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बिहार के 16 शहरों में 1136 करोड़ की लागत से एसटीपी व ड्रेनेज सिस्टम बनाए जाएंगे
चर्चा में क्यों?
23 दिसंबर, 2022 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के 16 शहरों में जलजमाव व गंदे पानी की निकासी को लेकर 1136 करोड़ की लागत से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) व ड्रेनेज निर्माण को लेकर योजना तैयार की गई है। इन योजनाओं का विस्तृत प्लान (डीपीआर) तैयार कर राज्य व केंद्र सरकार को मंज़ूरी के लिये भेजा गया है।
प्रमुख बिंदु
- शहरों की ज़रूरत को देखते हुए ड्रेनेज नेटवर्क और एसटीपी की योजनाएँ तैयार की गई हैं। डीपीआर के मुताबिक किशनगंज, रक्सौल और मोतीहारी शहर में अलग-अलग क्षमता के तीन-2 सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगेंगे, वहीं जमुई, सहरसा और दरभंगा में दो-दो एसटीपी लगाए जाएंगे।
- स्टेट प्रोजेक्ट मैनेजमेंट ग्रुप (एसपीएमजी) और नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा की मंज़ूरी मिलते ही विधिवत रूप से टेंडर प्रक्रिया व एजेंसी का चयन कर काम शुरू कर दिया जाएगा।
- इसके अलावा राज्य के पाँच शहरों आरा, बेतिया, कटिहार, जमालपुर, जोगबनी में सीवरेज नेटवर्क और एसटीपी के लिये डीपीआर निर्माण की प्रक्रिया चल रही है।
- आधिकारिक जानकारी के मुताबिक राज्य के 16 में से 3 शहरों दिघवारा, मनिहारी और तेघड़ा में फीकल सल्ज ट्रीटमेंट प्लांट (मानव मल प्रबंधन) पर काम होगा। इस प्लांट के ज़रिये शौचालय टैक के गाद से जैविक खाद बनाई जाएगी।
- ट्रीटमेंट प्लांट से यहाँ आने वाली गंदगी को निस्तारित कर खाद बनाया जाएगा व पानी को साफ कर दूसरे प्रयोगों में लाया जाएगा।
- विदित है कि वर्तमान में राज्य में सेप्टिक टैंक के गाद को टैकों में भरकर खुले में सड़क के किनारे गिरा दिया जाता है, जिससे पर्यावरण प्रदुषित होता है।
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