उत्तर प्रदेश Switch to English
सबसे हल्की बुलेट प्रूफ़ जैकेट
चर्चा में क्यों?
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) के रक्षा सामग्री तथा भंडार अनुसंधान एवं विकास प्रतिष्ठान (DMSRDE), कानपुर ने BIS 17051 गोला-बारूद के स्तर 6 से सुरक्षा के लिये देश में सबसे हल्के बुलेट प्रूफ जैकेट को सफलतापूर्वक विकसित किया है।
मुख्य बिंदु:
- इस बुलेट प्रूफ जैकेट का टर्मिनल बैलिस्टिक रिसर्च लेबोरेटरी (TBRL) चंडीगढ़ में सफलतापूर्वक परीक्षण किया गया।
- यह जैकेट एक नए डिज़ाइन दृष्टिकोण पर आधारित है, जहाँ नई प्रक्रियाओं के साथ नवीन सामग्री का उपयोग किया गया है।
- इस जैकेट का फ्रंट हार्ड आर्मर पैनल (HAP) इन-कंजंक्शन विद (ICW) और स्टैंड-अलोन डिज़ाइन दोनों में कई हिट्स को मात देता है।
- एर्गोनॉमिक रूप से डिज़ाइन किया गया फ्रंट HAP पॉलिमर बैकिंग के साथ मोनोलिथिक सिरेमिक प्लेट से बना है जो ऑपरेशन के दौरान पहनना आसान और आराम को बढ़ाता है।
टर्मिनल बैलिस्टिक अनुसंधान प्रयोगशाला (TBRL)
- TBRL चंडीगढ़ स्थित एक महत्त्वपूर्ण DRDO प्रयोगशाला है। यह विभिन्न उच्च विस्फोटकों के विस्फोट, इनका विकास, घातकता, उत्पादन, प्रसंस्करण और लक्षण वर्णन के साथ ही हथियारों, गोले व अन्य गोला-बारूद के विखंडन अध्ययन, बमों, मिसाइलों एवं हवाई प्रणालियों की कैप्टिव उड़ान परीक्षण, विभिन्न सुरक्षात्मक प्रणालियों जैसे बॉडी कवच, वाहन कवच तथा छोटे हथियारों के गोला-बारूद के खिलाफ हेलमेट आदि का बैलिस्टिक मूल्यांकन में सक्रिय रूप से संलग्न है।
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