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जीआईएस लैब
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने प्रदेश के 11 ज़िलों में हरियाणा अंतरिक्ष अनुप्रयोग केंद्र (HARSAC) द्वारा स्थापित जीआईएस लैब का उद्घाटन किया।
प्रमुख बिंदु
- पहले चरण में जिन 11 ज़िलों में एचएआरएसएसी द्वारा प्रयोगशालाएँ स्थापित की गई हैं, उनमें अंबाला, कुरुक्षेत्र, करनाल, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, रेवाड़ी, नूंह, भिवानी, फतेहाबाद और पलवल ज़िले शामिल हैं।
- दूसरे चरण में प्रदेश के सभी ज़िलों में भौगोलिक सूचना प्रणाली प्रयोगशालाएँ (जीआईएस लैब) स्थापित की जाएंगी।
- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि विभिन्न विभागों द्वारा चलाई जा रही परियोजनाओं की निगरानी सैटेलाइट के माध्यम से की जा सकेगी और इन प्रयोगशालाओं में सभी विभागों से संबंधित आँकड़े उपलब्ध रहेंगे। आम आदमी आसानी से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकेगा।
- उन्होंने कहा कि एचएआरएसएसी द्वारा बनाई जा रही इन प्रयोगशालाओं में उपग्रह छवियों का उपयोग करके डाटा एकत्र और संरक्षित किया जाएगा।
- प्राप्त आँकड़ों का पूरा विवरण, जैसे- संपत्ति के मालिक का नाम, संपर्क नंबर, संपत्ति का क्षेत्र, आवासीय या वाणिज्यिक क्षेत्र से संबंधित संपत्ति की स्थिति दर्ज की जाएगी। साथ ही, संपत्ति का स्थान और क्षेत्र में उपलब्ध सार्वजनिक सुविधाएँ भी आसानी से सुलभ होंगी।
- सैटेलाइट के ज़रिये अधिकृत और अनधिकृत कॉलोनियों की आसानी से पहचान भी की जा सकती है। संपत्ति खरीदते समय भी लोगों को पता चल जाएगा कि वह संपत्ति अधिकृत क्षेत्र में है या नहीं।
- लैब में राजस्व, सिंचाई, शहरी स्थानीय निकाय, कृषि एवं किसान कल्याण, विकास एवं पंचायत, पुलिस एवं शिक्षा विभाग सहित सभी विभागों से संबंधित डाटा एकत्र किया जाएगा।
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आधुनिक राजस्व रिकॉर्ड रूम का उद्घाटन किया
चर्चा में क्यों?
20 नवंबर, 2021 को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कैंप कार्यालय में वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के सभी 22 ज़िलों में बने आधुनिक अभिलेख कक्ष (माडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम) का लोकार्पण किया।
प्रमुख बिंदु
- मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पहला माडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम ज़िला कैथल में 24 जून, 2017 को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में तैयार किया गया था। इसके बाद 25 दिसंबर, 2019 को सुशासन दिवस के अवसर पर सभी ज़िलों के लिये माडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम परियोजना की शुरुआत की गई थी।
- हरियाणा में महत्त्वपूर्ण रेवेन्यू रिकॉर्ड को डिजिटलाइज़ कर ई-गवर्नेंस सेवाओं में और विस्तार किया गया है। भविष्य में अन्य विभागों से संबंधित महत्त्वपूर्ण रिकॉर्ड को भी इसी तरह डिजिटलाइज़ किया जाएगा।
- प्रदेश को अब तक 148 अवॉर्ड मिल चुके हैं, जिनमें से करीब 100 अवॉर्ड ई-गवर्नेंस सेवाओं के सफल क्रियान्वयन के लिये मिले हैं।
- इस रिकॉर्ड के डिजिटलाइज़ होने से अनेक योजनाओं के क्रियान्वयन में भी तेज़ी आएगी और जनता को काफी सहूलियत मिलेगी।
- अतिरिक्त मुख्य सचिव एवं वित्त आयुक्त संजीव कौशल ने बताया कि माडर्न रेवेन्यू रिकॉर्ड रूम के तहत राज्य स्तर पर ज़िलों के 18.5 करोड़ रिकॉर्ड को स्कैन कर डिजिटलाइज़ किया गया। रिकॅार्ड डिजिटलाइज़ होने से इसे संरक्षित रखना और उपयोग में लाना काफी सरल होगा।
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