मध्य प्रदेश Switch to English
प्रदेश की 111 शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं को मिला प्रमाणीकरण
चर्चा में क्यों?
24 फरवरी, 2023 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राज्य सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिये निरंतर सक्रिय है और इसी क्रम में ‘लक्ष्य’अभियान के अंतर्गत राज्य की 111 शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं को राष्ट्रीय स्तर पर प्रमाणीकरण मिला है।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि राज्य की इन 111 शासकीय स्वास्थ्य संस्थाओं को एक लाख से लेकर 5 लाख रुपए तक का वार्षिक अनुदान प्राप्त होगा। इस राशि को ऑपरेशन थियेटर और प्रसव कक्षों की देख-भाल तथा बेहतरी के लिये व्यय किया जाएगा।
- उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में मध्य प्रदेश ने एक और उपलब्धि प्राप्त की है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की ओर से प्रसव कक्ष गुणवत्ता बेहतरी के लिये शुरू किये गए ‘लक्ष्य’अभियान में मध्य प्रदेश को देश में पहला स्थान प्राप्त हुआ है।
- मुख्यमंत्री ने बताया कि केंद्रीय दल द्वारा ‘लक्ष्य’अभियान में सुरक्षित और गुणवत्तापूर्ण मातृत्व देख-भाल को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के चिकित्सालयों में उपलब्ध व्यवस्थाओं की जाँच की गई थी।
विविध Switch to English
मध्य प्रदेश के एमएसएमई विभाग को मिला केंद्र सरकार से अवॉर्ड
चर्चा में क्यों?
24 फरवरी, 2023 को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्य प्रदेश के एमएसएममई के विलंबित भुगतानों के निराकरण के लिये सूक्ष्म और लघु उद्यम फेसिलिटेश्न काउंसिल को स्ट्रॉन्ग रिकवरी प्रोसिजर एवं प्रकरणों के त्वरित निराकरण के लिये ‘एमएसईएफसी एक्सिलेंस अवॉर्ड-2022’ प्रदान किया।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने मध्य प्रदेश के एमएसएमई विभाग के सचिव और उद्योग आयुक्त पी. नरहरि को यह प्रतिष्ठापूर्ण अवॉर्ड प्रदान किया।
- एमएसएमई विभाग के सचिव और उद्योग आयुक्त पी. नरहरि ने बताया कि 1 जनवरी, 2022 से दिसंबर 2022 तक काउंसिल की 19 बैठकें हुईं, जिनमें कुल 472 प्रकरणों में सुनवाई की गई और 303 प्रकरणों में अंतिम निर्णय कर विभागीय पोर्टल में अपलोड किये गए। अवॉर्ड एवं सुलह के माध्यम से तीस करोड़ 51 लाख 30 हज़ार 571 रुपए का भुगतान कराया गया।
- विदित है कि काउंसिल की बैठक प्रत्येक प्रथम एवं तृतीय शुक्रवार को की जाती है और उभयपक्षों को वर्चुअल सुनवाई की सुविधा भी दी जाती है।
- पी. नरहरि ने बताया कि केंद्र सरकार के सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम विकास अधिनियम, 2006 की धारा 15 से 23 तक सप्लायर को यह अधिकार होता है कि यदि उसने क्रेता को सामग्री/सेवा प्रदाय की है तो नियत दिनांक से 45 दिवस के पूर्व क्रेता को भुगतान करना आवश्यक है।
- यदि समयावधि में भुगतान नहीं होता है तो सप्लायर अधिनियम के अंतर्गत क्रेता से मूलधन के साथ 3 गुना चक्रवृद्धि मासिक ब्याज पाने का दावा अधिनियम की धारा 18 में कर सकता है।
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