़बग्घा) को भी जू में लाया जाएगा।  
  • गौरतलब है कि वर्तमान में जू में एक मादा गुलदार, 23 प्रकार की प्रजातियों की चिड़िया, 23 प्रकार के वन्यजीव, साँपों की दस प्रजातियाँ, मगरमच्छ, घड़ियाल जैसे जीव मौजूद हैं। इसके अलावा मछलियों के लिये एक्वेरियम तैयार किया गया है। 
  • देहरादून जू हमेशा से पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र रहा है। बीते वर्ष 2022 में चिड़ियाघर में सात लाख 65 हज़ार पर्यटक आए। यहाँ प्रतिदिन 12 से 15 सौ पर्यटक पहुँचते हैं, जबकि रविवार को पर्यटकों की संख्या चार से पाँच हज़ार तक पहुँच जाती है। चिड़ियाघर को करीब तीन करोड़ 35 लाख रुपए की कमाई हुई। इसी पैसे से वन्यजीवों की देखभाल, खाना और अन्य खर्च किये जाते हैं। 
  • जू में माँसाहारी वन्यजीवों को मंगलवार के दिन उपवास रखा जाता है। इस दिन उन्हें किसी प्रकार का भोजन नहीं दिया जाता है। ऐसा उनके संतुलित आहार के मद्देनजर किया जाता है।


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