सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवार्ड | मध्य प्रदेश | 25 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
23 अप्रैल, 2022 को प्रयागराज स्थित मोतीलाल नेहरू नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में आयोजित 19वाँ सीएसआई-एसआईजी अवार्ड समारोह में एमपी टेंडर्स पोर्टल ने परियोजना श्रेणी में वर्ष 2021 के लिये प्रशंसा का राष्ट्रीय स्तर का प्रतिष्ठित ‘सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस’ अवार्ड प्राप्त किया।
प्रमुख बिंदु
- 19वाँ ‘सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस’ अवार्ड 2021 निविदाओं के लिये ‘प्रशंसा का पुरस्कार’ के रूप में मध्य प्रदेश सरकार ई-प्रोक्योरमेंट सिस्टम एमपीएसईडीसी हेतु मील का पत्थर है।
- ऑनलाइन ई-निविदा प्रणाली के लिये नोडल एजेंसी के रूप में एमपीएसईडीसी की भागीदारी के साथ वर्ष 2006 में कार्य शुरू किया गया था। यह उपलब्धि मध्य प्रदेश राज्य इलेक्ट्रॉनिक्स विकास निगम (एमपीएसईडीसी) के लिये दूरदर्शी परियोजना साबित हुई है।
- एमपीएसईडीसी ने न्यूनतम मानवीय भागीदारी के साथ फुलप्रूफ कार्यक्रम के लिये स्थिर समाधान बनाए हैं। संस्था ने पारदर्शिता, आधुनिक तकनीक, मज़बूत बुनियादी ढाँचा और मज़बूत टीम से इस सफलता को प्राप्त किया है।
- संस्था का लक्ष्य अपने भागीदारों को मूल्य-आधारित सेवाएँ देने, अच्छे परियोजना प्रबंधन विचारों को अपनाने, लगातार प्रशिक्षण, एक डाटा विश्लेषण डैशबोर्ड सुविधा और फर्म को अपने लक्ष्यों तक पहुँचने में मदद के लिये अपने सभी हितधारकों पर ध्यान केंद्रित करना है।
- संस्था ने अपनी परियोजना को आसान बनाने के लिये नवीनतम तकनीकी विकास को लागू किया है। साथ ही डाटा एनालिटिक्स को एक उपकरण के रूप में उपयोग करते हुए विषमताओं का लाभ उठाकर और समस्याओं के मूल कारण का पता लगाने में मदद करके सुधार किया है।
- उल्लेखनीय है कि सीएसआई एसआईजी ई-गवर्नेंस अवार्ड प्रतिष्ठित राष्ट्रीय स्तर का पुरस्कार है, जो कंप्यूटर सोसाइटी ऑफ इंडिया द्वारा सर्वश्रेष्ठ ई-गवर्नेंस में किये गए नवाचारों को स्वीकार करने के लिये दिया जाता है।
भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय पर हुआ वेबिनार | मध्य प्रदेश | 25 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
हाल ही में पर्यटन मंत्रालय द्वारा वर्ल्ड हेरिटेज साइट और विश्व की सबसे पुरानी रॉक पेंटिंग में से एक भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय पर वेबिनार आयोजित किया गया।
प्रमुख बिंदु
इस वेबिनार में देश और प्रदेश के गाइड, पुरातत्त्वविद् तथा इतिहास प्रेमियों ने हिस्सा लिया।
- वेबिनार में सेंट्रल इंडिया के रीजनल गाइड भोपाल के अजय सिंह चौहान ने बताया कि भीमबेटका रॉक पेंटिंग में 4 कलर (लाल, सफेद, हरा और पीले) का उपयोग किया गया है। ये सभी कलर पत्तियाँ, पत्थर, हेमेटाइट आदि प्राकृतिक स्रोतों से बनाये गए हैं।
- भीमबेटका में नृत्य और संगीत, बॉडी आर्ट, आखेट और पशुओं को चित्रित किया गया है। इस प्रकार की पेंटिंग्स को पिक्टोग्राफ कहा जाता है।
- भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय में मानव जीवन की यात्रा चित्रित की गई है, जिसमें जीवन की दिन-प्रतिदिन की गतिविधियाँ, पशु, आखेट, जंगल में उपयोगी चीज़ें एकत्रित करना आदि दिखाया गया है।
- उल्लेखनीय है कि भीमबेटका रॉक पेंटिंग और आश्रय भारत में यूनेस्को की विश्व धरोहर रॉक साइट है। यह प्रागैतिहासिक रॉक पेंटिंग और रॉक शेल्टर के लिये बहुत लोकप्रिय है।
- आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की कार्बन डेटिंग प्रक्रिया के अनुसार भीमबेटका की रॉक पेंटिंग 30 से 35 हज़ार वर्ष पुरानी है। प्रसिद्ध पुरातत्त्वविद् विष्णु श्रीधर वाकणकर ने 1957-58 में नागपुर की यात्रा के दौरान विंध्य पर्वत श्रेणी में भीमबेटका की खोज की थी।
- हाल ही में जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया की टीम ने भीमबेटका से एक फॉसिल की खोज की है, जो करीब ढ़ाई करोड़ वर्ष पुराना है। इस प्रकार के फॉसिल यूक्रेन, रूस और चीन में भी मिले हैं।
‘माँ तुझे प्रणाम योजना’ | मध्य प्रदेश | 25 Apr 2022
चर्चा में क्यों?
23 अप्रैल, 2022 को मध्य प्रदेश की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बताया कि कोविड काल के बाद ‘माँ तुझे प्रणाम योजना’ को पुन: शुरू किया जा रहा है। इस वर्ष योजना में पहली बार प्रदेश की ‘लाडली लक्ष्मियाँ’ देश की सीमा की यात्रा करेंगी।
प्रमुख बिंदु
- सशक्त भारत और आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के सपने को साकार करने के लिये युवाओं में देश की सीमाओं की सुरक्षा के प्रति जागृति लाने, राष्ट्र के प्रति समर्पण और युवाओं को सेना तथा अर्द्धसैनिक बलों के प्रति आकर्षित करने के उद्देश्य से ‘माँ तुझे प्रणाम योजना’ की शुरुआत की गई है।
- मंत्री ने बताया कि 2 से 11 मई तक चलने वाले ‘लाडली लक्ष्मी उत्सव’ में 2 मई को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 200 लाडली लक्ष्मियों को हरी झंडी दिखाकर बाघा बॉर्डर की यात्रा के लिये रवाना करेंगे।
- इस यात्रा से किशोरियों में न सिर्फ देश भक्ति की भावना जागृत होगी, बल्कि वे भविष्य में देश की सेवा कर स्वयं को आत्मनिर्भर बनाने में भी सफल होंगी।
- उल्लेखनीय है कि खेल एवं युवा कल्याण विभाग की ‘माँ तुझे प्रणाम योजना’ में ज़िला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित चयन समिति द्वारा लॉटरी के माध्यम से चयन कर युवाओं को विभिन्न समूहों में देश की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर भ्रमण के लिये ले जाया जाता है।
- सीमावर्ती भूमि में शहीदों को युवाओं द्वारा अपने निवास क्षेत्र से ले जाए गए जल से श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है। युवाओं द्वारा अंतर्राष्ट्रीय सीमावर्ती क्षेत्र के रहवासियों की मदद से पशुपालन, कृषि व्यवसाय, उद्योग-धंधे, सिंचाई सुविधाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ, सांस्कृतिक रीति-रिवाज, मान्यताएँ, त्योहार आदि का भी अध्ययन किया जाता है।
- वर्ष 2013 से प्रारंभ माँ तुझे प्रणाम योजना में अब तक प्रदेश के 12 हज़ार 672 युवाओं को लेह-लद्दाख, कारगिल-द्रास, आर.एस.पुरा, बाघा-हुसैनीवाला, तनोत माता का मंदिर, लोंगोवाल, कोच्चि, बीकानेर, बाड़मेर, नाथूला दर्रा, पेट्रापोल, तुरा, जयगाँव, अंडमान निकोबार एवं कन्याकुमारी कीयात्रा कराई गई है।
- खेल एवं युवा कल्याण विभाग की इस योजना में चयनित युवाओं को गृह निवास का यात्रा किराया, दैनिक भत्ता, आवास, भोजन, स्थानीय यातायात व्यवस्था, रेल आरक्षण व्यवस्था, ट्रैक सूट, टी-शर्ट और किट बैग उपलब्ध कराए जाते हैं।