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छत्तीसगढ स्टेट पी.सी.एस.

  • 23 Aug 2022
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प्रदेश के सबसे बड़े जैन कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण

चर्चा में क्यों?

21 अगस्त, 2022 को श्वेतांबर जैन संत ललितप्रभ एवं अन्य जैन मुनिगणों ने राजधानी रायपुर के कोतवाली चौक पर प्रदेश के सबसे बड़े 35 फीट जैन कीर्ति स्तंभ का लोकार्पण किया।

प्रमुख बिंदु 

  • कोतवाली चौक पर निर्मित इस कीर्ति स्तंभ को बनाने में राजस्थान के लाल पत्थरों का उपयोग किया गया है।
  • इस कीर्ति स्तंभ में जैन धर्म के सभी प्रतीक चिह्नों का उपयोग किया गया है। स्तंभ के चारों ओर चार शेरों को भी दर्शाया गया है। गुजरात के कारीगरों ने पत्थरों पर जैन धर्म के प्रतीकों को खूबसूरती से उकेरा है।
  • इस कीर्ति स्तंभ की खासियत यह है कि इसमें कहीं भी लोहे का उपयोग नहीं किया गया है। नीचे से ऊपर तक लाल पत्थरों को जोड़कर बनाया गया है। आंधी, तूफान में भी यह सालों-साल सुरक्षित रहेगा।
  • पहले यह स्तंभ केवल आठ फीट ऊँचाई वाला था, जिसे सड़क चौड़ीकरण के दौरान तोड़कर नया बनाया गया है।

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मुख्यमंत्री ने 26 लाख से अधिक किसानों को राजीव गांधी किसान न्याय योजना और गोधन न्याय योजना के तहत 1750 करोड़ रुपए की राशि अंतरित की

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्वर्गीय राजीव गांधी की जयंती ‘सद्भावना दिवस’के अवसर पर प्रदेश के 26 लाख से अधिक किसानों को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’की दूसरी किश्त और ‘गोधन न्याय योजना’के हितग्राहियों के खाते में 24 करोड़ रुपए अंतरित किये।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री ने ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’की दूसरी किश्त के रूप में किसानों के खातों में 1745 करोड़ रुपए और ‘गोधन न्याय योजना’के हितग्राहियों गोबर विक्रेताओं, महिला स्व-सहायता समूहों और गोठान समितियों के खातों में 5 करोड़ 24 लाख रुपए की राशि का अंतरण किया।
  • ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के अंतर्गत खरीफ सीजन 2021 के लिये 26 लाख 21 हज़ार 352 पंजीकृत किसानों के बैंक खातों में इनपुट सब्सिडी की द्वितीय किश्त 1745 करोड़ रुपए ऑनलाईन माध्यम से अंतरित की गई। इससे पूर्व 21 मई, 2022 को राज्य के किसानों को इस योजना की प्रथम किश्त के रूप में 1745 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया था।
  • द्वितीय किस्त में भुगतान की गई राशि को मिलाकर किसानों को ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के शुरू होने के बाद से अब तक 14 हज़ार 665 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
  • इस योजना में खरीफ 2019 में 43 लाख किसानों को 4 किश्तों में इनपुट सब्सिडी के रूप में 5627 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया। इसी प्रकार खरीफ वर्ष 2020 के 20.59 लाख किसानों को 5553 करोड़ रुपए की इनपुट सब्सिडी दी गई। किसानों को फसल लागत मूल्य कम करने, उत्पादकता बढ़ाने, फसल विविधीकरण को बढ़ावा देने के लिये इनपुट सब्सिडी की यह राशि दी जा रही है।
  • इसी तरह ‘गोधन न्याय योजना’के अंतर्गत पशुपालक ग्रामीणों, गोठान समितियों और महिला समूहों को कुल 5 करोड़ 24 लाख रुपए का भुगतान किया गया। इसके तहत गोबर विक्रेताओं को 64 करोड़ रुपए तथा गोठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को 2.60 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया।
  • गोबर बेचने वाले ग्रामीणों को गोधन न्याय योजना शुरू होने के बाद से अब तक 24 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसी तरह गोठान समितियों तथा स्व-सहायता समूह को अब तक 154.02 करोड़ रुपए का भुगतान किया गया है।
  • इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’के तहत इनपुट सब्सिडी के रूप में धान उत्पादक किसानों को 9 हज़ार रुपए प्रति एकड़, सुगंधित धान तथा खरीफ की अन्य फसल लेने वाले किसानों को 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ और वृक्षारोपण करने वाले किसानों को 3 वर्ष तक 10 हज़ार रुपए प्रति एकड़ के मान से राशि दी जाएगी।
  • उन्होंने कहा कि किसानों की कर्ज़माफी और समर्थन मूल्य के साथ इनपुट सब्सिडी देने से किसान ऋण के बोझ से उबरकर अब स्वावलंबी बन गए हैं और अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को सुधारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं। सबसे ज़्यादा वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करने वाले किसानों को राज्योत्सव के अवसर पर सम्मानित किया जाएगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में फर्टिलाइजर की गिनी-चुनी फैक्ट्रियाँ हैं। इस मामले में छत्तीसगढ़ ने काफी प्रगति की है, यहाँ गाँव-गाँव में गोठानों में वर्मी कम्पोस्ट के उत्पादन से उर्वरक की फैक्ट्री प्रारंभ हो गई है। वर्मी कम्पोस्ट के उपयोग से भूमि की गुणवत्ता और उर्वरता बढ़ रही है। कृषि उत्पाद ज़हरीले तत्त्वों से मुक्त हो रहे हैं। राज्य जैविक खेती की ओर बढ़ रहा है। आने वाले समय में गोठानों में बिजली भी बनाई जाएगी। गोबर से पेंट भी बनाया जा रहा है।
  • कृषि मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना ’ और ‘गोधन न्याय योजना ’ से छत्तीसगढ़ की इकॉनमी में सुधार हुआ है। बैंकों का किसानों के प्रति विश्वास बढ़ा है। उन्होंने कहा कि इस योजना से पिछले तीन सालों से किसानों की संख्या 8 लाख बढ़ी है।

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मुख्यमंत्री ने ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’ और टास्क फोर्स के प्रतिवेदनों का विमोचन किया

चर्चा में क्यों?

20 अगस्त, 2022 को छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सतत् विकास लक्ष्य (SDG) के ज़िला स्तर तक स्थानीयकरण (Localization) एवं सतत् प्रभावी मॉनिटरिंग की सुनिश्चितता हेतु छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (DIF)’ और टास्क फोर्स के प्रतिवेदनों का विमोचन किया।

प्रमुख बिंदु 

  • मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किया गया ‘छत्तीसगढ़ एसडीजी डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क (सीजी-डीआईएफ)’, एक ऐसा प्रभावी प्रगति मापक फ्रेमवर्क है, जो न केवल एसडीजी लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में पथ-प्रदर्शक का कार्य करेगा, अपितु समस्त ज़िलों के कलेक्टरों को प्रगति में बाधक चिह्नित क्षेत्रों की पहचान कर साक्ष्य आधारित निर्णय लेने में भी मदद करेगा।
  • इसी प्रकार विभिन्न विभागों हेतु उपयोगी अनुशंसाओं को ‘टॉस्क फोर्स रिपोर्ट’के रूप में जारी किये जाने से नवीन गतिविधियों का चयन तथा अपेक्षित क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सकेगा।
  • मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की कई जन-कल्याणकारी योजनाओं यथा ‘मध्याह्न भोजन योजना’, ‘मुख्यमंत्री खाद्य सुरक्षा योजना’, ‘यूनिवर्सल सार्वजनिक वितरण प्रणाली’, ‘मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना’, ‘मुख्यमंत्री हाट बाज़ार क्लिनिक योजना’, ‘महतारी जतन योजना’, ‘राजीव गांधी किसान न्याय योजना’, ‘सुराजी गाँव योजना’, ‘गोधन न्याय योजना’जैसी सामाजिक सुरक्षा योजनाओं के माध्यम से राज्य सरकार एस.डी.जी. के उद्देश्यों को पूरा करने का प्रयास कर रही है।
  • छत्तीसगढ़ राज्य योजना आयोग के उपाध्यक्ष अजय सिंह ने बताया कि राज्य योजना आयोग द्वारा तैयार किये गए ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’के आधार पर ज़िला कलेक्टर व विभाग विभिन्न सतत् विकास लक्ष्यों की प्रगति का मूल्यांकन, अनुश्रवण एवं अनुशीलन कर सकेंगे।
  • ‘डिस्ट्रिक्ट इंडिकेटर फ्रेमवर्क’में सामाजिक, आर्थिक, पर्यावरणीय एवं अन्य पहलुओं संबंधी कुल 82 इंडिकेटर का समावेश किया गया है।
  • छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कहा कि राज्य सरकार के विकास एजेंडा प्रमुखत: एसडीजी के साथ परस्पर जुड़े हुए हैं। एसडीजी फ्रेमवर्क लक्ष्यों को प्राप्त करने की दिशा में संबंधित विभागों को उचित निर्णय के लिये आँकड़े आधारित साक्ष्य प्रदान करता है।

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