उत्तर प्रदेश Switch to English
उत्तर प्रदेश के 8 बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें 8 बच्चे उत्तर प्रदेश के हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियाँ शामिल हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से सम्मानित उत्तर प्रदेश के तीन बच्चे हैं- अभिनव कुमार चौधरी (समाज सेवा), चंधारी सिंह चौधरी एवं जिया राय (खेल)।
- इसी प्रकार प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2021 से सम्मानित उत्तर प्रदेश के 5 बच्चे हैं- व्योम आहूजा (कला और संस्कृति), कुँवर दिव्यांश सिंह (वीरता), चिराग भंसाली (नवाचार), मोहम्मद शोएब (शैक्षिक) तथा मोहम्मद रफी (खेल)।
- पीएमआरबीपी 2021और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
बिहार Switch to English
बिहार के 3 बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें 3 बच्चे बिहार के हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियाँ शामिल हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से बिहार के धीरज कुमार (वीरता) एवं पल साक्षी (सामाजिक सेवा) को सम्मानित किया गया। वहीं प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2021 से दरभंगा की ज्योति कुमारी (वीरता) को सम्मानित किया गया।
- पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
राजस्थान Switch to English
उद्योग मंत्री ने की ‘स्वस्थ बेटी अभियान’ की शुरुआत
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर राजस्थान की उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री शकुंतला रावत ने अलवर जिले के बानसूर में ‘स्वस्थ बेटी अभियान’ की शुरुआत की।
प्रमुख बिंदु
- शकुंतला रावत ने इस अवसर पर कहा कि राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में बेटियों के लिये अनेक योजनाएँ चलाई जा रही हैं। ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’, ‘उड़ान योजना’, ‘मुख्यमंत्री कन्यादान योजना’ और ‘मुख्यमंत्री राजश्री योजना’ से समाज के हर वर्ग में बेटियों को सम्मान मिला है।
- उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री ने इस अवसर पर अस्पताल में नवजात बालिका शिशुओं को न्यू बेबी बोर्न किट एवं माताओं को बधाई संदेश पत्र दिया और जनजागरूकता अभियान की पालना में मास्क एवं सेनीटाइजर का वितरण किया।
- इसके साथ ही उन्होंने ‘स्वस्थ बेटी अभियान’ को आगे बढ़ाने हेतु अस्पताल प्रशासन व्यवस्था को दुरुस्त रखने एवं उचित साफ-सफाई रखने के निर्देश दिये।
राजस्थान Switch to English
राजस्थान की गौरी माहेश्वरी एवं आनंद प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसमे राजस्थान की गौरी माहेश्वरी एवं आनंद शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियाँ शामिल हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 में राजस्थान की गौरी माहेश्वरी को कला और संस्कृति श्रेणी में राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वहीं आनंद को शैक्षिक श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2021 से सम्मानित किया गया।
- पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
मध्य प्रदेश Switch to English
बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को संस्कृति विभाग की संस्कृति परिषद के अंतर्गत साहित्य अकादमी द्वारा प्रदेश की 6 बोलियों के कैलेंडर वर्ष 2018 एवं 2019 के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा की गई।
प्रमुख बिंदु
- साहित्य अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने बताया कि यह पुरस्कार मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी बोली में रचित रचनाओं के लिये दिये जाते हैं।
- भीली और गोंडी बोली के पुरस्कार के लिये कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं होने से शेष बची 4 बोलियों में यह पुरस्कार प्रदान किये गए हैं। साहित्यिक कृति पुरस्कार में सम्मानस्वरूप 51 हजार रुपए की राशि दी जाती है।
- साहित्यिक कृति पुरस्कारों में वर्ष 2018 के लिये मालवी में ‘संत पीपा’ स्मृति पुरस्कार इंदौर की हेमलता शर्मा को कृति ‘मालवी डबल्यो’ के लिये, निमाड़ी में ‘संत सिंगाजी’ स्मृति पुरस्कार बड़वानी के प्रमोद त्रिवेदी ‘पुष्प’ को ‘तमक कइ करनुज’ के लिये, बघेली में ‘विश्वनाथ सिंह जूदेव’ स्मृति पुरस्कार सतना के अनूप अशेष को ‘बानी आदिम’ के लिये, बुंदेली में ‘छत्रसाल’ स्मृति पुरस्कार टीकमगढ़ के दीन दयाल तिवारी को उनकी कृति ‘बेताल की चौकड़िया’ के लिये दिया गया है।
- इसी तरह वर्ष 2019 के लिये मालवी में ‘संत पीपा’ स्मृति पुरस्कार उज्जैन के सतीश दवे को उनकी कृति ‘बात को बतंगड़’ के लिये, निमाड़ी में ‘संत सिंगाजी’ स्मृति पुरस्कार खरगौन के जगदीश जोशीला को ‘निमाड़ी धंधोरया’ के लिये, बघेली में ‘विश्वनाथ सिंह जूदेव’ स्मृति पुरस्कार सीधी की डॉ. अंजनी सिंह सौरभ को कृति ‘ठठरा माँ साँसि’ के लिये और बुंदेली में ‘छत्रसाल’ स्मृति पुरस्कार दतिया के डॉ. राज गोस्वामी को उनकी रचना ‘मौं ढाँकें करिया में’ के लिये दिया गया है।
मध्य प्रदेश Switch to English
सुकन्या समृद्धि योजना में 23 लाख खाते खोल मध्य प्रदेश बना नंबर वन
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बताया कि ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ में मध्य प्रदेश पूरे देश में प्रथम है। प्रदेश ने इस योजना में अब तक करीब 23 लाख खाते खुलवाने की उपलब्धि अर्जित की है, जिसमें कुल 4238 करोड़ रुपए से अधिक की राशि का संग्रहण हुआ है।
प्रमुख बिंदु
- मध्य प्रदेश में डाक विभाग के सहयोग से वर्तमान वित्त वर्ष में 5 लाख 68 हजार से ज्यादा सुकन्या समृद्धि खाते खोले गए। योजना ने प्रदेश की बेटियों के सशक्तीकरण को नई दिशा दी है। अभिभावकों और बेटियों ने इस योजना को भरपूर समर्थन दिया है। बैंकों का भी सराहनीय सहयोग रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि सुकन्या समृद्धि योजना के सफलतम 7 वर्ष भी पूर्ण हो गए हैं। उन्होंने प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर्स को अन्य पात्र बालिकाओं को इस योजना से जोड़ने का निर्देश दिया।
- मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश में गाँव के आखिरी व्यक्ति तक बैंकिंग सुविधाओं और उन्हें आर्थिक रूप से समृद्ध स्वावलंबी बनाने के लिये डाक विभाग ‘बचत खाता खुशहाली का’ अभियान प्रारंभ कर रहा है। यह एक अच्छी पहल है, जिसमें सभी जिले वित्तीय समावेशन को नई दिशा दे सकते हैं।
- बालिकाओं के सुकन्या खातों के साथ बालकों के लिये पीपीएफ खाता भी खोलने का कार्य किया जा रहा है। इस कार्य से ग्रामीण क्षेत्रों में परिवारों को आर्थिक रूप से सुदृढ़ एवं स्वावलंबी बनाने में मदद मिलेगी।
मध्य प्रदेश Switch to English
मध्य प्रदेश के 3 बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें मध्य प्रदेश के 3 बच्चे शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियां हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- मध्य प्रदेश के अवि शर्मा को शैक्षिक श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से सम्मानित किया गया है। वहीं वर्ष 2021 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से पलक शर्मा (खेल) एवं अनुज जैन (शैक्षिक) को सम्मानित किया गया।
- पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
हरियाणा Switch to English
हरियाणा के 2 बच्चे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें 2 बच्चे हरियाणा के हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियाँ शामिल हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। पीएमआरबीपी के प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से सम्मानित हरियाणा के दो बच्चे हैं- तनिष सेठी (नवाचार) एवं आकर्ष कौशल (सामाजिक सेवा)।
- पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता और अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
झारखंड Switch to English
झारखंड की सविता कुमारी प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिनमें झारखंड की सविता कुमारी भी शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियाँ शामिल हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) तथा वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- झारखंड की सविता कुमारी को खेल श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से सम्मानित किया गया।
- पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
छत्तीसगढ़ Switch to English
पीएमजीएसवाइ में सड़कों की गुणवत्ता में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टी.एस. सिंहदेव ने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंस से आयोजित बैठक में बताया कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाइ) में सड़कों की गुणवत्ता में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है।
प्रमुख बिंदु
- केंद्रीय पंचायतीराज एवं ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह की अध्यक्षता में आयोजित इस ऑनलाइन बैठक में विभिन्न राज्यों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति की समीक्षा की गई।
- छत्तीसगढ़ के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री सिंहदेव ने बैठक में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की प्रगति के बारे में बताया कि प्रदेश में योजना के पहले, दूसरे और तीसरे फेज के अंतर्गत कुल 42 हजार किमी. से अधिक की 8547 सड़कें स्वीकृत हैं।
- नक्सल प्रभावित इलाकों में कुल 176 किमी. लंबाई की 38 सड़कों के निर्माण के लिये निविदा स्वीकृत हो गई है। शेष 277 किमी. की 54 सड़कों के लिये पुनर्निविदा की कार्यवाही निरंतर प्रक्रियाधीन है।
- उन्होंने बताया कि सड़कों की गुणवत्ता में छत्तीसगढ़ प्रथम स्थान पर है। राष्ट्रीय गुणवत्ता समीक्षकों द्वारा चालू वित्तीय वर्ष 2021-22 में पूर्ण एवं प्रगतिरत सड़कों के 393 निरीक्षण किये गए हैं, जिनमें कोई भी असंतोषप्रद श्रेणी में नहीं है।
- प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तीसरे फेज में राज्य को 5612 किमी. लंबाई की सड़क आवंटित थी। इन सभी सड़कों की स्वीकृति दो चरणों में प्राप्त कर राज्य प्रथम रहा है। इसके तहत स्वीकृत सभी सड़कों का निर्माण मार्च 2022 तक पूर्ण हो जाएगा।
- उन्होंने केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय से 2000 किमी. लंबाई की अतिरिक्त सड़क मंजूर करने का आग्रह किया। उन्होंने निर्माण कार्यों में केंद्रांश एवं राज्यांश 60:40 के अनुपात में आवंटन की तरह ही सड़कों के नवीनीकरण और संधारण के कार्यों में भी 60:40 के अनुपात में आवंटन लागू करने का आग्रह किया।
- प्रदेश में पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिये ई-पोर्टल पर चार नए मॉड्यूल शुरू किये गए हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत राज्य के लिये स्वीकृत दस लाख 97 हजार आवासों में से आठ लाख 23 हजार आवासों का निर्माण पूर्ण हो गया है।
उत्तराखंड Switch to English
उत्तराखंड के शिवम रावत एवं अनुराग रमोला प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित
चर्चा में क्यों?
24 जनवरी, 2022 को राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में एक वर्चुअल समारोह में देश के 61 बच्चों को वर्ष 2021 एवं 2022 के प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार से सम्मानित किया, जिसमे उत्तराखंड के शिवम रावत एवं अनुराग रमोला शामिल हैं।
प्रमुख बिंदु
- इस वर्ष के इन पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के 15 लड़के और 14 लड़कियाँ शामिल हैं। ये बच्चे देश के सभी क्षेत्रों से नवाचार (7), सामाजिक सेवा (4), शैक्षिक (1), खेल (8), कला और संस्कृति (6) और वीरता (3) श्रेणियों में अपनी असाधारण उपलब्धियों के लिये चुने गए हैं।
- इसी प्रकार वर्ष 2021 के पुरस्कार विजेताओं में 21 राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों के 32 बच्चे नवाचार (9), कला एवं संस्कृति (7), खेल (7), शैक्षिक (5), वीरता (3) तथा सामाजिक सेवा (1) श्रेणियों में चुने गए हैं।
- पीएमआरबीपी पुरस्कार विजेता हर साल गणतंत्र दिवस परेड में भाग लेते हैं। प्रत्येक पुरस्कार विजेता को एक पदक, एक लाख रुपए का नकद पुरस्कार और एक प्रमाण-पत्र दिया जाता है।
- उत्तराखंड के शिवम रावत को नवाचार श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2022 से तथा अनुराग रमोला को कला और संस्कृति श्रेणी में प्रधानमंत्री राष्ट्रीय बाल पुरस्कार- 2021 से सम्मानित किया गया है।
- पीएमआरबीपी 2021और 2022 के पुरस्कार विजेता अपने माता-पिता तथा अपने-अपने जिले के जिला मजिस्ट्रेट के साथ संबंधित जिला मुख्यालय से इस कार्यक्रम में शामिल हुए।
- प्रधानमंत्री ने समारोह के दौरान राष्ट्रीय ब्लॉकचेन परियोजना के तहत आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित ब्लॉकचेन संचालित तकनीक का उपयोग करके पीएमआरबीपी 2021 और 2022 के 61 विजेताओं को डिजिटल प्रमाण-पत्र प्रदान किये।
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