इंदौर शाखा पर IAS GS फाउंडेशन का नया बैच 11 नवंबर से शुरू   अभी कॉल करें
ध्यान दें:

राजस्थान स्टेट पी.सी.एस.

  • 24 Sep 2024
  • 0 min read
  • Switch Date:  
राजस्थान Switch to English

राजस्थान में भूकंप के झटके

चर्चा में क्यों?

हाल ही में राजस्थान के बाड़मेर में भूकंप के हल्के झटके महसूस किये गये 

  • भूकंप के कारण कुछ समय के लिये दहशत का माहौल बन गया और लोग इमारतें खाली करके खुले स्थानों पर एकत्र हो गए।

प्रमुख बिंदु

  • स्थान: बाड़मेर, राजस्थान
  • तीव्रता: रिक्टर पैमाने पर 3.5
  • संरचनात्मक क्षति: इसमें कोई बड़ी संरचनात्मक क्षति की सूचना नहीं मिली है। इमारतों में कुछ मामूली दरारें देखी गईं।
  • आपातकालीन प्रतिक्रिया: इसपर स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत प्रतिक्रिया दी, यह सुनिश्चित करते हुए कि आपातकालीन प्रोटोकॉल का पालन किया गया। उन्होंने निवासियों को सचेत रहने और भूकंप के बाद के झटकों के मामले में सुरक्षा दिशा-निर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।
  • भूकंपीय तरंगें: भूकंपीय तरंगें भूकंप से उत्पन्न कंपन हैं जो पृथ्वी से होकर गुज़रती हैं और सीस्मोग्राफ नामक उपकरणों पर रिकॉर्ड की जाती हैं।
    • सीस्मोग्राफ एक टेढ़े-मेढ़े निशान को रिकॉर्ड करता है जो उपकरण के नीचे जमीन के दोलनों के बदलते आयाम को दर्शाता है।
  • रिक्टर स्केल और मर्केली स्केल: भूकंप की घटनाओं को झटके की तीव्रता या परिमाण के अनुसार मापा जाता है।
    • परिमाण पैमाने को रिक्टर पैमाने के रूप में जाना जाता है । परिमाण भूकंप के दौरान जारी ऊर्जा से संबंधित है जिसे निरपेक्ष संख्या, 0-10 में व्यक्त किया जाता है।
    • तीव्रता पैमाना या मर्कली पैमाना घटना से होने वाली दृश्यमान क्षति को ध्यान में रखता है। तीव्रता पैमाने की सीमा 1-12 तक है।

भारत में भूकंपीय क्षेत्र

  • अतीत में आए भूकंप तथा विवर्तनिक झटकों के आधार पर भारत को चार भूकंपीय क्षेत्रों (II, III, IV और V) में विभाजित किया गया है।
  • पहले भूकंप क्षेत्रों को भूकंप की गंभीरता के संबंध में पाँच क्षेत्रों में विभाजित किया गया था, लेकिन भारतीय मानक ब्यूरो (Bureau of Indian Standards- BIS) ने पहले दो क्षेत्रों को एक साथ मिलाकर देश को चार भूकंपीय क्षेत्रों में विभाजित किया है।
    • BIS भूकंपीय खतरे के नक्शे और कोड को प्रकाशित करने हेतु एक आधिकारिक एजेंसी है।
    • भूकंपीय ज़ोन II:
      • मामूली क्षति वाला भूकंपीय ज़ोन, जहाँ तीव्रता MM (संशोधित मरकली तीव्रता पैमाना) के पैमाने पर V से VI तक होती है।
    • भूकंपीय ज़ोन III:
      • MM पैमाने की तीव्रता VII के अनुरूप मध्यम क्षति वाला ज़ोन।
    • भूकंपीय ज़ोन IV:
      • MM पैमाने की तीव्रता VII के अनुरूप अधिक क्षति वाला ज़ोन।
    • भूकंपीय ज़ोन V:
      • यह क्षेत्र फाॅल्ट प्रणालियों की उपस्थिति के कारण भूकंपीय रूप से सर्वाधिक सक्रिय होता है।
      • भूकंपीय ज़ोन V भूकंप के लिये सबसे अधिक संवेदनशील क्षेत्र है, जहाँ ऐतिहासिक रूप से देश में भूकंप के कुछ सबसे तीव्र झटके देखे गए हैं।
      • इन क्षेत्रों में 7.0 से अधिक तीव्रता वाले भूकंप देखे गए हैं और यह IX की तुलना में अधिक तीव्र होते हैं।

 Switch to English
close
एसएमएस अलर्ट
Share Page
images-2
images-2