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प्रधानमंत्री ने वाराणसी में वन वर्ल्ड टीबी समिट-2023 का किया उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वन वर्ल्ड टीबी समिट - 2023 का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- वन वर्ल्ड टीबी समिट - 2023 में कई राज्यों के राज्यपाल, अनेक राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक ऑनलाइन शामिल हुए।
- इस कार्यक्रम में कंपनियों, उद्योगों, नागरिक समाज, गैर-सरकारी संगठनों और टीबी चैंपियंस के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पाँच साल पहले 2025 तक इस अत्यधिक संक्रामक बीमारी को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
- प्रधानमंत्री ने ‘वार्षिक भारत टीबी रिपोर्ट 2023’ का विमोचन किया, जो 2025 तक भारत को टीबी मुत्त बनाने की दिशा में देश के प्रयासों का संकलन है।
- कार्यक्रम में पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस पर एक प्रशिक्षण मॉड्यूल भी लॉन्च किया गया। यह मॉड्यूल भारत में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के माध्यमिक और तृतीयक स्तरों के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिये विकसित किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, बीमारी से जुड़े कलंक को खत्म करने और सेवाओं की निगरानी और सुधार में मदद करने के लिये 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों के समर्थन का लाभ उठाने के लिये टीबी-मुत्त पंचायत पहल की भी शुरुआत की तथा टीबी के संक्रमण को रोकने के लिये एक नए उपचार के तौर पर प्रीवेंटिव थेरेपी भी शुरू की गई है जिससे रोग के प्रसार को रोका जा सके।
- इसके अलावा टीबी से प्रभावित परिवारों का हित सुनिश्चित करने के लिये एक परिवार-केंद्रित देखभाल मॉडल की भी घोषणा की गई।
- नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और उच्च नियंत्रण प्रयोगशाला केंद्र की आधारशिला भी रखी और मेट्रोपॉलिटन पब्लिक हेल्थ सर्विलांस यूनिट के लिये साइट का उद्घाटन किया।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने टीबी को खत्म करने के प्रमुख कार्यक्रम संकेतकों के आधार पर महत्त्वपूर्ण प्रगति करने के लिये राज्यों और ज़िलों को भी सम्मानित किया। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की श्रेणी में कर्नाटक और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को सम्मानित किया गया और नीलगिरी (तमिलनाडु), पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) और अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) को ज़िला स्तर के पुरस्कार दिये गए।
- कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस (एनआईआरटी) जैसे आईसीएमआर संस्थानों ने दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय टीबी संक्रमण सर्वेक्षण पूरा किया है, जिसने लक्षित कार्यक्रम संबंधी क्रियाकलापों के लिये राज्य स्तर पर टीबी के बोझ को समझने में मदद की है।
- उप-राष्ट्रीय प्रमाणन (एसएनसी) कार्य को लागू करने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश है। यह एक अभिनव वैज्ञानिक पद्धति है,जिसके माध्यम से ज़िलों को उनके उन्मूलन की प्रगति के लिये सत्यापित किया जाता है।
- प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि टीबी रोगियों के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के तहत 75 लाख से अधिक टीबी रोगियों के खाते में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि ट्रांसफर की गई है।
- गौरतलब है कि मार्च 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई, जबकि शेष विश्व में 2030 तक टीबी से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
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