इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Dec 2022
  • 0 min read
  • Switch Date:  
उत्तराखंड Switch to English

प्रदेश में एक हज़ार गाँव बनेंगे सोलर ग्राम

चर्चा में क्यों?

22 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड की ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रदेश में नई सौर ऊर्जा नीति बन रही है, जो 14 जनवरी को मकर संक्रांति के अवसर पर लागू हो जाएगी। इसके अंतर्गत एक हज़ार गाँवों को सोलर गाँव घोषित किया जाएगा।

प्रमुख बिंदु 

  • ऊर्जा सचिव आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि प्रदेश सरकार राज्य में सूरज की रोशनी से सबसे ज़्यादा समय लबरेज रहने वाले गाँवों में बिजली पैदा करेगी। उत्तराखंड रिन्यूएबल एनर्जी डेवलपमेंट एजेंसी(उरेडा) की टीमें हर ज़िले में ऐसे गाँवों को चिह्नित कर रही हैं, जहाँ सूरज की रोशनी अधिकतम समय रहती है। ऐसे 1000 गाँवों का चिह्निकरण शुरू कर दिया गया है।
  • जो भी गाँव सोलर ग्राम घोषित होंगे, वहाँ सोलर प्रोजेक्ट लगाने वालों को सरकार विशेष रियायतें देगी। उन गाँवों में होने वाले बिजली उत्पादन को ग्रिड तक ले जाने के लिये भी खास कार्ययोजना बनाई जाएगी।
  • इससे 2000 मेगावाट से अधिक बिजली उत्पादन की राह आसान हो जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

देहरादून में जुटेंगे सुरंग निर्माण से जुड़े दुनिया के 600 विशेषज्ञ

चर्चा में क्यों?

22 दिसंबर, 2022 को उत्तराखंड के लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि हिमालयी क्षेत्र में सुरंग निर्माण की संभावनाओं को तलाशने के लिये अगले वर्ष 17 से 21 अप्रैल तक देहरादून में अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार होगा, जिसमें सुरंग बनाने और उसकी डिज़ाइन व तकनीक से जुड़े 148 देशों के 600 से ज़्यादा विशेषज्ञ शामिल होंगे।

प्रमुख बिंदु 

  • लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव आरके सुधांशु ने बताया कि देहरादून में प्रस्तावित अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार में विशेषज्ञों द्वारा टनल की एडवांस डिज़ाइन, कंस्ट्रक्शन और ऑपरेशन विषय पर चर्चा की जाएगी।
  • इस सेमिनार में केंद्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के साथ इंडियन रोड कॉन्ग्रेस व परमानेंट इंटरनेशनल एसोसिएशन ऑफ रोड कॉन्ग्रेस (पीआईआरसी), इंटरनेशनल टनलिंग एंड अंडरग्राउंड स्पेस एसोसिएशन (आईटीए) सहयोगी रहेंगे।
  • सेमिनार में 148 देशों के इंजीनियरों, विशेषज्ञों और सुरंग निर्माण से जुड़ी ख्यातिलब्ध कंपनियों के विशेषज्ञों को आमंत्रित किया जाएगा।
  • इस सेमिनार में 17 व 18 अप्रैल को बैठकें होंगी। 19 से 20 अप्रैल को सेमिनार होगा। 21 अप्रैल को विभिन्न देशों के प्रतिनिधि टेक्निकल विजिट करेंगे।
  • उन्होंने बताया कि इस आयोजन से उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर पहचान मिलेगी। वहीं, प्रतिभागियों को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल लाइन और ऑलवेदर रोड परियोजना के तहत बन रहीं सुरंगों के साथ ही प्रमुख पर्यटक स्थलों की सैर कराई जाएगी।
  • सेमिनार के दौरान दुनिया के दूसरे मुल्कों में सुरंग निर्माण में इस्तेमाल हो रहीं मशीनों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।
  • गौरतलब है कि उत्तराखंड राज्य का अधिकांश भूभाग पर्वतीय है। राज्य में टनल निर्माण से पर्वतीय क्षेत्र में आवागमन आरामदायक व सुलभ बनाने और यात्रा का समय कम करने का प्रयास हो रहा है। राज्य को टनल निर्माण की नवीनतम तकनीक की जानकारी मिलेगी।
  • विदित है कि वर्तमान में रेलवे विकास निगम ऋषिकेश से कर्णप्रयाग के बीच 125 किमी. लंबी रेलवे लाइन बना रहा है। इसमें 105 किमी. लंबाई में टनल बनाई जा रही है। पर्यटन व आर्थिक विकास के लिहाज से यह अत्यंत लाभदायक है।
  • ज्ञातव्य है कि केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी द्वारा मसूरी टनल का शिलान्यास मार्च में किया जाएगा।  

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2