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‘अबुआ आवास योजना’ के लिये अलग से गठित होगी प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट
चर्चा में क्यों?
23 अक्तूबर, 2023 को राज्य सरकार ने ‘अबुआ आवास योजना’ के तहत लोगों को आवास मुहैया कराने से लेकर कार्य संपादन तक की ज़िम्मेदारी के निर्वाहन के लिये अलग से प्रोजेक्ट मॉनिटरिंग यूनिट (पीएमयू) गठित करने की घोषणा की।
प्रमुख बिंदु
- पीएमयू के पास लाभुकों के चयन से लेकर अनुबंधकर्मियों की नियुक्ति और सामाजिक अंकेक्षण तक की ज़िम्मेदारी होगी।
- वर्ष 2026 तक आठ लाख आवासों का निर्माण किया जाना है। नए तीन कमरों के आवास का निर्माण दो लाख रुपए की लागत से किया जाएगा और यह राशि राज्य सरकार के माध्यम से लाभुकों को उपलब्ध होगी।
- इसके लिये 331 वर्ग मीटर में निर्माण के लिये शत-प्रतिशत वित्तीय सहायता राज्य सरकार द्वारा प्रदान की जाएगी। लक्ष्य के अनुरूप इस योजना के अंतर्गत राशि का प्रावधान ग्रामीण विकास विभाग, झारखंड सरकार के वार्षिक बजट में किया जाएगा।
- राज्य स्तर पर कार्यक्रम निधि का 2 प्रतिशत राज्य स्तर पर योजना के प्रशासनिक संचालन के लिये उपलब्ध होगा तथा इस राशि का आवंटन ज़िलों को मांग एवं उपयोगिता के आधार पर किया जाएगा।
- आईटी (हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर) और संचार प्रणालियों के माध्यम से योजना के क्रियान्वयन, पर्यवेक्षण और निगरानी, कार्यालय-व्यय, आकस्मिक व्यय/ डाटा एंट्री आदि कार्य भी पीएमयू के माध्यम से किये जाएंगे।
- इसके अतिरिक्त पीएमयू की स्थापना और संचालन का व्यय, जिसमें बीमा ईपीएफ, चिकित्सा बीमा इत्यादि अनुमान्य लाभसहित अनुबंध पर कर्मियों की नियुक्ति करना भी शामिल है। राजमिस्त्री के प्रशिक्षण और प्रमाणन की लागत एवं अन्य आवश्यक प्रशिक्षण का व्यय भी पीएमयू के माध्यम से होगा।
- इसके अलावा इन्फॉर्मेशन, एजुकेशन और कम्युनिकेशन गतिविधियों के संचालन के साथ-साथ पुरस्कार के वितरण, समीक्षा बैठकों, कार्यशालाओं आदि का आयोजन भी पीएमयू के पास ही होगा।
- ग्राम पंचायत से लेकर प्रखंड विकास पदाधिकारी कार्यालय में प्राथमिक लाभुकों की सूची का दीवार लेखन, प्रशिक्षित राजमिस्त्री की सूची का दीवार लेखन आदि का उत्तरदायित्व पीएमयू का है।
- इसके साथ ही क्लस्टर रिसोर्स पर्सन को मानदेय और गैर-सरकारी संगठनों को सेवा शुल्क का भुगतान भी पीएमयू के माध्यम से किया जाएगा।
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