उत्तर प्रदेश Switch to English
गंगा के किनारे वनीकरण को बढ़ावा देगी सरकार
चर्चा में क्यों?
23 मई, 2022 को राज्य सरकार के एक प्रवक्ता ने बताया कि गंगा नदी को स्वच्छ बनाने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने नदी के किनारे वनीकरण को बढ़ावा देने और रासायनिक उर्वरकों को जैविक उर्वरकों के साथ बदलने की योजना बनाई है।
प्रमुख बिंदु
- प्रवक्ता ने बताया कि योजना के तहत 27 ज़िलों (जहाँ से होकर गंगा बहती है) के दोनों किनारों पर 10 किमी. के दायरे में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जाएगा।
- राज्य सरकार ने अगले छह महीनों में 27 ज़िलों में 503 स्थानों पर फैले गंगा तट के साथ 6,759 हेक्टेयर में वनीकरण का लक्ष्य रखा है। गौरतलब है कि कासगंज और कुछ अन्य क्षेत्रों में वृक्षारोपण अभियान पहले ही शुरू किया जा चुका है।
- राज्य सरकार ने न केवल गंगा के किनारे, बल्कि उसकी सहायक नदियों के किनारे भी सघन वनरोपण अभियान की योजना बनाई है। सरकार का लक्ष्य गंगा तट और उसकी सहायक नदियों के किनारे औषधीय, दुर्लभ और पारंपरिक पौधों को लगाना है।
- इससे न केवल वन क्षेत्र बढ़ाने और जलवायु में सुधार करने में मदद मिलेगी, बल्कि मिट्टी के कटाव को भी रोका जा सकेगा तथा इन क्षेत्रों में बाढ़ की गंभीरता को कम किया जा सकेगा।
- जैविक खेती में उपज बढ़ाने और मिट्टी की रक्षा के लिये रासायनिक उर्वरकों और ज़हरीले कीटनाशकों को पूरी तरह से जैविक खाद से बदल दिया जाता है। चूँकि गंगा के मैदान की मिट्टी हर साल बाढ़ के कारण बदल जाती है, इसलिये पूरे बेसिन में जैविक खेती की काफी संभावनाएँ हैं।
- उल्लेखनीय है कि भारत में गंगा के मैदान का बड़ा हिस्सा उत्तर प्रदेश में स्थित है। नदी बिजनौर, बदायूँ, अमरोहा, मेरठ, बुलंदशहर, अलीगढ़, फर्रुखाबाद, कन्नौज, कानपुर नगर, कानपुर देहात, फतेहपुर, प्रयागराज, मिर्ज़ापुर और गाज़ीपुर सहित राज्य के 27 ज़िलों से होकर बहती है।
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