उत्तराखंड का माणा अब देश का अंतिम नहीं पहला गाँव | उत्तराखंड | 25 Apr 2023
चर्चा में क्यों?
24 अप्रैल, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के चमोली ज़िले में भारत-चीन सीमा पर बसे सीमांत गाँव माणा के प्रवेश द्वार पर सड़क संगठन (बीआरओ) की ओर से देश के अंतिम गाँव के स्थान पर पहले गाँव का साइन बोर्ड लगा दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इसकी फोटो राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर शेयर करते हुए लिखा है कि अब माणा देश का आखिरी नहीं बल्कि पहला गाँव के रूप में जाना जाएगा।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि पिछले साल अक्टूबर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सीमांत गाँव माणा में उसे देश के पहले गाँव के रूप में संबोधित किया था।
- गौरतलब है कि 21 अक्तूबर, 2022 को माणा में आयोजित कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने माणा गाँव को भारत के अंतिम गाँव की बजाय देश का पहला गाँव कहा था। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सीमाओं पर बसा हर गाँव देश का पहला गाँव कहलाएगा।
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस संबंध में कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश के सीमावर्ती क्षेत्र आज वास्तव में और अधिक जीवंत हो रहे हैं। इसके लिये वाइब्रेंट विलेज कार्यक्रम की शुरूआत की गई है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि वाइब्रेंट विलेज कार्य योजनाएँ ज़िला प्रशासन की ओर से ग्राम पंचायतों के सहयोग से तैयार की गई हैं। इससे इन क्षेत्रों के उत्पादों जड़ी-बूटियों, सेब, राजमा सहित फसलों के साथ-साथ यहाँ विकास की संभावनाओं को पंख लगेंगे।
- यह योजना सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने में मददगार होगी और सीमांत क्षेत्रवासी देश की सुरक्षा में भी भागीदारी निभा सकेंगे।
- विदित है कि उत्तराखंड में 3200 मीटर की ऊँचाई पर चमोली ज़िले में स्थित माणा गाँव सरस्वती नदी के तट पर स्थित है। प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थ स्थल बद्रीनाथ यहाँ से लगभग 5 किमी. दूर है।
- माणा गाँव यहाँ मिलने वाली जड़ी-बूटियों के लिये काफी प्रसिद्ध है। यहाँ की जड़ी-बूटी खाने से कई तरह की बीमारी में लाभ मिलता है। यहाँ मिलने वाली सभी जड़ी बूटी व्यक्ति के स्वास्थ्य के लिये लाभदायक होती है।
माणा गाँव- पहले
माणा गाँव- अब