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‘मोर मयारू गुरुजी’ कार्यक्रम को मिला स्कॉच अवार्ड
चर्चा में क्यों?
23 नवंबर, 2022 को छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग द्वारा संचालित ‘मोर मयारु गुरूजी’कार्यक्रम का चयन स्कॉच अवार्ड (सिल्वर) के लिये किया गया। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को यह अवार्ड नई दिल्ली में प्रदान किया जाएगा।
प्रमुख बिंदु
- राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग को स्कॉच अवार्ड मिलने की घोषणा ऑनलाइन कार्यक्रम में की गई। इसमें देशभर से कई राज्य शामिल हुए।
- छत्तीसगढ़ से राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष तेजकुंवर नेताम, सदस्यगण पुष्पा पाटले, आशा संतोष यादव, संगीता गजभिये, सोनल कुमार गुप्ता, अगस्टीन बर्नाड और सचिव प्रतीक खरे कार्यक्रम में शामिल हुए।
- उल्लेखनीय है कि स्कॉच संस्था द्वारा नामांकन से लेकर अंतिम चरण तक लगभग 7 स्तरों पर चरणबद्ध तरीके से मूल्यांकन के बाद यह सम्मान दिया जाता है।
- गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग के ‘मोर मयारू गुरुजी’ कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षकों को बाल अधिकारों की रक्षा के लिये खेल एवं अन्य गतिविधियों के ज़रिये रोचक तरीके से प्रशिक्षण दिया जाता है। इस कार्यक्रम के माध्यम से आयोग ने प्रदेश के लगभग 2 हज़ार शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है।
- इस कार्यक्रम को रोचक तरीके से डिज़ाईन किया गया है। इसकी अवधि मात्र 2 से 3 घंटे ही रखी गई है, जिससे शिक्षक इसे आसानी से ग्रहण कर सकें।
- आयोग का मानना है कि एक शिक्षक और बच्चे का संबंध 5 वर्ष से 12 वर्ष तक रहता है और इस बीच शिक्षक के व्यक्तित्व का बच्चों पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसे ध्यान में रखते हुए बाल अधिकार सहित शिक्षकों द्वारा बच्चों से वार्तालाप करते समय और पढ़ाते समय किन बातों पर ज़ोर देना है और किन कमियों को सुधारना है, इन सभी विषयों को ‘मोर मयारू गुरुजी’ कार्यक्रम में शामिल किया गया है।
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