उत्तर प्रदेश Switch to English
प्रधानमंत्री ने वाराणसी में वन वर्ल्ड टीबी समिट-2023 का किया उद्घाटन
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में वन वर्ल्ड टीबी समिट - 2023 का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- वन वर्ल्ड टीबी समिट - 2023 में कई राज्यों के राज्यपाल, अनेक राज्यों के स्वास्थ्य सचिव और राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के प्रबंध निदेशक ऑनलाइन शामिल हुए।
- इस कार्यक्रम में कंपनियों, उद्योगों, नागरिक समाज, गैर-सरकारी संगठनों और टीबी चैंपियंस के प्रतिनिधियों ने भी भाग लिया और 2030 के वैश्विक लक्ष्य से पाँच साल पहले 2025 तक इस अत्यधिक संक्रामक बीमारी को खत्म करने की भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया।
- प्रधानमंत्री ने ‘वार्षिक भारत टीबी रिपोर्ट 2023’ का विमोचन किया, जो 2025 तक भारत को टीबी मुत्त बनाने की दिशा में देश के प्रयासों का संकलन है।
- कार्यक्रम में पल्मोनरी ट्यूबरक्लोसिस पर एक प्रशिक्षण मॉड्यूल भी लॉन्च किया गया। यह मॉड्यूल भारत में सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के माध्यमिक और तृतीयक स्तरों के स्वास्थ्य कर्मियों को प्रशिक्षित करने के लिये विकसित किया गया है।
- प्रधानमंत्री ने टीबी के बारे में जागरूकता बढ़ाने, बीमारी से जुड़े कलंक को खत्म करने और सेवाओं की निगरानी और सुधार में मदद करने के लिये 2.5 लाख से अधिक ग्राम पंचायतों के समर्थन का लाभ उठाने के लिये टीबी-मुत्त पंचायत पहल की भी शुरुआत की तथा टीबी के संक्रमण को रोकने के लिये एक नए उपचार के तौर पर प्रीवेंटिव थेरेपी भी शुरू की गई है जिससे रोग के प्रसार को रोका जा सके।
- इसके अलावा टीबी से प्रभावित परिवारों का हित सुनिश्चित करने के लिये एक परिवार-केंद्रित देखभाल मॉडल की भी घोषणा की गई।
- नरेंद्र मोदी ने वाराणसी में राष्ट्रीय रोग नियंत्रण और उच्च नियंत्रण प्रयोगशाला केंद्र की आधारशिला भी रखी और मेट्रोपॉलिटन पब्लिक हेल्थ सर्विलांस यूनिट के लिये साइट का उद्घाटन किया।
- इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने टीबी को खत्म करने के प्रमुख कार्यक्रम संकेतकों के आधार पर महत्त्वपूर्ण प्रगति करने के लिये राज्यों और ज़िलों को भी सम्मानित किया। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों की श्रेणी में कर्नाटक और केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर को सम्मानित किया गया और नीलगिरी (तमिलनाडु), पुलवामा (जम्मू-कश्मीर) और अनंतनाग (जम्मू-कश्मीर) को ज़िला स्तर के पुरस्कार दिये गए।
- कार्यक्रम में नरेंद्र मोदी ने बताया कि नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर रिसर्च इन ट्यूबरकुलोसिस (एनआईआरटी) जैसे आईसीएमआर संस्थानों ने दुनिया का सबसे बड़ा राष्ट्रीय टीबी संक्रमण सर्वेक्षण पूरा किया है, जिसने लक्षित कार्यक्रम संबंधी क्रियाकलापों के लिये राज्य स्तर पर टीबी के बोझ को समझने में मदद की है।
- उप-राष्ट्रीय प्रमाणन (एसएनसी) कार्य को लागू करने वाला भारत दुनिया का एकमात्र देश है। यह एक अभिनव वैज्ञानिक पद्धति है,जिसके माध्यम से ज़िलों को उनके उन्मूलन की प्रगति के लिये सत्यापित किया जाता है।
- प्रधानमंत्री ने यह भी बताया कि टीबी रोगियों के लिये प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) योजना के तहत 75 लाख से अधिक टीबी रोगियों के खाते में 2,000 करोड़ रुपये से अधिक धनराशि ट्रांसफर की गई है।
- गौरतलब है कि मार्च 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 तक भारत से टीबी को खत्म करने की प्रतिबद्धता जताई, जबकि शेष विश्व में 2030 तक टीबी से संबंधित सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) को प्राप्त करने का लक्ष्य रखा गया है।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान साहित्य अकादमी ने घोषित किये वर्ष 2022-23 के पुरस्कार
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को राजस्थान साहित्य अकादमी, उदयपुर के अध्यक्ष डॉ. दुलाराम सहारण की अध्यक्षता में हुई संचालिका सभा की बैठक में राजस्थान प्रांत के निवासी एवं प्रवासी साहित्यकारों के उत्थान, संवर्धन, प्रोत्साहन और सम्मान के प्रति संकल्पबद्धता व्यक्त करने हेतु वर्ष 2022-23 के वार्षिक पुरस्कारों की घोषणा की गई।
प्रमुख बिंदु
- बैठक में अकादमी सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी ने बताया कि वर्ष 2022-23 का मीरा पुरस्कार जयपुर के मूल निवासी एवं तिरुवनंतपुरम (केरल) वासी रति सक्सेना को कविता पुस्तक ‘हँसी एक प्रार्थना’के लिये दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि अकादमी का पचहत्तर हज़ार रुपए की राशि वाला यह सर्वोच्च पुरस्कार है।
- राजस्थान सरकार के सौजन्य से प्रदान किये जाने वाला एक लाख रुपए का जनार्दन राय नागर सम्मान वर्ष 2022-23 के लिये अजमेर निवासी डॉ. चंद्र प्रकाश देवल को दिया जाएगा। गत दिनों जयपुर में हुई सम्मान समिति की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
- वर्ष 2022-23 के वार्षिक पुरस्कारों के तहत कथा एवं उपन्यास विधा में दिया जाने वाला रांगेय राघव पुरस्कार बाँसवाड़ा निवासी भरत चंद्र शर्मा को उपन्यास ‘पीर परबत-सी’के लिये दिया जाएगा।
- काव्य विधा के लिये दिया जाने वाला सुधींद्र पुरस्कार जयपुर के कवि मायामृग को कविता संग्रह ‘मुझमें मीठा तू हैं’के लिये तथा एकांकी-नाटक के लिये दिया जाने वाला देवीलाल सामर पुरस्कार जयपुर निवासी अजय अनुरागी को नाट्य कृति ‘रांग नंबर’के लिये घोषित किया गया है।
- आलोचना क्षेत्र का प्रतिष्ठित देवराज उपाध्याय पुरस्कार भरतपुर मूल के राजाराम भादू की आलोचना-कृति ‘कविता के आयाम’को तथा विविध विधाओं के अंतर्गत कन्हैयालाल सहल पुरस्कार जयपुर के व्यंग्यकार यश गोयल को उनकी कृति ‘नामुमकिन नेता’के लिये दिया जाएगा।
- बाल साहित्य के क्षेत्र का शंभूदयाल सक्सेना पुरस्कार कांकरोली की कुसुम अग्रवाल को बाल एकांकी पुस्तक ‘हम सब एक हैं’के लिये दिया जाएगा।
- उक्त सभी पुरस्कार इक्कतीस हज़ार रुपए की राशि के हैं।
- सचिव डॉ. बसंत सिंह सोलंकी के अनुसार इक्कीस हज़ार रुपए की राशि वाला प्रथम प्रकाशित कृति सुमनेश जोशी पुरस्कार उदयपुर निवासी कथाकार तराना परवीन को उनके कहानी संग्रह ‘एक सौ आठ’के लिये दिया जाएगा।
- बैठक में अकादमी द्वारा युवा लेखक तैयार करने की मुहिम को केंद्र में रखकर प्रारंभ किये गए विद्यालय एवं महाविद्यालय स्तरीय पुरस्कारों की संचालिका से अनुमोदन पश्चात् घोषणा की गई।
- विद्यालय स्तरीय परदेशी पुरस्कार कविता के लिये महारानी गायत्री देवी कन्या विद्यालय, जयपुर की प्राची शर्मा को ‘सागर मोती एवं अन्य कविताएँ’के लिये, परदेशी कहानी पुरस्कार जवाहर नवोदय विद्यालय, पल्लू-हनुमानगढ़ की दिव्या विंतामण सानप को कहानी ‘खुशी के आँसू’के लिये, परदेशी निबंध पुरस्कार राउमावि अमरपुरा-उदयपुर की हर्षिता मीणा को निबंध ‘नवाचारों का उद्भव’के लिये तथा परदेशी लघुकथा पुरस्कार राजकीय सार्दुल उमावि बीकानेर के अरमान नदीम की लघुकथा ‘असली ताकत’के लिये दिया जाएगा।
- महाविद्यालय स्तरीय चंद्रदेव शर्मा कविता पुरस्कार राजकीय लोहिया महाविद्यालय चूरू के हिमांशु भारद्वाज को ‘स्पृहा और अन्य कविताएँ’के लिये, चंद्रदेव शर्मा कहानी पुरस्कार इक्कीस कॉलेज गोपल्याण-लूणकरणसर की निर्मला शर्मा को कहानी ‘कोई चारा नहीं’के लिये, चंद्रदेव शर्मा एकांकी पुरस्कार माँ जालपा देवी राजकीय महाविद्यालय तारानगर की तनिष्का पड़िहार की एकांकी ‘जागो प्यारे, जागो’के लिये, चंद्रदेव शर्मा निबंध पुरस्कार सोनादेवी सेठिया कन्या महाविद्यालय सुजानगढ़ की मैना कंवर को निबंध ‘विगत और संभावनाएँ’के लिये दिया जाएगा।
- सुधा गुप्ता महाविद्यालय स्तरीय कविता पुरस्कार महिला स्नातकोत्तर महाविद्यालय जोधपुर की सूरज कुमारी को ‘प्रकृति की आवाज और अन्य कविताएँ’के लिये दिया जाएगा।
- उल्लेखनीय है कि उक्त सभी पुरस्कारों के तहत पाँच हज़ार रुपए प्रति पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं।
- संचालिका की बैठक में अकादमी द्वारा दिये जाने वाले विशिष्ट साहित्यकार सम्मानों की भी घोषणा की गई।
- वर्ष 2022-23 का विशिष्ट साहित्यकार सम्मान अजंता देव-जयपुर, अतुल चतुर्वेदी-कोटा, डॉ. अनिता वर्मा-कोटा, कुसुम मेघवाल-उदयपुर, कैलाश मनहर-मनोहरपुरा, गोपाल माथुर-अजमेर, गोरधनसिंह शेखावत-सीकर, जवरीमल्ल पारख-जोधपुर, जीवन सिंह मानवी-अलवर, फारूख आफरीदी-जयपुर, बख्शीश सिंह-अजमेर, डॉ. महेंद्र भानावत-उदयपुर, मालचंद तिवाड़ी-बीकानेर, राजन निर्मोही जावा-जोधपुर, डॉ. रामकुमार घोटड़-सादुलपुर, रामस्वरूप किसान-परलीका, राजेंद्र कसवाँ-झुंझुनू, रेवतीरमण शर्मा-अलवर, शिवराज छंगाणी-बीकानेर, विद्या पालीवाल-उदयपुर, डॉ. सत्यनारायण-जोधपुर, सावित्री चौधरी-जयपुर, हबीब कैफी-जोधपुर, हरिराम मीणा-बामनवास, हसन जमाल-जोधपुर को दिया जाएगा।
- इस सम्मान के तहत प्रत्यके को इक्कावन हज़ार रुपए की राशि प्रदान की जाएगी।
- संचालिका बैठक में लिये गए कई अन्य फैसले-
- अकादमी की ‘राजस्थान साहित्यकार प्रस्तुति योजना’एवं ‘पुरोधा श्रृंखला’में कई पुस्तकों का नवीन प्रकाशन होगा, वहीं लंबित समस्त पुस्तकों को भी प्रकाशित किया जाएगा।
- वहीं कविता, कहानी, निबंध, स्त्री-विमर्श, दलित-विमर्श, आदिवासी-विमर्श, युवा साहित्य, बाल साहित्य, नाटक पर केंद्रित स्वतंत्र पुस्तकों का प्रकाशन होगा। अकादमी की पत्रिका मधुमती के गांधी विशेषांक, नेहरू विशेषांक का पुस्तकाकार में प्रकाशन भी होगा।
- आगामी वर्ष की पुरस्कार एवं विभिन्न योजनाओं की विज्ञप्ति प्रकाशन का निर्णय भी लिया गया।
राजस्थान Switch to English
उदयपुर एवं राजसमंद में बनेंगे केटल फीड प्लांट
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य के उदयपुर एवं राजसमंद के नाथद्वारा में केटल फीड प्लांट की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इस निर्णय से राज्य में अधिक मात्रा में पशु आहार का उत्पादन हो सकेगा और पशुओं के लिये गुणवत्तापूर्ण आहार आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।
- स्थापना के लिये राशि डिस्ट्रिक्ट मिनरल फाउंडेशन ट्रस्ट (डीएमएफटी) के माध्यम से व्यय की जाएगी।
- उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री द्वारा 2023-24 के बजट में केटल फीड प्लांट की स्थापना के संबंध में घोषणा की गई थी।
मध्य प्रदेश Switch to English
टी.बी. केसेस में कमी लाने पर प्रदेश के 11 ज़िले पुरस्कृत
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को मध्य प्रदेश जनसंपर्क विभाग द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार टी.बी. केसेस में कमी लाने पर प्रदेश के 11 ज़िलों को उत्तर प्रदेश के वाराणसी में हुए वन वर्ल्ड टी.बी. समिट में पुरस्कृत किया गया है।
प्रमुख बिंदु
- प्रदेश के इन 11 ज़िलों में धार, मंदसौर और नीमच ज़िले को 60 प्रतिशत से अधिक कमी लाने के लक्ष्य को प्राप्त करने पर स्वर्ण-पदक, शाजापुर, बैतूल, इंदौर और देवास ज़िले को टी.बी. केसेस में 40 प्रतिशत कमी लाने पर रजत पदक तथा नरसिंहपुर, मुरैना, होशंगाबाद और मण्डला ज़िले को 20 प्रतिशत कमी लाने पर कांस्य पदक से सम्मानित किया गया।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2022-23 के लिये प्रदेश से 30 ज़िलों ने नामांकन किया था।
- विदित है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक क्षय उन्मूलन का लक्ष्य रखा है तथा वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानते हुए टी.बी. के मामलों में सराहनीय कमी लाने वाले राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विभिन्न श्रेणियों में सर्टिफिकेट, पदक एवं प्रोत्साहन राशि से पुरस्कृत करने के लिये सर्टिफिकेशन की प्रक्रिया शुरू की गई है।
हरियाणा Switch to English
मुख्यमंत्री ने जारी की हरियाणा की गतिशील भू-जल संसाधन क्षमता रिपोर्ट
चर्चा में क्यों?
22 मार्च, 2023 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने केंद्रीय भूजल बोर्ड, उत्तर पश्चिम क्षेत्र चंडीगढ़, हरियाणा के सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग की भू-जल प्रकोष्ठ द्वारा संयुक्त रूप से 31 मार्च, 2022 तक तैयार की गई हरियाणा की गतिशील भू-जल संसाधन क्षमता रिपोर्ट जारी की।
प्रमुख बिंदु
- राज्य की गतिशील भू-जल संसाधन क्षमता रिपोर्ट में 141 ब्लॉक और गुरुग्राम एवं फरीदाबाद के दो शहरी क्षेत्रों जिनकी आबादी 10 लाख से अधिक है, का आकलन किया गया है।
- हरियाणा सरकार के प्रयासों से भूगर्भ जल संसाधन आकलन, 2022 के अनुसार भूजल के विकास के स्तर में सुधार हुआ है। वर्ष 2020 के दौरान प्रदेश में औसतन भू-जल दोहन का स्तर 134.56 प्रतिशत था, जो 2022 के दौरान कम होकर 134.14 प्रतिशत हो गया है।
- यह रिपोर्ट केंद्रीय भू-जल बोर्ड द्वारा विकसित इन-जीआरईएस सॉफ्टवेयर की मदद से तैयार की गई है।
झारखंड Switch to English
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने झारखंड को दिया 11,400 करोड़ रुपए की 21 सड़क परियोजनाओं का तोहफा
चर्चा में क्यों?
23 मार्च, 2023 को केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने झारखंड को 11400 करोड़ रुपए से ज्यादा राशि की लागत से निर्मित और बननेवाली 21 सड़क परियोजनाओं का तोहफा दिया, जिनमें 18 परियोजनाओं का शिलान्यास रांची में हुआ।
प्रमुख बिंदु
- इन परियोजनाओं का उद्घाटन-शिलान्यास हुआ-
- वाराणसी-राँची इकोनॉमिक कॉरिडोर के कुड़ू से उदयपुरा तक फोर लेन सड़क, लंबाई 39 किलोमीटर, लागत 1423 करोड़ रुपए।
- वाराणसी-राँची इकोनॉमिक कॉरिडोर के उदयपुरा से भोगू तक फोर लेन सड़क, लंबाई 50 किलीमीटर, लागत 1437 करोड़ रुपए।
- वाराणसी-राँची इकोनॉमिक कॉरिडोर के भोगू से संखा तक फोर लेन सड़क, लंबाई 49 किलोमीटर, लागत 1391 करोड़ रुपए।
- वाराणसी-राँची इकोनॉमिक कॉरिडोर के खजूरी से बिढमगंज तक फोर लेन सड़क, लंबाई 41 किलोमीटर, लागत 1232 करोड़ रुपए।
- रायपुर-धनबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर के बोकारो जैना मोड़ से गोला तक फोर लेन सड़क, लंबाई 32 किमी, लागत 1127 करोड़ रुपए।
- रायपुर-धनबाद इकोनॉमिक कॉरिडोर के गोला-ओरमांझी तक फोर लेन सड़क, लंबाई 28 किलोमीटर, लागत 1330 करोड़ रुपए।
- लोहरदगा सड़क का बाईपास निर्माण, लंबाई 20 किमी, लागत 459 करोड़ रुपए।
- चतरा शहर का बाईपास निर्माण लंबाई 14 किलोमीटर, लागत 235 करोड़ रुपए।
- लामटा से गोनिया तक टू लेन पेव्ड शोल्डर का निर्माण, लंबाई 18 किलोमीटर, लागत 98 करोड़ रुपए।
- दुआरी से रोल तक रोड का निर्माण, लंबाई 26 किलोमीटर, लागत 85 करोड़ रुपए।
- डालटनगंज से राजहरा के बीच रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण, लागत 84 करोड़ रुपए।
- कूटीमोड़ (चैनपुर) से हुटार तक वाया रामगढ़ ब्लॉक हेडवर्टर का निर्माण, लंबाई 24 किलोमीटर, लागत 81 करोड़ रुपए।
- बनासो से बुड़कट्टा मार्ग का निर्माण, लंबाई 28 किलोमीटर, लागत 69 करोड़ रुपए।
- मोहम्मदगंज से हैदरनगर (मोहम्मदगंज से दंगवार सड़क) वाया पनसा ओघोरी सड़क, लंबाई 17 किलोमीटर, लागत 62 करोड़ रुपए।
- चैनपुर से महुआड़ांड़ मार्ग (डुमरी तक) टू लेन सड़क का निर्माण, लंबाई 12 किलोमीटर, लागत 59 करोड़ रुपए।
- गुमला से कोलेबिरा मार्ग का निर्माण, लंबाई 47 किलोमीटर, लागत 57 करोड़ रुपए।
- गोला-चारू मार्ग पर कामता में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण, लागत 35 करोड़ रुपए।
- देवलटांड़ स्थित भगवान आदित्यनाथ मंदिर एनएच-33 को जोड़नेवाले मार्ग का निर्माण, लंबाई 2 किलोमीटर, लागत 2 करोड़ रुपए।
छत्तीसगढ़ Switch to English
मुख्यमंत्री ने किया राज्य के पहले फुल हाईट फोरलेन रेलवे अंडरब्रिज का लोकार्पण
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य के रायपुर से बिलासपुर मार्ग में रायपुर-विजयनगरम शाखा रेल मार्ग पर स्थित लेवल क्रासिंग पर निर्मित राज्य के पहले फुल हाईट फोरलेन रेलवे अंडर ब्रिज का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- रायपुर-बिलासपुर राजमार्ग पर लोकार्पित ये राज्य का पहला फुल हाईट फोरलेन रेलवे अंडरब्रिज है जिसे 28.11 करोड़ रुपए की लागत से छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग द्वारा तैयार किया गया है।
- इस फुल हाइट फोरलेन रेलवे अंडर ब्रिज के निर्माण से रायपुर शहरी क्षेत्र की लगभग 5 लाख की आबादी को सुगम यातायात का लाभ मिलेगा।
- रायपुर से बिलासपुर मार्ग रायपुर-विजयनगरम शाखा रेल मार्ग पर स्थित लेवल क्रासिंग में रेल गुजरने के कारणे बार-बार रेलवे फाटक बंद होता था और आवागमन अवरुद्ध हो जाता था। जन आकांक्षा को ध्यान में रखते हुए राज्य शासन के इस महत्त्वपूर्ण परियोजना की स्वीकृति वर्ष 2017 में प्रदान की गई थी। इस ब्रिज की कुल लंबाई 336.96 मीटर है।
उत्तराखंड Switch to English
मुख्यमंत्री ने प्रदान किये उत्तराखंड खेल रत्न, द्रोणाचार्य और लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
24 मार्च, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून में आयोजित खेल पुरस्कार समारोह में राज्य की खेल प्रतिभाओं को वर्ष 2019-20, 2020-21 और वर्ष 2021-22 के लिये देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न, देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार और लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कारों से पुरस्कृत किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन सहित छह खेल प्रतिभाओं को देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न, देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार और लाइफ टाइम अचीवमेंट पुरस्कार से पुरस्कृत किया।
- इसके अलावा वर्ष 2021 और 2022 के राष्ट्रीय स्तर के 168 पदक विजेता खिलाड़ियों व 42 प्रशिक्षकों को दो करोड़ से अधिक के नकद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
- इस अवसर मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य में खेलों को बढ़ावा देने के लिये हर संभव प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये सरकार ने सरकारी नौकरियों में खेल कोटे को फिर से शुरू करने का निर्णय लिया है।
- राज्य की खेल मंत्री रेखा आर्य ने बताया कि राज्य सरकार पदक विजेता खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुत्ति व चार प्रतिशत आरक्षण देने के लिये प्रतिबद्ध है। आउट ऑफ टर्न नियुक्ति का आदेश होने से ओलंपिक में पदक विजेता खिलाड़ी सीधे डीएसपी व सहायक निदेशक बन सकेंगे।
- अंतर्राष्ट्रीय खेलों में पदक जीतने पर पुरस्कार की धनराशि 30 से 100 प्रतिशत तक बढ़ाई गई है।
- राज्य में नई खेल नीति बनाई गई है, जिसमें पारंपरिक खेलों को भी शामिल किया गया है।
- इन्हें मिला पुरस्कार -
- देवभूमि उत्तराखंड खेल रत्न पुरस्कार - वर्ष 2019-20 के लिये बैडमिंटन खिलाड़ी लक्ष्य सेन, वर्ष 2020-21 के लिये एथलीट चंदन सिंह।
- देवभूमि उत्तराखंड द्रोणाचार्य पुरस्कार - वर्ष 2019-20 के लिये बैडमिंटन प्रशिक्षक धीरेंद्र कुमार सेन, वर्ष 2020-21 के लिये ताईक्वांडो प्रशिक्षक कमलेश कुमार तिवारी, वर्ष 2021-22 के लिये तीरंदाजी प्रशिक्षक संदीप कुमार डुकलान।
- लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड - वर्ष 2021-22 का लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार सुरेश चंद्र पांडे को एथलेटिक्स में उल्लेखनीय योगदान के लिये प्रदान किया गया।
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