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उत्तराखंड स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Aug 2023
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मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना

चर्चा में क्यों? 

22 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने महिला समूहों को ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’को प्रारंभ करने की स्वीकृति प्रदान की। 

प्रमुख बिंदु 

  • ‘मुख्यमंत्री सशक्त बहना उत्सव योजना’का उद्देश्य महिला समूहों द्वारा निर्मित उत्पादों को व्यापक बाज़ार उपलब्ध कराना है। 
  • इस हेतु प्रत्येक विकास खंड में महिला समूहों द्वारा निर्मित स्थानीय उत्पादों की किसी सार्वजनिक स्थान पर प्रदर्शनी लगवाकर महिला समूहों को विपणन के लिये समुचित अवसर उपलब्ध कराने के प्रयास किये जाएंगे।  
  • महिला समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री को ब्लॉक स्तर पर बाज़ार मिलने से जहाँ उनको अपने उत्पादों की बिक्री के लिये एक मंच मिल सकेगा, वहीं दूसरी ओर उत्पादों को एक नई पहचान भी मिलेगी। 
  • प्रदेश में वर्तमान में 37 हज़ार से अधिक महिला समूह कार्यरत् हैं, जिनके द्वारा विभिन्न उत्पादों का निर्माण किया जाता है। हालांकि, कई बार इनको सही बाज़ार न उपलब्ध होने के कारण परेशानियों का सामना भी करना पड़ता है।
  • इस योजना का संचालन महिला सशक्तीकरण एवं बाल विकास विभाग द्वारा किया जाएगा।


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यूसीसी का ड्राफ्ट तैयार, जल्द होगा लागू

चर्चा में क्यों?

22 अगस्त, 2023 को उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मीडिया से बातचीत में बताया कि प्रदेश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू करने के लिये गठित समिति का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है। सरकार को मिलने के बाद इसे विधानसभा सत्र में पेश किया जाएगा।  

प्रमुख बिंदु  

  • विधानसभा में स्वीकृति मिलने के बाद उत्तराखंड, देश का पहला समान नागरिक संहिता लागू करने वाला राज्य बन जाएगा।  
  • मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बताया कि समान नागरिक संहिता में समुदाय विशेष को कोई नुकसान नहीं होगा। 
  • विदित है कि रिटायर्ड जस्टिस रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता में गठित ड्राफ्ट कमेटी प्रदेश में हर वर्ग, हर समुदाय, हर जाति के प्रमुख हितधारकों से वार्ता कर ड्राफ्ट तैयार कर चुकी है। समिति ने डेढ़ साल में दो लाख से भी ज़्यादा लोगों के सुझाव, विचार लिये हैं।


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स्मार्ट स्नेक-ट्रैपिंग डिवाइस

चर्चा में क्यों?

22 अगस्त, 2023 को मीडिया से मिली जानकारी के अनुसार उत्तराखंड के देहरादून स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ पेट्रोलियम एंड एनर्जी स्टडीज़ (यूपीईएस) के शोध छात्रों ने सांप पकड़ने वाला ऐसा उपकरण तैयार किया है, जो पलक झपकते ही बिना किसी को नुकसान पहुँचाए सांप को पकड़ लेगा। 

प्रमुख बिंदु  

  • स्मार्ट स्नेक-ट्रैपिंग डिवाइस नामक इस परियोजना को केंद्र सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने अपनी मंज़ूरी दी है। अब यूनिवर्सिटी की ओर से भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन अनुसंधान संस्थान में डिवाइस के परीक्षण के लिये अनुमति मांगी गई है।   
  • स्मार्ट स्नेक-ट्रैपिंग डिवाइस पर प्रधान अन्वेषक डॉ. नीलू ज्योति आहूजा के नेतृत्व में शोध छात्र हुमा नाज और राहुल चमोला तथा नितिन पासी की टीम काम कर रही है। इस प्रोजेक्ट के तहत आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से यह डिवाइस तैयार की जा रही है।  
  • डॉ. नीलू ज्योति आहूजा ने बताया कि इस डिवाइस का विकास सर्पदंश से मौत के मामलों को कम करने और विषरोधी दवाओं के विकास में किया जा सकेगा। 
  • इस डिवाइस सांप को सुरक्षित तरीके से पकड़ने के लिये विशेषतौर पर डिज़ाइन किया गया है। इसमें एक कृत्रिम शिकार, माइक्रोकंट्रोलर, जीएसएम मॉड्यूल के साथ कैमरा और इमेज प्रोसेसिंग एल्गोरिदम लगाया गया है, जो बहुत सुरक्षित तरीके से सांपों को पकड़ सकता है, जबकि अभी तक सांपों को पकड़ने के लिये पारंपरिक तरीकों के साथ स्नेक स्टिक इत्यादि का प्रयोग किया जाता है।  
  • उन्होंने बताया कि भारतीय वन्यजीव संस्थान और वन अनुसंधान संस्थान देहरादून में डिवाइस के परीक्षण के लिये उत्तराखंड वन विभाग से अनुमति मांगी गई है, ताकि डिवाइस का परीक्षण पूरा किया जा सके।  
  • इस संबंध में मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक डॉ. समीर सिन्हा ने बताया कि संस्थान की ओर से प्राप्त पत्र अनुमति के लिये शासन को भेज दिया गया है। 
  • गौरतलब है कि भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) के तहत किसी भी वन्यप्राणी पर शोध अनुसंधान इत्यादि के लिये राज्य सरकार की अनुमति लेना आवश्यक है। इसी क्रम में यूनिवर्सिटी की ओर से मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के माध्यम से शासन को पत्र भेजा गया है।


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