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स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Nov 2021
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उत्तर प्रदेश Switch to English

यूपी के 35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले: एडीआर रिपोर्ट

चर्चा में क्यों?

23 नवंबर, 2021 को उत्तर प्रदेश इलेक्शन वॉच और एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म (एडीआर) द्वारा विधानसभा के 403 मौजूदा विधायकों में से 396 के वित्तीय, आपराधिक और अन्य विवरणों का विश्लेषण करने के बाद प्रेस विज्ञप्ति जारी की गई। इसके अनुसार इन विधायकों में से लगभग 35 प्रतिशत के खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज हैं, जबकि 79 प्रतिशत करोड़पति हैं।

प्रमुख बिंदु

  •  विश्लेषण 2017 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद हुए उपचुनावों में उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत हलफनामों पर आधारित है।
  • एडीआर के अनुसार, यह पाया गया कि विधानसभा के 396 विधायकों में से 140 या 35 फीसदी विधायकों पर आपराधिक मामले हैं और 106 या 27 फीसदी विधायकों पर गंभीर आपराधिक मामले हैं।
  • पार्टीवार भाजपा के 304 विधायकों में से 106, सपा के 49 विधायकों में से 18 और बसपा के 18 में से 2 तथा कॉन्ग्रेस के 1 विधायक पर आपराधिक मामले लंबित हैं।
  • रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि विधानसभा के 396 विधायकों में से 313 या 79 प्रतिशत करोड़पति हैं।
  • भाजपा के पास 77 प्रतिशत के साथ सबसे अधिक करोड़पति विधायक (304 में से 235) हैं, जबकि समाजवादी पार्टी के 49 (86 प्रतिशत) विधायकों में से 42 करोड़पति है। इसके अलावा बसपा के 16 में से 15 विधायक तथा कॉन्ग्रेस के सात विधायकों में से पाँच करोड़पति हैं।
  • विधायकों की औसत संपत्ति 5.85 करोड़ रुपए थी। मुख्य दलों में भाजपा के 304 विधायकों की औसत संपत्ति 5.04 करोड़ रुपए, समाजवादी पार्टी के 49 विधायकों की 6.07 करोड़ रुपए, बसपा के 16 विधायकों की 19.27 करोड़ रुपए और कॉन्ग्रेस के 7 विधायकों की औसत संपत्ति 10.06 करोड़ रुपए है।
  • मुबारकपुर विधानसभा क्षेत्र से बसपा विधायक शाह आलम उर्फ गुड्डू जमाली कुल 118 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के साथ करोड़पति विधायकों की सूची में सबसे ऊपर हैं। इसके बाद चिलुपार विधानसभा सीट से बसपा के विनयशंकर तिवारी 67 करोड़ रुपए से अधिक की संपत्ति के साथ दूसरे स्थान पर है।
  • 396 विधायकों में से 95 ने अपनी शैक्षणिक योग्यता 8वीं से 12वीं पास, 290 विधायकों ने खुद को स्नातक या इससे ऊपर घोषित किया है, 4 विधायक अनपढ़ हैं और 5 विधायक डिप्लोमाधारक हैं।
  • इसके अलावा 206 विधायकों की उम्र 25 से 50 साल के बीच और 190 विधायकों की उम्र 51 से 80 साल के बीच है।

मध्य प्रदेश Switch to English

ऊर्जा साक्षरता अभियान

चर्चा में क्यों?

23 नवंबर, 2021 को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रदेश के सभी नागरिकों को ऊर्जा साक्षर बनाने के लिये प्रदेश स्तर पर ‘ऊर्जा साक्षरता अभियान चलाया जाएगा। अभियान के माध्यम से प्रदेश के नागरिकों को ऊर्जा बचत की जानकारी दी जाएगी।

प्रमुख बिंदु

  • ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रभाव से निपटने की दिशा में कदम बढ़ाते हुए राज्य सरकार द्वारा ‘ऊर्जा साक्षरता अभियान प्रारंभ किया जा रहा है।
  • ऊर्जा साक्षरता अभियान में प्रदेश के सभी नागरिकों को समयबद्ध कार्य-योजना के अनुसार ऊर्जा साक्षर बनाने के प्रयास किये जाएँगे।
  • इसमें जन-सामान्य में ऊर्जा के व्यय एवं अपव्यय की समझ विकसित करना, ऊर्जा के पारंपरिक एवं वैकल्पिक साधनों की जानकारी देना एवं उनका पर्यावरण पर प्रभाव की समझ पैदा करना, ऊर्जा एवं ऊर्जा के उपयोग के बारे में सार्थक संवाद, ऊर्जा संरक्षण एवं प्रबंधन के बारे में जागरूकता, ऊर्जा उपयोग के प्रभावों, परिणामों की समझ के आधार पर इसके दक्ष उपयोग हेतु निर्णय लेने की दक्षता उत्पन्न करना, पर्यावरणीय जोखिम एवं जलवायु परिवर्तन के नकारात्मक प्रभावों को कम करना और विभिन्न ऊर्जा तकनीकों के चयन हेतु सक्षम बनाना जैसी गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी।
  • इस अनूठे अभियान के माध्यम से स्कूलों एवं कॉलेजों के विद्यार्थियों तथा जन-साधारण को ऊर्जा और ऊर्जा की बचत के विषय में जानकारी दी जाएगी।
  • इस अभियान को एक मिशन के रूप में क्रियान्वित किया जाएगा।

मध्य प्रदेश Switch to English

मत्स्य-उत्पादन के क्षेत्र में बालाघाट का देश में प्रथम स्थान

चर्चा में क्यों?

हाल ही में मध्य प्रदेश के बालाघाट ज़िले को मत्स्य विकास क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य के लिये देश में प्रथम स्थान मिला है।

प्रमुख बिंदु

  • ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर में विश्व मत्स्य दिवस (21 नवंबर) पर बालाघाट ज़िले को प्रथम पुरस्कार दिया गया। सर्वे में देश के 70 ज़िले शामिल थे।
  • भारत सरकार द्वारा पुरस्कार स्वरूप 3 लाख रुपए और मोमेंटो प्रदान किया गया। संचालक मत्स्योद्योग भरत सिंह तथा उप संचालक मत्स्योद्योग बालाघाट शशि प्रभा ने यह पुरस्कार प्राप्त किया।
  •  भरत सिंह ने बताया कि आर.ए.एस., बायोफ्लाक, केज एवं महिलाओं तथा बच्चों की आर्थिक उन्नति के लिये उत्कृष्ट कार्य करने हेतु बेस्ट इनलेंड स्टेट का पुरस्कार बालाघाट ज़िले को मिला है।
  • बालाघाट द्वारा विगत तीन वर्षों में 2 फीड मिल, 23 रिटेल मार्केट, 2 कियोस्क, 10 बायोफ्लाक, 280 टू-व्हीलर्स, 5 थ्री व्हीलर्स, 160 केज कल्चर आदि वितरित/स्थापित कराए गए हैं। पी.एम.एम.एस.वाई योजना में 2288 एवं बचत-सह-राहत योजना में 7292 हितग्राहियों को लाभ पहुँचाया गया है।

मध्य प्रदेश Switch to English

आईआईएसएफ-2021 कर्टेन रेजर का शुभारंभ

चर्चा में क्यों?

23 नवंबर, 2021 को विज्ञान भवन नई दिल्ली में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी तथा एमएसएमई मंत्री ओमप्रकाश सखलेचा ने भारत अंतर्राष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव (आईआईएसएफ) 2021 के कर्टेन रेजर का शुभारंभ किया।

प्रमुख बिंदु

  • इस उत्सव का आयोजन मध्य प्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद तथा मध्य प्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक आयोग के संयुक्त तत्वावधान में किया गया।
  • इस बार यह महोत्सव वर्चुअल और प्रत्यक्ष, दोनों मोड पर आयोजित होगा। इस उत्सव में स्वतंत्रता के 75 वर्ष पूरे होने के अवसर पर भारतीय वैज्ञानिकों के योगदान को भी रेखांकित किया जाएगा।
  • मध्य प्रदेश विज्ञान परिषद के महानिदेशक डॉ. अनिल कोठारी ने कहा कि यह एशिया का सबसे बड़ा विज्ञान उत्सव है।
  • विज्ञान उत्सव के पाँच स्तंभ हैं- फ्रीडम स्ट्रगल (इसमें स्वाधीनता संघर्ष से जुड़े भारतीय वैज्ञानिकों से परिचित कराया जाएगा), आइडियाज एट सेवंटी फाइव (इसमें युवाओं से नए विचार आमंत्रित किये गए हैं), अचीवमेंट्स एट सेवंटी फॉइव (इसमें 75 वर्षों की उपलब्धियों से अवगत कराया जाएगा), एक्शन एट सेवंटी फॉइव (इसमें नए भारत की 75 कार्य-योजनाएँ होंगी) रिजाल्व्स एट सेवंटी फाइव (इसमें आत्मनिर्भर भारत के लिये 75 संकल्प होंगे)।
  • परिषद के मुख्य वैज्ञानिक डॉ. राकेश कुमार आर्य ने आईआईएसएफ 2021 पर प्रेजेंटेशन में बताया कि 7वाँ विज्ञान महोत्सव 10-13 दिसंबर तक पणजी में होगा। इसमें साइंस फिल्म और साइंस लिटरेचर फेस्टिवल सहित 12 कार्यक्रम आयोजित होंगे तथा मेगा साइंस एंड टेक्नोलॉजी एक्सपो प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी।

उत्तराखंड Switch to English

उत्तराखंड कैबिनेट ने खेल नीति को दी मंज़ूरी

चर्चा में क्यों?

23 नवंबर, 2021 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट की बैठक में नई खेल नीति 2021 के मसौदे को मंज़ूरी दी गई। नीति के रूप में, सरकार राज्य के विभिन्न हिस्सों में उच्च प्राथमिकता वाले खेलों के लिये उत्कृष्टता केंद्र स्थापित करेगी।

प्रमुख बिंदु

  • खेल नीति लागू होने के साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाने के अवसर खुल जाएंगे।
  • खेल नीति में एक ओर जहाँ हर साल प्रदेश भर के 2600 खिलाड़ियों को दो-दो हज़ार रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी, वहीं दूसरी ओर आठ साल की उम्र से ही खिलाड़ियों की पहचान के लिये फिजिकल एंड स्पोर्ट्स एप्टीट्यूड टेस्ट लागू किया जाएगा।
  • खेल मंत्री अरविंद पांडे ने बताया कि ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ प्रदेश में खेल संस्कृति के विकास और उन्नयन के लिये उत्कृष्ट एवं प्रभावी है। देश में आज जिस प्रकार खेलों में युवाओं की रुचि बढ़ी है तथा अनेक संभावनाओं ने आकार लिया है, इसी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा राज्य में युवाओं के हित में उत्तराखंड खेल नीति-2021 का निर्माण किया गया।
  • राज्य सरकार राज्य के प्रत्येक ज़िले में 8 से 14 वर्ष की आयु के 300 बच्चों (150 लड़के और 150 लड़कियों) का चयन करेगी और इन 3,900 बच्चों को 1,500 रुपए प्रति माह की छात्रवृत्ति प्रदान की जाएगी। इसी तरह 14 से 23 वर्ष के 200 बच्चों को हर ज़िले में चिह्नित कर उन्हें 2,000 रुपए प्रतिमाह छात्रवृत्ति दी जाएगी।
  • ‘उत्तराखंड खेल नीति 2021’ के अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक कल्चर से प्रभावित बच्चों और युवाओं को खेलों के प्रति प्रेरित कर प्ले फील्ड कल्चर की ओर अग्रसर किया जाएगा।
  • खेल नीति में खेल, खिलाड़ियों के उन्नयन, खेल प्रतिभाओं को तलाशने, निखारने व उभारने, खेलों के प्रति रुचि बढ़ाने, खिलाड़ियों के नियोजन, सामान्य आहार के साथ-साथ एक्स्ट्रा न्यूट्रिएंट्स फूड डाइट की व्यवस्था, खिलाड़ियों के लिये रोज़गार के अवसर और पूर्ण सुविधाएँ प्रदान करने का प्रावधान किया गया है।
  • इस नीति के तहत राज्य सरकार ने अंतर्राष्ट्रीय और राष्ट्रीय खेल आयोजनों की सभी श्रेणियों में पदक विजेताओं के लिये सरकारी नौकरियों का प्रावधान किया है।

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